< اَلْجَامِعَةِ 9 >

لِأَنَّ هَذَا كُلَّهُ جَعَلْتُهُ فِي قَلْبِي، وَٱمْتَحَنْتُ هَذَا كُلَّهُ: أَنَّ ٱلصِّدِّيقِينَ وَٱلْحُكَمَاءَ وَأَعْمَالَهُمْ فِي يَدِ ٱللهِ. ٱلْإِنْسَانُ لَا يَعْلَمُ حُبًّا وَلَا بُغْضًا. ٱلْكُلُّ أَمَامَهُمُ. ١ 1
मैंने सभी कामों में अपना मन लगाया और यह मतलब निकाला कि धर्मी, बुद्धिमान और उनके सारे काम परमेश्वर के हाथ में हैं. मनुष्य को यह मालूम नहीं होता कि उसके सामने क्या होगा; प्रेम या नफ़रत.
ٱلْكُلُّ عَلَى مَا لِلْكُلِّ. حَادِثَةٌ وَاحِدَةٌ لِلصِّدِّيقِ وَلِلشِّرِّيرِ، لِلصَّالِحِ وَلِلطَّاهِرِ وَلِلنَّجِسِ، لِلذَّابِحِ وَلِلَّذِي لَا يَذْبَحُ، كَٱلصَّالِحِ ٱلْخَاطِئُ. ٱلْحَالِفُ كَٱلَّذِي يَخَافُ ٱلْحَلْفَ. ٢ 2
यह सभी के लिए बराबर है. धर्मी और दुष्ट, भले और बुरे, शुद्ध और अशुद्ध, जो बलि चढ़ाता है और जो बलि नहीं चढ़ाता, सभी का अंत एक समान है. जिस तरह एक भला व्यक्ति है, उसी तरह एक पापी भी है; और जिस तरह एक शपथ खानेवाला है, उसी तरह वह व्यक्ति है जिसके सामने शपथ खाना भय की बात है.
هَذَا أَشَرُّ كُلِّ مَا عُمِلَ تَحْتَ ٱلشَّمْسِ: أَنَّ حَادِثَةً وَاحِدَةً لِلْجَمِيعِ. وَأَيْضًا قَلْبُ بَنِي ٱلْبَشَرِ مَلآنُ مِنَ ٱلشَّرِّ، وَٱلْحَمَاقَةُ فِي قَلْبِهِمْ وَهُمْ أَحْيَاءٌ، وَبَعْدَ ذَلِكَ يَذْهَبُونَ إِلَى ٱلْأَمْوَاتِ. ٣ 3
सूरज के नीचे किए जा रहे हर एक काम में मैंने यही बुराई देखी कि सभी मनुष्यों का एक ही अंत है. मनुष्यों के हृदय बुराई से भरे हैं और उनके पूरे जीवन में पागलपन उनके हृदयों में भरा रहता है. इसके बाद उनकी मृत्यु हो जाती है.
لِأَنَّهُ مَنْ يُسْتَثْنَى؟ لِكُلِّ ٱلْأَحْيَاءِ يُوجَدُ رَجَاءٌ، فَإِنَّ ٱلْكَلْبَ ٱلْحَيَّ خَيْرٌ مِنَ ٱلْأَسَدِ ٱلْمَيْتِ. ٤ 4
जो जीवित है उसके लिए आशा है क्योंकि निश्चय ही मरे हुए शेर से जीवित कुत्ता ज्यादा अच्छा है.
لِأَنَّ ٱلْأَحْيَاءَ يَعْلَمُونَ أَنَّهُمْ سَيَمُوتُونَ، أَمَّا ٱلْمَوْتَى فَلَا يَعْلَمُونَ شَيْئًا، وَلَيْسَ لَهُمْ أَجْرٌ بَعْدُ لِأَنَّ ذِكْرَهُمْ نُسِيَ. ٥ 5
जीवितों को यह मालूम होता है कि उनकी मृत्यु ज़रूर होगी, मगर मरे हुओं को कुछ भी मालूम नहीं होता; उन्हें तो कोई ईनाम भी नहीं मिलता, और जल्द ही उन्हें भुला दिया जाता है.
