< اَلتَّثْنِيَة 15 >

«فِي آخِرِ سَبْعِ سِنِينَ تَعْمَلُ إِبْرَاءً. ١ 1
“सात-सात वर्ष बीतने पर तुम छुटकारा दिया करना,
وَهَذَا هُوَ حُكْمُ ٱلْإِبْرَاءِ: يُبْرِئُ كُلُّ صَاحِبِ دَيْنٍ يَدَهُ مِمَّا أَقْرَضَ صَاحِبَهُ. لَا يُطَالِبُ صَاحِبَهُ وَلَا أَخَاهُ، لِأَنَّهُ قَدْ نُودِيَ بِإِبْرَاءٍ لِلرَّبِّ. ٢ 2
अर्थात् जिस किसी ऋण देनेवाले ने अपने पड़ोसी को कुछ उधार दिया हो, तो वह उसे छोड़ दे; और अपने पड़ोसी या भाई से उसको बरबस न भरवाए, क्योंकि यहोवा के नाम से इस छुटकारे का प्रचार हुआ है।
ٱلْأَجْنَبِيَّ تُطَالِبُ، وَأَمَّا مَا كَانَ لَكَ عِنْدَ أَخِيكَ فَتُبْرِئُهُ يَدُكَ مِنْهُ. ٣ 3
परदेशी मनुष्य से तू उसे बरबस भरवा सकता है, परन्तु जो कुछ तेरे भाई के पास तेरा हो उसे तू बिना भरवाए छोड़ देना।
إِلَّا إِنْ لَمْ يَكُنْ فِيكَ فَقِيرٌ. لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِنَّمَا يُبَارِكُكَ فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي يُعْطِيكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ نَصِيبًا لِتَمْتَلِكَهَا. ٤ 4
तेरे बीच कोई दरिद्र न रहेगा, क्योंकि जिस देश को तेरा परमेश्वर यहोवा तेरा भाग करके तुझे देता है, कि तू उसका अधिकारी हो, उसमें वह तुझे बहुत ही आशीष देगा।
إِذَا سَمِعْتَ صَوْتَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ لِتَحْفَظَ وَتَعْمَلَ كُلَّ هَذِهِ ٱلْوَصَايَا ٱلَّتِي أَنَا أُوصِيكَ ٱلْيَوْمَ، ٥ 5
इतना अवश्य है कि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात चित्त लगाकर सुने, और इन सारी आज्ञाओं के मानने में जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ चौकसी करे।
يُبَارِكُكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ كَمَا قَالَ لَكَ. فَتُقْرِضُ أُمَمًا كَثِيرَةً وَأَنْتَ لَا تَقْتَرِضُ، وَتَتَسَلَّطُ عَلَى أُمَمٍ كَثِيرَةٍ وَهُمْ عَلَيْكَ لَا يَتَسَلَّطُونَ. ٦ 6
तब तेरा परमेश्वर यहोवा अपने वचन के अनुसार तुझे आशीष देगा, और तू बहुत जातियों को उधार देगा, परन्तु तुझे उधार लेना न पड़ेगा; और तू बहुत जातियों पर प्रभुता करेगा, परन्तु वे तेरे ऊपर प्रभुता न करने पाएँगी।
«إِنْ كَانَ فِيكَ فَقِيرٌ، أَحَدٌ مِنْ إِخْوَتِكَ فِي أَحَدِ أَبْوَابِكَ فِي أَرْضِكَ ٱلَّتِي يُعْطِيكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ، فَلَا تُقَسِّ قَلْبَكَ، وَلَا تَقْبِضْ يَدَكَ عَنْ أَخِيكَ ٱلْفَقِيرِ، ٧ 7
“जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास दरिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;
بَلِ ٱفْتَحْ يَدَكَ لَهُ وَأَقْرِضْهُ مِقْدَارَ مَا يَحْتَاجُ إِلَيْهِ. ٨ 8
जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसकी जितनी आवश्यकता हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला करके उसको उधार देना।
ٱحْتَرِزْ مِنْ أَنْ يَكُونَ مَعَ قَلْبِكَ كَلَامٌ لَئِيمٌ قَائِلًا: قَدْ قَرُبَتِ ٱلسَّنَةُ ٱلسَّابِعَةُ، سَنَةُ ٱلْإِبْرَاءِ، وَتَسُوءُ عَيْنُكَ بِأَخِيكَ ٱلْفَقِيرِ وَلَا تُعْطِيهِ، فَيَصْرُخَ عَلَيْكَ إِلَى ٱلرَّبِّ فَتَكُونُ عَلَيْكَ خَطِيَّةٌ. ٩ 9
सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधर्मी चिन्ता न समाए, कि सातवाँ वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।
أَعْطِهِ وَلَا يَسُوءْ قَلْبُكَ عِنْدَمَا تُعْطِيهِ، لِأَنَّهُ بِسَبَبِ هَذَا ٱلْأَمْرِ يُبَارِكُكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ فِي كُلِّ أَعْمَالِكَ وَجَمِيعِ مَا تَمْتَدُّ إِلَيْهِ يَدُكَ. ١٠ 10
१०तू उसको अवश्य देना, और उसे देते समय तेरे मन को बुरा न लगे; क्योंकि इसी बात के कारण तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में जिनमें तू अपना हाथ लगाएगा तुझे आशीष देगा।
لِأَنَّهُ لَا تُفْقَدُ ٱلْفُقَرَاءُ مِنَ ٱلْأَرْضِ. لِذَلِكَ أَنَا أُوصِيكَ قَائِلًا: ٱفْتَحْ يَدَكَ لِأَخِيكَ ٱلْمِسْكِينِ وَٱلْفَقِيرِ فِي أَرْضِكَ. ١١ 11
११तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएँगे, इसलिए मैं तुझे यह आज्ञा देता हूँ कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला करके अवश्य दान देना।
«إِذَا بِيعَ لَكَ أَخُوكَ ٱلْعِبْرَانِيُّ أَوْ أُخْتُكَ ٱلْعِبْرَانِيَّةُ وَخَدَمَكَ سِتَّ سِنِينَ، فَفِي ٱلسَّنَةِ ٱلسَّابِعَةِ تُطْلِقُهُ حُرًّا مِنْ عِنْدِكَ. ١٢ 12
१२“यदि तेरा कोई भाई-बन्धु, अर्थात् कोई इब्री या इब्रिन, तेरे हाथ बिके, और वह छः वर्ष तेरी सेवा कर चुके, तो सातवें वर्ष उसको अपने पास से स्वतंत्र करके जाने देना।
وَحِينَ تُطْلِقُهُ حُرًّا مِنْ عِنْدِكَ لَا تُطْلِقُهُ فَارِغًا. ١٣ 13
१३और जब तू उसको स्वतंत्र करके अपने पास से जाने दे तब उसे खाली हाथ न जाने देना;
تُزَوِّدُهُ مِنْ غَنَمِكَ وَمِنْ بَيْدَرِكَ وَمِنْ مَعْصَرَتِكَ. كَمَا بَارَكَكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ تُعْطِيهِ. ١٤ 14
१४वरन् अपनी भेड़-बकरियों, और खलिहान, और दाखमधु के कुण्ड में से बहुतायत से देना; तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे जैसी आशीष दी हो उसी के अनुसार उसे देना।
وَٱذْكُرْ أَنَّكَ كُنْتَ عَبْدًا فِي أَرْضِ مِصْرَ، فَفَدَاكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ. لِذَلِكَ أَنَا أُوصِيكَ بِهَذَا ٱلْأَمْرِ ٱلْيَوْمَ. ١٥ 15
१५और इस बात को स्मरण रखना कि तू भी मिस्र देश में दास था, और तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे छुड़ा लिया; इस कारण मैं आज तुझे यह आज्ञा सुनाता हूँ।
