< اَلْمُلُوكِ ٱلثَّانِي 23 >

وَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ، فَجَمَعُوا إِلَيْهِ كُلَّ شُيُوخِ يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ. ١ 1
राजा ने यहूदा और यरूशलेम के सब पुरनियों को अपने पास बुलाकर इकट्ठा किया।
وَصَعِدَ ٱلْمَلِكُ إِلَى بَيْتِ ٱلرَّبِّ وَجَمِيعُ رِجَالِ يَهُوذَا وَكُلُّ سُكَّانِ أُورُشَلِيمَ مَعَهُ، وَٱلْكَهَنَةُ وَٱلْأَنْبِيَاءُ وَكُلُّ ٱلشَّعْبِ مِنَ ٱلصَّغِيرِ إِلَى ٱلْكَبِيرِ، وَقَرَأَ فِي آذَانِهِمْ كُلَّ كَلَامِ سِفْرِ ٱلشَّرِيعَةِ ٱلَّذِي وُجِدَ فِي بَيْتِ ٱلرَّبِّ. ٢ 2
तब राजा, यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और नबियों वरन् छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग लेकर यहोवा के भवन में गया। उसने जो वाचा की पुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी, उसकी सब बातें उनको पढ़कर सुनाईं।
وَوَقَفَ ٱلْمَلِكُ عَلَى ٱلْمِنْبَرِ وَقَطَعَ عَهْدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِلذَّهَابِ وَرَاءَ ٱلرَّبِّ، وَلِحِفْظِ وَصَايَاهُ وَشَهَادَاتِهِ وَفَرَائِضِهِ بِكُلِّ ٱلْقَلْبِ وَكُلِّ ٱلنَّفْسِ، لِإِقَامَةِ كَلَامِ هَذَا ٱلْعَهْدِ ٱلْمَكْتُوبِ فِي هَذَا ٱلسِّفْرِ. وَوَقَفَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ عِنْدَ ٱلْعَهْدِ. ٣ 3
तब राजा ने खम्भे के पास खड़ा होकर यहोवा से इस आशा की वाचा बाँधी, कि मैं यहोवा के पीछे-पीछे चलूँगा, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी आज्ञाएँ, चितौनियाँ और विधियों का नित पालन किया करूँगा, और इस वाचा की बातों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं पूरी करूँगा; और सब प्रजा वाचा में सम्‍भागी हुई।
وَأَمَرَ ٱلْمَلِكُ حِلْقِيَّا ٱلْكَاهِنَ ٱلْعَظِيمَ، وَكَهَنَةَ ٱلْفِرْقَةِ ٱلثَّانِيَةِ، وَحُرَّاسَ ٱلْبَابِ أَنْ يُخْرِجُوا مِنْ هَيْكَلِ ٱلرَّبِّ جَمِيعَ ٱلْآنِيَةِ ٱلْمَصْنُوعَةِ لِلْبَعْلِ وَلِلسَّارِيَةِ وَلِكُلِّ أَجْنَادِ ٱلسَّمَاءِ، وَأَحْرَقَهَا خَارِجَ أُورُشَلِيمَ فِي حُقُولِ قَدْرُونَ، وَحَمَلَ رَمَادَهَا إِلَى بَيْتِ إِيلَ. ٤ 4
तब राजा ने हिल्किय्याह महायाजक और उसके नीचे के याजकों और द्वारपालों को आज्ञा दी कि जितने पात्र बाल और अशेरा और आकाश के सब गणों के लिये बने हैं, उन सभी को यहोवा के मन्दिर में से निकाल ले आओ। तब उसने उनको यरूशलेम के बाहर किद्रोन के मैदानों में फूँककर उनकी राख बेतेल को पहुँचा दी।
