< اَلتَّثْنِيَة 31 >

فَذَهَبَ مُوسَى وَكَلَّمَ بِهَذِهِ ٱلْكَلِمَاتِ جَمِيعَ إِسْرَائِيلَ، ١ 1
इन सबके बाद मोशेह ने सारे इस्राएल से यह कहा:
وَقَالَ لَهُمْ: «أَنَا ٱلْيَوْمَ ٱبْنُ مِئَةٍ وَعِشْرِينَ سَنَةً. لَا أَسْتَطِيعُ ٱلْخُرُوجَ وَٱلدُّخُولَ بَعْدُ، وَٱلرَّبُّ قَدْ قَالَ لِي: لَا تَعْبُرُ هَذَا ٱلْأُرْدُنَّ. ٢ 2
“मेरी उम्र एक सौ बीस साल की हो चुकी है; अब मुझमें वह पहले के समान क्षमता नहीं रह गई है. याहवेह ने मुझे आदेश दिया है, ‘तुम इस यरदन नदी को पार नहीं करोगे.’
ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ هُوَ عَابِرٌ قُدَّامَكَ. هُوَ يُبِيدُ هَؤُلَاءِ ٱلْأُمَمَ مِنْ قُدَّامِكَ فَتَرِثُهُمْ. يَشُوعُ عَابِرٌ قُدَّامَكَ، كَمَا قَالَ ٱلرَّبُّ. ٣ 3
याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ही तुम्हारे आगे हो यरदन नदी को पार करेंगे. तुम्हारे वहां पहुंचने के पहले वह इन जनताओं को नाश कर देंगे और तुम उन्हें उनके देश से वंचित कर दोगे. जो तुम्हारा अगुआ हो यरदन नदी पार करेगा, वह व्यक्ति यहोशू है ठीक जैसा याहवेह ने तय कर दिया है.
وَيَفْعَلُ ٱلرَّبُّ بِهِمْ كَمَا فَعَلَ بِسِيحُونَ وَعُوجَ مَلِكَيِ ٱلْأَمُورِيِّينَ ٱللَّذَيْنِ أَهْلَكَهُمَا، وَبِأَرْضِهِمَا. ٤ 4
याहवेह का व्यवहार उनके साथ वही होगा, जो अमोरियों के राजा सीहोन और ओग के साथ था, जब उन्होंने उन्हें और उनके देश को नाश किया था.
فَمَتَى دَفَعَهُمُ ٱلرَّبُّ أَمَامَكُمْ تَفْعَلُونَ بِهِمْ حَسَبَ كُلِّ ٱلْوَصَايَا ٱلَّتِي أَوْصَيْتُكُمْ بِهَا. ٥ 5
याहवेह उन्हें तुम्हारे सामने समर्पित कर देंगे. उनके साथ तुम्हारी नीति वही होगी, जो मेरे द्वारा स्पष्ट किए गए सारे आदेशों में है.
تَشَدَّدُوا وَتَشَجَّعُوا. لَا تَخَافُوا وَلَا تَرْهَبُوا وُجُوهَهُمْ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ سَائِرٌ مَعَكَ. لَا يُهْمِلُكَ وَلَا يَتْرُكُكَ». ٦ 6
दृढ़ और साहसी बने रहना. तुम उनसे न भयभीत होना, न कांपने लगना; क्योंकि जो तुम्हारे साथ चल रहे होंगे, वह याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हैं. वह न तो तुम्हें निराश करेंगे और न ही तुम्हारा त्याग करेंगे.”
فَدَعَا مُوسَى يَشُوعَ، وَقَالَ لَهُ أَمَامَ أَعْيُنِ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ: «تَشَدَّدْ وَتَشَجَّعْ، لِأَنَّكَ أَنْتَ تَدْخُلُ مَعَ هَذَا ٱلشَّعْبِ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَقْسَمَ ٱلرَّبُّ لِآبَائِهِمْ أَنْ يُعْطِيَهُمْ إِيَّاهَا، وَأَنْتَ تَقْسِمُهَا لَهُمْ. ٧ 7
इसके बाद मोशेह ने यहोशू को समस्त इस्राएल के सामने बुलाकर उन्हें आदेश दिया, “सुदृढ़ होकर साहसी बन जाओ, क्योंकि तुम्हीं इन लोगों के साथ उस देश में जाओगे, जिसे प्रदान करने की प्रतिज्ञा याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों से की थी, और तुम्हीं वह देश इन्हें मीरास के रूप में प्रदान करोगे.
