< اَلتَّثْنِيَة 9 >

«اِسْمَعْ يَا إِسْرَائِيلُ، أَنْتَ ٱلْيَوْمَ عَابِرٌ ٱلْأُرْدُنَّ لِكَيْ تَدْخُلَ وَتَمْتَلِكَ شُعُوبًا أَكْبَرَ وَأَعْظَمَ مِنْكَ، وَمُدُنًا عَظِيمَةً وَمُحَصَّنَةً إِلَى ٱلسَّمَاءِ. ١ 1
“हे इस्राएल, सुन, आज तू यरदन पार इसलिए जानेवाला है, कि ऐसी जातियों को जो तुझ से बड़ी और सामर्थी हैं, और ऐसे बड़े नगरों को जिनकी शहरपनाह आकाश से बातें करती हैं, अपने अधिकार में ले ले।
قَوْمًا عِظَامًا وَطِوَالًا، بَنِي عَنَاقَ ٱلَّذِينَ عَرَفْتَهُمْ وَسَمِعْتَ: مَنْ يَقِفُ فِي وَجْهِ بَنِي عَنَاقَ؟ ٢ 2
उनमें बड़े-बड़े और लम्बे-लम्बे लोग, अर्थात् अनाकवंशी रहते हैं, जिनका हाल तू जानता है, और उनके विषय में तूने यह सुना है, कि अनाकवंशियों के सामने कौन ठहर सकता है?
فَٱعْلَمِ ٱلْيَوْمَ أَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ هُوَ ٱلْعَابِرُ أَمَامَكَ نَارًا آكِلَةً. هُوَ يُبِيدُهُمْ وَيُذِلُّهُمْ أَمَامَكَ، فَتَطْرُدُهُمْ وَتُهْلِكُهُمْ سَرِيعًا كَمَا كَلَّمَكَ ٱلرَّبُّ. ٣ 3
इसलिए आज तू यह जान ले, कि जो तेरे आगे भस्म करनेवाली आग के समान पार जानेवाला है वह तेरा परमेश्वर यहोवा है; और वह उनका सत्यानाश करेगा, और वह उनको तेरे सामने दबा देगा; और तू यहोवा के वचन के अनुसार उनको उस देश से निकालकर शीघ्र ही नष्ट कर डालेगा।
لَا تَقُلْ فِي قَلْبِكَ حِينَ يَنْفِيهِمِ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ مِنْ أَمَامِكَ قَائِلًا: لِأَجْلِ بِرِّي أَدْخَلَنِي ٱلرَّبُّ لِأَمْتَلِكَ هَذِهِ ٱلْأَرْضَ. وَلِأَجْلِ إِثْمِ هَؤُلَاءِ ٱلشُّعُوبِ يَطْرُدُهُمُ ٱلرَّبُّ مِنْ أَمَامِكَ. ٤ 4
“जब तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे सामने से निकाल देगा तब यह न सोचना, कि यहोवा तेरे धार्मिकता के कारण तुझे इस देश का अधिकारी होने को ले आया है, किन्तु उन जातियों की दुष्टता ही के कारण यहोवा उनको तेरे सामने से निकालता है।
لَيْسَ لِأَجْلِ بِرِّكَ وَعَدَالَةِ قَلْبِكَ تَدْخُلُ لِتَمْتَلِكَ أَرْضَهُمْ، بَلْ لِأَجْلِ إِثْمِ أُولَئِكَ ٱلشُّعُوبِ يَطْرُدُهُمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ مِنْ أَمَامِكَ، وَلِكَيْ يَفِيَ بِٱلْكَلَامِ ٱلَّذِي أَقْسَمَ ٱلرَّبُّ عَلَيْهِ لِآبَائِكَ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ. ٥ 5
