< أعمال 18 >

وَبَعْدَ هَذَا مَضَى بُولُسُ مِنْ أَثِينَا وَجَاءَ إِلَى كُورِنْثُوسَ، ١ 1
इसके बाद पौलुस एथेंस को छोड़कर कुरिन्थुस में आया।
فَوَجَدَ يَهُودِيًّا ٱسْمُهُ أَكِيلَا، بُنْطِيَّ ٱلْجِنْسِ، كَانَ قَدْ جَاءَ حَدِيثًا مِنْ إِيطَالِيَةَ، وَبِرِيسْكِلَّا ٱمْرَأَتَهُ، لِأَنَّ كُلُودِيُوسَ كَانَ قَدْ أَمَرَ أَنْ يَمْضِيَ جَمِيعُ ٱلْيَهُودِ مِنْ رُومِيَةَ، فَجَاءَ إِلَيْهِمَا. ٢ 2
और वहाँ अक्विला नामक एक यहूदी मिला, जिसका जन्म पुन्तुस में हुआ था; और अपनी पत्नी प्रिस्किल्ला के साथ इतालिया से हाल ही में आया था, क्योंकि क्लौदियुस ने सब यहूदियों को रोम से निकल जाने की आज्ञा दी थी, इसलिए वह उनके यहाँ गया।
وَلِكَوْنِهِ مِنْ صِنَاعَتِهِمَا أَقَامَ عِنْدَهُمَا وَكَانَ يَعْمَلُ، لِأَنَّهُمَا كَانَا فِي صِنَاعَتِهِمَا خِيَامِيَّيْنِ. ٣ 3
और उसका और उनका एक ही व्यापार था; इसलिए वह उनके साथ रहा, और वे काम करने लगे, और उनका व्यापार तम्बू बनाने का था।
وَكَانَ يُحَاجُّ فِي ٱلْمَجْمَعِ كُلَّ سَبْتٍ وَيُقْنِعُ يَهُودًا وَيُونَانِيِّينَ. ٤ 4
और वह हर एक सब्त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद करके यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था।
وَلَمَّا ٱنْحَدَرَ سِيلَا وَتِيمُوثَاوُسُ مِنْ مَكِدُونِيَّةَ، كَانَ بُولُسُ مُنْحَصِرًا بِٱلرُّوحِ وَهُوَ يَشْهَدُ لِلْيَهُودِ بِٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. ٥ 5
जब सीलास और तीमुथियुस मकिदुनिया से आए, तो पौलुस वचन सुनाने की धुन में लगकर यहूदियों को गवाही देता था कि यीशु ही मसीह है।
وَإِذْ كَانُوا يُقَاوِمُونَ وَيُجَدِّفُونَ نَفَضَ ثِيَابَهُ وَقَالَ لَهُمْ: «دَمُكُمْ عَلَى رُؤُوسِكُمْ! أَنَا بَرِيءٌ. مِنَ ٱلْآنَ أَذْهَبُ إِلَى ٱلْأُمَمِ». ٦ 6
परन्तु जब वे विरोध और निन्दा करने लगे, तो उसने अपने कपड़े झाड़कर उनसे कहा, “तुम्हारा लहू तुम्हारी सिर पर रहे! मैं निर्दोष हूँ। अब से मैं अन्यजातियों के पास जाऊँगा।”
فَٱنْتَقَلَ مِنْ هُنَاكَ وَجَاءَ إِلَى بَيْتِ رَجُلٍ ٱسْمُهُ يُوسْتُسُ، كَانَ مُتَعَبِّدًا لِلهِ، وَكَانَ بَيْتُهُ مُلَاصِقًا لِلْمَجْمَعِ. ٧ 7
और वहाँ से चलकर वह तीतुस यूस्तुस नामक परमेश्वर के एक भक्त के घर में आया, जिसका घर आराधनालय से लगा हुआ था।