وَٱلرَّبُّ سَائِرٌ أَمَامَكَ. هُوَ يَكُونُ مَعَكَ. لَا يُهْمِلُكَ وَلَا يَتْرُكُكَ. لَا تَخَفْ وَلَا تَرْتَعِبْ». ٨ 8
वह, याहवेह ही हैं, जो तुम्हारे अगुए होंगे. वह तुम्हारे साथ साथ रहेंगे, वह न तुम्हें निराश करेंगे और न ही तुम्हारा साथ छोड़ेंगे. तुम न तो भयभीत होना और न हतोत्साहित.”
وَكَتَبَ مُوسَى هَذِهِ ٱلتَّوْرَاةَ وَسَلَّمَهَا لِلْكَهَنَةِ بَنِي لَاوِي حَامِلِي تَابُوتِ عَهْدِ ٱلرَّبِّ، وَلِجَمِيعِ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ. ٩ 9
इसके बाद मोशेह ने इस व्यवस्था को लिखकर पुरोहितों को, जो लेवी वंशज थे, जो याहवेह की वाचा का संदूक उठाने के लिए तय किए गए थे, और इस्राएल के सारी पुरनियों को सौंप दिया.
وَأَمَرَهُمْ مُوسَى قَائِلًا: «فِي نِهَايَةِ ٱلسَّبْعِ ٱلسِّنِينَ، فِي مِيعَادِ سَنَةِ ٱلْإِبْرَاءِ، فِي عِيدِ ٱلْمَظَالِّ، ١٠ 10
इसके बाद मोशेह ने उन्हें यह आदेश दिया, “हर एक सात साल के बीतने पर, जो ऋण-माफ़ करने का साल होता है, कुटीर उत्सव के अवसर पर,
حِينَمَا يَجِيءُ جَمِيعُ إِسْرَائِيلَ لِكَيْ يَظْهَرُوا أَمَامَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ فِي ٱلْمَكَانِ ٱلَّذِي يَخْتَارُهُ، تَقْرَأُ هَذِهِ ٱلتَّوْرَاةَ أَمَامَ كُلِّ إِسْرَائِيلَ فِي مَسَامِعِهِمْ. ١١ 11
जब सारा इस्राएल याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने उस स्थान पर उपस्थित होता है, जिसे वह खुद चुनेंगे, तब तुम यह व्यवस्था इस ढंग से पढ़ोगे, कि इसे सारा इस्राएल सुन ले.
اِجْمَعِ ٱلشَّعْبَ، ٱلرِّجَالَ وَٱلنِّسَاءَ وَٱلْأَطْفَالَ وَٱلْغَرِيبَ ٱلَّذِي فِي أَبْوَابِكَ، لِكَيْ يَسْمَعُوا وَيَتَعَلَّمُوا أَنْ يَتَّقُوا ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ وَيَحْرِصُوا أَنْ يَعْمَلُوا بِجَمِيعِ كَلِمَاتِ هَذِهِ ٱلتَّوْرَاةِ. ١٢ 12
पुरुषों, स्त्रियों, बालकों और तुम्हारे नगरों में निवास कर रहे उस विदेशी को एकत्र करो, कि वे इसे सुनें और याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा धारण करना सीख लें, और इस व्यवस्था के समग्र मर्म का सावधानीपूर्वक पालन किया करें.
وَأَوْلَادُهُمُ ٱلَّذِينَ لَمْ يَعْرِفُوا، يَسْمَعُونَ وَيَتَعَلَّمُونَ أَنْ يَتَّقُوا ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ ٱلَّتِي تَحْيَوْنَ فِيهَا عَلَى ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتُمْ عَابِرُونَ ٱلْأُرْدُنَّ إِلَيْهَا لِكَيْ تَمْتَلِكُوهَا». ١٣ 13
इसके अलावा उनके वे बालक, जिन्हें इस विषय का कोई बोध नहीं है, यह सुनकर तुम जिस देश पर अधिकार करने के लिए यरदन नदी पार करने पर हो, उस देश में तुम जब तक जीवित रहोगे तब तक याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा रखना सीख सकें.”
