< اَلتَّثْنِيَة 22 >

«لَا تَنْظُرْ ثَوْرَ أَخِيكَ أَوْ شَاتَهُ شَارِدًا وَتَتَغَاضَى عَنْهُ، بَلْ تَرُدُّهُ إِلَى أَخِيكَ لَا مَحَالَةَ. ١ 1
तुम अपने इस्राएली भाई के किसी बैल अथवा भेड़ को भटकते देखकर उसकी उपेक्षा नहीं करोगे. निश्चयतः तुम उसे उसके स्वामी के घर पर छोड़ दोगे.
وَإِنْ لَمْ يَكُنْ أَخُوكَ قَرِيبًا مِنْكَ أَوْ لَمْ تَعْرِفْهُ، فَضُمَّهُ إِلَى دَاخِلِ بَيْتِكَ. وَيَكُونُ عِنْدَكَ حَتَّى يَطْلُبَهُ أَخُوكَ، حِينَئِذٍ تَرُدُّهُ إِلَيْهِ. ٢ 2
यदि वह इस्राएली तुम्हारे निकट नहीं रहता, अथवा यदि तुम उससे परिचित नहीं हो, तब तुम उस पशु को अपने ही घर पर ले आओगे और वह उस समय तक तुम्हारी देखरेख में रहेगा, जब तक उसका स्वामी उसकी खोज करता हुआ तुम्हारे घर तक न आ पहुंचे. तब तुम उसे लौटा दोगे.
وَهَكَذَا تَفْعَلُ بِحِمَارِهِ، وَهَكَذَا تَفْعَلُ بِثِيَابِهِ، وَهَكَذَا تَفْعَلُ بِكُلِّ مَفْقُودٍ لِأَخِيكَ يُفْقَدُ مِنْهُ وَتَجِدُهُ. لَا يَحِلُّ لَكَ أَنْ تَتَغَاضَى. ٣ 3
यही तुम उसके गधे के साथ, उसके वस्त्र के साथ, उसकी किसी भी खोई हुई वस्तु के साथ करोगे, जो तुम्हें प्राप्‍त हो गई है. तुम इनकी अनदेखी न करो.
لَا تَنْظُرْ حِمَارَ أَخِيكَ أَوْ ثَوْرَهُ وَاقِعًا فِي ٱلطَّرِيقِ وَتَتَغَافَلُ عَنْهُ بَلْ تُقِيمُهُ مَعَهُ لَا مَحَالَةَ. ٤ 4
यदि तुम्हारे किसी स्वदेशी का गधा अथवा बैल मार्ग में गिर पड़ा है, तो तुम उसकी उपेक्षा नहीं करोगे. तुम्हें उन्हें उठाकर खड़ा करने में सहायता करनी ही होगी.
«لَا يَكُنْ مَتَاعُ رَجُلٍ عَلَى ٱمْرَأَةٍ، وَلَا يَلْبَسْ رَجُلٌ ثَوْبَ ٱمْرَأَةٍ، لِأَنَّ كُلَّ مَنْ يَعْمَلُ ذَلِكَ مَكْرُوهٌ لَدَى ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ. ٥ 5
कोई भी स्त्री-पुरुष के वस्त्र धारण नहीं करेगी और न ही कोई पुरुष स्त्री के; क्योंकि जो कोई यह करता है, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के लिए घृणित है.
«إِذَا ٱتَّفَقَ قُدَّامَكَ عُشُّ طَائِرٍ فِي ٱلطَّرِيقِ فِي شَجَرَةٍ مَّا أَوْ عَلَى ٱلْأَرْضِ، فِيهِ فِرَاخٌ أَوْ بَيْضٌ، وَٱلْأُمُّ حَاضِنَةٌ ٱلْفِرَاخَ أَوِ ٱلْبَيْضَ، فَلَا تَأْخُذِ ٱلْأُمَّ مَعَ ٱلْأَوْلَادِ. ٦ 6
यदि तुम्हें मार्ग में किसी वृक्ष में अथवा भूमि पर किसी पक्षी का नीड़ मिल जाए, जिसमें उसके चूज़े अथवा अंडे हों, और माता पक्षी उन चूज़ों अथवा अण्डों को सहेजे बैठी हो,
أَطْلِقِ ٱلْأُمَّ وَخُذْ لِنَفْسِكَ ٱلْأَوْلَادَ، لِكَيْ يَكُونَ لَكَ خَيْرٌ وَتُطِيلَ ٱلْأَيَّامَ. ٧ 7
तुम उस माता पक्षी को उसके चूज़ों से अलग नहीं करोगे, ताकि तुम्हारा भला हो और तुम्हारी उम्र बहुत बढ़ जाए.