وَلَاشَى كَهَنَةَ ٱلْأَصْنَامِ ٱلَّذِينَ جَعَلَهُمْ مُلُوكُ يَهُوذَا لِيُوقِدُوا عَلَى ٱلْمُرْتَفَعَاتِ فِي مُدُنِ يَهُوذَا وَمَا يُحِيطُ بِأُورُشَلِيمَ، وَٱلَّذِينَ يُوقِدُونَ: لِلْبَعْلِ، لِلشَّمْسِ، وَٱلْقَمَرِ، وَٱلْمَنَازِلِ، وَلِكُلِّ أَجْنَادِ ٱلسَّمَاءِ. ٥ 5
जिन पुजारियों को यहूदा के राजाओं ने यहूदा के नगरों के ऊँचे स्थानों में और यरूशलेम के आस-पास के स्थानों में धूप जलाने के लिये ठहराया था, उनको और जो बाल और सूर्य-चन्द्रमा, राशिचक्र और आकाश के सारे गणों को धूप जलाते थे, उनको भी राजा ने हटा दिया।
وَأَخْرَجَ ٱلسَّارِيَةَ مِنْ بَيْتِ ٱلرَّبِّ خَارِجَ أُورُشَلِيمَ إِلَى وَادِي قَدْرُونَ وَأَحْرَقَهَا فِي وَادِي قَدْرُونَ، وَدَقَّهَا إِلَى أَنْ صَارَتْ غُبَارًا، وَذَرَّى ٱلْغُبَارَ عَلَى قُبُورِ عَامَّةِ ٱلشَّعْبِ. ٦ 6
वह अशेरा को यहोवा के भवन में से निकालकर यरूशलेम के बाहर किद्रोन नाले में ले गया और वहीं उसको फूँक दिया, और पीसकर बुकनी कर दिया। तब वह बुकनी साधारण लोगों की कब्रों पर फेंक दी।
وَهَدَمَ بُيُوتَ ٱلْمَأْبُونِينَ ٱلَّتِي عِنْدَ بَيْتِ ٱلرَّبِّ حَيْثُ كَانَتِ ٱلنِّسَاءُ يَنْسِجْنَ بُيُوتًا لِلسَّارِيَةِ. ٧ 7
फिर पुरुषगामियों के घर जो यहोवा के भवन में थे, जहाँ स्त्रियाँ अशेरा के लिये पर्दे बुना करती थीं, उनको उसने ढा दिया।
وَجَاءَ بِجَمِيعِ ٱلْكَهَنَةِ مِنْ مُدُنِ يَهُوذَا، وَنَجَّسَ ٱلْمُرْتَفَعَاتِ حَيْثُ كَانَ ٱلْكَهَنَةُ يُوقِدُونَ، مِنْ جَبْعَ إِلَى بِئْرِ سَبْعٍ، وَهَدَمَ مُرْتَفَعَاتِ ٱلْأَبْوَابِ ٱلَّتِي عِنْدَ مَدْخَلِ بَابِ يَشُوعَ رَئِيسِ ٱلْمَدِينَةِ ٱلَّتِي عَنِ ٱلْيَسَارِ فِي بَابِ ٱلْمَدِينَةِ. ٨ 8
उसने यहूदा के सब नगरों से याजकों को बुलवाकर गेबा से बेर्शेबा तक के उन ऊँचे स्थानों को, जहाँ उन याजकों ने धूप जलाया था, अशुद्ध कर दिया; और फाटकों के ऊँचे स्थान अर्थात् जो स्थान नगर के यहोशू नामक हाकिम के फाटक पर थे, और नगर के फाटक के भीतर जानेवाले के बाईं ओर थे, उनको उसने ढा दिया।
إِلَّا أَنَّ كَهَنَةَ ٱلْمُرْتَفَعَاتِ لَمْ يَصْعَدُوا إِلَى مَذْبَحِ ٱلرَّبِّ فِي أُورُشَلِيمَ بَلْ أَكَلُوا فَطِيرًا بَيْنَ إِخْوَتِهِمْ. ٩ 9
तो भी ऊँचे स्थानों के याजक यरूशलेम में यहोवा की वेदी के पास न आए, वे अख़मीरी रोटी अपने भाइयों के साथ खाते थे।