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «هُوَذَا أَيَّامُكَ قَدْ قَرُبَتْ لِكَيْ تَمُوتَ. اُدْعُ يَشُوعَ، وَقِفَا فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ لِكَيْ أُوصِيَهُ». فَٱنْطَلَقَ مُوسَى وَيَشُوعُ وَوَقَفَا فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، ١٤ 14
इसके बाद याहवेह ने मोशेह को सूचित किया, “सुनो, तुम्हारे प्राण त्यागने का समय निकट है; यहोशू को अपने साथ लेकर मिलनवाले तंबू में उपस्थित हो जाओ, कि मैं उसे तेरे स्थान पर नियुक्त कर सकूं.” तब मोशेह और यहोशू ने स्वयं को वहां मिलनवाले तंबू में प्रस्तुत किया.
فَتَرَاءَى ٱلرَّبُّ فِي ٱلْخَيْمَةِ فِي عَمُودِ سَحَابٍ، وَوَقَفَ عَمُودُ ٱلسَّحَابِ عَلَى بَابِ ٱلْخَيْمَةِ. ١٥ 15
छावनी में याहवेह बादल के खंभे में प्रकट हुए. यह मेघ-स्तंभ छावनी के प्रवेश पर ठहर गया.
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «هَا أَنْتَ تَرْقُدُ مَعَ آبَائِكَ، فَيَقُومُ هَذَا ٱلشَّعْبُ وَيَفْجُرُ وَرَاءَ آلِهَةِ ٱلْأَجْنَبِيِّينَ فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي هُوَ دَاخِلٌ إِلَيْهَا فِي مَا بَيْنَهُمْ، وَيَتْرُكُنِي وَيَنْكُثُ عَهْدِي ٱلَّذِي قَطَعْتُهُ مَعَهُ. ١٦ 16
याहवेह ने मोशेह से कहा, “सुनो, तुम अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए मिल जाने पर हो. ये लोग तो उस देश के पराए देवताओं से प्रभावित हो, मेरे साथ मेरे द्वारा स्थापित की गई वाचा भंग कर, मेरा त्याग कर देंगे, और मेरे साथ वैवाहिक विश्वासघात कर देंगे.
فَيَشْتَعِلُ غَضَبِي عَلَيْهِ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ، وَأَتْرُكُهُ وَأَحْجُبُ وَجْهِي عَنْهُ، فَيَكُونُ مَأْكُلَةً، وَتُصِيبُهُ شُرُورٌ كَثِيرَةٌ وَشَدَائِدُ حَتَّى يَقُولَ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ: أَمَا لِأَنَّ إِلَهِي لَيْسَ فِي وَسَطِي أَصَابَتْنِي هَذِهِ ٱلشُّرُورُ! ١٧ 17
उस स्थिति में उनके विरुद्ध मेरा कोप भड़क जाएगा. उस स्थिति में मैं उनसे अपना मुखमंडल छिपाकर उनका त्याग कर दूंगा, और वे काल का कौर हो जाएंगे. उन पर अनेक अनिष्ट और कष्ट आ पड़ेंगे, परिणामस्वरूप, वे कह उठेंगे, ‘क्या, हमारे बीच हमारे परमेश्वर की अनुपस्थिति नहीं, हम पर इन विपत्तियां आने की वजह?’
وَأَنَا أَحْجُبُ وَجْهِي فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ لِأَجْلِ جَمِيعِ ٱلشَّرِّ ٱلَّذِي عَمِلَهُ، إِذِ ٱلْتَفَتَ إِلَى آلِهَةٍ أُخْرَى. ١٨ 18
मगर इतना तो निश्चित है, कि इस स्थिति में मैं उनसे विमुख हो ही जाऊंगा, क्योंकि उन्होंने परकीय देवताओं की ओर उन्मुख होने का कुकर्म किया है.
