< اَلْخُرُوجُ 28 >

«وَقَرِّبْ إِلَيْكَ هَارُونَ أَخَاكَ وَبَنِيهِ مَعَهُ مِنْ بَيْنِ بَنِي إِسْرَائِيلَ لِيَكْهَنَ لِي. هَارُونَ نَادَابَ وَأَبِيهُوَ أَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ بَنِي هَارُونَ. ١ 1
“फिर तू इस्राएलियों में से अपने भाई हारून, और नादाब, अबीहू, एलीआजर और ईतामार नामक उसके पुत्रों को अपने समीप ले आना कि वे मेरे लिये याजक का काम करें।
وَٱصْنَعْ ثِيَابًا مُقَدَّسَةً لِهَارُونَ أَخِيكَ لِلْمَجْدِ وَٱلْبَهَاءِ. ٢ 2
और तू अपने भाई हारून के लिये वैभव और शोभा के निमित्त पवित्र वस्त्र बनवाना।
وَتُكَلِّمُ جَمِيعَ حُكَمَاءِ ٱلْقُلُوبِ ٱلَّذِينَ مَلَأْتُهُمْ رُوحَ حِكْمَةٍ، أَنْ يَصْنَعُوا ثِيَابَ هَارُونَ لِتَقْدِيسِهِ لِيَكْهَنَ لِي. ٣ 3
और जितनों के हृदय में बुद्धि है, जिनको मैंने बुद्धि देनेवाली आत्मा से परिपूर्ण किया है, उनको तू हारून के वस्त्र बनाने की आज्ञा दे कि वह मेरे निमित्त याजक का काम करने के लिये पवित्र बनें।
وَهَذِهِ هِيَ ٱلثِّيَابُ ٱلَّتِي يَصْنَعُونَهَا: صُدْرَةٌ وَرِدَاءٌ وَجُبَّةٌ وَقَمِيصٌ مُخَرَّمٌ وَعِمَامَةٌ وَمِنْطَقَةٌ. فَيَصْنَعُونَ ثِيَابًا مُقَدَّسَةً لِهَارُونَ أَخِيكَ وَلِبَنِيهِ لِيَكْهَنَ لِي. ٤ 4
और जो वस्त्र उन्हें बनाने होंगे वे ये हैं, अर्थात् सीनाबन्ध; और एपोद, और बागा, चार खाने का अंगरखा, पुरोहित का टोप, और कमरबन्द; ये ही पवित्र वस्त्र तेरे भाई हारून और उसके पुत्रों के लिये बनाएँ जाएँ कि वे मेरे लिये याजक का काम करें।
وَهُمْ يَأْخُذُونَ ٱلذَّهَبَ وَٱلْأَسْمَانْجُونِيَّ وَٱلْأُرْجُوَانَ وَٱلْقِرْمِزَ وَٱلْبُوصَ. ٥ 5
और वे सोने और नीले और बैंगनी और लाल रंग का और सूक्ष्म सनी का कपड़ा लें।
«فَيَصْنَعُونَ ٱلرِّدَاءَ مِنْ ذَهَبٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوَانٍ وَقِرْمِزٍ وَبُوصٍ مَبْرُومٍ صَنْعَةَ حَائِكٍ حَاذِقٍ. ٦ 6
“वे एपोद को सोने, और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े का और बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े का बनाएँ, जो कि निपुण कढ़ाई के काम करनेवाले के हाथ का काम हो।
يَكُونُ لَهُ كَتِفَانِ مَوْصُولَانِ فِي طَرَفَيْهِ لِيَتَّصِلَ. ٧ 7
और वह इस तरह से जोड़ा जाए कि उसके दोनों कंधों के सिरे आपस में मिले रहें।
وَزُنَّارُ شَدِّهِ ٱلَّذِي عَلَيْهِ يَكُونُ مِنْهُ كَصَنْعَتِهِ. مِنْ ذَهَبٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَقِرْمِزٍ وَبُوصٍ مَبْرُومٍ. ٨ 8
और एपोद पर जो काढ़ा हुआ पटुका होगा उसकी बनावट उसी के समान हो, और वे दोनों बिना जोड़ के हों, और सोने और नीले, बैंगनी और लाल रंगवाले और बटी हुई सूक्ष्म सनीवाले कपड़े के हों।
وَتَأْخُذُ حَجَرَيْ جَزْعٍ وَتُنَقِّشُ عَلَيْهِمَا أَسْمَاءَ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٩ 9
