< أعمال 10 >

وَكَانَ فِي قَيْصَرِيَّةَ رَجُلٌ ٱسْمُهُ كَرْنِيلِيُوسُ، قَائِدُ مِئَةٍ مِنَ ٱلْكَتِيبَةِ ٱلَّتِي تُدْعَى ٱلْإِيطَالِيَّةَ. ١ 1
कैसरिया में कुरनेलियुस नामक एक मनुष्य था, जो इतालियानी नाम सैन्य-दल का सूबेदार था।
وَهُوَ تَقِيٌّ وَخَائِفُ ٱللهِ مَعَ جَمِيعِ بَيْتِهِ، يَصْنَعُ حَسَنَاتٍ كَثِيرَةً لِلشَّعْبِ، وَيُصَلِّي إِلَى ٱللهِ فِي كُلِّ حِينٍ. ٢ 2
वह भक्त था, और अपने सारे घराने समेत परमेश्वर से डरता था, और यहूदी लोगों को बहुत दान देता, और बराबर परमेश्वर से प्रार्थना करता था।
فَرَأَى ظَاهِرًا فِي رُؤْيَا نَحْوَ ٱلسَّاعَةِ ٱلتَّاسِعَةِ مِنَ ٱلنَّهَارِ، مَلَاكًا مِنَ ٱللهِ دَاخِلًا إِلَيْهِ وَقَائِلًا لَهُ: «يَا كَرْنِيلِيُوسُ!». ٣ 3
उसने दिन के तीसरे पहर के निकट दर्शन में स्पष्ट रूप से देखा कि परमेश्वर के एक स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “हे कुरनेलियुस।”
فَلَمَّا شَخَصَ إِلَيْهِ وَدَخَلَهُ ٱلْخَوْفُ، قَالَ: «مَاذَا يَا سَيِّدُ؟».فَقَالَ لَهُ: «صَلَوَاتُكَ وَصَدَقَاتُكَ صَعِدَتْ تَذْكَارًا أَمَامَ ٱللهِ. ٤ 4
उसने उसे ध्यान से देखा और डरकर कहा, “हे स्वामी क्या है?” उसने उससे कहा, “तेरी प्रार्थनाएँ और तेरे दान स्मरण के लिये परमेश्वर के सामने पहुँचे हैं।
وَٱلْآنَ أَرْسِلْ إِلَى يَافَا رِجَالًا وَٱسْتَدْعِ سِمْعَانَ ٱلْمُلَقَّبَ بُطْرُسَ. ٥ 5
और अब याफा में मनुष्य भेजकर शमौन को, जो पतरस कहलाता है, बुलवा ले।
إِنَّهُ نَازِلٌ عِنْدَ سِمْعَانَ رَجُلٍ دَبَّاغٍ بَيْتُهُ عِنْدَ ٱلْبَحْرِ. هُوَ يَقُولُ لَكَ مَاذَا يَنْبَغِي أَنْ تَفْعَلَ». ٦ 6
वह शमौन, चमड़े का धन्धा करनेवाले के यहाँ अतिथि है, जिसका घर समुद्र के किनारे है।”
فَلَمَّا ٱنْطَلَقَ ٱلْمَلَاكُ ٱلَّذِي كَانَ يُكَلِّمُ كَرْنِيلِيُوسَ، نَادَى ٱثْنَيْنِ مِنْ خُدَّامِهِ، وَعَسْكَرِيًّا تَقِيًّا مِنَ ٱلَّذِينَ كَانُوا يُلَازِمُونَهُ، ٧ 7
जब वह स्वर्गदूत जिसने उससे बातें की थी चला गया, तो उसने दो सेवक, और जो उसके पास उपस्थित रहा करते थे उनमें से एक भक्त सिपाही को बुलाया,
وَأَخْبَرَهُمْ بِكُلِّ شَيْءٍ وَأَرْسَلَهُمْ إِلَى يَافَا. ٨ 8
और उन्हें सब बातें बताकर याफा को भेजा।
ثُمَّ فِي ٱلْغَدِ فِيمَا هُمْ يُسَافِرُونَ وَيَقْتَرِبُونَ إِلَى ٱلْمَدِينَةِ، صَعِدَ بُطْرُسُ عَلَى ٱلسَّطْحِ لِيُصَلِّيَ نَحْوَ ٱلسَّاعَةِ ٱلسَّادِسَةِ. ٩ 9
