< ٢ تيموثاوس 4 >

أَنَا أُنَاشِدُكَ إِذًا أَمَامَ ٱللهِ وَٱلرَّبِّ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٱلْعَتِيدِ أَنْ يَدِينَ ٱلْأَحْيَاءَ وَٱلْأَمْوَاتَ، عِنْدَ ظُهُورِهِ وَمَلَكُوتِهِ: ١ 1
ख़ुदा और मसीह 'ईसा को जो ज़िन्दों और मुर्दों की अदालत करेगा; गवाह करके और उस के ज़हूर और बादशाही को याद दिला कर मैं तुझे नसीहत करता हूँ।
ٱكْرِزْ بِٱلْكَلِمَةِ. ٱعْكُفْ عَلَى ذَلِكَ فِي وَقْتٍ مُنَاسِبٍ وَغَيْرِ مُنَاسِبٍ. وَبِّخِ، ٱنْتَهِرْ، عِظْ بِكُلِّ أَنَاةٍ وَتَعْلِيمٍ. ٢ 2
कि तू कलाम की मनादी कर वक़्त और बे वक़्त मुस्त'इद रह, हर तरह के तहम्मील और ता'लीम के साथ समझा दे और मलामत और नसीहत कर।
لِأَنَّهُ سَيَكُونُ وَقْتٌ لَا يَحْتَمِلُونَ فِيهِ ٱلتَّعْلِيمَ ٱلصَّحِيحَ، بَلْ حَسَبَ شَهَوَاتِهِمُ ٱلْخَاصَّةِ يَجْمَعُونَ لَهُمْ مُعَلِّمِينَ مُسْتَحِكَّةً مَسَامِعُهُمْ، ٣ 3
क्यूँकि ऐसा वक़्त आएगा कि लोग सही ता'लीम की बर्दाश्त न करेंगे; बल्कि कानों की खुजली के ज़रिए अपनी अपनी ख़्वाहिशों के मुवाफ़िक़ बहुत से उस्ताद बना लेंगे।
فَيَصْرِفُونَ مَسَامِعَهُمْ عَنِ ٱلْحَقِّ، وَيَنْحَرِفُونَ إِلَى ٱلْخُرَافَاتِ. ٤ 4
और अपने कानों को हक़ की तरफ़ से फ़ेर कर कहानियों पर मुतवज्जह होंगे।
وَأَمَّا أَنْتَ فَٱصْحُ فِي كُلِّ شَيْءٍ. ٱحْتَمِلِ ٱلْمَشَقَّاتِ. ٱعْمَلْ عَمَلَ ٱلْمُبَشِّرِ. تَمِّمْ خِدْمَتَكَ. ٥ 5
मगर तू सब बातों में होशियार रह, दु: ख उठा बशारत का काम अन्जाम दे अपनी ख़िदमत को पूरा कर।
فَإِنِّي أَنَا ٱلْآنَ أُسْكَبُ سَكِيبًا، وَوَقْتُ ٱنْحِلَالِي قَدْ حَضَرَ. ٦ 6
क्यूँकि मैं अब क़ुर्बान हो रहा हूँ, और मेरे जाने का वक़्त आ पहुँचा है।
قَدْ جَاهَدْتُ ٱلْجِهَادَ ٱلْحَسَنَ، أَكْمَلْتُ ٱلسَّعْيَ، حَفِظْتُ ٱلْإِيمَانَ، ٧ 7
मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका, मैंने दौड़ को ख़त्म कर लिया, मैंने ईमान को महफ़ूज़ रख्खा।
وَأَخِيرًا قَدْ وُضِعَ لِي إِكْلِيلُ ٱلْبِرِّ، ٱلَّذِي يَهَبُهُ لِي فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ، ٱلرَّبُّ ٱلدَّيَّانُ ٱلْعَادِلُ، وَلَيْسَ لِي فَقَطْ، بَلْ لِجَمِيعِ ٱلَّذِينَ يُحِبُّونَ ظُهُورَهُ أَيْضًا. ٨ 8
आइन्दा के लिए मेरे वास्ते रास्तबाज़ी का वो ताज रखा हुआ है, जो आदिल मुन्सिफ़ या'नी ख़ुदावन्द मुझे उस दिन देगा और सिर्फ़ मुझे ही नहीं बल्कि उन सब को भी जो उस के ज़हूर के आरज़ूमन्द हों।
بَادِرْ أَنْ تَجِيءَ إِلَيَّ سَرِيعًا، ٩ 9
मेरे पास जल्द आने की कोशिश कर।
لِأَنَّ دِيمَاسَ قَدْ تَرَكَنِي إِذْ أَحَبَّ ٱلْعَالَمَ ٱلْحَاضِرَ وَذَهَبَ إِلَى تَسَالُونِيكِي، وَكِرِيسْكِيسَ إِلَى غَلَاطِيَّةَ، وَتِيطُسَ إِلَى دَلْمَاطِيَّةَ. (aiōn g165) ١٠ 10
क्यूँकि देमास ने इस मौजूदा जहान को पसन्द करके मुझे छोड़ दिया और थिस्सलुनीकियों के शहर को चला गया और क्रेसकेन्स ग़लतिया सूबे को और तितुस दलमतिया सूबे को। (aiōn g165)