फिर दो सुलैमानी मणि लेकर उन पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना,
سِتَّةً مِنْ أَسْمَائِهِمْ عَلَى ٱلْحَجَرِ ٱلْوَاحِدِ، وَأَسْمَاءَ ٱلسِّتَّةِ ٱلْبَاقِينَ عَلَى ٱلْحَجَرِ ٱلثَّانِي حَسَبَ مَوَالِيدِهِمْ. ١٠ 10
१०उनके नामों में से छः तो एक मणि पर, और शेष छः नाम दूसरे मणि पर, इस्राएल के पुत्रों की उत्पत्ति के अनुसार खुदवाना।
صَنْعَةَ نَقَّاشِ ٱلْحِجَارَةِ نَقْشَ ٱلْخَاتِمِ تُنَقِّشُ ٱلْحَجَرَيْنِ عَلَى حَسَبِ أَسْمَاءِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. مُحَاطَيْنِ بِطَوْقَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ تَصْنَعُهُمَا. ١١ 11
११मणि गढ़नेवाले के काम के समान जैसे छापा खोदा जाता है, वैसे ही उन दो मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना; और उनको सोने के खानों में जड़वा देना।
وَتَضَعُ ٱلْحَجَرَيْنِ عَلَى كَتِفَيِ ٱلرِّدَاءِ حَجَرَيْ تَذْكَارٍ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ. فَيَحْمِلُ هَارُونُ أَسْمَاءَهُمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ عَلَى كَتِفَيْهِ لِلتَّذْكَارِ. ١٢ 12
१२और दोनों मणियों को एपोद के कंधों पर लगवाना, वे इस्राएलियों के निमित्त स्मरण दिलवाने वाले मणि ठहरेंगे; अर्थात् हारून उनके नाम यहोवा के आगे अपने दोनों कंधों पर स्मरण के लिये लगाए रहे।
وَتَصْنَعُ طَوْقَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ، ١٣ 13
१३“फिर सोने के खाने बनवाना,
وَسِلْسِلَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ نَقِيٍّ. مَجْدُولَتَيْنِ تَصْنَعُهُمَا صَنْعَةَ ٱلضَّفْرِ، وَتَجْعَلُ سِلْسِلَتَيِ ٱلضَّفَائِرِ فِي ٱلطَّوْقَيْنِ. ١٤ 14
१४और डोरियों के समान गूँथे हुए दो जंजीर शुद्ध सोने के बनवाना; और गूँथे हुए जंजीरों को उन खानों में जड़वाना।
«وَتَصْنَعُ صُدْرَةَ قَضَاءٍ. صَنْعَةَ حَائِكٍ حَاذِقٍ كَصَنْعَةِ ٱلرِّدَاءِ تَصْنَعُهَا. مِنْ ذَهَبٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوَانٍ وَقِرْمِزٍ وَبُوصٍ مَبْرُومٍ تَصْنَعُهَا. ١٥ 15
१५“फिर न्याय की चपरास को भी कढ़ाई के काम का बनवाना; एपोद के समान सोने, और नीले, बैंगनी और लाल रंग के और बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े की उसे बनवाना।
تَكُونُ مُرَبَّعَةً مَثْنِيَّةً، طُولُهَا شِبْرٌ وَعَرْضُهَا شِبْرٌ. ١٦ 16
१६वह चौकोर और दोहरी हो, और उसकी लम्बाई और चौड़ाई एक-एक बिलांद की हो।
وَتُرَصِّعُ فِيهَا تَرْصِيعَ حَجَرٍ أَرْبَعَةَ صُفُوفِ حِجَارَةٍ. صَفُّ: عَقِيقٍ أَحْمَرَ وَيَاقُوتٍ أَصْفَرَ وَزُمُرُّدٍ، ٱلصَّفُّ ٱلْأَوَّلُ. ١٧ 17
१७और उसमें चार पंक्ति मणि जड़ाना। पहली पंक्ति में तो माणिक्य, पद्मराग और लालड़ी हों;
وَٱلصَّفُّ ٱلثَّانِي: بَهْرَمَانٌ وَيَاقُوتٌ أَزْرَقُ وَعَقِيقٌ أَبْيَضُ. ١٨ 18
१८दूसरी पंक्ति में मरकत, नीलमणि और हीरा;
