< عَامُوس 6 >

وَيْلٌ لِلْمُسْتَرِيحِينَ فِي صِهْيَوْنَ، وَٱلْمُطْمَئِنِّينَ فِي جَبَلِ ٱلسَّامِرَةِ، نُقَبَاءِ أَوَّلِ ٱلْأُمَمِ. يَأْتِي إِلَيْهِمْ بَيْتُ إِسْرَائِيلَ. ١ 1
धिक्कार है तुम पर, जो ज़ियोन में विलासितापूर्ण जीवन जीते हो, और धिक्कार है तुम पर, जो शमरिया पर्वत पर सुरक्षित अनुभव करते हो, तुम सोचते हो कि तुम सर्वोत्तम राष्ट्र के प्रसिद्ध लोग हो, जिनके पास इस्राएल के लोग आते हैं!
اُعْبُرُوا إِلَى كَلْنَةَ وَٱنْظُرُوا، وَٱذْهَبُوا مِنْ هُنَاكَ إِلَى حَمَاةَ ٱلْعَظِيمَةِ، ثُمَّ ٱنْزِلُوا إِلَى جَتِّ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ. أَهِيَ أَفْضَلُ مِنْ هَذِهِ ٱلْمَمَالِكِ، أَمْ تُخُمُهُمْ أَوْسَعُ مِنْ تُخُمِكُمْ؟ ٢ 2
कालनेह जाओ और उसे देखो; तब वहां से बड़े हामाथ नगर को जाओ, तत्पश्चात नीचे फिलिस्तीनी नगर गाथ को जाओ. क्या ये तुम्हारे दो राज्यों से ज्यादा अच्छे हैं? क्या उनका देश तुम्हारे देश से बड़ा है?
أَنْتُمُ ٱلَّذِينَ تُبْعِدُونَ يَوْمَ ٱلْبَلِيَّةِ وَتُقَرِّبُونَ مَقْعَدَ ٱلظُّلْمِ، ٣ 3
तुम विपत्ति के दिन को दूर कर देते और आतंक के राज्य को पास ले आते हो.
ٱلْمُضْطَجِعُونَ عَلَى أَسِرَّةٍ مِنَ ٱلْعَاجِ، وَٱلْمُتَمَدِّدُونَ عَلَى فُرُشِهِمْ، وَٱلْآكِلُونَ خِرَافًا مِنَ ٱلْغَنَمِ، وَعُجُولًا مِنْ وَسَطِ ٱلصِّيَرةِ، ٤ 4
तुम हाथी-दांत से सजे बिस्तर पर लेटते हो और पलंग पर आलस्य में समय नष्ट करते हो. तुम मनपसंद भेड़ों और मोटे-ताजे बछड़ों को खाते हो.
ٱلْهَاذِرُونَ مَعَ صَوْتِ ٱلرَّبَابِ، ٱلْمُخْتَرِعُونَ لِأَنْفُسِهِمْ آلَاتِ ٱلْغِنَاءِ كَدَاوُدَ، ٥ 5
तुम दावीद के समान अपनी वीणा के तारों को झनकारते हो और वाद्य-यंत्रों को तुरंत बजाते हो.
ٱلشَّارِبُونَ مِنْ كُؤُوسِ ٱلْخَمْرِ، وَٱلَّذِينَ يَدَّهِنُونَ بِأَفْضَلِ ٱلْأَدْهَانِ وَلَا يَغْتَمُّونَ عَلَى ٱنْسِحَاقِ يُوسُفَ. ٦ 6
तुम कटोरा भरकर दाखमधु पीते हो और सबसे अच्छे प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन लगाते हो, पर तुम योसेफ़ के विनाश पर शोकित नहीं होते हो.
لِذَلِكَ ٱلْآنَ يُسْبَوْنَ فِي أَوَّلِ ٱلْمَسْبِيِّينَ، وَيَزُولُ صِيَاحُ ٱلْمُتَمَدِّدِينَ. ٧ 7
तब तुम लोग सबसे पहले बंधुआई में जाओगे; तुम्हारा भोज करना और रंगरेलियां मनाना समाप्‍त हो जाएगा.
