< اَلْخُرُوجُ 18 >

فَسَمِعَ يَثْرُونُ كَاهِنُ مِدْيَانَ، حَمُو مُوسَى، كُلَّ مَا صَنَعَ ٱللهُ إِلَى مُوسَى وَإِلَى إِسْرَائِيلَ شَعْبِهِ: أَنَّ ٱلرَّبَّ أَخْرَجَ إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ. ١ 1
मिदियान के पुरोहित, मोशेह के ससुर येथ्रो को यह सब बात मालूम पड़ी कि कैसे परमेश्वर ने मोशेह तथा अपनी प्रजा इस्राएलियों को याहवेह ने मिस्र देश से बाहर निकाला.
فَأَخَذَ يَثْرُونُ حَمُو مُوسَى صِفُّورَةَ ٱمْرَأَةَ مُوسَى بَعْدَ صَرْفِهَا ٢ 2
मोशेह ने अपनी पत्नी ज़ीप्पोराह और दोनों बेटों को उनके पिता येथ्रो के पास छोड़ दिया था,
وَٱبْنَيْهَا، ٱللَّذَيْنِ ٱسْمُ أَحَدِهِمَا جِرْشُومُ، لِأَنَّهُ قَالَ: «كُنْتُ نَزِيلًا فِي أَرْضٍ غَرِيبَةٍ». ٣ 3
उनके एक पुत्र का नाम गेरशोम रखा क्योंकि मोशेह ने कहा, “मैं दूसरे देश में परदेशी हो गया!”
وَٱسْمُ ٱلْآخَرِ أَلِيعَازَرُ، لِأَنَّهُ قَالَ: «إِلَهُ أَبِي كَانَ عَوْنِي وَأَنْقَذَنِي مِنْ سَيْفِ فِرْعَوْنَ». ٤ 4
दूसरे पुत्र का नाम एलिएज़र रखा, क्योंकि मोशेह ने यह कहा था, “मेरे पिता के परमेश्वर मेरे सहायक रहे हैं, जिन्होंने मुझे फ़रोह की तलवार से बचाया है.”
وَأَتَى يَثْرُونُ حَمُو مُوسَى وَٱبْنَاهُ وَٱمْرَأَتُهُ إِلَى مُوسَى إِلَى ٱلْبَرِّيَّةِ حَيْثُ كَانَ نَازِلًا عِنْدَ جَبَلِ ٱللهِ. ٥ 5
इस निर्जन प्रदेश में जहां इस्राएलियों ने परमेश्वर के पर्वत पर तंबू डाला हुआ था, वहां मोशेह के ससुर, मोशेह की पत्नी तथा दोनों पुत्रों को अपने साथ लेकर आया.
فَقَالَ لِمُوسَى: «أَنَا حَمُوكَ يَثْرُونُ، آتٍ إِلَيْكَ وَٱمْرَأَتُكَ وَٱبْنَاهَا مَعَهَا». ٦ 6
येथ्रो ने मोशेह से कहा, “मैं येथ्रो, तुम्हारा ससुर, तुम्हारी पत्नी एवं दोनों पुत्रों को लेकर तुमसे मिलने आया हूं.”
فَخَرَجَ مُوسَى لِٱسْتِقْبَالِ حَمِيهِ وَسَجَدَ وَقَبَّلَهُ. وَسَأَلَ كُلُّ وَاحِدٍ صَاحِبَهُ عَنْ سَلَامَتِهِ، ثُمَّ دَخَلَا إِلَى ٱلْخَيْمَةِ. ٧ 7
यह सुन मोशेह अपने ससुर से मिलने तंबू से बाहर आये, उनको प्रणाम करके चुंबन किया, और एक दूसरे का हाल पूछा और मोशेह उन्हें अपने तंबू में ले गए.