«إِذَا بَنَيْتَ بَيْتًا جَدِيدًا، فَٱعْمَلْ حَائِطًا لِسَطْحِكَ لِئَلَّا تَجْلِبَ دَمًا عَلَى بَيْتِكَ إِذَا سَقَطَ عَنْهُ سَاقِطٌ. ٨ 8
जब तुम नए घर का निर्माण करो, तो तुम अपने लिए छत के लिए एक मुण्डेर ज़रूर बनवाना, जिससे कि तुम खुद पर हत्या का दोष न ले आओ, यदि कोई छत से नीचे आ गिरे.
«لَا تَزْرَعْ حَقْلَكَ صِنْفَيْنِ، لِئَلَّا يَتَقَدَّسَ ٱلْمِلْءُ: ٱلزَّرْعُ ٱلَّذِي تَزْرَعُ وَمَحْصُولُ ٱلْحَقْلِ. ٩ 9
अपने अंगूर के बगीचे में तुम दो विभिन्‍न प्रकार के बीजों को नहीं बोओगे, नहीं तो उन दोनों बीजों की समग्र उपज दूषित हो जाएगी.
لَا تَحْرُثْ عَلَى ثَوْرٍ وَحِمَارٍ مَعًا. ١٠ 10
अपने हल में तुम बैल और गधे को साथ साथ नहीं जोतोगे.
لَا تَلْبَسْ ثَوْبًا مُخْتَلَطًا صُوفًا وَكَتَّانًا مَعًا. ١١ 11
तुम ऐसा वस्त्र धारण नहीं करोगे, जो ऊन और सन के मिश्रण से तैयार किया गया है.
«اِعْمَلْ لِنَفْسِكَ جَدَائِلَ عَلَى أَرْبَعَةِ أَطْرَافِ ثَوْبِكَ ٱلَّذِي تَتَغَطَّى بِهِ. ١٢ 12
तुम अपने बाहरी वस्त्र के चारों कोनों पर फुन्दनों को बनाया करोगे.
«إِذَا ٱتَّخَذَ رَجُلٌ ٱمْرَأَةً وَحِينَ دَخَلَ عَلَيْهَا أَبْغَضَهَا، ١٣ 13
यदि कोई पुरुष विवाह करता, पत्नी से शारीरिक संबंध करता और उससे अलग हो जाता है,
وَنَسَبَ إِلَيْهَا أَسْبَابَ كَلَامٍ، وَأَشَاعَ عَنْهَا ٱسْمًا رَدِيًّا، وَقَالَ: هَذِهِ ٱلْمَرْأَةُ ٱتَّخَذْتُهَا وَلَمَّا دَنَوْتُ مِنْهَا لَمْ أَجِدْ لَهَا عُذْرَةً. ١٤ 14
इसके बाद उस पर निंदनीय कामों का आरोप लगाता है; यहां तक कि वह सार्वजनिक रूप से उस पर ये सारे लांछन भी लगाने लगता है, “मैंने इस स्त्री से विवाह किया मगर संबंध के समय पर मुझे उसमें कुंवारीपन के कोई लक्षण प्राप्‍त न हुए.”
يَأْخُذُ ٱلْفَتَاةَ أَبُوهَا وَأُمُّهَا وَيُخْرِجَانِ عَلَامَةَ عُذْرَتِهَا إِلَى شُيُوخِ ٱلْمَدِينَةِ إِلَى ٱلْبَابِ، ١٥ 15
तब कन्या के माता-पिता कन्या के कुंवारीपन का सबूत लेकर नगर प्रवेश पर नगर पुरनियों के सामने प्रस्तुत करेंगे.
وَيَقُولُ أَبُو ٱلْفَتَاةِ لِلشُّيُوخِ: أَعْطَيْتُ هَذَا ٱلرَّجُلَ ٱبْنَتِي زَوْجَةً فَأَبْغَضَهَا. ١٦ 16
कन्या का पिता पुरनियों से कहेगा, “मैंने इस पुरुष से अपनी पुत्री का विवाह किया, मगर वह उसे अप्रिय लगने लगी है.