तू जो उनके देश का अधिकारी होने के लिये जा रहा है, इसका कारण तेरा धार्मिकता या मन की सिधाई नहीं है; तेरा परमेश्वर यहोवा जो उन जातियों को तेरे सामने से निकालता है, उसका कारण उनकी दुष्टता है, और यह भी कि जो वचन उसने अब्राहम, इसहाक, और याकूब, अर्थात् तेरे पूर्वजों को शपथ खाकर दिया था, उसको वह पूरा करना चाहता है।
فَٱعْلَمْ أَنَّهُ لَيْسَ لِأَجْلِ بِرِّكَ يُعْطِيكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ هَذِهِ ٱلْأَرْضَ ٱلْجَيِّدَةَ لِتَمْتَلِكَهَا، لِأَنَّكَ شَعْبٌ صُلْبُ ٱلرَّقَبَةِ. ٦ 6
“इसलिए यह जान ले कि तेरा परमेश्वर यहोवा, जो तुझे वह अच्छा देश देता है कि तू उसका अधिकारी हो, उसे वह तेरे धार्मिकता के कारण नहीं दे रहा है; क्योंकि तू तो एक हठीली जाति है।
«اُذْكُرْ. لَا تَنْسَ كَيْفَ أَسْخَطْتَ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ. مِنَ ٱلْيَوْمِ ٱلَّذِي خَرَجْتَ فِيهِ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ حَتَّى أَتَيْتُمْ إِلَى هَذَا ٱلْمَكَانِ كُنْتُمْ تُقَاوِمُونَ ٱلرَّبَّ. ٧ 7
इस बात का स्मरण रख और कभी भी न भूलना, कि जंगल में तूने किस-किस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा को क्रोधित किया; और जिस दिन से तू मिस्र देश से निकला है जब तक तुम इस स्थान पर न पहुँचे तब तक तुम यहोवा से बलवा ही बलवा करते आए हो।
حَتَّى فِي حُورِيبَ أَسْخَطْتُمُ ٱلرَّبَّ، فَغَضِبَ ٱلرَّبُّ عَلَيْكُمْ لِيُبِيدَكُمْ. ٨ 8
फिर होरेब के पास भी तुम ने यहोवा को क्रोधित किया, और वह क्रोधित होकर तुम्हें नष्ट करना चाहता था।
حِينَ صَعِدْتُ إِلَى ٱلْجَبَلِ لِكَيْ آخُذَ لَوْحَيِ ٱلْحَجَرِ، لَوْحَيِ ٱلْعَهْدِ ٱلَّذِي قَطَعَهُ ٱلرَّبُّ مَعَكُمْ، أَقَمْتُ فِي ٱلْجَبَلِ أَرْبَعِينَ نَهَارًا وَأَرْبَعِينَ لَيْلَةً لَا آكُلُ خُبْزًا وَلَا أَشْرَبُ مَاءً. ٩ 9
जब मैं उस वाचा के पत्थर की पटियाओं को जो यहोवा ने तुम से बाँधी थी लेने के लिये पर्वत के ऊपर चढ़ गया, तब चालीस दिन और चालीस रात पर्वत ही के ऊपर रहा; और मैंने न तो रोटी खाई न पानी पिया।
وَأَعْطَانِيَ ٱلرَّبُّ لَوْحَيِ ٱلْحَجَرِ ٱلْمَكْتُوبَيْنِ بِأَصَبِعِ ٱللهِ، وَعَلَيْهِمَا مِثْلُ جَمِيعِ ٱلْكَلِمَاتِ ٱلَّتِي كَلَّمَكُمْ بِهَا ٱلرَّبُّ فِي ٱلْجَبَلِ مِنْ وَسَطِ ٱلنَّارِ فِي يَوْمِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ١٠ 10
१०और यहोवा ने मुझे अपने ही हाथ की लिखी हुई पत्थर की दोनों पटियाओं को सौंप दिया, और वे ही वचन जिन्हें यहोवा ने पर्वत के ऊपर आग के मध्य में से सभा के दिन तुम से कहे थे वे सब उन पर लिखे हुए थे।
