< اَلْخُرُوجُ 24 >

وَقَالَ لِمُوسَى: «ٱصْعَدْ إِلَى ٱلرَّبِّ أَنْتَ وَهَارُونُ وَنَادَابُ وَأَبِيهُو، وَسَبْعُونَ مِنْ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ، وَٱسْجُدُوا مِنْ بَعِيدٍ. ١ 1
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “तू, हारून, नादाब, अबीहू, और इस्राएलियों के सत्तर पुरनियों समेत यहोवा के पास ऊपर आकर दूर से दण्डवत् करना।
وَيَقْتَرِبُ مُوسَى وَحْدَهُ إِلَى ٱلرَّبِّ، وَهُمْ لَا يَقْتَرِبُونَ. وَأَمَّا ٱلشَّعْبُ فَلَا يَصْعَدْ مَعَهُ». ٢ 2
और केवल मूसा यहोवा के समीप आए; परन्तु वे समीप न आएँ, और दूसरे लोग उसके संग ऊपर न आएँ।”
فَجَاءَ مُوسَى وَحَدَّثَ ٱلشَّعْبَ بِجَمِيعِ أَقْوَالِ ٱلرَّبِّ وَجَمِيعِ ٱلْأَحْكَامِ، فَأَجَابَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ بِصَوْتٍ وَاحِدٍ وَقَالُوا: «كُلُّ ٱلْأَقْوَالِ ٱلَّتِي تَكَلَّمَ بِهَا ٱلرَّبُّ نَفْعَلُ». ٣ 3
तब मूसा ने लोगों के पास जाकर यहोवा की सब बातें और सब नियम सुना दिए; तब सब लोग एक स्वर से बोल उठे, “जितनी बातें यहोवा ने कही हैं उन सब बातों को हम मानेंगे।”
فَكَتَبَ مُوسَى جَمِيعَ أَقْوَالِ ٱلرَّبِّ. وَبَكَّرَ فِي ٱلصَّبَاحِ وَبَنَى مَذْبَحًا فِي أَسْفَلِ ٱلْجَبَلِ، وَٱثْنَيْ عَشَرَ عَمُودًا لِأَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ ٱلِٱثْنَيْ عَشَرَ. ٤ 4
तब मूसा ने यहोवा के सब वचन लिख दिए। और सवेरे उठकर पर्वत के नीचे एक वेदी और इस्राएल के बारहों गोत्रों के अनुसार बारह खम्भे भी बनवाए।
وَأَرْسَلَ فِتْيَانَ بَنِي إِسْرَائِيلَ، فَأَصْعَدُوا مُحْرَقَاتٍ، وَذَبَحُوا ذَبَائِحَ سَلَامَةٍ لِلرَّبِّ مِنَ ٱلثِّيرَانِ. ٥ 5
तब उसने कई इस्राएली जवानों को भेजा, जिन्होंने यहोवा के लिये होमबलि और बैलों के मेलबलि चढ़ाए।
فَأَخَذَ مُوسَى نِصْفَ ٱلدَّمِ وَوَضَعَهُ فِي ٱلطُّسُوسِ. وَنِصْفَ ٱلدَّمِ رَشَّهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ. ٦ 6
और मूसा ने आधा लहू लेकर कटोरों में रखा, और आधा वेदी पर छिड़क दिया।
وَأَخَذَ كِتَابَ ٱلْعَهْدِ وَقَرَأَ فِي مَسَامِعِ ٱلشَّعْبِ، فَقَالُوا: «كُلُّ مَا تَكَلَّمَ بِهِ ٱلرَّبُّ نَفْعَلُ وَنَسْمَعُ لَهُ». ٧ 7
तब वाचा की पुस्तक को लेकर लोगों को पढ़ सुनाया; उसे सुनकर उन्होंने कहा, “जो कुछ यहोवा ने कहा है उस सब को हम करेंगे, और उसकी आज्ञा मानेंगे।”
وَأَخَذَ مُوسَى ٱلدَّمَ وَرَشَّ عَلَى ٱلشَّعْبِ وَقَالَ: «هُوَذَا دَمُ ٱلْعَهْدِ ٱلَّذِي قَطَعَهُ ٱلرَّبُّ مَعَكُمْ عَلَى جَمِيعِ هَذِهِ ٱلْأَقْوَالِ». ٨ 8
तब मूसा ने लहू को लेकर लोगों पर छिड़क दिया, और उनसे कहा, “देखो, यह उस वाचा का लहू है जिसे यहोवा ने इन सब वचनों पर तुम्हारे साथ बाँधी है।”
ثُمَّ صَعِدَ مُوسَى وَهَارُونُ وَنَادَابُ وَأَبِيهُو وَسَبْعُونَ مِنْ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ، ٩ 9