وَكِرِيسْبُسُ رَئِيسُ ٱلْمَجْمَعِ آمَنَ بِٱلرَّبِّ مَعَ جَمِيعِ بَيْتِهِ، وَكَثِيرُونَ مِنَ ٱلْكُورِنْثِيِّينَ إِذْ سَمِعُوا آمَنُوا وَٱعْتَمَدُوا. ٨ 8
तब आराधनालय के सरदार क्रिस्पुस ने अपने सारे घराने समेत प्रभु पर विश्वास किया; और बहुत से कुरिन्थवासियों ने सुनकर विश्वास किया और बपतिस्मा लिया।
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِبُولُسَ بِرُؤْيَا فيِ ٱللَّيْلِ: «لَا تَخَفْ، بَلْ تَكَلَّمْ وَلَا تَسْكُتْ، ٩ 9
और प्रभु ने रात को दर्शन के द्वारा पौलुस से कहा, “मत डर, वरन् कहे जा और चुप मत रह;
لِأَنِّي أَنَا مَعَكَ، وَلَا يَقَعُ بِكَ أَحَدٌ لِيُؤْذِيَكَ، لِأَنَّ لِي شَعْبًا كَثِيرًا فِي هَذِهِ ٱلْمَدِينَةِ». ١٠ 10
१०क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, और कोई तुझ पर चढ़ाई करके तेरी हानि न करेगा; क्योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं।”
فَأَقَامَ سَنَةً وَسِتَّةَ أَشْهُرٍ يُعَلِّمُ بَيْنَهُمْ بِكَلِمَةِ ٱللهِ. ١١ 11
११इसलिए वह उनमें परमेश्वर का वचन सिखाते हुए डेढ़ वर्ष तक रहा।
وَلَمَّا كَانَ غَالِيُونُ يَتَوَلَّى أَخَائِيَةَ، قَامَ ٱلْيَهُودُ بِنَفْسٍ وَاحِدَةٍ عَلَى بُولُسَ، وَأَتَوْا بِهِ إِلَى كُرْسِيِّ ٱلْوِلَايَةِ ١٢ 12
१२जब गल्लियो अखाया देश का राज्यपाल था तो यहूदी लोग एका करके पौलुस पर चढ़ आए, और उसे न्याय आसन के सामने लाकर कहने लगे,
قَائِلِينَ: «إِنَّ هَذَا يَسْتَمِيلُ ٱلنَّاسَ أَنْ يَعْبُدُوا ٱللهَ بِخِلَافِ ٱلنَّامُوسِ». ١٣ 13
१३“यह लोगों को समझाता है, कि परमेश्वर की उपासना ऐसी रीति से करें, जो व्यवस्था के विपरीत है।”
وَإِذْ كَانَ بُولُسُ مُزْمِعًا أَنْ يَفْتَحَ فَاهُ قَالَ غَالِيُونُ لِلْيَهُودِ: «لَوْ كَانَ ظُلْمًا أَوْ خُبْثًا رَدِيًّا أَيُّهَا ٱلْيَهُودُ، لَكُنْتُ بِٱلْحَقِّ قَدِ ٱحْتَمَلْتُكُمْ. ١٤ 14
१४जब पौलुस बोलने पर था, तो गल्लियो ने यहूदियों से कहा, “हे यहूदियों, यदि यह कुछ अन्याय या दुष्टता की बात होती तो उचित था कि मैं तुम्हारी सुनता।
وَلَكِنْ إِذَا كَانَ مَسْأَلَةً عَنْ كَلِمَةٍ، وَأَسْمَاءٍ، وَنَامُوسِكُمْ، فَتُبْصِرُونَ أَنْتُمْ. لِأَنِّي لَسْتُ أَشَاءُ أَنْ أَكُونَ قَاضِيًا لِهَذِهِ ٱلْأُمُورِ». ١٥ 15