وَفِي نِهَايَةِ ٱلْأَرْبَعِينَ نَهَارًا وَٱلْأَرْبَعِينَ لَيْلَةً، لَمَّا أَعْطَانِيَ ٱلرَّبُّ لَوْحَيِ ٱلْحَجَرِ، لَوْحَيِ ٱلْعَهْدِ، ١١ 11
११और चालीस दिन और चालीस रात के बीत जाने पर यहोवा ने पत्थर की वे दो वाचा की पटियाएँ मुझे दे दीं।
قَالَ ٱلرَّبُّ لِي: قُمِ ٱنْزِلْ عَاجِلًا مِنْ هُنَا، لِأَنَّهُ قَدْ فَسَدَ شَعْبُكَ ٱلَّذِي أَخْرَجْتَهُ مِنْ مِصْرَ. زَاغُوا سَرِيعًا عَنِ ٱلطَّرِيقِ ٱلَّتِي أَوْصَيْتُهُمْ. صَنَعُوا لِأَنْفُسِهِمْ تِمْثَالًا مَسْبُوكًا. ١٢ 12
१२और यहोवा ने मुझसे कहा, ‘उठ, यहाँ से झटपट नीचे जा; क्योंकि तेरी प्रजा के लोग जिनको तू मिस्र से निकालकर ले आया है वे बिगड़ गए हैं; जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा मैंने उन्हें दी थी उसको उन्होंने झटपट छोड़ दिया है; अर्थात् उन्होंने तुरन्त अपने लिये एक मूर्ति ढालकर बना ली है।’
وَكَلَّمَنِيَ ٱلرَّبُّ قَائِلًا: رَأَيْتُ هَذَا ٱلشَّعْبَ وَإِذَا هُوَ شَعْبٌ صُلْبُ ٱلرَّقَبَةِ. ١٣ 13
१३“फिर यहोवा ने मुझसे यह भी कहा, ‘मैंने उन लोगों को देख लिया, वे हठीली जाति के लोग हैं;
اُتْرُكْنِي فَأُبِيدَهُمْ وَأَمْحُوَ ٱسْمَهُمْ مِنْ تَحْتِ ٱلسَّمَاءِ، وَأَجْعَلَكَ شَعْبًا أَعْظَمَ وَأَكْثَرَ مِنْهُمْ. ١٤ 14
१४इसलिए अब मुझे तू मत रोक, ताकि मैं उन्हें नष्ट कर डालूँ, और धरती के ऊपर से उनका नाम या चिन्ह तक मिटा डालूँ, और मैं उनसे बढ़कर एक बड़ी और सामर्थी जाति तुझी से उत्पन्न करूँगा।
فَٱنْصَرَفْتُ وَنَزَلْتُ مِنَ ٱلْجَبَلِ، وَٱلْجَبَلُ يَشْتَعِلُ بِٱلنَّارِ، وَلَوْحَا ٱلْعَهْدِ فِي يَدَيَّ. ١٥ 15
१५तब मैं उलटे पैर पर्वत से नीचे उतर चला, और पर्वत अग्नि से दहक रहा था और मेरे दोनों हाथों में वाचा की दोनों पटियाएँ थीं।
«فَنَظَرْتُ وَإِذَا أَنْتُمْ قَدْ أَخْطَأْتُمْ إِلَى ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ، وَصَنَعْتُمْ لِأَنْفُسِكُمْ عِجْلًا مَسْبُوكًا، وَزُغْتُمْ سَرِيعًا عَنِ ٱلطَّرِيقِ ٱلَّتِي أَوْصَاكُمْ بِهَا ٱلرَّبُّ. ١٦ 16
१६और मैंने देखा कि तुम ने अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध महापाप किया; और अपने लिये एक बछड़ा ढालकर बना लिया है, और तुरन्त उस मार्ग से जिस पर चलने की आज्ञा यहोवा ने तुम को दी थी उसको तुम ने तज दिया।
فَأَخَذْتُ ٱللَّوْحَيْنِ وَطَرَحْتُهُمَا مِنْ يَدَيَّ وَكَسَّرْتُهُمَا أَمَامَ أَعْيُنِكُمْ. ١٧ 17
