< أَسْتِير 4 >

وَلَمَّا عَلِمَ مُرْدَخَايُ كُلَّ مَا عُمِلَ، شَقَّ مُرْدَخَايُ ثِيَابَهُ وَلَبِسَ مِسْحًا بِرَمَادٍ وَخَرَجَ إِلَى وَسَطِ ٱلْمَدِينَةِ وَصَرَخَ صَرْخَةً عَظِيمَةً مُرَّةً، ١ 1
यह सब, जो कुछ किया गया था, मालूम हुआ तब मोरदकय ने अपने वस्त्र फाड़ दिए, टाट ओढ़े, देह पर भस्म लगाकर शोक करता रहा, और ऊंची आवाज से चिल्लाते हुए नगर चौक से
وَجَاءَ إِلَى قُدَّامِ بَابِ ٱلْمَلِكِ، لِأَنَّهُ لَا يَدْخُلُ أَحَدٌ بَابَ ٱلْمَلِكِ وَهُوَ لَابِسٌ مِسْحًا. ٢ 2
राजमहल प्रवेश द्वार पर जा पहुंचा. टाट ओढ़ के राजमहल के द्वार से प्रवेश करना मना था.
وَفِي كُلِّ كُورَةٍ حَيْثُمَا وَصَلَ إِلَيْهَا أَمْرُ ٱلْمَلِكِ وَسُنَّتُهُ، كَانَتْ مَنَاحَةٌ عَظِيمَةٌ عِنْدَ ٱلْيَهُودِ، وَصَوْمٌ وَبُكَاءٌ وَنَحِيبٌ. وَٱنْفَرَشَ مِسْحٌ وَرَمَادٌ لِكَثِيرِينَ. ٣ 3
सारे साम्राज्य में जहां-जहां राजाज्ञा तथा आदेश पहुंच चुका था, यहूदियों में गहन वेदना-विलाप फैल चुका था. यहूदी उपवास कर रहे थे; रो रहे थे, हां, चिल्लाते भी. अनेकों ने भस्म के साथ टाट ओढ़ लिए थे.
فَدَخَلَتْ جَوَارِي أَسْتِيرَ وَخُصْيَانُهَا وَأَخْبَرُوهَا، فَٱغْتَمَّتِ ٱلْمَلِكَةُ جِدًّا وَأَرْسَلَتْ ثِيَابًا لِإِلْبَاسِ مُرْدَخَايَ، وَلِأَجْلِ نَزْعِ مِسْحِهِ عَنْهُ، فَلَمْ يَقْبَلْ. ٤ 4
एस्तेर की परिचारिकाओं एवं खोजों ने उसे इसकी सूचना दी. जिससे वह बहुत संकट में थी. उसने मोरदकय के लिए वस्त्र भेज दिए, कि वह अपने टाट वस्त्र छोड़ दे, किंतु मोरदकाय ने ये वस्त्र अस्वीकार कर दिए.
فَدَعَتْ أَسْتِيرُ هَتَاخَ، وَاحِدًا مِنْ خِصْيَانِ ٱلْمَلِكِ ٱلَّذِي أَوْقَفَهُ بَيْنَ يَدَيْهَا، وَأَعْطَتْهُ وَصِيَّةً إِلَى مُرْدَخَايَ لِتَعْلَمَ مَاذَا وَلِمَاذَا. ٥ 5
तब एस्तेर ने राजा के खोजों में से हाथाख नाम खोजा को बुलवाया, जिसे स्वयं राजा ने ही एस्तेर की सेवा के लिए नियुक्त किया था; एस्तेर ने हाथाख को मोरदकय से यह मालूम करने के लिए प्रेषित किया, कि यह सब क्या हो रहा है तथा इसके पीछे क्या कारण है?
فَخَرَجَ هَتَاخُ إِلَى مُرْدَخَايَ إِلَى سَاحَةِ ٱلْمَدِينَةِ ٱلَّتِي أَمَامَ بَابِ ٱلْمَلِكِ. ٦ 6
तब हाथाख राजमहल प्रवेश द्वार के सामने नगर चौक पर गया.