१५परन्तु यदि यह वाद-विवाद शब्दों, और नामों, और तुम्हारे यहाँ की व्यवस्था के विषय में है, तो तुम ही जानो; क्योंकि मैं इन बातों का न्यायी बनना नहीं चाहता।”
فَطَرَدَهُمْ مِنَ ٱلْكُرْسِيِّ. ١٦ 16
१६और उसने उन्हें न्याय आसन के सामने से निकलवा दिया।
فَأَخَذَ جَمِيعُ ٱلْيُونَانِيِّينَ سُوسْتَانِيسَ رَئِيسَ ٱلْمَجْمَعِ، وَضَرَبُوهُ قُدَّامَ ٱلْكُرْسِيِّ، وَلَمْ يَهُمَّ غَالِيُونَ شَيْءٌ مِنْ ذَلِكَ. ١٧ 17
१७तब सब लोगों ने आराधनालय के सरदार सोस्थिनेस को पकड़ के न्याय आसन के सामने मारा। परन्तु गल्लियो ने इन बातों की कुछ भी चिन्ता न की।
وَأَمَّا بُولُسُ فَلَبِثَ أَيْضًا أَيَّامًا كَثِيرَةً، ثُمَّ وَدَّعَ ٱلْإِخْوَةَ وَسَافَرَ فِي ٱلْبَحْرِ إِلَى سُورِيَّةَ، وَمَعَهُ بِرِيسْكِلَّا وَأَكِيلَا، بَعْدَمَا حَلَقَ رَأْسَهُ فِي كَنْخَرِيَا لِأَنَّهُ كَانَ عَلَيْهِ نَذْرٌ. ١٨ 18
१८अतः पौलुस बहुत दिन तक वहाँ रहा, फिर भाइयों से विदा होकर किंख्रिया में इसलिए सिर मुँड़ाया, क्योंकि उसने मन्नत मानी थी और जहाज पर सीरिया को चल दिया और उसके साथ प्रिस्किल्ला और अक्विला थे।
فَأَقْبَلَ إِلَى أَفَسُسَ وَتَرَكَهُمَا هُنَاكَ. وَأَمَّا هُوَ فَدَخَلَ ٱلْمَجْمَعَ وَحَاجَّ ٱلْيَهُودَ. ١٩ 19
१९और उसने इफिसुस में पहुँचकर उनको वहाँ छोड़ा, और आप ही आराधनालय में जाकर यहूदियों से विवाद करने लगा।
وَإِذْ كَانُوا يَطْلُبُونَ أَنْ يَمْكُثَ عِنْدَهُمْ زَمَانًا أَطْوَلَ لَمْ يُجِبْ. ٢٠ 20
२०जब उन्होंने उससे विनती की, “हमारे साथ और कुछ दिन रह।” तो उसने स्वीकार न किया;
بَلْ وَدَّعَهُمْ قَائِلًا: «يَنْبَغِي عَلَى كُلِّ حَالٍ أَنْ أَعْمَلَ ٱلْعِيدَ ٱلْقَادِمَ فِي أُورُشَلِيمَ. وَلَكِنْ سَأَرْجِعُ إِلَيْكُمْ أَيْضًا إِنْ شَاءَ ٱللهُ». فَأَقْلَعَ مِنْ أَفَسُسَ. ٢١ 21
२१परन्तु यह कहकर उनसे विदा हुआ, “यदि परमेश्वर चाहे तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब इफिसुस से जहाज खोलकर चल दिया;
وَلَمَّا نَزَلَ فِي قَيْصَرِيَّةَ صَعِدَ وَسَلَّمَ عَلَى ٱلْكَنِيسَةِ، ثُمَّ ٱنْحَدَرَ إِلَى أَنْطَاكِيَةَ. ٢٢ 22
२२और कैसरिया में उतरकर (यरूशलेम को) गया और कलीसिया को नमस्कार करके अन्ताकिया में आया।