وَنَجَّسَ تُوفَةَ ٱلَّتِي فِي وَادِي بَنِي هِنُّومَ لِكَيْ لَا يُعَبِّرَ أَحَدٌ ٱبْنَهُ أَوِ ٱبْنَتَهُ فِي ٱلنَّارِ لِمُولَكَ. ١٠ 10
१०फिर उसने तोपेत जो हिन्नोमवंशियों की तराई में था, अशुद्ध कर दिया, ताकि कोई अपने बेटे या बेटी को मोलेक के लिये आग में होम करके न चढ़ाए।
وَأَبَادَ ٱلْخَيْلَ ٱلَّتِي أَعْطَاهَا مُلُوكُ يَهُوذَا لِلشَّمْسِ عِنْدَ مَدْخَلِ بَيْتِ ٱلرَّبِّ عِنْدَ مُخْدَعِ نَثْنَمْلَكَ ٱلْخَصِيِّ ٱلَّذِي فِي ٱلْأَرْوِقَةِ، وَمَرْكَبَاتُ ٱلشَّمْسِ أَحْرَقَهَا بِٱلنَّارِ. ١١ 11
११जो घोड़े यहूदा के राजाओं ने सूर्य को अर्पण करके, यहोवा के भवन के द्वार पर नतन्मेलेक नामक खोजे की बाहर की कोठरी में रखे थे, उनको उसने दूर किया, और सूर्य के रथों को आग में फूँक दिया।
وَٱلْمَذَابِحُ ٱلَّتِي عَلَى سَطْحِ عُلِّيَّةِ آحَازَ ٱلَّتِي عَمِلَهَا مُلُوكُ يَهُوذَا، وَٱلْمَذَابِحُ ٱلَّتِي عَمِلَهَا مَنَسَّى فِي دَارَيْ بَيْتِ ٱلرَّبِّ، هَدَمَهَا ٱلْمَلِكُ، وَرَكَضَ مِنْ هُنَاكَ وَذَرَّى غُبَارَهَا فِي وَادِي قَدْرُونَ. ١٢ 12
१२आहाज की अटारी की छत पर जो वेदियाँ यहूदा के राजाओं की बनाई हुई थीं, और जो वेदियाँ मनश्शे ने यहोवा के भवन के दोनों आँगनों में बनाई थीं, उनको राजा ने ढाकर पीस डाला और उनकी बुकनी किद्रोन नाले में फेंक दी।
وَٱلْمُرْتَفَعَاتُ ٱلَّتِي قُبَالَةَ أُورُشَلِيمَ، ٱلَّتِي عَنْ يَمِينِ جَبَلِ ٱلْهَلَاكِ، ٱلَّتِي بَنَاهَا سُلَيْمَانُ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ لِعَشْتُورَثَ رَجَاسَةِ ٱلصِّيدُونِيِّينَ، وَلِكَمُوشَ رَجَاسَةِ ٱلْمُوآبِيِّينَ، وَلِمَلْكُومَ كَرَاهَةِ بَنِي عَمُّونَ، نَجَّسَهَا ٱلْمَلِكُ. ١٣ 13
१३जो ऊँचे स्थान इस्राएल के राजा सुलैमान ने यरूशलेम के पूर्व की ओर और विकारी नामक पहाड़ी के दक्षिण ओर, अश्तोरेत नामक सीदोनियों की घिनौनी देवी, और कमोश नामक मोआबियों के घिनौने देवता, और मिल्कोम नामक अम्मोनियों के घिनौने देवता के लिये बनवाए थे, उनको राजा ने अशुद्ध कर दिया।
وَكَسَّرَ ٱلتَّمَاثِيلَ وَقَطَّعَ ٱلسَّوَارِيَ وَمَلَأَ مَكَانَهَا مِنْ عِظَامِ ٱلنَّاسِ. ١٤ 14
१४उसने लाठों को तोड़ दिया और अशेरों को काट डाला, और उनके स्थान मनुष्यों की हड्डियों से भर दिए।
وَكَذَلِكَ ٱلْمَذْبَحُ ٱلَّذِي فِي بَيْتِ إِيلَ فِي ٱلْمُرْتَفَعَةِ ٱلَّتِي عَمِلَهَا يَرُبْعَامُ بْنُ نَبَاطَ ٱلَّذِي جَعَلَ إِسْرَائِيلَ يُخْطِئُ، فَذَانِكَ ٱلْمَذْبَحُ وَٱلْمُرْتَفَعَةُ هَدَمَهُمَا وَأَحْرَقَ ٱلْمُرْتَفَعَةَ وَسَحَقَهَا حَتَّى صَارَتْ غُبَارًا، وَأَحْرَقَ ٱلسَّارِيَةَ. ١٥ 15