وَٱلصَّفُّ ٱلثَّالِثُ: عَيْنُ ٱلْهِرِّ وَيَشْمٌ وَجَمَشْتٌ. ١٩ 19
१९तीसरी पंक्ति में लशम, सूर्यकांत और नीलम;
وَٱلصَّفُّ ٱلرَّابِعُ: زَبَرْجَدٌ وَجَزْعٌ وَيَشْبٌ. تَكُونُ مُطَوَّقَةً بِذَهَبٍ فِي تَرْصِيعِهَا. ٢٠ 20
२०और चौथी पंक्ति में फीरोजा, सुलैमानी मणि और यशब हों; ये सब सोने के खानों में जड़े जाएँ।
وَتَكُونُ ٱلْحِجَارَةُ عَلَى أَسْمَاءِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، ٱثْنَيْ عَشَرَ عَلَى أَسْمَائِهِمْ. كَنَقْشِ ٱلْخَاتِمِ كُلُّ وَاحِدٍ عَلَى ٱسْمِهِ تَكُونُ لِلِٱثْنَيْ عَشَرَ سِبْطًا. ٢١ 21
२१और इस्राएल के पुत्रों के जितने नाम हैं उतने मणि हों, अर्थात् उनके नामों की गिनती के अनुसार बारह नाम खुदें, बारहों गोत्रों में से एक-एक का नाम एक-एक मणि पर ऐसे खुदे जैसे छापा खोदा जाता है।
«وَتَصْنَعُ عَلَى ٱلصُّدْرَةِ سَلَاسِلَ مَجْدُولَةً صَنْعَةَ ٱلضَّفْرِ مِنْ ذَهَبٍ نَقِيٍّ. ٢٢ 22
२२फिर चपरास पर डोरियों के समान गूँथे हुए शुद्ध सोने की जंजीर लगवाना;
وَتَصْنَعُ عَلَى ٱلصُّدْرَةِ حَلْقَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ، وَتَجْعَلُ ٱلْحَلْقَتَيْنِ عَلَى طَرَفَيِ ٱلصُّدْرَةِ. ٢٣ 23
२३और चपरास में सोने की दो कड़ियाँ लगवाना, और दोनों कड़ियों को चपरास के दोनों सिरों पर लगवाना।
وَتَجْعَلُ ضَفِيرَتَيِ ٱلذَّهَبِ فِي ٱلْحَلْقَتَيْنِ عَلَى طَرَفَيِ ٱلصُّدْرَةِ. ٢٤ 24
२४और सोने के दोनों गूँथे जंजीरों को उन दोनों कड़ियों में जो चपरास के सिरों पर होंगी लगवाना;
وَتَجْعَلُ طَرَفَيِ ٱلضَّفِيرَتَيْنِ ٱلْآخَرَيْنِ فِي ٱلطَّوْقَيْنِ، وَتَجْعَلُهُمَا عَلَى كَتِفَيِ ٱلرِّدَاءِ إِلَى قُدَّامِهِ. ٢٥ 25
२५और गूँथे हुए दोनों जंजीरों के दोनों बाकी सिरों को दोनों खानों में जड़वा के एपोद के दोनों कंधों के बंधनों पर उसके सामने लगवाना।
وَتَصْنَعُ حَلْقَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ وَتَضَعُهُمَا عَلَى طَرَفَيِ ٱلصُّدْرَةِ عَلَى حَاشِيَتِهَا ٱلَّتِي إِلَى جِهَةِ ٱلرِّدَاءِ مِنْ دَاخِلٍ. ٢٦ 26
२६फिर सोने की दो और कड़ियाँ बनवाकर चपरास के दोनों सिरों पर, उसकी उस कोर पर जो एपोद के भीतर की ओर होगी लगवाना।
وَتَصْنَعُ حَلْقَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ، وَتَجْعَلُهُمَا عَلَى كَتِفَيِ ٱلرِّدَاءِ مِنْ أَسْفَلُ مِنْ قُدَّامِهِ عِنْدَ وَصْلِهِ مِنْ فَوْقِ زُنَّارِ ٱلرِّدَاءِ. ٢٧ 27
२७फिर उनके सिवाय सोने की दो और कड़ियाँ बनवाकर एपोद के दोनों कंधों के बंधनों पर, नीचे से उनके सामने और उसके जोड़ के पास एपोद के काढ़े हुए पटुके के ऊपर लगवाना।
وَيَرْبُطُونَ ٱلصُّدْرَةَ بِحَلْقَتَيْهَا إِلَى حَلْقَتَيِ ٱلرِّدَاءِ بِخَيْطٍ مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ لِتَكُونَ عَلَى زُنَّارِ ٱلرِّدَاءِ، وَلَا تُنْزَعُ ٱلصُّدْرَةُ عَنِ ٱلرِّدَاءِ. ٢٨ 28