दूसरे दिन जब वे चलते-चलते नगर के पास पहुँचे, तो दोपहर के निकट पतरस छत पर प्रार्थना करने चढ़ा।
فَجَاعَ كَثِيرًا وَٱشْتَهَى أَنْ يَأْكُلَ. وَبَيْنَمَا هُمْ يُهَيِّئُونَ لَهُ، وَقَعَتْ عَلَيْهِ غَيْبَةٌ، ١٠ 10
१०उसे भूख लगी और कुछ खाना चाहता था, परन्तु जब वे तैयार कर रहे थे तो वह बेसुध हो गया।
فَرَأَى ٱلسَّمَاءَ مَفْتُوحَةً، وَإِنَاءً نَازِلًا عَلَيْهِ مِثْلَ مُلَاءَةٍ عَظِيمَةٍ مَرْبُوطَةٍ بِأَرْبَعَةِ أَطْرَافٍ وَمُدَلَّاةٍ عَلَى ٱلْأَرْضِ. ١١ 11
११और उसने देखा, कि आकाश खुल गया; और एक बड़ी चादर, पात्र के समान चारों कोनों से लटकाया हुआ, पृथ्वी की ओर उतर रहा है।
وَكَانَ فِيهَا كُلُّ دَوَابِّ ٱلْأَرْضِ وَٱلْوُحُوشِ وَٱلزَّحَّافَاتِ وَطُيُورِ ٱلسَّمَاءِ. ١٢ 12
१२जिसमें पृथ्वी के सब प्रकार के चौपाए और रेंगनेवाले जन्तु और आकाश के पक्षी थे।
وَصَارَ إِلَيْهِ صَوْتٌ: «قُمْ يَا بُطْرُسُ، ٱذْبَحْ وَكُلْ». ١٣ 13
१३और उसे एक ऐसी वाणी सुनाई दी, “हे पतरस उठ, मार और खा।”
فَقَالَ بُطْرُسُ: «كَلَّا يَارَبُّ! لِأَنِّي لَمْ آكُلْ قَطُّ شَيْئًا دَنِسًا أَوْ نَجِسًا». ١٤ 14
१४परन्तु पतरस ने कहा, “नहीं प्रभु, कदापि नहीं; क्योंकि मैंने कभी कोई अपवित्र या अशुद्ध वस्तु नहीं खाई है।”
فَصَارَ إِلَيْهِ أَيْضًا صَوْتٌ ثَانِيَةً: «مَا طَهَّرَهُ ٱللهُ لَا تُدَنِّسْهُ أَنْتَ!». ١٥ 15
१५फिर दूसरी बार उसे वाणी सुनाई दी, “जो कुछ परमेश्वर ने शुद्ध ठहराया है, उसे तू अशुद्ध मत कह।”
وَكَانَ هَذَا عَلَى ثَلَاثِ مَرَّاتٍ، ثُمَّ ٱرْتَفَعَ ٱلْإِنَاءُ أَيْضًا إِلَى ٱلسَّمَاءِ. ١٦ 16
१६तीन बार ऐसा ही हुआ; तब तुरन्त वह चादर आकाश पर उठा लिया गया।
وَإِذْ كَانَ بُطْرُسُ يَرْتَابُ فِي نَفْسِهِ: مَاذَا عَسَى أَنْ تَكُونَ ٱلرُّؤْيَا ٱلَّتِي رَآهَا؟ إِذَا ٱلرِّجَالُ ٱلَّذِينَ أُرْسِلُوا مِنْ قِبَلِ كَرْنِيلِيُوسَ، وكَانُوا قَدْ سَأَلُوا عَنْ بَيْتِ سِمْعَانَ وَقَدْ وَقَفُوا عَلَى ٱلْبَابِ ١٧ 17
१७जब पतरस अपने मन में दुविधा में था, कि यह दर्शन जो मैंने देखा क्या है, तब वे मनुष्य जिन्हें कुरनेलियुस ने भेजा था, शमौन के घर का पता लगाकर द्वार पर आ खड़े हुए।
وَنَادَوْا يَسْتَخْبِرُونَ: «هَلْ سِمْعَانُ ٱلْمُلَقَّبُ بُطْرُسَ نَازِلٌ هُنَاكَ؟». ١٨ 18
१८और पुकारकर पूछने लगे, “क्या शमौन जो पतरस कहलाता है, यहाँ पर अतिथि है?”