وَبَعْدَمَا صَرَفَ زَمَانًا خَرَجَ وَٱجْتَازَ بِٱلتَّتَابُعِ فِي كُورَةِ غَلَاطِيَّةَ وَفِرِيجِيَّةَ يُشَدِّدُ جَمِيعَ ٱلتَّلَامِيذِ. ٢٣ 23
२३फिर कुछ दिन रहकर वहाँ से चला गया, और एक ओर से गलातिया और फ्रूगिया में सब चेलों को स्थिर करता फिरा।
ثُمَّ أَقْبَلَ إِلَى أَفَسُسَ يَهُودِيٌّ ٱسْمُهُ أَبُلُّوسُ، إِسْكَنْدَرِيُّ ٱلْجِنْسِ، رَجُلٌ فَصِيحٌ مُقْتَدِرٌ فِي ٱلْكُتُبِ. ٢٤ 24
२४अपुल्लोस नामक एक यहूदी जिसका जन्म सिकन्दरिया में हुआ था, जो विद्वान पुरुष था और पवित्रशास्त्र को अच्छी तरह से जानता था इफिसुस में आया।
كَانَ هَذَا خَبِيرًا فِي طَرِيقِ ٱلرَّبِّ. وَكَانَ وَهُوَ حَارٌّ بِٱلرُّوحِ يَتَكَلَّمُ وَيُعَلِّمُ بِتَدْقِيقٍ مَا يَخْتَصُّ بِٱلرَّبِّ. عَارِفًا مَعْمُودِيَّةَ يُوحَنَّا فَقَطْ. ٢٥ 25
२५उसने प्रभु के मार्ग की शिक्षा पाई थी, और मन लगाकर यीशु के विषय में ठीक-ठीक सुनाता और सिखाता था, परन्तु वह केवल यूहन्ना के बपतिस्मा की बात जानता था।
وَٱبْتَدَأَ هَذَا يُجَاهِرُ فِي ٱلْمَجْمَعِ. فَلَمَّا سَمِعَهُ أَكِيلَا وَبِرِيسْكِلَّا أَخَذَاهُ إِلَيْهِمَا، وَشَرَحَا لَهُ طَرِيقَ ٱلرَّبِّ بِأَكْثَرِ تَدْقِيقٍ. ٢٦ 26
२६वह आराधनालय में निडर होकर बोलने लगा, पर प्रिस्किल्ला और अक्विला उसकी बातें सुनकर, उसे अपने यहाँ ले गए और परमेश्वर का मार्ग उसको और भी स्पष्ट रूप से बताया।
وَإِذْ كَانَ يُرِيدُ أَنْ يَجْتَازَ إِلَى أَخَائِيَةَ، كَتَبَ ٱلْإِخْوَةُ إِلَى ٱلتَّلَامِيذِ يَحُضُّونَهُمْ أَنْ يَقْبَلُوهُ. فَلَمَّا جَاءَ سَاعَدَ كَثِيرًا بِٱلنِّعْمَةِ ٱلَّذِينَ كَانُوا قَدْ آمَنُوا، ٢٧ 27
२७और जब उसने निश्चय किया कि पार उतरकर अखाया को जाए तो भाइयों ने उसे ढाढ़स देकर चेलों को लिखा कि वे उससे अच्छी तरह मिलें, और उसने पहुँचकर वहाँ उन लोगों की बड़ी सहायता की जिन्होंने अनुग्रह के कारण विश्वास किया था।
لِأَنَّهُ كَانَ بِٱشْتِدَادٍ يُفْحِمُ ٱلْيَهُودَ جَهْرًا، مُبَيِّنًا بِٱلْكُتُبِ أَنَّ يَسُوعَ هُوَ ٱلْمَسِيحُ. ٢٨ 28
२८अपुल्लोस ने अपनी शक्ति और कौशल के साथ यहूदियों को सार्वजनिक रूप से अभिभूत किया, पवित्रशास्त्र से प्रमाण दे देकर कि यीशु ही मसीह है।

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