فَٱلْآنَ ٱكْتُبُوا لِأَنْفُسِكُمْ هَذَا ٱلنَّشِيدَ، وَعَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ إِيَّاهُ. ضَعْهُ فِي أَفْوَاهِهِمْ لِكَيْ يَكُونَ لِي هَذَا ٱلنَّشِيدُ شَاهِدًا عَلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ. ١٩ 19
“इसलिए अब, इस गीत की रचना करो और यह सारे इस्राएलियों को सिखा दो, कि यह गीत उनके होंठों पर बस जाए, कि यह गीत इस्राएलियों के प्रति मेरे लिए गवाह हो जाए.
لِأَنِّي أُدْخِلُهُمُ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَقْسَمْتُ لِآبَائِهِمِ، ٱلْفَائِضَةَ لَبَنًا وَعَسَلًا، فَيَأْكُلُونَ وَيَشْبَعُونَ وَيَسْمَنُونَ، ثُمَّ يَلْتَفِتُونَ إِلَى آلِهَةٍ أُخْرَى وَيَعْبُدُونَهَا وَيَزْدَرُونَ بِي وَيَنْكُثُونَ عَهْدِي. ٢٠ 20
क्योंकि जब वे मेरे साथ इस देश में प्रवेश करेंगे, जहां, दुग्ध और मधु का बाहुल्य है, जिसकी प्रतिज्ञा मैंने उनके पूर्वजों से की थी, जब वे वहां इनके उपभोग से तृप्‍त हो जाएंगे, जहां वे समृद्ध हो जाएंगे, तब वे पराए देवताओं की ओर उन्मुख होकर उनकी उपासना करने लगेंगे, मेरी उपेक्षा करते हुए मेरी वाचा को भंग कर देंगे.
فَمَتَى أَصَابَتْهُ شُرُورٌ كَثِيرَةٌ وَشَدَائِدُ، يُجَاوِبُ هَذَا ٱلنَّشِيدُ أَمَامَهُ شَاهِدًا، لِأَنَّهُ لَا يُنْسَى مِنْ أَفْوَاهِ نَسْلِهِ. إِنِّي عَرَفْتُ فِكْرَهُ ٱلَّذِي يَفْكِرُ بِهِ ٱلْيَوْمَ قَبْلَ أَنْ أُدْخِلَهُ إِلَى ٱلْأَرْضِ كَمَا أَقْسَمْتُ». ٢١ 21
फिर होगा यह कि अनेक विपत्तियां और आपदाएं उन्हें छा लेंगी, तब यह गीत उनके सामने एक गवाह हो जाएगा, क्योंकि उनके वंशज इस गीत को भुला न पाएंगे. मुझे तो आज ही यह मालूम है कि कौन सी योजना उनके मन में अंकुरित हो रही है, जबकि अभी तक मैंने उन्हें पराए देश में प्रवेश नहीं करवाया है.”
فَكَتَبَ مُوسَى هَذَا ٱلنَّشِيدَ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ وَعَلَّمَ بَنِي إِسْرَائِيلَ إِيَّاهُ. ٢٢ 22
तब मोशेह ने उसी दिन इस गीत की रचना की और इसे इस्राएलियों को सिखा दिया.
وَأَوْصَى يَشُوعَ بْنَ نُونَ وَقَالَ: «تَشَدَّدْ وَتَشَجَّعْ، لِأَنَّكَ أَنْتَ تَدْخُلُ بِبَنِي إِسْرَائِيلَ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَقْسَمْتُ لَهُمْ عَنْهَا، وَأَنَا أَكُونُ مَعَكَ». ٢٣ 23
इसके बाद याहवेह ने नून के पुत्र यहोशू को आदेश दिया, “मजबूत हो जाओ और साहस बनाए रखो, क्योंकि तुम्हीं हो, जो इन इस्राएलियों को उस देश में लेकर जाओगे, जिसकी प्रतिज्ञा मैंने उनसे की थी. मैं तुम्हारे साथ रहूंगा.”