१५फिर बेतेल में जो वेदी थी, और जो ऊँचा स्थान नबात के पुत्र यारोबाम ने बनाया था, जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उस वेदी और उस ऊँचे स्थान को उसने ढा दिया, और ऊँचे स्थान को फूँककर बुकनी कर दिया और अशेरा को फूँक दिया।
وَٱلْتَفَتَ يُوشِيَّا فَرَأَى ٱلْقُبُورَ ٱلَّتِي هُنَاكَ فِي ٱلْجَبَلِ، فَأَرْسَلَ وَأَخَذَ ٱلْعِظَامَ مِنَ ٱلْقُبُورِ وَأَحْرَقَهَا عَلَى ٱلْمَذْبَحِ، وَنَجَّسَهُ حَسَبَ كَلَامِ ٱلرَّبِّ ٱلَّذِي نَادَى بِهِ رَجُلُ ٱللهِ ٱلَّذِي نَادَى بِهَذَا ٱلْكَلَامِ. ١٦ 16
१६तब योशिय्याह ने मुड़कर वहाँ के पहाड़ की कब्रों को देखा, और लोगों को भेजकर उन कब्रों से हड्डियाँ निकलवा दीं और वेदी पर जलवाकर उसको अशुद्ध किया। यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर के उस भक्त ने पुकारकर कहा था जिसने इन्हीं बातों की चर्चा की थी।
وَقَالَ: «مَا هَذِهِ ٱلصُّوَّةُ ٱلَّتِي أَرَى؟» فَقَالَ لَهُ رِجَالُ ٱلْمَدِينَةِ: «هِيَ قَبْرُ رَجُلِ ٱللهِ ٱلَّذِي جَاءَ مِنْ يَهُوذَا وَنَادَى بِهَذِهِ ٱلْأُمُورِ ٱلَّتِي عَمِلْتَ عَلَى مَذْبَحِ بَيْتِ إِيلَ». ١٧ 17
१७तब उसने पूछा, “जो खम्भा मुझे दिखाई पड़ता है, वह क्या है?” तब नगर के लोगों ने उससे कहा, “वह परमेश्वर के उस भक्त जन की कब्र है, जिसने यहूदा से आकर इसी काम की चर्चा पुकारकर की थी, जो तूने बेतेल की वेदी से किया है।”
فَقَالَ: «دَعُوهُ. لَا يُحَرِّكَنَّ أَحَدٌ عِظَامَهُ». فَتَرَكُوا عِظَامَهُ وَعِظَامَ ٱلنَّبِيِّ ٱلَّذِي جَاءَ مِنَ ٱلسَّامِرَةِ. ١٨ 18
१८तब उसने कहा, “उसको छोड़ दो; उसकी हड्डियों को कोई न हटाए।” तब उन्होंने उसकी हड्डियाँ उस नबी की हड्डियों के संग जो सामरिया से आया था, रहने दीं।
وَكَذَا جَمِيعُ بُيُوتِ ٱلْمُرْتَفَعَاتِ ٱلَّتِي فِي مُدُنِ ٱلسَّامِرَةِ ٱلَّتِي عَمِلَهَا مُلُوكُ إِسْرَائِيلَ لِلْإِغَاظَةِ، أَزَالَهَا يُوشِيَّا، وَعَمِلَ بِهَا حَسَبَ جَمِيعِ ٱلْأَعْمَالِ ٱلَّتِي عَمِلَهَا فِي بَيْتِ إِيلَ. ١٩ 19
१९फिर ऊँचे स्थान के जितने भवन सामरिया के नगरों में थे, जिनको इस्राएल के राजाओं ने बनाकर यहोवा को क्रोध दिलाया था, उन सभी को योशिय्याह ने गिरा दिया; और जैसा-जैसा उसने बेतेल में किया था, वैसा-वैसा उनसे भी किया।
