< اَلتَّثْنِيَة 6 >

«وَهَذِهِ هِيَ ٱلْوَصَايَا وَٱلْفَرَائِضُ وَٱلْأَحْكَامُ ٱلَّتِي أَمَرَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ أَنْ أُعَلِّمَكُمْ لِتَعْمَلُوهَا فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتُمْ عَابِرُونَ إِلَيْهَا لِتَمْتَلِكُوهَا، ١ 1
“यह वह आज्ञा, और वे विधियाँ और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकारी होने को पार जाने पर हो;
لِكَيْ تَتَّقِيَ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ وَتَحْفَظَ جَمِيعَ فَرَائِضِهِ وَوَصَايَاهُ ٱلَّتِي أَنَا أُوصِيكَ بِهَا، أَنْتَ وَٱبْنُكَ وَٱبْنُ ٱبْنِكَ كُلَّ أَيَّامِ حَيَاتِكَ، وَلِكَيْ تَطُولَ أَيَّامُكَ. ٢ 2
और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता परमेश्वर यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूँ, अपने जीवन भर चलते रहें, जिससे तू बहुत दिन तक बना रहे।
فَٱسْمَعْ يَا إِسْرَائِيلُ وَٱحْتَرِزْ لِتَعْمَلَ، لِكَيْ يَكُونَ لَكَ خَيْرٌ وَتَكْثُرَ جِدًّا، كَمَا كَلَّمَكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُ آبَائِكَ فِي أَرْضٍ تَفِيضُ لَبَنًا وَعَسَلًا. ٣ 3
हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिए कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहाँ दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
«اِسْمَعْ يَا إِسْرَائِيلُ: ٱلرَّبُّ إِلَهُنَا رَبٌّ وَاحِدٌ. ٤ 4
“हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
فَتُحِبُّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ مِنْ كُلِّ قَلْبِكَ وَمِنْ كُلِّ نَفْسِكَ وَمِنْ كُلِّ قُوَّتِكَ. ٥ 5
तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे प्राण, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।;
وَلْتَكُنْ هَذِهِ ٱلْكَلِمَاتُ ٱلَّتِي أَنَا أُوصِيكَ بِهَا ٱلْيَوْمَ عَلَى قَلْبِكَ، ٦ 6
और ये आज्ञाएँ जो मैं आज तुझको सुनाता हूँ वे तेरे मन में बनी रहें
وَقُصَّهَا عَلَى أَوْلَادِكَ، وَتَكَلَّمْ بِهَا حِينَ تَجْلِسُ فِي بَيْتِكَ، وَحِينَ تَمْشِي فِي ٱلطَّرِيقِ، وَحِينَ تَنَامُ وَحِينَ تَقُومُ، ٧ 7
और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
وَٱرْبُطْهَا عَلَامَةً عَلَى يَدِكَ، وَلْتَكُنْ عَصَائِبَ بَيْنَ عَيْنَيْكَ، ٨ 8
और इन्हें अपने हाथ पर चिन्ह के रूप में बाँधना, और ये तेरी आँखों के बीच टीके का काम दें।
وَٱكْتُبْهَا عَلَى قَوَائِمِ أَبْوَابِ بَيْتِكَ وَعَلَى أَبْوَابِكَ. ٩ 9
और इन्हें अपने-अपने घर के चौखट की बाजुओं और अपने फाटकों पर लिखना।
«وَمَتَى أَتَى بِكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ إِلَى ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي حَلَفَ لِآبَائِكَ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ أَنْ يُعْطِيَكَ، إِلَى مُدُنٍ عَظِيمَةٍ جَيِّدَةٍ لَمْ تَبْنِهَا، ١٠ 10
१०“जब तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे उस देश में पहुँचाए जिसके विषय में उसने अब्राहम, इसहाक, और याकूब नामक, तेरे पूर्वजों से तुझे देने की शपथ खाई, और जब वह तुझको बड़े-बड़े और अच्छे नगर, जो तूने नहीं बनाए,
وَبُيُوتٍ مَمْلُوءَةٍ كُلَّ خَيْرٍ لَمْ تَمْلَأْهَا، وَأَبَآرٍ مَحْفُورَةٍ لَمْ تَحْفِرْهَا، وَكُرُومٍ وَزَيْتُونٍ لَمْ تَغْرِسْهَا، وَأَكَلْتَ وَشَبِعْتَ، ١١ 11
११और अच्छे-अच्छे पदार्थों से भरे हुए घर, जो तूने नहीं भरे, और खुदे हुए कुएँ, जो तूने नहीं खोदे, और दाख की बारियाँ और जैतून के वृक्ष, जो तूने नहीं लगाए, ये सब वस्तुएँ जब वह दे, और तू खाके तृप्त हो,
فَٱحْتَرِزْ لِئَلَّا تَنْسَى ٱلرَّبَّ ٱلَّذِي أَخْرَجَكَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ مِنْ بَيْتِ ٱلْعُبُودِيَّةِ. ١٢ 12
१२तब सावधान रहना, कहीं ऐसा न हो कि तू यहोवा को भूल जाए, जो तुझे दासत्व के घर अर्थात् मिस्र देश से निकाल लाया है।
ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ تَتَّقِي، وَإِيَّاهُ تَعْبُدُ، وَبِٱسْمِهِ تَحْلِفُ. ١٣ 13
१३अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना, और उसी के नाम की शपथ खाना।