فَأَخْبَرَهُ مُرْدَخَايُ بِكُلِّ مَا أَصَابَهُ، وَعَنْ مَبْلَغِ ٱلْفِضَّةِ ٱلَّذِي وَعَدَ هَامَانُ بِوَزْنِهِ لِخَزَائِنِ ٱلْمَلِكِ عَنِ ٱلْيَهُودِ لِإِبَادَتِهِمْ، ٧ 7
मोरदकय ने उसे अपने साथ हुए समस्त घटना का विवरण दे दिया तथा यह भी कि हामान ने यहूदियों को नष्ट करने पर राजकोष में ठीक-ठीक कितना धन देने की प्रतिज्ञा की है.
وَأَعْطَاهُ صُورَةَ كِتَابَةِ ٱلْأَمْرِ ٱلَّذِي أُعْطِيَ فِي شُوشَنَ لِإِهْلَاكِهِمْ، لِكَيْ يُرِيَهَا لِأَسْتِيرَ، وَيُخْبِرَهَا وَيُوصِيَهَا أَنْ تَدْخُلَ إِلَى ٱلْمَلِكِ وَتَتَضَرَّعَ إِلَيْهِ وَتَطْلُبَ مِنْهُ لِأَجْلِ شَعْبِهَا. ٨ 8
मोरदकय ने तो उसे उस राजाज्ञा जो शूशन नगर में उनके नाश के लिए निकाली जा चुकी थी, उसकी एक नकल भी इस उद्देश्य से सौंप दी, कि हाथाख यह एस्तेर को दिखा दे तथा उसे इस विषय की सूचना प्राप्‍त हो सके; और एस्तेर राजा से उसकी कृपा की याचना करे तथा राजा के सामने अपने लोगों का पक्ष समर्थन कर सके.
فَأَتَى هَتَاخُ وَأَخْبَرَ أَسْتِيرَ بِكَلَامِ مُرْدَخَايَ. ٩ 9
हाथाख ने वहां से लौटकर मोरदकय द्वारा प्रकट की गई समस्त बात एस्तेर को बता दी.
فَكَلَّمَتْ أَسْتِيرُ هَتَاخَ وَأَعْطَتْهُ وَصِيَّةً إِلَى مُرْدَخَايَ: ١٠ 10
इस पर एस्तेर ने हाथाख को मोरदकय तक यह संदेश पहुंचाने का आदेश दिया,
«إِنَّ كُلَّ عَبِيدِ ٱلْمَلِكِ وَشُعُوبِ بِلَادِ ٱلْمَلِكِ يَعْلَمُونَ أَنَّ كُلَّ رَجُلٍ دَخَلَ أَوِ ٱمْرَأَةٍ إِلَى ٱلْمَلِكِ، إِلَى ٱلدَّارِ ٱلدَّاخِلِيَّةِ وَلَمْ يُدْعَ، فَشَرِيعَتُهُ وَاحِدَةٌ أَنْ يُقْتَلَ، إِلَّا ٱلَّذِي يَمُدُّ لَهُ ٱلْمَلِكُ قَضِيبَ ٱلذَّهَبِ فَإِنَّهُ يَحْيَا. وَأَنَا لَمْ أُدْعَ لِأَدْخُلَ إِلَى ٱلْمَلِكِ هَذِهِ ٱلثَّلَاثِينَ يَوْمًا». ١١ 11
“राजा के सारे कर्मचारी एवं राजा के सारे साम्राज्य की प्रजा इस बात को जानती हैं, कि कोई स्त्री अथवा पुरुष यदि बुलाहट के बिना राजा के भीतरी आंगन में प्रवेश कर जाता है, उनके लिये एक ही नियम बनाकर रखा है, उसे मृत्यु दंड दिया जाए. उसके जीवित रह सकने का मात्र एक ही कानून शेष रहता है यदि राजा उसकी ओर अपना स्वर्ण राजदंड बढ़ाए, कि वह जीवित रह सके. मालूम है कि गत तीस दिनों से राजा द्वारा मुझे बुलाया नहीं गया है.”