وَذَبَحَ جَمِيعَ كَهَنَةِ ٱلْمُرْتَفَعَاتِ ٱلَّتِي هُنَاكَ عَلَى ٱلْمَذَابِحِ، وَأَحْرَقَ عِظَامَ ٱلنَّاسِ عَلَيْهَا، ثُمَّ رَجَعَ إِلَى أُورُشَلِيمَ. ٢٠ 20
२०उन ऊँचे स्थानों के जितने याजक वहाँ थे उन सभी को उसने उन्हीं वेदियों पर बलि किया और उन पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाकर यरूशलेम को लौट गया।
وَأَمَرَ ٱلْمَلِكُ جَمِيعَ ٱلشَّعْبِ قَائِلًا: «ٱعْمَلُوا فِصْحًا لِلرَّبِّ إِلَهِكُمْ كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي سِفْرِ ٱلْعَهْدِ هَذَا». ٢١ 21
२१राजा ने सारी प्रजा के लोगों को आज्ञा दी, “इस वाचा की पुस्तक में जो कुछ लिखा है, उसके अनुसार अपने परमेश्वर यहोवा के लिये फसह का पर्व मानो।”
إِنَّهُ لَمْ يُعْمَلْ مِثْلُ هَذَا ٱلْفِصْحِ مُنْذُ أَيَّامِ ٱلْقُضَاةِ ٱلَّذِينَ حَكَمُوا عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَلَا فِي كُلِّ أَيَّامِ مُلُوكِ إِسْرَائِيلَ وَمُلُوكِ يَهُوذَا. ٢٢ 22
२२निश्चय ऐसा फसह न तो न्यायियों के दिनों में माना गया था जो इस्राएल का न्याय करते थे, और न इस्राएल या यहूदा के राजाओं के दिनों में माना गया था।
وَلَكِنْ فِي ٱلسَّنَةِ ٱلثَّامِنَةَ عَشْرَةَ لِلْمَلِكِ يُوشِيَّا، عُمِلَ هَذَا ٱلْفِصْحُ لِلرَّبِّ فِي أُورُشَلِيمَ. ٢٣ 23
२३राजा योशिय्याह के राज्य के अठारहवें वर्ष में यहोवा के लिये यरूशलेम में यह फसह माना गया।
وَكَذَلِكَ ٱلسَّحَرَةُ وَٱلْعَرَّافُونَ وَٱلتَّرَافِيمُ وَٱلْأَصْنَامُ وَجَمِيعُ ٱلرَّجَاسَاتِ ٱلَّتِي رُئِيَتْ فِي أَرْضِ يَهُوذَا وَفِي أُورُشَلِيمَ، أَبَادَهَا يُوشِيَّا لِيُقِيمَ كَلَامَ ٱلشَّرِيعَةِ ٱلْمَكْتُوبَ فِي ٱلسِّفْرِ ٱلَّذِي وَجَدَهُ حِلْقِيَّا ٱلْكَاهِنُ فِي بَيْتِ ٱلرَّبِّ. ٢٤ 24
२४फिर ओझे, भूत-सिद्धिवाले, गृहदेवता, मूरतें और जितनी घिनौनी वस्तुएँ यहूदा देश और यरूशलेम में जहाँ कहीं दिखाई पड़ीं, उन सभी को योशिय्याह ने इस मनसा से नाश किया, कि व्यवस्था की जो बातें उस पुस्तक में लिखी थीं जो हिल्किय्याह याजक को यहोवा के भवन में मिली थी, उनको वह पूरी करे।
وَلَمْ يَكُنْ قَبْلَهُ مَلِكٌ مِثْلُهُ قَدْ رَجَعَ إِلَى ٱلرَّبِّ بِكُلِّ قَلْبِهِ وَكُلِّ نَفْسِهِ وَكُلِّ قُوَّتِهِ حَسَبَ كُلِّ شَرِيعَةِ مُوسَى، وَبَعْدَهُ لَمْ يَقُمْ مِثْلُهُ. ٢٥ 25
२५उसके तुल्य न तो उससे पहले कोई ऐसा राजा हुआ और न उसके बाद ऐसा कोई राजा उठा, जो मूसा की पूरी व्यवस्था के अनुसार अपने पूर्ण मन और पूर्ण प्राण और पूर्ण शक्ति से यहोवा की ओर फिरा हो।