فَقَصَّ مُوسَى عَلَى حَمِيهِ كُلَّ مَا صَنَعَ ٱلرَّبُّ بِفِرْعَوْنَ وَٱلْمِصْرِيِّينَ مِنْ أَجْلِ إِسْرَائِيلَ، وَكُلَّ ٱلْمَشَقَّةِ ٱلَّتِي أَصَابَتْهُمْ فِي ٱلطَّرِيقِ فَخَلَّصَهُمُ ٱلرَّبُّ. ٨ 8
मोशेह ने अपने ससुर को सब बातें बताई, जो इस्राएलियों के लिए याहवेह ने फ़रोह तथा मिस्रियों के साथ की थी. मोशेह ने उन्हें सब परेशानियां भी बताईं, जिनका सामना उन्होंने इस यात्रा में किया था, तथा यह भी कि याहवेह ने किस तरह से उनको रास्ते भर बचाया.
فَفَرِحَ يَثْرُونُ بِجَمِيعِ ٱلْخَيْرِ ٱلَّذِي صَنَعَهُ إِلَى إِسْرَائِيلَ ٱلرَّبُّ، ٱلَّذِي أَنْقَذَهُ مِنْ أَيْدِي ٱلْمِصْرِيِّينَ. ٩ 9
येथ्रो ने जब सुना कि याहवेह ने कैसे इस्राएलियों को संभाला. वे बहुत खुश हुए, कि याहवेह ने इस्राएलियों पर अपनी भलाई की और मिस्रियों से छुड़ाया.
وَقَالَ يَثْرُونُ: «مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي أَنْقَذَكُمْ مِنْ أَيْدِي ٱلْمِصْرِيِّينَ وَمِنْ يَدِ فِرْعَوْنَ. اَلَّذِي أَنْقَذَ ٱلشَّعْبَ مِنْ تَحْتِ أَيْدِي ٱلْمِصْرِيِّينَ. ١٠ 10
तब येथ्रो ने कहा, “धन्य हैं याहवेह, जिन्होंने तुम्हें मिस्रियों एवं फ़रोह के अधिकार से छुड़ाया और उनके बंधन से आज़ाद कराया.
ٱلْآنَ عَلِمْتُ أَنَّ ٱلرَّبَّ أَعْظَمُ مِنْ جَمِيعِ ٱلْآلِهَةِ، لِأَنَّهُ فِي ٱلشَّيْءِ ٱلَّذِي بَغَوْا بِهِ كَانَ عَلَيْهِمْ». ١١ 11
अब मैं जान गया हूं कि याहवेह ही अन्य सभी देवताओं से अधिक शक्तिशाली और बड़े हैं. यह तो उसी समय प्रमाणित हो गया था, जब मिस्रियों ने इस्राएलियों पर अपना अहंकार दिखाया था.”
فَأَخَذَ يَثْرُونُ حَمُو مُوسَى مُحْرَقَةً وَذَبَائِحَ لِلهِ. وَجَاءَ هَارُونُ وَجَمِيعُ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ لِيَأْكُلُوا طَعَامًا مَعَ حَمِي مُوسَى أَمَامَ ٱللهِ. ١٢ 12
तब मोशेह के ससुर येथ्रो ने परमेश्वर के लिए होमबलि एवं मेल बलि चढ़ाई तथा अहरोन सभी इस्राएलियों और मोशेह के ससुर के साथ मिलकर परमेश्वर के आगे भोजन करने आये.
وَحَدَثَ فِي ٱلْغَدِ أَنَّ مُوسَى جَلَسَ لِيَقْضِيَ لِلشَّعْبِ. فَوَقَفَ ٱلشَّعْبُ عِنْدَ مُوسَى مِنَ ٱلصَّبَاحِ إِلَى ٱلْمَسَاءِ. ١٣ 13
दूसरे दिन मोशेह लोगों के न्याय करने के लिये न्यायाधीश के आसन पर बैठे हुए थे और लोग सुबह से शाम तक मोशेह के आस-पास खड़े रहे.