२८और चपरास अपनी कड़ियों के द्वारा एपोद की कड़ियों में नीले फीते से बाँधी जाए, इस रीति वह एपोद के काढ़े हुए पटुके पर बनी रहे, और चपरास एपोद पर से अलग न होने पाए।
فَيَحْمِلُ هَارُونُ أَسْمَاءَ بَنِي إِسْرَائِيلَ فِي صُدْرَةِ ٱلْقَضَاءِ عَلَى قَلْبِهِ عِنْدَ دُخُولِهِ إِلَى ٱلْقُدْسِ لِلتَّذْكَارِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ دَائِمًا. ٢٩ 29
२९और जब जब हारून पवित्रस्थान में प्रवेश करे, तब-तब वह न्याय की चपरास पर अपने हृदय के ऊपर इस्राएलियों के नामों को लगाए रहे, जिससे यहोवा के सामने उनका स्मरण नित्य रहे।
وَتَجْعَلُ فِي صُدْرَةِ ٱلْقَضَاءِ ٱلْأُورِيمَ وَٱلتُّمِّيمَ لِتَكُونَ عَلَى قَلْبِ هَارُونَ عِنْدَ دُخُولِهِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. فَيَحْمِلُ هَارُونُ قَضَاءَ بَنِي إِسْرَائِيلَ عَلَى قَلْبِهِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ دَائِمًا. ٣٠ 30
३०और तू न्याय की चपरास में ऊरीम और तुम्मीम को रखना, और जब जब हारून यहोवा के सामने प्रवेश करे, तब-तब वे उसके हृदय के ऊपर हों; इस प्रकार हारून इस्राएलियों के लिये यहोवा के न्याय को अपने हृदय के ऊपर यहोवा के सामने नित्य लगाए रहे।
«وَتَصْنَعُ جُبَّةَ ٱلرِّدَاءِ كُلَّهَا مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ، ٣١ 31
३१“फिर एपोद के बागे को सम्पूर्ण नीले रंग का बनवाना।
وَتَكُونُ فَتْحَةُ رَأْسِهَا فِي وَسَطِهَا، وَيَكُونُ لِفَتْحَتِهَا حَاشِيَةٌ حَوَالَيْهَا صَنْعَةَ ٱلْحَائِكِ. كَفَتْحَةِ ٱلدِّرْعِ يَكُونُ لَهَا. لَا تُشَقُّ. ٣٢ 32
३२उसकी बनावट ऐसी हो कि उसके बीच में सिर डालने के लिये छेद हो, और उस छेद के चारों ओर बख्तर के छेद की सी एक बुनी हुई कोर हो कि वह फटने न पाए।
وَتَصْنَعُ عَلَى أَذْيَالِهَا رُمَّانَاتٍ مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوانٍ وَقِرْمِزٍ، عَلَى أَذْيَالِهَا حَوَالَيْهَا، وَجَلَاجِلَ مِنْ ذَهَبٍ بَيْنَهَا حَوَالَيْهَا. ٣٣ 33
३३और उसके नीचेवाले घेरे में चारों ओर नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े के अनार बनवाना, और उनके बीच-बीच चारों ओर सोने की घंटियाँ लगवाना,
جُلْجُلَ ذَهَبٍ وَرُمَّانَةً، جُلْجُلَ ذَهَبٍ وَرُمَّانَةً، عَلَى أَذْيَالِ ٱلْجُبَّةِ حَوَالَيْهَا. ٣٤ 34
३४अर्थात् एक सोने की घंटी और एक अनार, फिर एक सोने की घंटी और एक अनार, इसी रीति बागे के नीचेवाले घेरे में चारों ओर ऐसा ही हो।
فَتَكُونُ عَلَى هَارُونَ لِلْخِدْمَةِ لِيُسْمَعَ صَوْتُهَا عِنْدَ دُخُولِهِ إِلَى ٱلْقُدْسِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَعِنْدَ خُرُوجِهِ، لِئَلَّا يَمُوتَ. ٣٥ 35
३५और हारून उस बागे को सेवा टहल करने के समय पहना करे, कि जब जब वह पवित्रस्थान के भीतर यहोवा के सामने जाए, या बाहर निकले, तब-तब उसका शब्द सुनाई दे, नहीं तो वह मर जाएगा।