وَلَكِنَّ ٱلرَّبَّ لَمْ يَرْجِعْ عَنْ حُمُوِّ غَضَبِهِ ٱلْعَظِيمِ، لِأَنَّ غَضَبَهُ حَمِيَ عَلَى يَهُوذَا مِنْ أَجْلِ جَمِيعِ ٱلْإِغَاظَاتِ ٱلَّتِي أَغَاظَهُ إِيَّاهَا مَنَسَّى. ٢٦ 26
२६तो भी यहोवा का भड़का हुआ बड़ा कोप शान्त न हुआ, जो इस कारण से यहूदा पर भड़का था, कि मनश्शे ने यहोवा को क्रोध पर क्रोध दिलाया था।
فَقَالَ ٱلرَّبُّ: «إِنِّي أَنْزِعُ يَهُوذَا أَيْضًا مِنْ أَمَامِي كَمَا نَزَعْتُ إِسْرَائِيلَ، وَأَرْفُضُ هَذِهِ ٱلْمَدِينَةَ ٱلَّتِي ٱخْتَرْتُهَا أُورُشَلِيمَ وَٱلْبَيْتَ ٱلَّذِي قُلْتُ يَكُونُ ٱسْمِي فِيهِ». ٢٧ 27
२७यहोवा ने कहा था, “जैसे मैंने इस्राएल को अपने सामने से दूर किया, वैसे ही यहूदा को भी दूर करूँगा; और इस यरूशलेम नगर, जिसे मैंने चुना और इस भवन जिसके विषय मैंने कहा, कि यह मेरे नाम का निवास होगा, के विरुद्ध मैं हाथ उठाऊँगा।”
وَبَقِيَّةُ أُمُورِ يُوشِيَّا وَكُلُّ مَا عَمِلَ، أَمَا هِيَ مَكْتُوبَةٌ فِي سِفْرِ أَخْبَارِ ٱلْأَيَّامِ لِمُلُوكِ يَهُوذَا؟ ٢٨ 28
२८योशिय्याह के और सब काम जो उसने किए, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
فِي أَيَّامِهِ صَعِدَ فِرْعَوْنُ نَخْوُ مَلِكُ مِصْرَ عَلَى مَلِكِ أَشُّورَ إِلَى نَهْرِ ٱلْفُرَاتِ. فَصَعِدَ ٱلْمَلِكُ يُوشِيَّا لِلِقَائِهِ، فَقَتَلَهُ فِي مَجِدُّو حِينَ رَآهُ. ٢٩ 29
२९उसके दिनों में फ़िरौन-नको नामक मिस्र का राजा अश्शूर के राजा की सहायता करने फरात महानद तक गया तो योशिय्याह राजा भी उसका सामना करने को गया, और फ़िरौन-नको ने उसको देखते ही मगिद्दो में मार डाला।
وَأَرْكَبَهُ عَبِيدُهُ مَيْتًا مِنْ مَجِدُّو، وَجَاءُوا بِهِ إِلَى أُورُشَلِيمَ وَدَفَنُوهُ فِي قَبْرِهِ. فَأَخَذَ شَعْبُ ٱلْأَرْضِ يَهُوآحَازَ بْنَ يُوشِيَّا وَمَسَحُوهُ وَمَلَّكُوهُ عِوَضًا عَنْ أَبِيهِ. ٣٠ 30
३०तब उसके कर्मचारियों ने उसका शव एक रथ पर रख मगिद्दो से ले जाकर यरूशलेम को पहुँचाया और उसकी निज कब्र में रख दिया। तब साधारण लोगों ने योशिय्याह के पुत्र यहोआहाज को लेकर उसका अभिषेक करके, उसके पिता के स्थान पर राजा नियुक्त किया।
كَانَ يَهُوآحَازُ ٱبْنَ ثَلَاثٍ وَعِشْرِينَ سَنَةً حِينَ مَلَكَ، وَمَلَكَ ثَلَاثَةَ أَشْهُرٍ فِي أُورُشَلِيمَ، وَٱسْمُ أُمِّهِ حَمُوطَلُ بِنْتُ إِرْمِيَا مِنْ لِبْنَةَ. ٣١ 31
३१जब यहोआहाज राज्य करने लगा, तब वह तेईस वर्ष का था, और तीन महीने तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; उसकी माता का नाम हमूतल था, जो लिब्नावासी यिर्मयाह की बेटी थी।