فَأَخْبَرُوا مُرْدَخَايَ بِكَلَامِ أَسْتِيرَ. ١٢ 12
जब एस्तेर की ये बातें मोरदकय को सुनाई गई,
فَقَالَ مُرْدَخَايُ أَنْ تُجَاوَبَ أَسْتِيرُ: «لَا تَفْتَكِرِي فِي نَفْسِكِ أَنَّكِ تَنْجِينَ فِي بَيْتِ ٱلْمَلِكِ دُونَ جَمِيعِ ٱلْيَهُودِ. ١٣ 13
मोरदकय ने आग्रह किया कि एस्तेर को यह उत्तर भेज दिया जाए: “इस सोच में न रह जाना कि तुम्हारे राजमहल में रहने के कारण तुम समस्त यहूदियों पर आए संकट से बच जाओगी.
لِأَنَّكِ إِنْ سَكَتِّ سُكُوتًا فِي هَذَا ٱلْوَقْتِ يَكُونُ ٱلْفَرَجُ وَٱلنَّجَاةُ لِلْيَهُودِ مِنْ مَكَانٍ آخَرَ، وَأَمَّا أَنْتِ وَبَيْتُ أَبِيكِ فَتَبِيدُونَ. وَمَنْ يَعْلَمُ إِنْ كُنْتِ لِوَقْتٍ مِثْلِ هَذَا وَصَلْتِ إِلَى ٱلْمُلْكِ؟». ١٤ 14
यदि तुम इस अवसर पर चुप रहीं, यहूदियों के लिए निश्चय किसी अन्य जगह से राहत और उद्धार तो आ ही जाएगा, किंतु तुम एवं तुम्हारा कुल मिट जाएगा. कौन इस मर्म को समझ सकता है कि तुम्हें यह राजपद इस परिस्थिति के लिए प्रदान किया गया है?”
فَقَالَتْ أَسْتِيرُ أَنْ يُجَاوَبَ مُرْدَخَايُ: ١٥ 15
तब एस्तेर ने उन्हें मोरदकय के लिए इस उत्तर के साथ भेजा,
«ٱذْهَبِ ٱجْمَعْ جَمِيعَ ٱلْيَهُودِ ٱلْمَوْجُودِينَ فِي شُوشَنَ وَصُومُوا مِنْ جِهَتِي وَلَا تَأْكُلُوا وَلَا تَشْرَبُوا ثَلَاثَةَ أَيَّامٍ لَيْلًا وَنَهَارًا. وَأَنَا أَيْضًا وَجَوَارِيَّ نَصُومُ كَذَلِكَ. وَهَكَذَا أَدْخُلُ إِلَى ٱلْمَلِكِ خِلَافَ ٱلسُّنَّةِ. فَإِذَا هَلَكْتُ، هَلَكْتُ». ١٦ 16
“जाइए और शूशन नगर के सभी यहूदियों को एकत्र कीजिए तथा मेरे लिए उपवास कीजिए; तीन दिन तथा तीन रात को कोई भी कुछ न खाए और न ही कुछ पिए. अपनी परिचारिकाओं के साथ स्वयं मैं भी इसी प्रकार उपवास करूंगी. तब मैं इसी स्थिति में राजा के पास भीतर जाऊंगी, जो नियम के विरुद्ध है. तब यदि मेरा नाश होता है, तो हो जाए.”
فَٱنْصَرَفَ مُرْدَخَايُ وَعَمِلَ حَسَبَ كُلِّ مَا أَوْصَتْهُ بِهِ أَسْتِيرُ. ١٧ 17
मोरदकय ने जाकर ठीक यही किया, जैसा एस्तेर ने उसे आज्ञा दी थी.

< أَسْتِير 4 >