فَلَمَّا رَأَى حَمُو مُوسَى كُلَّ مَا هُوَ صَانِعٌ لِلشَّعْبِ، قَالَ: «مَا هَذَا ٱلْأَمْرُ ٱلَّذِي أَنْتَ صَانِعٌ لِلشَّعْبِ؟ مَا بَالُكَ جَالِسًا وَحْدَكَ وَجَمِيعُ ٱلشَّعْبِ وَاقِفٌ عِنْدَكَ مِنَ ٱلصَّبَاحِ إِلَى ٱلْمَسَاءِ؟» ١٤ 14
जब मोशेह के ससुर ने मोशेह को देखा, तो उन्होंने मोशेह से पूछा, “तुम यह सब इस प्रकार क्यों कर रहे हो? जब ये सारे लोग सुबह से शाम तक तुम्हारे आस-पास खड़े थे, तुम अकेले ही सब क्यों संभाल रहे हो?”
فَقَالَ مُوسَى لِحَمِيهِ: «إِنَّ ٱلشَّعْبَ يَأْتِي إِلَيَّ لِيَسْأَلَ ٱللهَ. ١٥ 15
मोशेह ने जवाब दिया, “लोग मेरे पास आते हैं क्योंकि वे अपने लिए परमेश्वर की इच्छा जानना चाहते हैं.
إِذَا كَانَ لَهُمْ دَعْوَى يَأْتُونَ إِلَيَّ فَأَقْضِي بَيْنَ ٱلرَّجُلِ وَصَاحِبِهِ، وَأُعَرِّفُهُمْ فَرَائِضَ ٱللهِ وَشَرَائِعَهُ». ١٦ 16
यदि किसी व्यक्ति की अपने पड़ोसी से कोई बहस होती है और वे मेरे पास आते हैं, तब मैं उस व्यक्ति तथा उसके पड़ोसी के विषय में फैसला करके उनको परमेश्वर के नियम तथा उनकी विधियां बता देता हूं.”
فَقَالَ حَمُو مُوسَى لَهُ: «لَيْسَ جَيِّدًا ٱلْأَمْرُ ٱلَّذِي أَنْتَ صَانِعٌ. ١٧ 17
मोशेह के ससुर ने जवाब दिया: “तुम्हारा काम सही नहीं हैं.
إِنَّكَ تَكِلُّ أَنْتَ وَهَذَا ٱلشَّعْبُ ٱلَّذِي مَعَكَ جَمِيعًا، لِأَنَّ ٱلْأَمْرَ أَعْظَمُ مِنْكَ. لَا تَسْتَطِيعُ أَنْ تَصْنَعَهُ وَحْدَكَ. ١٨ 18
तुम और ये लोग जो तुम्हारे साथ हैं, परेशान हो जाएंगे, क्योंकि यह काम बहुत बड़ा है और तुम अकेले यह सब नहीं कर पाओगे.
اَلْآنَ ٱسْمَعْ لِصَوْتِي فَأَنْصَحَكَ. فَلْيَكُنِ ٱللهُ مَعَكَ. كُنْ أَنْتَ لِلشَّعْبِ أَمَامَ ٱللهِ، وَقَدِّمْ أَنْتَ ٱلدَّعَاوِيَ إِلَى ٱللهِ، ١٩ 19
इसलिये मेरी बात सुनो, मैं तुम्हें यह सलाह देना चाहता हूं कि परमेश्वर तुम्हारे साथ रहें—तुम परमेश्वर के सम्मुख लोगों के प्रतिनिधि रहो और उनके विवाद परमेश्वर के सम्मुख लाओ.
وَعَلِّمْهُمُ ٱلْفَرَائِضَ وَٱلشَّرَائِعَ، وَعَرِّفْهُمُ ٱلطَّرِيقَ ٱلَّذِي يَسْلُكُونَهُ، وَٱلْعَمَلَ ٱلَّذِي يَعْمَلُونَهُ. ٢٠ 20
तुम उन्हें नियमों और व्यवस्था की बातें सिखाते जाओ और उन्हें किस तरह रहना हैं और उनकी आदतें कैसी हों यह सिखाओ, और कौन-कौन से काम उन्हें करने हैं यह बताते जाओ.