لَا تَسِيرُوا وَرَاءَ آلِهَةٍ أُخْرَى مِنْ آلِهَةِ ٱلْأُمَمِ ٱلَّتِي حَوْلَكُمْ، ١٤ 14
१४तुम पराए देवताओं के, अर्थात् अपने चारों ओर के देशों के लोगों के देवताओं के पीछे न हो लेना;
لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ إِلَهٌ غَيُورٌ فِي وَسَطِكُمْ، لِئَلَّا يَحْمَى غَضَبُ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ عَلَيْكُمْ فَيُبِيدَكُمْ عَنْ وَجْهِ ٱلْأَرْضِ. ١٥ 15
१५क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा जो तेरे बीच में है वह जलन रखनेवाला परमेश्वर है; कहीं ऐसा न हो कि तेरे परमेश्वर यहोवा का कोप तुझ पर भड़के, और वह तुझको पृथ्वी पर से नष्ट कर डाले।
لَا تُجَرِّبُوا ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ كَمَا جَرَّبْتُمُوهُ فِي مَسَّةَ. ١٦ 16
१६“तुम अपने परमेश्वर यहोवा की परीक्षा न करना, जैसे कि तुम ने मस्सा में उसकी परीक्षा की थी।
ٱحْفَظُوا وَصَايَا ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ وَشَهَادَاتِهِ وَفَرَائِضِهِ ٱلَّتِي أَوْصَاكُمْ بِهَا. ١٧ 17
१७अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं, चेतावनियों, और विधियों को, जो उसने तुझको दी हैं, सावधानी से मानना।
وَٱعْمَلِ ٱلصَّالِحَ وَٱلْحَسَنَ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ، لِكَيْ يَكُونَ لَكَ خَيْرٌ، وَتَدْخُلَ وَتَمْتَلِكَ ٱلْأَرْضَ ٱلْجَيِّدَةَ ٱلَّتِي حَلَفَ ٱلرَّبُّ لِآبَائِكَ ١٨ 18
१८और जो काम यहोवा की दृष्टि में ठीक और सुहावना है वही किया करना, जिससे कि तेरा भला हो, और जिस उत्तम देश के विषय में यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाई उसमें तू प्रवेश करके उसका अधिकारी हो जाए,
أَنْ يَنْفِيَ جَمِيعَ أَعْدَائِكَ مِنْ أَمَامِكَ. كَمَا تَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ. ١٩ 19
१९कि तेरे सब शत्रु तेरे सामने से दूर कर दिए जाएँ, जैसा कि यहोवा ने कहा था।
«إِذَا سَأَلَكَ ٱبْنُكَ غَدًا قَائِلًا: مَا هِيَ ٱلشَّهَادَاتُ وَٱلْفَرَائِضُ وَٱلْأَحْكَامُ ٱلَّتِي أَوْصَاكُمْ بِهَا ٱلرَّبُّ إِلَهُنَا؟ ٢٠ 20
२०“फिर आगे को जब तेरी सन्तान तुझ से पूछे, ‘ये चेतावनियाँ और विधि और नियम, जिनके मानने की आज्ञा हमारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को दी है, इनका प्रयोजन क्या है?’
تَقُولُ لِٱبْنِكَ: كُنَّا عَبِيدًا لِفِرْعَوْنَ فِي مِصْرَ، فَأَخْرَجَنَا ٱلرَّبُّ مِنْ مِصْرَ بِيَدٍ شَدِيدَةٍ. ٢١ 21
२१तब अपनी सन्तान से कहना, ‘जब हम मिस्र में फ़िरौन के दास थे, तब यहोवा बलवन्त हाथ से हमको मिस्र में से निकाल ले आया;
وَصَنَعَ ٱلرَّبُّ آيَاتٍ وَعَجَائِبَ عَظِيمَةً وَرَدِيئَةً بِمِصْرَ، بِفِرْعَوْنَ وَجَمِيعِ بَيْتِهِ أَمَامَ أَعْيُنِنَا ٢٢ 22
२२और यहोवा ने हमारे देखते मिस्र में फ़िरौन और उसके सारे घराने को दुःख देनेवाले बड़े-बड़े चिन्ह और चमत्कार दिखाए;
وَأَخْرَجَنَا مِنْ هُنَاكَ لِكَيْ يَأْتِيَ بِنَا وَيُعْطِيَنَا ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي حَلَفَ لِآبَائِنَا. ٢٣ 23
२३और हमको वह वहाँ से निकाल लाया, इसलिए कि हमें इस देश में पहुँचाकर, जिसके विषय में उसने हमारे पूर्वजों से शपथ खाई थी, इसको हमें सौंप दे।
فَأَمَرَنَا ٱلرَّبُّ أَنْ نَعْمَلَ جَمِيعَ هَذِهِ ٱلْفَرَائِضَ وَنَتَّقِيَ ٱلرَّبَّ إِلَهَنَا، لِيَكُونَ لَنَا خَيْرٌ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ، وَيَسْتَبْقِيَنَا كَمَا فِي هَذَا ٱلْيَوْمِ. ٢٤ 24
२४और यहोवा ने हमें ये सब विधियाँ पालन करने की आज्ञा दी, इसलिए कि हम अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और इस रीति सदैव हमारा भला हो, और वह हमको जीवित रखे, जैसा कि आज के दिन है।
وَإِنَّهُ يَكُونُ لَنَا بِرٌّ إِذَا حَفِظْنَا جَمِيعَ هَذِهِ ٱلْوَصَايَا لِنَعْمَلَهَا أَمَامَ ٱلرَّبِّ إِلَهِنَا كَمَا أَوْصَانَا. ٢٥ 25
२५और यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में उसकी आज्ञा के अनुसार इन सारे नियमों के मानने में चौकसी करें, तो यह हमारे लिये धार्मिकता ठहरेगा।’

< اَلتَّثْنِيَة 6 >