وَمَحَبَّتُهُمْ وَبُغْضَتُهُمْ وَحَسَدُهُمْ هَلَكَتْ مُنْذُ زَمَانٍ، وَلَا نَصِيبَ لَهُمْ بَعْدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ، فِي كُلِّ مَا عُمِلَ تَحْتَ ٱلشَّمْسِ. ٦ 6
इस तरह उनका प्रेम, घृणा और उत्साह खत्म हो गया, और सूरज के नीचे किए गए किसी भी काम में उनका कोई भाग न होगा.
اِذْهَبْ كُلْ خُبْزَكَ بِفَرَحٍ، وَٱشْرَبْ خَمْرَكَ بِقَلْبٍ طَيِّبٍ، لِأَنَّ ٱللهَ مُنْذُ زَمَانٍ قَدْ رَضِيَ عَمَلَكَ. ٧ 7
इसलिये जाओ और आनंद से भोजन करो और मन में सुख मानकर अंगूर का रस पिया करो क्योंकि पहले ही परमेश्वर तुम्हारे कामों से खुश हैं.
لِتَكُنْ ثِيَابُكَ فِي كُلِّ حِينٍ بَيْضَاءَ، وَلَا يُعْوِزْ رَأْسَكَ ٱلدُّهْنُ. ٨ 8
तुम्हारे कपड़े हमेशा उजले रहें और तुम्हारे सिर पर तेल की कमी न हो.
اِلْتَذَّ عَيْشًا مَعَ ٱلْمَرْأَةِ ٱلَّتِي أَحْبَبْتَهَا كُلَّ أَيَّامِ حَيَاةِ بَاطِلِكَ ٱلَّتِي أَعْطَاكَ إِيَّاهَا تَحْتَ ٱلشَّمْسِ، كُلَّ أَيَّامِ بَاطِلِكَ، لِأَنَّ ذَلِكَ نَصِيبُكَ فِي ٱلْحَيَاةِ وَفِي تَعَبِكَ ٱلَّذِي تَتْعَبُهُ تَحْتَ ٱلشَّمْسِ. ٩ 9
सूरज के नीचे परमेश्वर द्वारा दिए गए बेकार के जीवन में अपनी प्यारी पत्नी के साथ खुश रहो, क्योंकि तुम्हारे जीवन का और सूरज के नीचे की गई मेहनत का ईनाम यही है.
كُلُّ مَا تَجِدُهُ يَدُكَ لِتَفْعَلَهُ فَٱفْعَلْهُ بِقُوَّتِكَ، لِأَنَّهُ لَيْسَ مِنْ عَمَلٍ وَلَا ٱخْتِرَاعٍ وَلَا مَعْرِفَةٍ وَلَا حِكْمَةٍ فِي ٱلْهَاوِيَةِ ٱلَّتِي أَنْتَ ذَاهِبٌ إِلَيْهَا. (Sheol h7585) ١٠ 10
अपने सामने आए हर एक काम को पूरी लगन से करो क्योंकि अधोलोक में जिसकी ओर तुम बढ़ रहे हो, वहां न तो कोई काम या तरकीब, न ज्ञान और न ही बुद्धि है. (Sheol h7585)
فَعُدْتُ وَرَأَيْتُ تَحْتَ ٱلشَّمْسِ: أَنَّ ٱلسَّعْيَ لَيْسَ لِلْخَفِيفِ، وَلَا ٱلْحَرْبَ لِلْأَقْوِيَاءِ، وَلَا ٱلْخُبْزَ لِلْحُكَمَاءِ، وَلَا ٱلْغِنَى لِلْفُهَمَاءِ، وَلَا ٱلنِّعْمَةَ لِذَوِي ٱلْمَعْرِفَةِ، لِأَنَهُ ٱلْوَقْتُ وَٱلْعَرَضُ يُلَاقِيَانِهِمْ كَافَّةً. ١١ 11
मैंने दोबारा सूरज के नीचे देखा, कि न तो दौड़ में तेज दौड़ने वाले और न युद्ध में बलवान ही जीतते हैं, न बुद्धिमान को भोजन मिलता है और न ही ज्ञानवान को धन-दौलत और न ही योग्य को अनुग्रह; क्योंकि ये समय और संयोग के वश में हैं.