وَبَيْنَمَا بُطْرُسُ مُتَفَكِّرٌ فِي ٱلرُّؤْيَا، قَالَ لَهُ ٱلرُّوحُ: «هُوَذَا ثَلَاثَةُ رِجَالٍ يَطْلُبُونَكَ. ١٩ 19
१९पतरस जो उस दर्शन पर सोच ही रहा था, कि आत्मा ने उससे कहा, “देख, तीन मनुष्य तुझे खोज रहे हैं।
لَكِنْ قُمْ وَٱنْزِلْ وَٱذْهَبْ مَعَهُمْ غَيْرَ مُرْتَابٍ فِي شَيْءٍ، لِأَنِّي أَنَا قَدْ أَرْسَلْتُهُمْ». ٢٠ 20
२०अतः उठकर नीचे जा, और निःसंकोच उनके साथ हो ले; क्योंकि मैंने ही उन्हें भेजा है।”
فَنَزَلَ بُطْرُسُ إِلَى ٱلرِّجَالِ ٱلَّذِينَ أُرْسِلُوا إِلَيْهِ مِنْ قِبَلِ كَرْنِيلِيُوسَ، وَقَالَ: «هَا أَنَا ٱلَّذِي تَطْلُبُونَهُ. مَاهُوَ ٱلسَّبَبُ ٱلَّذِي حَضَرْتُمْ لِأَجْلِهِ؟». ٢١ 21
२१तब पतरस ने नीचे उतरकर उन मनुष्यों से कहा, “देखो, जिसको तुम खोज रहे हो, वह मैं ही हूँ; तुम्हारे आने का क्या कारण है?”
فَقَالُوا: «إِنَّ كَرْنِيلِيُوسَ قَائِدَ مِئَةٍ، رَجُلًا بَارًّا وَخَائِفَ ٱللهِ وَمَشْهُودًا لَهُ مِنْ كُلِّ أُمَّةِ ٱلْيَهُودِ، أُوحِيَ إِلَيْهِ بِمَلَاكٍ مُقَدَّسٍ أَنْ يَسْتَدْعِيَكَ إِلَى بَيْتِهِ وَيَسْمَعَ مِنْكَ كَلَامًا». ٢٢ 22
२२उन्होंने कहा, “कुरनेलियुस सूबेदार जो धर्मी और परमेश्वर से डरनेवाला और सारी यहूदी जाति में सुनाम मनुष्य है, उसने एक पवित्र स्वर्गदूत से यह निर्देश पाया है, कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझ से उपदेश सुने।”
فَدَعَاهُمْ إِلَى دَاخِلٍ وَأَضَافَهُمْ. ثُمَّ فِي ٱلْغَدِ خَرَجَ بُطْرُسُ مَعَهُمْ، وَأُنَاسٌ مِنَ ٱلْإِخْوَةِ ٱلَّذِينَ مِنْ يَافَا رَافَقُوهُ. ٢٣ 23
२३तब उसने उन्हें भीतर बुलाकर उनको रहने की जगह दी। और दूसरे दिन, वह उनके साथ गया; और याफा के भाइयों में से कुछ उसके साथ हो लिए।
وَفِي ٱلْغَدِ دَخَلُوا قَيْصَرِيَّةَ. وَأَمَّا كَرْنِيلِيُوسُ فَكَانَ يَنْتَظِرُهُمْ، وَقَدْ دَعَا أَنْسِبَاءَهُ وَأَصْدِقَاءَهُ ٱلْأَقْرَبِينَ. ٢٤ 24
२४दूसरे दिन वे कैसरिया में पहुँचे, और कुरनेलियुस अपने कुटुम्बियों और प्रिय मित्रों को इकट्ठे करके उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।
وَلَمَّا دَخَلَ بُطْرُسُ ٱسْتَقْبَلَهُ كَرْنِيلِيُوسُ وَسَجَدَ وَاقِعًا عَلَى قَدَمَيْهِ. ٢٥ 25
२५जब पतरस भीतर आ रहा था, तो कुरनेलियुस ने उससे भेंट की, और उसके पाँवों पर गिरकर उसे प्रणाम किया।
فَأَقَامَهُ بُطْرُسُ قَائِلًا: «قُمْ، أَنَا أَيْضًا إِنْسَانٌ». ٢٦ 26
२६परन्तु पतरस ने उसे उठाकर कहा, “खड़ा हो, मैं भी तो मनुष्य ही हूँ।”