तब मूसा, हारून, नादाब, अबीहू और इस्राएलियों के सत्तर पुरनिए ऊपर गए,
وَرَأَوْا إِلَهَ إِسْرَائِيلَ، وَتَحْتَ رِجْلَيْهِ شِبْهُ صَنْعَةٍ مِنَ ٱلْعَقِيقِ ٱلْأَزْرَقِ ٱلشَّفَّافِ، وَكَذَاتِ ٱلسَّمَاءِ فِي ٱلنَّقَاوَةِ. ١٠ 10
१०और इस्राएल के परमेश्वर का दर्शन किया; और उसके चरणों के तले नीलमणि का चबूतरा सा कुछ था, जो आकाश के तुल्य ही स्वच्छ था।
وَلَكِنَّهُ لَمْ يَمُدَّ يَدَهُ إِلَى أَشْرَافِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. فَرَأَوْا ٱللهَ وَأَكَلُوا وَشَرِبُوا. ١١ 11
११और उसने इस्राएलियों के प्रधानों पर हाथ न बढ़ाया; तब उन्होंने परमेश्वर का दर्शन किया, और खाया पिया।
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «ٱصْعَدْ إِلَيَّ إِلَى ٱلْجَبَلِ، وَكُنْ هُنَاكَ، فَأُعْطِيَكَ لَوْحَيِ ٱلْحِجَارَةِ وَٱلشَّرِيعَةِ وَٱلْوَصِيَّةِ ٱلَّتِي كَتَبْتُهَا لِتَعْلِيمِهِمْ». ١٢ 12
१२तब यहोवा ने मूसा से कहा, “पहाड़ पर मेरे पास चढ़, और वहाँ रह; और मैं तुझे पत्थर की पटियाएँ, और अपनी लिखी हुई व्यवस्था और आज्ञा दूँगा कि तू उनको सिखाए।”
فَقَامَ مُوسَى وَيَشُوعُ خَادِمُهُ. وَصَعِدَ مُوسَى إِلَى جَبَلِ ٱللهِ. ١٣ 13
१३तब मूसा यहोशू नामक अपने टहलुए समेत परमेश्वर के पर्वत पर चढ़ गया।
وَأَمَّا ٱلشُّيُوخُ فَقَالَ لَهُمُ: «ٱجْلِسُوا لَنَا هَهُنَا حَتَّى نَرْجِعَ إِلَيْكُمْ. وَهُوَذَا هَارُونُ وَحُورُ مَعَكُمْ. فَمَنْ كَانَ صَاحِبَ دَعْوَى فَلْيَتَقَدَّمْ إِلَيْهِمَا». ١٤ 14
१४और पुरनियों से वह यह कह गया, “जब तक हम तुम्हारे पास फिर न आएँ तब तक तुम यहीं हमारी बाट जोहते रहो; और सुनो, हारून और हूर तुम्हारे संग हैं; तो यदि किसी का मुकद्दमा हो तो उन्हीं के पास जाए।”
فَصَعِدَ مُوسَى إِلَى ٱلْجَبَلِ، فَغَطَّى ٱلسَّحَابُ ٱلْجَبَلَ، ١٥ 15
१५तब मूसा पर्वत पर चढ़ गया, और बादल ने पर्वत को छा लिया।
وَحَلَّ مَجْدُ ٱلرَّبِّ عَلَى جَبَلِ سِينَاءَ، وَغَطَّاهُ ٱلسَّحَابُ سِتَّةَ أَيَّامٍ. وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلسَّابِعِ دُعِيَ مُوسَى مِنْ وَسَطِ ٱلسَّحَابِ. ١٦ 16
१६तब यहोवा के तेज ने सीनै पर्वत पर निवास किया, और वह बादल उस पर छः दिन तक छाया रहा; और सातवें दिन उसने मूसा को बादल के बीच में से पुकारा।
وَكَانَ مَنْظَرُ مَجْدِ ٱلرَّبِّ كَنَارٍ آكِلَةٍ عَلَى رَأْسِ ٱلْجَبَلِ أَمَامَ عُيُونِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ١٧ 17
१७और इस्राएलियों की दृष्टि में यहोवा का तेज पर्वत की चोटी पर प्रचण्ड आग सा देख पड़ता था।
وَدَخَلَ مُوسَى فِي وَسَطِ ٱلسَّحَابِ وَصَعِدَ إِلَى ٱلْجَبَلِ. وَكَانَ مُوسَى فِي ٱلْجَبَلِ أَرْبَعِينَ نَهَارًا وَأَرْبَعِينَ لَيْلَةً. ١٨ 18
१८तब मूसा बादल के बीच में प्रवेश करके पर्वत पर चढ़ गया। और मूसा पर्वत पर चालीस दिन और चालीस रात रहा।

< اَلْخُرُوجُ 24 >