لِأَنَّ ٱلْإِنْسَانَ أَيْضًا لَا يَعْرِفُ وَقْتَهُ. كَٱلْأَسْمَاكِ ٱلَّتِي تُؤْخَذُ بِشَبَكَةٍ مُهْلِكَةٍ، وَكَالْعَصَافِيرِ ٱلَّتِي تُؤْخَذُ بِٱلشَّرَكِ، كَذَلِكَ تُقْتَنَصُ بَنُو ٱلْبَشَرِ فِي وَقْتِ شَرٍّ، إِذْ يَقَعُ عَلَيْهِمْ بَغْتَةً. ١٢ 12
मनुष्य अपने समय के बारे में नहीं जानता: जैसे बुरे जाल में फंसी एक मछली के, और फंदे में फंसे पक्षियों के समान, वैसे ही मनुष्य बुरे समय में जा फंसेगा जब यह अचानक ही उस पर आ पड़ेगा.
هَذِهِ ٱلْحِكْمَةُ رَأَيْتُهَا أَيْضًا تَحْتَ ٱلشَّمْسِ، وَهِيَ عَظِيمَةٌ عِنْدِي: ١٣ 13
मैंने सूरज के नीचे बुद्धि का एक और उदाहरण देखा, जिसने मुझे बहुत प्रभावित किया.
مَدِينَةٌ صَغِيرَةٌ فِيهَا أُنَاسٌ قَلِيلُونَ، فَجَاءَ عَلَيْهَا مَلِكٌ عَظِيمٌ وَحَاصَرَهَا وَبَنَى عَلَيْهَا أَبْرَاجًا عَظِيمَةً. ١٤ 14
बहुत ही थोड़े लोगों का एक छोटा नगर था इसमें एक बहुत ही सम्मानित राजा आया और उसने इस नगर के विरुद्ध घेराव किया.
وَوُجِدَ فِيهَا رَجُلٌ مِسْكِينٌ حَكِيمٌ، فَنَجَّى هُوَ ٱلْمَدِينَةَ بِحِكْمَتِهِ. وَمَا أَحَدٌ ذَكَرَ ذَلِكَ ٱلرَّجُلَ ٱلْمِسْكِينَ! ١٥ 15
मगर उस नगर के एक साधारण लेकिन बुद्धिमान ने अपनी बुद्धि द्वारा इस नगर को छुड़वा दिया. फिर भी उस सीधे-सादे को किसी ने याद नहीं किया.
فَقُلْتُ: «ٱلْحِكْمَةُ خَيْرٌ مِنَ ٱلْقُوَّةِ». أَمَّا حِكْمَةُ ٱلْمِسْكِينِ فَمُحْتَقَرَةٌ، وَكَلَامُهُ لَا يُسْمَعُ. ١٦ 16
इसलिये मैंने यह कहा, “बुद्धि शक्ति से बढ़कर है.” लेकिन किसी सीधे-सादे की बुद्धि को तुच्छ ही जाना जाता है और उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता.
كَلِمَاتُ ٱلْحُكَمَاءِ تُسْمَعُ فِي ٱلْهُدُوءِ، أَكْثَرَ مِنْ صُرَاخِ ٱلْمُتَسَلِّطِ بَيْنَ ٱلْجُهَّالِ. ١٧ 17
मूर्खों के बीच राजा की चिल्लाहट से अकेले में बुद्धिमान की बातें सुन लेना कहीं ज्यादा अच्छा है.
اَلْحِكْمَةُ خَيْرٌ مِنْ أَدَوَاتِ ٱلْحَرْبِ. أَمَّا خَاطِئٌ وَاحِدٌ فَيُفْسِدُ خَيْرًا جَزِيلًا. ١٨ 18
युद्ध के शस्त्रों की तुलना में बुद्धि ज्यादा अच्छी है, मगर एक पापी हर एक अच्छी चीज़ का नाश कर देता है.

< اَلْجَامِعَةِ 9 >