ثُمَّ دَخَلَ وَهُوَ يَتَكَلَّمُ مَعَهُ وَوَجَدَ كَثِيرِينَ مُجْتَمِعِينَ. ٢٧ 27
२७और उसके साथ बातचीत करता हुआ भीतर गया, और बहुत से लोगों को इकट्ठे देखकर
فَقَالَ لَهُمْ: «أَنْتُمْ تَعْلَمُونَ كَيْفَ هُوَ مُحَرَّمٌ عَلَى رَجُلٍ يَهُودِيٍّ أَنْ يَلْتَصِقَ بِأَحَدٍ أَجْنَبِيٍّ أَوْ يَأْتِيَ إِلَيْهِ. وَأَمَّا أَنَا فَقَدْ أَرَانِي ٱللهُ أَنْ لَا أَقُولَ عَنْ إِنْسَانٍ مَا إِنَّهُ دَنِسٌ أَوْ نَجِسٌ. ٢٨ 28
२८उनसे कहा, “तुम जानते हो, कि अन्यजाति की संगति करना या उसके यहाँ जाना यहूदी के लिये अधर्म है, परन्तु परमेश्वर ने मुझे बताया है कि किसी मनुष्य को अपवित्र या अशुद्ध न कहूँ।
فَلِذَلِكَ جِئْتُ مِنْ دُونِ مُنَاقَضَةٍ إِذِ ٱسْتَدْعَيْتُمُونِي. فَأَسْتَخْبِرُكُمْ: لِأَيِّ سَبَبٍ ٱسْتَدْعَيْتُمُونِي؟». ٢٩ 29
२९इसलिए मैं जब बुलाया गया तो बिना कुछ कहे चला आया। अब मैं पूछता हूँ कि मुझे किस काम के लिये बुलाया गया है?”
فَقَالَ كَرْنِيلِيُوسُ: «مُنْذُ أَرْبَعَةِ أَيَّامٍ إِلَى هَذِهِ ٱلسَّاعَةِ كُنْتُ صَائِمًا. وَفِي ٱلسَّاعَةِ ٱلتَّاسِعَةِ كُنْتُ أُصَلِّي فِي بَيْتِي، وَإِذَا رَجُلٌ قَدْ وَقَفَ أَمَامِي بِلِبَاسٍ لَامِعٍ ٣٠ 30
३०कुरनेलियुस ने कहा, “चार दिन पहले, इसी समय, मैं अपने घर में तीसरे पहर को प्रार्थना कर रहा था; कि एक पुरुष चमकीला वस्त्र पहने हुए, मेरे सामने आ खड़ा हुआ।
وَقَالَ: يَا كَرْنِيلِيُوسُ، سُمِعَتْ صَلَاتُكَ وَذُكِرَتْ صَدَقَاتُكَ أَمَامَ ٱللهِ. ٣١ 31
३१और कहने लगा, ‘हे कुरनेलियुस, तेरी प्रार्थना सुन ली गई है और तेरे दान परमेश्वर के सामने स्मरण किए गए हैं।
فَأَرْسِلْ إِلَى يَافَا وَٱسْتَدْعِ سِمْعَانَ ٱلْمُلَقَّبَ بُطْرُسَ. إِنَّهُ نَازِلٌ فِي بَيْتِ سِمْعَانَ رَجُلٍ دَبَّاغٍ عِنْدَ ٱلْبَحْرِ. فَهُوَ مَتَى جَاءَ يُكَلِّمُكَ. ٣٢ 32
३२इसलिए किसी को याफा भेजकर शमौन को जो पतरस कहलाता है, बुला। वह समुद्र के किनारे शमौन जो, चमड़े का धन्धा करनेवाले के घर में अतिथि है।’
فَأَرْسَلْتُ إِلَيْكَ حَالًا. وَأَنْتَ فَعَلْتَ حَسَنًا إِذْ جِئْتَ. وَٱلْآنَ نَحْنُ جَمِيعًا حَاضِرُونَ أَمَامَ ٱللهِ لِنَسْمَعَ جَمِيعَ مَا أَمَرَكَ بِهِ ٱللهُ». ٣٣ 33
३३तब मैंने तुरन्त तेरे पास लोग भेजे, और तूने भला किया जो आ गया। अब हम सब यहाँ परमेश्वर के सामने हैं, ताकि जो कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा है उसे सुनें।”