فَعَمِلَ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ حَسَبَ كُلِّ مَا عَمِلَهُ آبَاؤُهُ. ٣٢ 32
३२उसने ठीक अपने पुरखाओं के समान वही किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
وَأَسَرَهُ فِرْعَوْنُ نَخْوُ فِي رَبْلَةَ فِي أَرْضِ حَمَاةَ لِئَلَّا يَمْلِكَ فِي أُورُشَلِيمَ، وَغَرَّمَ ٱلْأَرْضَ بِمِئَةِ وَزْنَةٍ مِنَ ٱلْفِضَّةِ وَوَزْنَةٍ مِنَ ٱلذَّهَبِ. ٣٣ 33
३३उसको फ़िरौन-नको ने हमात देश के रिबला नगर में बन्दी बना लिया, ताकि वह यरूशलेम में राज्य न करने पाए, फिर उसने देश पर सौ किक्कार चाँदी और किक्कार भर सोना जुर्माना किया।
وَمَلَّكَ فِرْعَوْنُ نَخْوُ أَلِيَاقِيمَ بْنَ يُوشِيَّا عِوَضًا عَنْ يُوشِيَّا أَبِيهِ، وَغَيَّرَ ٱسْمَهُ إِلَى يَهُويَاقِيمَ، وَأَخَذَ يَهُوآحَازَ وَجَاءَ إِلَى مِصْرَ فَمَاتَ هُنَاكَ. ٣٤ 34
३४तब फ़िरौन-नको ने योशिय्याह के पुत्र एलयाकीम को उसके पिता योशिय्याह के स्थान पर राजा नियुक्त किया, और उसका नाम बदलकर यहोयाकीम रखा; परन्तु यहोआहाज को वह ले गया। और यहोआहाज मिस्र में जाकर वहीं मर गया।
وَدَفَعَ يَهُويَاقِيمُ ٱلْفِضَّةَ وَٱلذَّهَبَ لِفِرْعَوْنَ، إِلَّا أَنَّهُ قَوَّمَ ٱلْأَرْضَ لِدَفْعِ ٱلْفِضَّةِ بِأَمْرِ فِرْعَوْنَ. كُلَّ وَاحِدٍ حَسَبَ تَقْوِيمِهِ. فَطَالَبَ شَعْبَ ٱلْأَرْضِ بِٱلْفِضَّةِ وَٱلذَّهَبِ لِيَدْفَعَ لِفِرْعَوْنَ نَخْوٍ. ٣٥ 35
३५यहोयाकीम ने फ़िरौन को वह चाँदी और सोना तो दिया परन्तु देश पर इसलिए कर लगाया कि फ़िरौन की आज्ञा के अनुसार उसे दे सके, अर्थात् देश के सब लोगों से जितना जिस पर लगान लगा, उतनी चाँदी और सोना उससे फ़िरौन-नको को देने के लिये ले लिया।
كَانَ يَهُويَاقِيمُ ٱبْنَ خَمْسٍ وَعِشْرِينَ سَنَةً حِينَ مَلَكَ، وَمَلَكَ إِحْدَى عَشْرَةَ سَنَةً فِي أُورُشَلِيمَ، وَٱسْمُ أُمِّهِ زَبِيدَةُ بِنْتُ فِدَايَةَ مِنْ رُومَةَ. ٣٦ 36
३६जब यहोयाकीम राज्य करने लगा, तब वह पच्चीस वर्ष का था, और ग्यारह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; उसकी माता का नाम जबीदा था जो रूमावासी पदायाह की बेटी थी।
وَعَمِلَ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ حَسَبَ كُلِّ مَا عَمِلَ آبَاؤُهُ. ٣٧ 37
३७उसने ठीक अपने पुरखाओं के समान वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।

< اَلْمُلُوكِ ٱلثَّانِي 23 >