قَدْ أَقْسَمَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ بِنَفْسِهِ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ إِلَهُ ٱلْجُنُودِ: «إِنِّي أَكْرَهُ عَظَمَةَ يَعْقُوبَ وَأُبْغِضُ قُصُورَهُ، فَأُسَلِّمُ ٱلْمَدِينَةَ وَمِلْأَهَا». ٨ 8
परम प्रभु ने स्वयं अपनी ही शपथ खाई है—याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर याहवेह यह घोषणा करता है: “मेरी नजर में घृणास्पद है याकोब का अहंकार और घृणित हैं उसके राजमहल; मैं इस नगर, उसके निवासियों तथा उसकी समस्त वस्तुओं को उसके शत्रुओं के अधीन कर दूंगा.”
فَيَكُونُ إِذَا بَقِيَ عَشَرَةُ رِجَالٍ فِي بَيْتٍ وَاحِدٍ أَنَّهُمْ يَمُوتُونَ. ٩ 9
यदि किसी घर में दस व्यक्ति भी शेष रह गए हों, तौभी वे मर जाएंगे.
وَإِذَا حَمَلَ أَحَدًا عَمُّهُ وَمُحْرِقُهُ لِيُخْرِجَ ٱلْعِظَامَ مِنَ ٱلْبَيْتِ، وَقَالَ لِمَنْ هُوَ فِي جَوَانِبِ ٱلْبَيْتِ: «أَعِنْدَكَ بَعْدُ؟» يَقُولُ: «لَيْسَ بَعْدُ». فَيَقُولُ: «ٱسْكُتْ، فَإِنَّهُ لَا يُذْكَرُ ٱسْمُ ٱلرَّبِّ». ١٠ 10
और जब कोई रिश्तेदार उस घर में से लाशों को ले जाने आएगा ताकि उनको जला सके और वह वहां किसी छिपे हुए मनुष्य से पूछे, “कोई और तुम्हारे साथ है?” और वह कहे, “नहीं,” तब वह कहेगा, “चुप रह! हमें याहवेह का नाम नहीं लेना है.”
لِأَنَّهُ هُوَذَا ٱلرَّبُّ يَأْمُرُ فَيَضْرِبُ ٱلْبَيْتَ ٱلْكَبِيرَ رَدْمًا، وَٱلْبَيْتَ ٱلصَّغِيرَ شُقُوقًا. ١١ 11
क्योंकि याहवेह ने आदेश दिया है, और वह बड़े भवन को टुकड़े-टुकड़े कर देगा और छोटे घर को चूर-चूर कर देगा.
هَلْ تَرْكُضُ ٱلْخَيْلُ عَلَى ٱلصَّخْرِ؟ أَوْ يُحْرَثُ عَلَيْهِ بِٱلْبَقَرِ؟ حَتَّى حَوَّلْتُمُ ٱلْحَقَّ سَمًّا، وَثَمَرَ ٱلْبِرِّ أَفْسَنْتِينًا. ١٢ 12
क्या घोड़े करारदार चट्टानों पर दौड़ते हैं? क्या कोई बैलों से समुद्र में हल चलाता है? पर तुमने न्याय को विष में और धर्मीपन के फल को कड़वाहट में बदल दिया है—
أَنْتُمُ ٱلْفَرِحُونَ بِٱلْبُطْلِ، ٱلْقَائِلُونَ: «أَلَيْسَ بِقُوَّتِنَا ٱتَّخَذْنَا لِأَنْفُسِنَا قُرُونًا؟» ١٣ 13
तुम जो लो-देबार को अपने अधीन कर लेने में आनंदित हो और कहते हो, “क्या करनायिम को हमने अपने ही बल से नहीं ले लिया?”
«لِأَنِّي هَأَنَذَا أُقِيمُ عَلَيْكُمْ يَا بَيْتَ إِسْرَائِيلَ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ إِلَهُ ٱلْجُنُودِ، أُمَّةً فَيُضَايِقُونَكُمْ مِنْ مَدْخَلِ حَمَاةَ إِلَى وَادِي ٱلْعَرَبَةِ». ١٤ 14
क्योंकि याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर यह घोषणा करता है, “हे इस्राएल के वंशजों, मैं तुम्हारे विरुद्ध एक जाति को भड़काऊंगा, जो तुम पर लबो-हामाथ से लेकर अरबाह की घाटी तक अत्याचार करेगा.”

< عَامُوس 6 >