فَفَتَحَ بُطْرُسُ فَاهُ وَقَالَ: «بِٱلْحَقِّ أَنَا أَجِدُ أَنَّ ٱللهَ لَا يَقْبَلُ ٱلْوُجُوهَ. ٣٤ 34
३४तब पतरस ने मुँह खोलकर कहा, अब मुझे निश्चय हुआ, कि परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता,
بَلْ فِي كُلِّ أُمَّةٍ، ٱلَّذِي يَتَّقِيهِ وَيَصْنَعُ ٱلْبِرَّ مَقْبُولٌ عِنْدَهُ. ٣٥ 35
३५वरन् हर जाति में जो उससे डरता और धार्मिक काम करता है, वह उसे भाता है।
ٱلْكَلِمَةُ ٱلَّتِي أَرْسَلَهَا إِلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ يُبَشِّرُ بِٱلسَّلَامِ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ. هَذَا هُوَ رَبُّ ٱلْكُلِّ. ٣٦ 36
३६जो वचन उसने इस्राएलियों के पास भेजा, जबकि उसने यीशु मसीह के द्वारा जो सब का प्रभु है, शान्ति का सुसमाचार सुनाया।
أَنْتُمْ تَعْلَمُونَ ٱلْأَمْرَ ٱلَّذِي صَارَ فِي كُلِّ ٱلْيَهُودِيَّةِ مُبْتَدِئًا مِنَ ٱلْجَلِيلِ، بَعْدَ ٱلْمَعْمُودِيَّةِ ٱلَّتِي كَرَزَ بِهَا يُوحَنَّا. ٣٧ 37
३७वह वचन तुम जानते हो, जो यूहन्ना के बपतिस्मा के प्रचार के बाद गलील से आरम्भ होकर सारे यहूदिया में फैल गया:
يَسُوعُ ٱلَّذِي مِنَ ٱلنَّاصِرَةِ كَيْفَ مَسَحَهُ ٱللهُ بِٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ وَٱلْقُوَّةِ، ٱلَّذِي جَالَ يَصْنَعُ خَيْرًا وَيَشْفِي جَمِيعَ ٱلْمُتَسَلِّطِ عَلَيْهِمْ إِبْلِيسُ، لِأَنَّ ٱللهَ كَانَ مَعَهُ. ٣٨ 38
३८परमेश्वर ने किस रीति से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषेक किया; वह भलाई करता, और सब को जो शैतान के सताए हुए थे, अच्छा करता फिरा, क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।
وَنَحْنُ شُهُودٌ بِكُلِّ مَا فَعَلَ فِي كُورَةِ ٱلْيَهُودِيَّةِ وَفِي أُورُشَلِيمَ. ٱلَّذِي أَيْضًا قَتَلُوهُ مُعَلِّقِينَ إِيَّاهُ عَلَى خَشَبَةٍ. ٣٩ 39
३९और हम उन सब कामों के गवाह हैं; जो उसने यहूदिया के देश और यरूशलेम में भी किए, और उन्होंने उसे काठ पर लटकाकर मार डाला।
هَذَا أَقَامَهُ ٱللهُ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّالِثِ، وَأَعْطَى أَنْ يَصِيرَ ظَاهِرًا، ٤٠ 40
४०उसको परमेश्वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रगट भी कर दिया है।
لَيْسَ لِجَمِيعِ ٱلشَّعْبِ، بَلْ لِشُهُودٍ سَبَقَ ٱللهُ فَٱنْتَخَبَهُمْ. لَنَا نَحْنُ ٱلَّذِينَ أَكَلْنَا وَشَرِبْنَا مَعَهُ بَعْدَ قِيَامَتِهِ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ. ٤١ 41