१७तब मैंने उन दोनों पटियाओं को अपने दोनों हाथों से लेकर फेंक दिया, और तुम्हारी आँखों के सामने उनको तोड़ डाला।
ثُمَّ سَقَطْتُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ كَٱلْأَوَّلِ أَرْبَعِينَ نَهَارًا وَأَرْبَعِينَ لَيْلَةً، لَا آكُلُ خُبْزًا وَلَا أَشْرَبُ مَاءً، مِنْ أَجْلِ كُلِّ خَطَايَاكُمُ ٱلَّتِي أَخْطَأْتُمْ بِهَا بِعَمَلِكُمُ ٱلشَّرَّ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِإِغَاظَتِهِ. ١٨ 18
१८तब तुम्हारे उस महापाप के कारण जिसे करके तुम ने यहोवा की दृष्टि में बुराई की, और उसे रिस दिलाई थी, मैं यहोवा के सामने मुँह के बल गिर पड़ा, और पहले के समान, अर्थात् चालीस दिन और चालीस रात तक, न तो रोटी खाई और न पानी पिया।
لِأَنِّي فَزِعْتُ مِنَ ٱلْغَضَبِ وَٱلْغَيْظِ ٱلَّذِي سَخِطَهُ ٱلرَّبُّ عَلَيْكُمْ لِيُبِيدَكُمْ. فَسَمِعَ لِيَ ٱلرَّبُّ تِلْكَ ٱلْمَرَّةَ أَيْضًا. ١٩ 19
१९मैं तो यहोवा के उस कोप और जलजलाहट से डर रहा था, क्योंकि वह तुम से अप्रसन्न होकर तुम्हारा सत्यानाश करने को था। परन्तु यहोवा ने उस बार भी मेरी सुन ली।
وَعَلَى هَارُونَ غَضِبَ ٱلرَّبُّ جِدًّا لِيُبِيدَهُ. فَصَلَّيْتُ أَيْضًا مِنْ أَجْلِ هَارُونَ فِي ذَلِكَ ٱلْوَقْتِ. ٢٠ 20
२०और यहोवा हारून से इतना कोपित हुआ कि उसका भी सत्यानाश करना चाहा; परन्तु उसी समय मैंने हारून के लिये भी प्रार्थना की।
وَأَمَّا خَطِيَّتُكُمُ، ٱلْعِجْلُ ٱلَّذِي صَنَعْتُمُوهُ، فَأَخَذْتُهُ وَأَحْرَقْتُهُ بِٱلنَّارِ، وَرَضَضْتُهُ وَطَحَنْتُهُ جَيِّدًا حَتَّى نَعِمَ كَٱلْغُبَارِ. ثُمَّ طَرَحْتُ غُبَارَهُ فِي ٱلنَّهْرِ ٱلْمُنْحَدِرِ مِنَ ٱلْجَبَلِ. ٢١ 21
२१और मैंने वह बछड़ा जिसे बनाकर तुम पापी हो गए थे लेकर, आग में डालकर फूँक दिया; और फिर उसे पीस-पीसकर ऐसा चूर चूरकर डाला कि वह धूल के समान जीर्ण हो गया; और उसकी उस राख को उस नदी में फेंक दिया जो पर्वत से निकलकर नीचे बहती थी।
«وَفِي تَبْعِيرَةَ وَمَسَّةَ وَقَبَرُوتَ هَتَّأَوَةَ أَسْخَطْتُمُ ٱلرَّبَّ. ٢٢ 22
२२“फिर तबेरा, और मस्सा, और किब्रोतहत्तावा में भी तुम ने यहोवा को रिस दिलाई थी।
وَحِينَ أَرْسَلَكُمُ ٱلرَّبُّ مِنْ قَادَشَ بَرْنِيعَ قَائِلًا: ٱصْعَدُوا ٱمْتَلِكُوا ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَعْطَيْتُكُمْ، عَصَيْتُمْ قَوْلَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ وَلَمْ تُصَدِّقُوهُ وَلَمْ تَسْمَعُوا لِقَوْلِهِ. ٢٣ 23