وَلَكِنْ إِذَا قَالَ لَكَ: لَا أَخْرُجُ مِنْ عِنْدِكَ. لِأَنَّهُ قَدْ أَحَبَّكَ وَبَيْتَكَ، إِذْ كَانَ لَهُ خَيْرٌ عِنْدَكَ، ١٦ 16
१६और यदि वह तुझ से और तेरे घराने से प्रेम रखता है, और तेरे संग आनन्द से रहता हो, और इस कारण तुझ से कहने लगे, ‘मैं तेरे पास से न जाऊँगा,’
فَخُذِ ٱلْمِخْرَزَ وَٱجْعَلْهُ فِي أُذُنِهِ وَفِي ٱلْبَابِ، فَيَكُونَ لَكَ عَبْدًا مُؤَبَّدًا. وَهَكَذَا تَفْعَلُ لِأَمَتِكَ أَيْضًا. ١٧ 17
१७तो सुतारी लेकर उसका कान किवाड़ पर लगाकर छेदना, तब वह सदा तेरा दास बना रहेगा। और अपनी दासी से भी ऐसा ही करना।
لَا يَصْعُبْ عَلَيْكَ أَنْ تُطْلِقَهُ حُرًّا مِنْ عِنْدِكَ، لِأَنَّهُ ضِعْفَيْ أُجْرَةِ ٱلْأَجِيرِ خَدَمَكَ سِتَّ سِنِينَ. فَيُبَارِكُكَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ فِي كُلِّ مَا تَعْمَلُ. ١٨ 18
१८जब तू उसको अपने पास से स्वतंत्र करके जाने दे, तब उसे छोड़ देना तुझको कठिन न जान पड़े; क्योंकि उसने छः वर्ष दो मजदूरों के बराबर तेरी सेवा की है। और तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सारे कामों में तुझको आशीष देगा।
«كُلُّ بِكْرٍ ذَكَرٍ يُولَدُ مِنْ بَقَرِكَ وَمِنْ غَنَمِكَ تُقَدِّسُهُ لِلرَّبِّ إِلَهِكَ. لَا تَشْتَغِلْ عَلَى بِكْرِ بَقَرِكَ وَلَا تَجُزَّ بِكْرَ غَنَمِكَ. ١٩ 19
१९“तेरी गायों और भेड़-बकरियों के जितने पहलौठे नर हों उन सभी को अपने परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र रखना; अपनी गायों के पहिलौठों से कोई काम न लेना, और न अपनी भेड़-बकरियों के पहिलौठों का ऊन कतरना।
أَمَامَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ تَأْكُلُهُ سَنَةً بِسَنَةٍ، فِي ٱلْمَكَانِ ٱلَّذِي يَخْتَارُهُ ٱلرَّبُّ، أَنْتَ وَبَيْتُكَ. ٢٠ 20
२०उस स्थान पर जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा तू यहोवा के सामने अपने-अपने घराने समेत प्रतिवर्ष उसका माँस खाना।
وَلَكِنْ إِذَا كَانَ فِيهِ عَيْبٌ، عَرَجٌ أَوْ عَمًى، عَيْبٌ مَّا رَدِيءٌ، فَلَا تَذْبَحْهُ لِلرَّبِّ إِلَهِكَ. ٢١ 21
२१परन्तु यदि उसमें किसी प्रकार का दोष हो, अर्थात् वह लँगड़ा या अंधा हो, या उसमें किसी और ही प्रकार की बुराई का दोष हो, तो उसे अपने परमेश्वर यहोवा के लिये बलि न करना।
فِي أَبْوَابِكَ تَأْكُلُهُ. ٱلنَّجِسُ وَٱلطَّاهِرُ سَوَاءً كَٱلظَّبْيِ وَٱلْأُيَّلِ. ٢٢ 22
२२उसको अपने फाटकों के भीतर खाना; शुद्ध और अशुद्ध दोनों प्रकार के मनुष्य जैसे चिकारे और हिरन का माँस खाते हैं वैसे ही उसका भी खा सकेंगे।
وَأَمَّا دَمُهُ فَلَا تَأْكُلُهُ. عَلَى ٱلْأَرْضِ تَسْفِكُهُ كَٱلْمَاءِ. ٢٣ 23
२३परन्तु उसका लहू न खाना; उसे जल के समान भूमि पर उण्डेल देना।

< اَلتَّثْنِيَة 15 >