४१सब लोगों को नहीं वरन् उन गवाहों को जिन्हें परमेश्वर ने पहले से चुन लिया था, अर्थात् हमको जिन्होंने उसके मरे हुओं में से जी उठने के बाद उसके साथ खाया पीया;
وَأَوْصَانَا أَنْ نَكْرِزَ لِلشَّعْبِ، وَنَشْهَدَ بِأَنَّ هَذَا هُوَ ٱلْمُعَيَّنُ مِنَ ٱللهِ دَيَّانًا لِلْأَحْيَاءِ وَٱلْأَمْوَاتِ. ٤٢ 42
४२और उसने हमें आज्ञा दी कि लोगों में प्रचार करो और गवाही दो, कि यह वही है जिसे परमेश्वर ने जीवितों और मरे हुओं का न्यायी ठहराया है।
لَهُ يَشْهَدُ جَمِيعُ ٱلْأَنْبِيَاءِ أَنَّ كُلَّ مَنْ يُؤْمِنُ بِهِ يَنَالُ بِٱسْمِهِ غُفْرَانَ ٱلْخَطَايَا». ٤٣ 43
४३उसकी सब भविष्यद्वक्ता गवाही देते है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, उसको उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी।
فَبَيْنَمَا بُطْرُسُ يَتَكَلَّمُ بِهَذِهِ ٱلْأُمُورِ حَلَّ ٱلرُّوحُ ٱلْقُدُسُ عَلَى جَمِيعِ ٱلَّذِينَ كَانُوا يَسْمَعُونَ ٱلْكَلِمَةَ. ٤٤ 44
४४पतरस ये बातें कह ही रहा था कि पवित्र आत्मा वचन के सब सुननेवालों पर उतर आया।
فَٱنْدَهَشَ ٱلْمُؤْمِنُونَ ٱلَّذِينَ مِنْ أَهْلِ ٱلْخِتَانِ، كُلُّ مَنْ جَاءَ مَعَ بُطْرُسَ، لِأَنَّ مَوْهِبَةَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ قَدِ ٱنْسَكَبَتْ عَلَى ٱلْأُمَمِ أَيْضًا. ٤٥ 45
४५और जितने खतना किए हुए विश्वासी पतरस के साथ आए थे, वे सब चकित हुए कि अन्यजातियों पर भी पवित्र आत्मा का दान उण्डेला गया है।
لِأَنَّهُمْ كَانُوا يَسْمَعُونَهُمْ يَتَكَلَّمُونَ بِأَلْسِنَةٍ وَيُعَظِّمُونَ ٱللهَ. حِينَئِذٍ أَجَابَ بُطْرُسُ: ٤٦ 46
४६क्योंकि उन्होंने उन्हें भाँति-भाँति की भाषा बोलते और परमेश्वर की बड़ाई करते सुना। इस पर पतरस ने कहा,
«أَتُرَى يَسْتَطِيعُ أَحَدٌ أَنْ يَمْنَعَ ٱلْمَاءَ حَتَّى لَا يَعْتَمِدَ هَؤُلَاءِ ٱلَّذِينَ قَبِلُوا ٱلرُّوحَ ٱلْقُدُسَ كَمَا نَحْنُ أَيْضًا؟». ٤٧ 47
४७“क्या अब कोई इन्हें जल से रोक सकता है कि ये बपतिस्मा न पाएँ, जिन्होंने हमारे समान पवित्र आत्मा पाया है?”
وَأَمَرَ أَنْ يَعْتَمِدُوا بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ. حِينَئِذٍ سَأَلُوهُ أَنْ يَمْكُثَ أَيَّامًا. ٤٨ 48
४८और उसने आज्ञा दी कि उन्हें यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा दिया जाए। तब उन्होंने उससे विनती की, कि कुछ दिन और हमारे साथ रह।

< أعمال 10 >