२३फिर जब यहोवा ने तुम को कादेशबर्ने से यह कहकर भेजा, ‘जाकर उस देश के जिसे मैंने तुम्हें दिया है अधिकारी हो जाओ,’ तब भी तुम ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के विरुद्ध बलवा किया, और न तो उसका विश्वास किया, और न उसकी बात ही मानी।
قَدْ كُنْتُمْ تَعْصُونَ ٱلرَّبَّ مُنْذُ يَوْمَ عَرَفْتُكُمْ. ٢٤ 24
२४जिस दिन से मैं तुम्हें जानता हूँ उस दिन से तुम यहोवा से बलवा ही करते आए हो।
«فَسَقَطْتُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ ٱلْأَرْبَعِينَ نَهَارًا وَٱلْأَرْبَعِينَ لَيْلَةً ٱلَّتِي سَقَطْتُهَا، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ قَالَ إِنَّهُ يُهْلِكُكُمْ. ٢٥ 25
२५“मैं यहोवा के सामने चालीस दिन और चालीस रात मुँह के बल पड़ा रहा, क्योंकि यहोवा ने कह दिया था, कि वह तुम्हारा सत्यानाश करेगा।
وَصَلَّيْتُ لِلرَّبِّ وَقُلْتُ: يَا سَيِّدُ ٱلرَّبُّ، لَا تُهْلِكْ شَعْبَكَ وَمِيرَاثَكَ ٱلَّذِي فَدَيْتَهُ بِعَظَمَتِكَ، ٱلَّذِي أَخْرَجْتَهُ مِنْ مِصْرَ بِيَدٍ شَدِيدَةٍ. ٢٦ 26
२६और मैंने यहोवा से यह प्रार्थना की, ‘हे प्रभु यहोवा, अपना प्रजारूपी निज भाग, जिनको तूने अपने महान प्रताप से छुड़ा लिया है, और जिनको तूने अपने बलवन्त हाथ से मिस्र से निकाल लिया है, उन्हें नष्ट न कर।
اُذْكُرْ عَبِيدَكَ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ. لَا تَلْتَفِتْ إِلَى غَلَاظَةِ هَذَا ٱلشَّعْبِ وَإِثْمِهِ وَخَطِيَّتِهِ، ٢٧ 27
२७अपने दास अब्राहम, इसहाक, और याकूब को स्मरण कर; और इन लोगों की हठ, और दुष्टता, और पाप पर दृष्टि न कर,
لِئَلَّا تَقُولَ ٱلْأَرْضُ ٱلَّتِي أَخْرَجْتَنَا مِنْهَا: لِأَجْلِ أَنَّ ٱلرَّبَّ لَمْ يَقْدِرْ أَنْ يُدْخِلَهُمُ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي كَلَّمَهُمْ عَنْهَا، وَلِأَجْلِ أَنَّهُ أَبْغَضَهُمْ، أَخْرَجَهُمْ لِكَيْ يُمِيتَهُمْ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ. ٢٨ 28
२८जिससे ऐसा न हो कि जिस देश से तू हमको निकालकर ले आया है, वहाँ के लोग कहने लगें, कि यहोवा उन्हें उस देश में जिसके देने का वचन उनको दिया था नहीं पहुँचा सका, और उनसे बैर भी रखता था, इसी कारण उसने उन्हें जंगल में लाकर मार डाला है।’
وَهُمْ شَعْبُكَ وَمِيرَاثُكَ ٱلَّذِي أَخْرَجْتَهُ بِقُوَّتِكَ ٱلْعَظِيمَةِ وَبِذِرَاعِكَ ٱلرَّفِيعَةِ. ٢٩ 29
२९ये लोग तेरी प्रजा और निज भाग हैं, जिनको तूने अपने बड़े सामर्थ्य और बलवन्त भुजा के द्वारा निकाल ले आया है।”

< اَلتَّثْنِيَة 9 >