وَهَا هُوَ قَدْ جَعَلَ أَسْبَابَ كَلَامٍ قَائِلًا: لَمْ أَجِدْ لِبِنْتِكَ عُذْرَةً. وَهَذِهِ عَلَامَةُ عُذْرَةِ ٱبْنَتِي. وَيَبْسُطَانِ ٱلثَّوْبَ أَمَامَ شُيُوخِ ٱلْمَدِينَةِ. ١٧ 17
यह भी देखिए कि वह हमारी पुत्री पर लज्जास्पद लांछन लगा रहा है! वह यहां तक घोषित कर रहा है मुझे आपकी पुत्री में कुंवारीपन का चिह्न प्राप्‍त नहीं हुआ.” मगर यह देखिए: यह है हमारी पुत्री के कुंवारीपन का सबूत. माता-पिता उस वस्त्र को उन पुरनियों के सामने फैला देंगे,
فَيَأْخُذُ شُيُوخُ تِلْكَ ٱلْمَدِينَةِ ٱلرَّجُلَ وَيُؤَدِّبُونَهُ ١٨ 18
फिर नगर पुरनिए उस व्यक्ति को प्रताड़ित करेंगे.
وَيُغْرِمُونَهُ بِمِئَةٍ مِنَ ٱلْفِضَّةِ، وَيُعْطُونَهَا لِأَبِي ٱلْفَتَاةِ، لِأَنَّهُ أَشَاعَ ٱسْمًا رَدِيًّا عَنْ عَذْرَاءَ مِنْ إِسْرَائِيلَ. فَتَكُونُ لَهُ زَوْجَةً. لَا يَقْدِرُ أَنْ يُطَلِّقَهَا كُلَّ أَيَّامِهِ. ١٩ 19
वे उस पुरुष पर चांदी के एक सौ शेकेल का जुर्माना आरोपित करेंगे, जिसे लेकर वे उस कन्या के पिता को सौंप देंगे. कारण यह है कि उस पुरुष ने इस्राएल की उस कुंवारी कन्या को सार्वजनिक रूप से कलंकित किया है. वह आजीवन उसकी पत्नी रहेगी, उनका तलाक कभी न होगा.
«وَلَكِنْ إِنْ كَانَ هَذَا ٱلْأَمْرُ صَحِيحًا، لَمْ تُوجَدْ عُذْرَةٌ لِلْفَتَاةِ. ٢٠ 20
मगर यदि इसके विपरीत उस पुरुष का यह आरोप सत्य साबित हो जाता है, वह कन्या कुंवारी नहीं थी,
يُخْرِجُونَ ٱلْفَتَاةَ إِلَى بَابِ بَيْتِ أَبِيهَا، وَيَرْجُمُهَا رِجَالُ مَدِينَتِهَا بِٱلْحِجَارَةِ حَتَّى تَمُوتَ، لِأَنَّهَا عَمِلَتْ قَبَاحَةً فِي إِسْرَائِيلَ بِزِنَاهَا فِي بَيْتِ أَبِيهَا. فَتَنْزِعُ ٱلشَّرَّ مِنْ وَسَطِكَ. ٢١ 21
तब वे उस कन्या को उसके पिता के घर के द्वार पर लाएंगे और उस नगर के पुरुष उसको पथराव करके मार डालेंगे, क्योंकि उसने इस्राएल में यह अनाचार किया और अपने पिता के घर में ही वेश्यावृत्ति की है. यह करने के द्वारा तुम अपने बीच से बुराई को दूर कर दोगे.
«إِذَا وُجِدَ رَجُلٌ مُضْطَجِعًا مَعَ ٱمْرَأَةٍ زَوْجَةِ بَعْلٍ، يُقْتَلُ ٱلِٱثْنَانِ: ٱلرَّجُلُ ٱلْمُضْطَجِعُ مَعَ ٱلْمَرْأَةِ، وَٱلْمَرْأَةُ. فَتَنْزِعُ ٱلشَّرَّ مِنْ إِسْرَائِيلَ. ٢٢ 22
यदि कोई पुरुष किसी दूसरे व्यक्ति की पत्नी के साथ संबंध बनाते हुए पाया जाए, तो दोनों ही मृत्यु दंड के योग्य हैं; वह पुरुष, जो उस स्त्री से संबंध बना रहा था और वह स्त्री भी. उस प्रकार तुम इस्राएल में से बुराई को दूर करोगे.