فَعِنْدَمَا كَمَّلَ مُوسَى كِتَابَةَ كَلِمَاتِ هَذِهِ ٱلتَّوْرَاةِ فِي كِتَابٍ إِلَى تَمَامِهَا، ٢٤ 24
जब मोशेह ने व्यवस्था के इन शब्दों को एक पुस्तक में लिखना समाप्‍त कर लिया,
أَمَرَ مُوسَى ٱللَّاوِيِّينَ حَامِلِي تَابُوتِ عَهْدِ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: ٢٥ 25
मोशेह ने उन लेवियों को, जो याहवेह की वाचा के संदूक को उठाने के लिए चुने गए हैं, यह आदेश दिया,
«خُذُوا كِتَابَ ٱلتَّوْرَاةِ هَذَا وَضَعُوهُ بِجَانِبِ تَابُوتِ عَهْدِ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ، لِيَكُونَ هُنَاكَ شَاهِدًا عَلَيْكُمْ. ٢٦ 26
“व्यवस्था के इस ग्रंथ को लेकर याहवेह, अपने परमेश्वर की वाचा के संदूक के पास रख दो, कि यह वहां तुम्हारे लिए गवाह के रूप में बना रहे.
لِأَنِّي أَنَا عَارِفٌ تَمَرُّدَكُمْ وَرِقَابَكُمُ ٱلصُّلْبَةَ. هُوَذَا وَأَنَا بَعْدُ حَيٌّ مَعَكُمُ ٱلْيَوْمَ، قَدْ صِرْتُمْ تُقَاوِمُونَ ٱلرَّبَّ، فَكَمْ بِٱلْحَرِيِّ بَعْدَ مَوْتِي! ٢٧ 27
मुझे तुम्हारा विद्रोह और तुम्हारा हठ मालूम है. अब यह समझ लो: जब आज मैं तुम्हारे बीच जीवित हूं, तुम याहवेह के प्रति इस प्रकार विद्रोही रहे हो; तो मेरी मृत्यु के बाद और कितने अधिक न हो जाओगे!
اِجْمَعُوا إِلَيَّ كُلَّ شُيُوخِ أَسْبَاطِكُمْ وَعُرَفَاءَكُمْ لِأَنْطِقَ فِي مَسَامِعِهِمْ بِهَذِهِ ٱلْكَلِمَاتِ، وَأُشْهِدَ عَلَيْهِمِ ٱلسَّمَاءَ وَٱلْأَرْضَ. ٢٨ 28
अब अपने-अपने गोत्रों के सारे पुरनियों और अधिकारियों को मेरे सामने ले आओ, कि मैं उन्हें यह बातें सुना दूं और आकाश और पृथ्वी को उनके विरुद्ध गवाह बना दूं.
لِأَنِّي عَارِفٌ أَنَّكُمْ بَعْدَ مَوْتِي تَفْسِدُونَ وَتَزِيغُونَ عَنِ ٱلطَّرِيقِ ٱلَّذِي أَوْصَيْتُكُمْ بِهِ، وَيُصِيبُكُمُ ٱلشَّرُّ فِي آخِرِ ٱلْأَيَّامِ لِأَنَّكُمْ تَعْمَلُونَ ٱلشَّرَّ أَمَامَ ٱلرَّبِّ حَتَّى تُغِيظُوهُ بِأَعْمَالِ أَيْدِيكُمْ». ٢٩ 29
क्योंकि मुझे यह मालूम है कि मेरी मृत्यु के बाद तुम भ्रष्‍ट हो जाओगे और उस नीति से दूर हो जाओगे, जिसका मैंने तुम्हें आदेश दिया है. अंततः तुम पर कष्ट आ ही पड़ेगा; क्योंकि तुम वही कर रहे होगे, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है. तुम अपने हाथों के कामों के द्वारा याहवेह के क्रोध को भड़का दोगे.”
فَنَطَقَ مُوسَى فِي مَسَامِعِ كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ بِكَلِمَاتِ هَذَا ٱلنَّشِيدِ إِلَى تَمَامِهِ: ٣٠ 30
तब मोशेह ने इस्राएल की सारी प्रजा को सुनाते हुए इस गीत के सारे शब्द पढ़ दिए:

< اَلتَّثْنِيَة 31 >