< أعمال 6 >

وَفِي تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ إِذْ تَكَاثَرَ ٱلتَّلَامِيذُ، حَدَثَ تَذَمُّرٌ مِنَ ٱلْيُونَانِيِّينَ عَلَى ٱلْعِبْرَانِيِّينَ أَنَّ أَرَامِلَهُمْ كُنَّ يُغْفَلُ عَنْهُنَّ فِي ٱلْخِدْمَةِ ٱلْيَوْمِيَّةِ. ١ 1
उन दिनों में जब चेलों की संख्या बहुत बढ़ने लगी, तब यूनानी भाषा बोलनेवाले इब्रानियों पर कुड़कुड़ाने लगे, कि प्रतिदिन की सेवकाई में हमारी विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती।
فَدَعَا ٱلِٱثْنَا عَشَرَ جُمْهُورَ ٱلتَّلَامِيذِ وَقَالُوا: «لَا يُرْضِي أَنْ نَتْرُكَ نَحْنُ كَلِمَةَ ٱللهِ وَنَخْدِمَ مَوَائِدَ. ٢ 2
तब उन बारहों ने चेलों की मण्डली को अपने पास बुलाकर कहा, “यह ठीक नहीं कि हम परमेश्वर का वचन छोड़कर खिलाने-पिलाने की सेवा में रहें।
فَٱنْتَخِبُوا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ سَبْعَةَ رِجَالٍ مِنْكُمْ، مَشْهُودًا لَهُمْ وَمَمْلُوِّينَ مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ وَحِكْمَةٍ، فَنُقِيمَهُمْ عَلَى هَذِهِ ٱلْحَاجَةِ. ٣ 3
इसलिए हे भाइयों, अपने में से सात सुनाम पुरुषों को जो पवित्र आत्मा और बुद्धि से परिपूर्ण हो, चुन लो, कि हम उन्हें इस काम पर ठहरा दें।
وَأَمَّا نَحْنُ فَنُواظِبُ عَلَى ٱلصَّلَاةِ وَخِدْمَةِ ٱلْكَلِمَةِ». ٤ 4
परन्तु हम तो प्रार्थना में और वचन की सेवा में लगे रहेंगे।”
فَحَسُنَ هَذَا ٱلْقَوْلُ أَمَامَ كُلِّ ٱلْجُمْهُورِ، فَٱخْتَارُوا ٱسْتِفَانُوسَ، رَجُلًا مَمْلُوًّا مِنَ ٱلْإِيمَانِ وَٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ، وَفِيلُبُّسَ وَبُرُوخُورُسَ وَنِيكَانُورَ وَتِيمُونَ وَبَرْمِينَاسَ وَنِيقُولَاوُسَ دَخِيلًا أَنْطَاكِيًّا. ٥ 5
यह बात सारी मण्डली को अच्छी लगी, और उन्होंने स्तिफनुस नामक एक पुरुष को जो विश्वास और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था, फिलिप्पुस, प्रुखुरुस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास और अन्ताकिया वासी नीकुलाउस को जो यहूदी मत में आ गया था, चुन लिया।
الَّذِينَ أَقَامُوهُمْ أَمَامَ ٱلرُّسُلِ، فَصَلُّوا وَوَضَعُوا عَلَيْهِمِ ٱلْأَيَادِيَ. ٦ 6
और इन्हें प्रेरितों के सामने खड़ा किया और उन्होंने प्रार्थना करके उन पर हाथ रखे।
وَكَانَتْ كَلِمَةُ ٱللهِ تَنْمُو، وَعَدَدُ ٱلتَّلَامِيذِ يَتَكَاثَرُ جِدًّا فِي أُورُشَلِيمَ، وَجُمْهُورٌ كَثِيرٌ مِنَ ٱلْكَهَنَةِ يُطِيعُونَ ٱلْإِيمَانَ. ٧ 7