وَأَنْتَ تَنْظُرُ مِنْ جَمِيعِ ٱلشَّعْبِ ذَوِي قُدْرَةٍ خَائِفِينَ ٱللهَ، أُمَنَاءَ مُبْغِضِينَ ٱلرَّشْوَةَ، وَتُقِيمُهُمْ عَلَيْهِمْ رُؤَسَاءَ أُلُوفٍ، وَرُؤَسَاءَ مِئَاتٍ، وَرُؤَسَاءَ خَمَاسِينَ، وَرُؤَسَاءَ عَشَرَاتٍ، ٢١ 21
साथ ही तुम इन लोगों में से कुछ ऐसे लोगों को चुन लो—जो सच्चाई से परमेश्वर के भय और श्रद्धा में जीने वाले हों, तथा अन्याय के लाभ से नफरत करते हों. इस प्रकार के व्यक्तियों को अलग करके, लोगों को झुंड में बांटकर, जवाबदारी उनको दे दो, जो हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास तथा दस-दस लोगों का झुंड हो.
فَيَقْضُونَ لِلشَّعْبِ كُلَّ حِينٍ. وَيَكُونُ أَنَّ كُلَّ ٱلدَّعَاوِي ٱلْكَبِيرَةِ يَجِيئُونَ بِهَا إِلَيْكَ، وَكُلَّ ٱلدَّعَاوِي ٱلصَّغِيرَةِ يَقْضُونَ هُمْ فِيهَا. وَخَفِّفْ عَنْ نَفْسِكَ، فَهُمْ يَحْمِلُونَ مَعَكَ. ٢٢ 22
ये ज़िम्मेदार व्यक्ति ही उन लोगों की बात सुनें और सुलझायें और जो बात न सुलझ पाए तब ही वे तुम्हारे पास आएं. तब तुम्हारा बोझ हल्का हो जाएगा और पूरे लोगों पर अच्छी तरह नियंत्रण रख पाओगे.
إِنْ فَعَلْتَ هَذَا ٱلْأَمْرَ وَأَوْصَاكَ ٱللهُ تَسْتَطِيعُ ٱلْقِيَامَ. وَكُلُّ هَذَا ٱلشَّعْبِ أَيْضًا يَأْتِي إِلَى مَكَانِهِ بِٱلسَّلَامِ». ٢٣ 23
यदि परमेश्वर ऐसा करने की आज्ञा देते हैं, तो ऐसा ही करना, तब तुम्हारा काम आसान हो जाएगा तथा ये लोग भी शांति से अपनी जगह पहुंच सकेंगे.”
فَسَمِعَ مُوسَى لِصَوْتِ حَمِيهِ وَفَعَلَ كُلَّ مَا قَالَ. ٢٤ 24
मोशेह ने अपने ससुर की बात पर ध्यान दिया और वैसा ही किया.
وَٱخْتَارَ مُوسَى ذَوِي قُدْرَةٍ مِنْ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ وَجَعَلَهُمْ رُؤُوسًا عَلَى ٱلشَّعْبِ، رُؤَسَاءَ أُلُوفٍ، وَرُؤَسَاءَ مِئَاتٍ، وَرُؤَسَاءَ خَمَاسِينَ، وَرُؤَسَاءَ عَشَرَاتٍ. ٢٥ 25
सभी इस्राएलियों में से उन्होंने सक्षम व्यक्तियों को अगुआ बनाया; जो हजार-हजार, सौ-सौ, पचास-पचास तथा दस-दस लोगों के समूह के ऊपर अधिकारी थे.
فَكَانُوا يَقْضُونَ لِلشَّعْبِ كُلَّ حِينٍ. ٱلدَّعَاوِي ٱلْعَسِرَةُ يَجِيئُونَ بِهَا إِلَى مُوسَى، وَكُلُّ ٱلدَّعَاوِي ٱلصَّغِيرَةِ يَقْضُونَ هُمْ فِيهَا. ٢٦ 26
वे अधिकारी सभी समय लोगों का न्याय करते थे, केवल बहुत मुश्किल विवाद ही मोशेह के पास लाते थे, लेकिन साधारण मामलों का समाधान वे ही करते थे.
ثُمَّ صَرَفَ مُوسَى حَمَاهُ فَمَضَى إِلَى أَرْضِهِ. ٢٧ 27
मोशेह ने अपने ससुर को विदा कर दिया. वह विदा होकर अपने घर लौट गये.

< اَلْخُرُوجُ 18 >