«وَتَصْنَعُ صَفِيحَةً مِنْ ذَهَبٍ نَقِيٍّ، وَتُنَقِّشُ عَلَيْهَا نَقْشَ خَاتِمٍ: «قُدْسٌ لِلرَّبِّ». ٣٦ 36
३६“फिर शुद्ध सोने का एक टीका बनवाना, और जैसे छापे में वैसे ही उसमें ये अक्षर खोदे जाएँ, अर्थात् ‘यहोवा के लिये पवित्र।’
وَتَضَعُهَا عَلَى خَيْطٍ أَسْمَانْجُونِيٍّ لِتَكُونَ عَلَى ٱلْعِمَامَةِ. إِلَى قُدَّامِ ٱلْعِمَامَةِ تَكُونُ. ٣٧ 37
३७और उसे नीले फीते से बाँधना; और वह पगड़ी के सामने के हिस्से पर रहे।
فَتَكُونُ عَلَى جِبْهَةِ هَارُونَ، فَيَحْمِلُ هَارُونُ إِثْمَ ٱلْأَقْدَاسِ ٱلَّتِي يُقَدِّسُهَا بَنُو إِسْرَائِيلَ، جَمِيعِ عَطَايَا أَقْدَاسِهِمْ. وَتَكُونُ عَلَى جِبْهَتِهِ دَائِمًا لِلرِّضَا عَنْهُمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٣٨ 38
३८और वह हारून के माथे पर रहे, इसलिए कि इस्राएली जो कुछ पवित्र ठहराएँ, अर्थात् जितनी पवित्र वस्तुएँ भेंट में चढ़ावे उन पवित्र वस्तुओं का दोष हारून उठाए रहे, और वह नित्य उसके माथे पर रहे, जिससे यहोवा उनसे प्रसन्न रहे।
وَتُخَرِّمُ ٱلْقَمِيصَ مِنْ بُوصٍ، وَتَصْنَعُ ٱلْعِمَامَةَ مِنْ بُوصٍ، وَٱلْمِنْطَقَةُ تَصْنَعُهَا صَنْعَةَ ٱلطَّرَّازِ. ٣٩ 39
३९“अंगरखे को सूक्ष्म सनी के कपड़े का चारखाना बुनवाना, और एक पगड़ी भी सूक्ष्म सनी के कपड़े की बनवाना, और बेलबूटे की कढ़ाई का काम किया हुआ एक कमरबन्द भी बनवाना।
«وَلِبَنِي هَارُونَ تَصْنَعُ أَقْمِصَةً، وَتَصْنَعُ لَهُمْ مَنَاطِقَ، وَتَصْنَعُ لَهُمْ قَلَانِسَ لِلْمَجْدِ وَٱلْبَهَاءِ. ٤٠ 40
४०“फिर हारून के पुत्रों के लिये भी अंगरखे और कमरबन्द और टोपियाँ बनवाना; ये वस्त्र भी वैभव और शोभा के लिये बनें।
وَتُلْبِسُ هَارُونَ أَخَاكَ إِيَّاهَا وَبَنِيهِ مَعَهُ، وَتَمْسَحُهُمْ، وَتَمْلَأُ أَيَادِيهِمْ، وَتُقَدِّسُهُمْ لِيَكْهَنُوا لِي. ٤١ 41
४१अपने भाई हारून और उसके पुत्रों को ये ही सब वस्त्र पहनाकर उनका अभिषेक और संस्कार करना, और उन्हें पवित्र करना कि वे मेरे लिये याजक का काम करें।
وَتَصْنَعُ لَهُمْ سَرَاوِيلَ مِنْ كَتَّانٍ لِسَتْرِ ٱلْعَوْرَةِ. مِنَ ٱلْحَقَوَيْنِ إِلَى ٱلْفَخْذَيْنِ تَكُونُ. ٤٢ 42
४२और उनके लिये सनी के कपड़े की जाँघिया बनवाना जिनसे उनका तन ढँपा रहे; वे कमर से जाँघ तक की हों;
فَتَكُونُ عَلَى هَارُونَ وَبَنِيهِ عِنْدَ دُخُولِهِمْ إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، أَوْ عِنْدَ ٱقْتِرَابِهِمْ إِلَى ٱلْمَذْبَحِ لِلْخِدْمَةِ فِي ٱلْقُدْسِ، لِئَلَّا يَحْمِلُوا إِثْمًا وَيَمُوتُوا. فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً لَهُ وَلِنَسْلِهِ مِنْ بَعْدِهِ. ٤٣ 43
४३और जब जब हारून या उसके पुत्र मिलापवाले तम्बू में प्रवेश करें, या पवित्रस्थान में सेवा टहल करने को वेदी के पास जाएँ तब-तब वे उन जाँघियों को पहने रहें, न हो कि वे पापी ठहरें और मर जाएँ। यह हारून के लिये और उसके बाद उसके वंश के लिये भी सदा की विधि ठहरे।

< اَلْخُرُوجُ 28 >