और परमेश्वर का वचन फैलता गया और यरूशलेम में चेलों की गिनती बहुत बढ़ती गई; और याजकों का एक बड़ा समाज इस मत के अधीन हो गया।
وَأَمَّا ٱسْتِفَانُوسُ فَإِذْ كَانَ مَمْلُوًّا إِيمَانًا وَقُوَّةً، كَانَ يَصْنَعُ عَجَائِبَ وَآيَاتٍ عَظِيمَةً فِي ٱلشَّعْبِ. ٨ 8
स्तिफनुस अनुग्रह और सामर्थ्य से परिपूर्ण होकर लोगों में बड़े-बड़े अद्भुत काम और चिन्ह दिखाया करता था।
فَنَهَضَ قَوْمٌ مِنَ ٱلْمَجْمَعِ ٱلَّذِي يُقَالُ لَهُ مَجْمَعُ ٱللِّيبَرْتِينِيِّينَ وَٱلْقَيْرَوَانِيِّينَ وَٱلْإِسْكَنْدَرِيِّينَ، وَمِنَ ٱلَّذِينَ مِنْ كِيلِيكِيَّا وَأَسِيَّا، يُحَاوِرُونَ ٱسْتِفَانُوسَ. ٩ 9
तब उस आराधनालय में से जो दासत्व-मुक्त कहलाती थी, और कुरेनी और सिकन्दरिया और किलिकिया और आसिया के लोगों में से कई एक उठकर स्तिफनुस से वाद-विवाद करने लगे।
وَلَمْ يَقْدِرُوا أَنْ يُقَاوِمُوا ٱلْحِكْمَةَ وَٱلرُّوحَ ٱلَّذِي كَانَ يَتَكَلَّمُ بِهِ. ١٠ 10
१०परन्तु उस ज्ञान और उस आत्मा का जिससे वह बातें करता था, वे सामना न कर सके।
حِينَئِذٍ دَسُّوا لِرِجَالٍ يَقُولُونَ: «إِنَّنَا سَمِعْنَاهُ يَتَكَلَّمُ بِكَلَامِ تَجْدِيفٍ عَلَى مُوسَى وَعَلَى ٱللهِ». ١١ 11
११इस पर उन्होंने कई लोगों को उकसाया जो कहने लगे, “हमने इसे मूसा और परमेश्वर के विरोध में निन्दा की बातें कहते सुना है।”
وَهَيَّجُوا ٱلشَّعْبَ وَٱلشُّيُوخَ وَٱلْكَتَبَةَ، فَقَامُوا وَخَطَفُوهُ وَأَتَوْا بِهِ إِلَى ٱلْمَجْمَعِ، ١٢ 12
१२और लोगों और प्राचीनों और शास्त्रियों को भड़काकर चढ़ आए और उसे पकड़कर महासभा में ले आए।
وَأَقَامُوا شُهُودًا كَذَبَةً يَقُولُونَ: «هَذَا ٱلرَّجُلُ لَا يَفْتُرُ عَنْ أَنْ يَتَكَلَّمَ كَلَامًا تَجْدِيفًا ضِدَّ هَذَا ٱلْمَوْضِعِ ٱلْمُقَدَّسِ وَٱلنَّامُوسِ، ١٣ 13
१३और झूठे गवाह खड़े किए, जिन्होंने कहा, “यह मनुष्य इस पवित्रस्थान और व्यवस्था के विरोध में बोलना नहीं छोड़ता।
لِأَنَّنَا سَمِعْنَاهُ يَقُولُ: إِنَّ يَسُوعَ ٱلنَّاصِرِيَّ هَذَا سَيَنْقُضُ هَذَا ٱلْمَوْضِعَ، وَيُغَيِّرُ ٱلْعَوَائِدَ ٱلَّتِي سَلَّمَنَا إِيَّاهَا مُوسَى». ١٤ 14
१४क्योंकि हमने उसे यह कहते सुना है, कि यही यीशु नासरी इस जगह को ढा देगा, और उन रीतियों को बदल डालेगा जो मूसा ने हमें सौंपी हैं।”
فَشَخَصَ إِلَيْهِ جَمِيعُ ٱلْجَالِسِينَ فِي ٱلْمَجْمَعِ، وَرَأَوْا وَجْهَهُ كَأَنَّهُ وَجْهُ مَلَاكٍ. ١٥ 15
१५तब सब लोगों ने जो महासभा में बैठे थे, उसकी ओर ताक कर उसका मुख स्वर्गदूत के समान देखा।

< أعمال 6 >