لُوقَا وَحْدَهُ مَعِي. خُذْ مَرْقُسَ وَأَحْضِرْهُ مَعَكَ لِأَنَّهُ نَافِعٌ لِي لِلْخِدْمَةِ. ١١ 11
सिर्फ़ लूक़ा मेरे पास है मरकुस को साथ लेकर आजा; क्यूँकि ख़िदमत के लिए वो मेरे काम का है।
أَمَّا تِيخِيكُسُ فَقَدْ أَرْسَلْتُهُ إِلَى أَفَسُسَ. ١٢ 12
तुख़िकुस को में ने इफ़िसुस भेज दिया है।
اَلرِّدَاءَ ٱلَّذِي تَرَكْتُهُ فِي تَرُواسَ عِنْدَ كَارْبُسَ، أَحْضِرْهُ مَتَى جِئْتَ، وَٱلْكُتُبَ أَيْضًا وَلَا سِيَّمَا ٱلرُّقُوقَ. ١٣ 13
जो चोग़ा में त्रोआस में करपुस के यहाँ छोड़ आया हूँ जब तू आए तो वो और किताबें ख़ास कर रक़्क़ के तुमार लेता आइये।
إِسْكَنْدَرُ ٱلنَّحَّاسُ أَظْهَرَ لِي شُرُورًا كَثِيرَةً. لِيُجَازِهِ ٱلرَّبُّ حَسَبَ أَعْمَالِهِ. ١٤ 14
सिकन्दर ठठेरे ने मुझ से बहुत बुराइयां कीं ख़ुदावन्द उसे उसके कामों के मुवाफ़िक़ बदला देगा।
فَٱحْتَفِظْ مِنْهُ أَنْتَ أَيْضًا، لِأَنَّهُ قَاوَمَ أَقْوَالَنَا جِدًّا. ١٥ 15
उस से तू भी ख़बरदार रह, क्यूँकि उस ने हमारी बातों की बड़ी मुख़ालिफ़त की।
فِي ٱحْتِجَاجِي ٱلْأَوَّلِ لَمْ يَحْضُرْ أَحَدٌ مَعِي، بَلِ ٱلْجَمِيعُ تَرَكُونِي. لَا يُحْسَبْ عَلَيْهِمْ. ١٦ 16
मेरी पहली जवाबदेही के वक़्त किसी ने मेरा साथ न दिया; बल्कि सब ने मुझे छोड़ दिया क़ाश कि उन्हें इसका हिसाब देना न पड़े।
وَلَكِنَّ ٱلرَّبَّ وَقَفَ مَعِي وَقَوَّانِي، لِكَيْ تُتَمَّ بِي ٱلْكِرَازَةُ، وَيَسْمَعَ جَمِيعُ ٱلْأُمَمِ، فَأُنْقِذْتُ مِنْ فَمِ ٱلْأَسَدِ. ١٧ 17
मगर ख़ुदावन्द मेरा मददगार था, और उस ने मुझे ताक़त बख़्शी ताकि मेरे ज़रिए पैग़ाम की पूरी मनादी हो जाए और सब ग़ैर क़ौमें सुन लें और मैं शेर के मुँह से छुड़ाया गया।
وَسَيُنْقِذُنِي ٱلرَّبُّ مِنْ كُلِّ عَمَلٍ رَدِيءٍ وَيُخَلِّصُنِي لِمَلَكُوتِهِ ٱلسَّمَاوِيِّ. ٱلَّذِي لَهُ ٱلْمَجْدُ إِلَى دَهْرِ ٱلدُّهُورِ. آمِينَ. (aiōn g165) ١٨ 18
ख़ुदावन्द मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा और अपनी आसमानी बादशाही में सही सलामत पहुँचा देगा उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn g165)
سَلِّمْ عَلَى فِرِسْكَا وَأَكِيلَا وَبَيْتِ أُنِيسِيفُورُسَ. ١٩ 19
प्रिस्का और अक्विला से और अनेसफ़ुरुस के ख़ानदान से सलाम कह।
أَرَاسْتُسُ بَقِيَ فِي كُورِنْثُوسَ. وَأَمَّا تُرُوفِيمُسُ فَتَرَكْتُهُ فِي مِيلِيتُسَ مَرِيضًا. ٢٠ 20
इरास्तुस कुरिन्थुस शहर में रहा, और त्रुफ़िमुस को मैंने मीलेतुस टापू में बीमार छोड़ा।
بَادِرْ أَنْ تَجِيءَ قَبْلَ ٱلشِّتَاءِ. يُسَلِّمُ عَلَيْكَ أَفْبُولُسُ وَبُودِيسُ وَلِينُسُ وَكَلَافِدِيَّةُ وَٱلْإِخْوَةُ جَمِيعًا. ٢١ 21
जाड़ों से पहले मेरे पास आ जाने की कोशिश कर यूबूलुस और पूदेंस और लीनुस और क्लोदिया और सब भाई तुझे सलाम कहते हैं।
اَلرَّبُّ يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ مَعَ رُوحِكَ. اَلنِّعْمَةُ مَعَكُمْ. آمِينَ. ٢٢ 22
ख़ुदावन्द तेरी रूह के साथ रहे तुम पर फ़ज़ल होता रहे।

< ٢ تيموثاوس 4 >