«إِذَا كَانَتْ فَتَاةٌ عَذْرَاءُ مَخْطُوبَةً لِرَجُلٍ، فَوَجَدَهَا رَجُلٌ فِي ٱلْمَدِينَةِ وَٱضْطَجَعَ مَعَهَا، ٢٣ 23
यदि किसी कुंवारी कन्या जिसकी सगाई हो चुकी है, उससे कोई अन्य पुरुष नगर सीमा के भीतर ही संबंध बनाता है,
فَأَخْرِجُوهُمَا كِلَيْهِمَا إِلَى بَابِ تِلْكَ ٱلْمَدِينَةِ وَٱرْجُمُوهُمَا بِٱلْحِجَارَةِ حَتَّى يَمُوتَا. ٱلْفَتَاةُ مِنْ أَجْلِ أَنَّهَا لَمْ تَصْرُخْ فِي ٱلْمَدِينَةِ، وَٱلرَّجُلُ مِنْ أَجْلِ أَنَّهُ أَذَلَّ ٱمْرَأَةَ صَاحِبِهِ. فَتَنْزِعُ ٱلشَّرَّ مِنْ وَسَطِكَ. ٢٤ 24
तब तुम उन दोनों को नगर फाटक से बाहर ले जाओगे और दोनों ही को पथराव करके मार दोगे; कन्या का इसलिये कि उसने नगर में होने पर भी सहायता की गुहार नहीं लगाई और पुरुष का इसलिये कि उसने पड़ोसी की स्त्री का शीलभंग किया है. यह करके तुम अपने बीच से अनिष्ट का बहिष्कार कर दोगे.
وَلَكِنْ إِنْ وَجَدَ ٱلرَّجُلُ ٱلْفَتَاةَ ٱلْمَخْطُوبَةَ فِي ٱلْحَقْلِ وَأَمْسَكَهَا ٱلرَّجُلُ وَٱضْطَجَعَ مَعَهَا، يَمُوتُ ٱلرَّجُلُ ٱلَّذِي ٱضْطَجَعَ مَعَهَا وَحْدَهُ. ٢٥ 25
मगर इसके विपरीत यदि कोई पुरुष किसी विवाह के लिये वचनबद्ध जवान स्त्री को बाहर खेत में पाकर उसके साथ साथ बलात्कार करता है, तो उस पुरुष को मृत्यु दंड दिया जाए.
وَأَمَّا ٱلْفَتَاةُ فَلَا تَفْعَلْ بِهَا شَيْئًا. لَيْسَ عَلَى ٱلْفَتَاةِ خَطِيَّةٌ لِلْمَوْتِ، بَلْ كَمَا يَقُومُ رَجُلٌ عَلَى صَاحِبِهِ وَيَقْتُلُهُ قَتْلًا. هَكَذَا هَذَا ٱلْأَمْرُ. ٢٦ 26
उस कन्या को कोई दंड न दिया जाए; उसने मृत्यु दंड के योग्य कोई अनाचार नहीं किया है. यह स्थिति वैसी है, जिसमें मानो किसी व्यक्ति ने घात लगाकर अपने पड़ोसी की हत्या कर दी हो,
إِنَّهُ فِي ٱلْحَقْلِ وَجَدَهَا، فَصَرَخَتِ ٱلْفَتَاةُ ٱلْمَخْطُوبَةُ فَلَمْ يَكُنْ مَنْ يُخَلِّصُهَا. ٢٧ 27
जब खेत में उसने उस अकेली कुंवारी कन्या को पाया, उसने तो सहायता की गुहार लगाई थी, मगर उसकी रक्षा के लिए वहां कोई भी न था.
«إِذَا وَجَدَ رَجُلٌ فَتَاةً عَذْرَاءَ غَيْرَ مَخْطُوبَةٍ، فَأَمْسَكَهَا وَٱضْطَجَعَ مَعَهَا، فَوُجِدَا. ٢٨ 28
यदि कोई पुरुष ऐसी कुंवारी को पाता है, जिसकी सगाई नहीं हुई है, वह उसे पकड़कर उससे संबंध बनाता है, और यह काम प्रकट हो जाता है,
يُعْطِي ٱلرَّجُلُ ٱلَّذِي ٱضْطَجَعَ مَعَهَا لِأَبِي ٱلْفَتَاةِ خَمْسِينَ مِنَ ٱلْفِضَّةِ، وَتَكُونُ هِيَ لَهُ زَوْجَةً مِنْ أَجْلِ أَنَّهُ قَدْ أَذَلَّهَا. لَا يَقْدِرُ أَنْ يُطَلِّقَهَا كُلَّ أَيَّامِهِ. ٢٩ 29
तब वह संबंध बनानेवाला व्यक्ति कन्या के पिता को चांदी के पचास शेकेल देगा और वह कन्या उसकी पत्नी हो जाएगी; क्योंकि उस पुरुष ने उसका शीलभंग किया है. वह आजीवन उससे विवाह विच्छेद नहीं कर सकेगा.
«لَا يَتَّخِذْ رَجُلٌ ٱمْرَأَةَ أَبِيهِ، وَلَا يَكْشِفْ ذَيْلَ أَبِيهِ. ٣٠ 30
कोई भी पुरुष अपने पिता की पत्नी से विवाह नहीं करेगा; कि वह ऐसा करने के द्वारा अपने पिता के प्रति लज्जा का कारण न हो जाए.

< اَلتَّثْنِيَة 22 >