< ٢ كورنثوس 13 >

هَذِهِ ٱلْمَرَّةُ ٱلثَّالِثَةُ آتِي إِلَيْكُمْ. «عَلَى فَمِ شَاهِدَيْنِ وَثَلَاثَةٍ تَقُومُ كُلُّ كَلِمَةٍ». ١ 1
अब तीसरी बार तुम्हारे पास आता हूँ: दो या तीन गवाहों के मुँह से हर एक बात ठहराई जाएगी।
قَدْ سَبَقْتُ فَقُلْتُ، وَأَسْبِقُ فَأَقُولُ كَمَا وَأَنَا حَاضِرٌ ٱلْمَرَّةَ ٱلثَّانِيَةَ، وَأَنَا غَائِبٌ ٱلْآنَ، أَكْتُبُ لِلَّذِينَ أَخْطَأُوا مِنْ قَبْلُ، وَلِجَمِيعِ ٱلْبَاقِينَ: أَنِّي إِذَا جِئْتُ أَيْضًا لَا أُشْفِقُ. ٢ 2
जैसे मैं जब दूसरी बार तुम्हारे साथ था, वैसे ही अब दूर रहते हुए उन लोगों से जिन्होंने पहले पाप किया, और अन्य सब लोगों से अब पहले से कह देता हूँ, कि यदि मैं फिर आऊँगा, तो नहीं छोड़ूँगा।
إِذْ أَنْتُمْ تَطْلُبُونَ بُرْهَانَ ٱلْمَسِيحِ ٱلْمُتَكَلِّمِ فِيَّ، ٱلَّذِي لَيْسَ ضَعِيفًا لَكُمْ بَلْ قَوِيٌّ فِيكُمْ. ٣ 3
तुम तो इसका प्रमाण चाहते हो, कि मसीह मुझ में बोलता है, जो तुम्हारे लिये निर्बल नहीं; परन्तु तुम में सामर्थी है।
لِأَنَّهُ وَإِنْ كَانَ قَدْ صُلِبَ مِنْ ضَعْفٍ، لَكِنَّهُ حَيٌّ بِقُوَّةِ ٱللهِ. فَنَحْنُ أَيْضًا ضُعَفَاءُ فِيهِ، لَكِنَّنَا سَنَحْيَا مَعَهُ بِقُوَّةِ ٱللهِ مِنْ جِهَتِكُمْ. ٤ 4
वह निर्बलता के कारण क्रूस पर चढ़ाया तो गया, फिर भी परमेश्वर की सामर्थ्य से जीवित है, हम भी तो उसमें निर्बल हैं; परन्तु परमेश्वर की सामर्थ्य से जो तुम्हारे लिये है, उसके साथ जीएँगे।
جَرِّبُوا أَنْفُسَكُمْ، هَلْ أَنْتُمْ فِي ٱلْإِيمَانِ؟ ٱمْتَحِنُوا أَنْفُسَكُمْ. أَمْ لَسْتُمْ تَعْرِفُونَ أَنْفُسَكُمْ، أَنَّ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحَ هُوَ فِيكُمْ، إِنْ لَمْ تَكُونُوا مَرْفُوضِينَ؟ ٥ 5
अपने आपको परखो, कि विश्वास में हो कि नहीं; अपने आपको जाँचो, क्या तुम अपने विषय में यह नहीं जानते, कि यीशु मसीह तुम में है? नहीं तो तुम निकम्मे निकले हो।
لَكِنَّنِي أَرْجُو أَنَّكُمْ سَتَعْرِفُونَ أَنَّنَا نَحْنُ لَسْنَا مَرْفُوضِينَ. ٦ 6
पर मेरी आशा है, कि तुम जान लोगे, कि हम निकम्मे नहीं।
وَأُصَلِّي إِلَى ٱللهِ أَنَّكُمْ لَا تَعْمَلُونَ شَيْئًا رَدِيًّا، لَيْسَ لِكَيْ نَظْهَرَ نَحْنُ مُزَكَّيْنَ، بَلْ لِكَيْ تَصْنَعُوا أَنْتُمْ حَسَنًا، وَنَكُونَ نَحْنُ كَأَنَّنَا مَرْفُوضُونَ. ٧ 7
और हम अपने परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, कि तुम कोई बुराई न करो; इसलिए नहीं, कि हम खरे देख पड़ें, पर इसलिए कि तुम भलाई करो, चाहे हम निकम्मे ही ठहरें।
لِأَنَّنَا لَا نَسْتَطِيعُ شَيْئًا ضِدَّ ٱلْحَقِّ، بَلْ لِأَجْلِ ٱلْحَقِّ. ٨ 8
क्योंकि हम सत्य के विरोध में कुछ नहीं कर सकते, पर सत्य के लिये ही कर सकते हैं।
لِأَنَّنَا نَفْرَحُ حِينَمَا نَكُونُ نَحْنُ ضُعَفَاءَ وَأَنْتُمْ تَكُونُونَ أَقْوِيَاءَ. وَهَذَا أَيْضًا نَطْلُبُهُ: كَمَالَكُمْ. ٩ 9
जब हम निर्बल हैं, और तुम बलवन्त हो, तो हम आनन्दित होते हैं, और यह प्रार्थना भी करते हैं, कि तुम सिद्ध हो जाओ।
لِذَلِكَ أَكْتُبُ بِهَذَا وَأَنَا غَائِبٌ، لِكَيْ لَا أَسْتَعْمِلَ جَزْمًا وَأَنَا حَاضِرٌ، حَسَبَ ٱلسُّلْطَانِ ٱلَّذِي أَعْطَانِي إِيَّاهُ ٱلرَّبُّ لِلْبُنْيَانِ لَا لِلْهَدْمِ. ١٠ 10
१०इस कारण मैं तुम्हारे पीठ पीछे ये बातें लिखता हूँ, कि उपस्थित होकर मुझे उस अधिकार के अनुसार जिसे प्रभु ने बिगाड़ने के लिये नहीं पर बनाने के लिये मुझे दिया है, कड़ाई से कुछ करना न पड़े।
أَخِيرًا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ ٱفْرَحُوا. اِكْمَلُوا. تَعَزَّوْا. اِهْتَمُّوا ٱهْتِمَامًا وَاحِدًا. عِيشُوا بِٱلسَّلَامِ، وَإِلَهُ ٱلْمَحَبَّةِ وَٱلسَّلَامِ سَيَكُونُ مَعَكُمْ. ١١ 11
११अतः हे भाइयों, आनन्दित रहो; सिद्ध बनते जाओ; धैर्य रखो; एक ही मन रखो; मेल से रहो, और प्रेम और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हारे साथ होगा।
سَلِّمُوا بَعْضُكُمْ عَلَى بَعْضٍ بِقُبْلَةٍ مُقَدَّسَةٍ. ١٢ 12
१२एक दूसरे को पवित्र चुम्बन से नमस्कार करो।
يُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ جَمِيعُ ٱلْقِدِّيسِينَ. ١٣ 13
१३सब पवित्र लोग तुम्हें नमस्कार कहते हैं।
نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، وَمَحَبَّةُ ٱللهِ، وَشَرِكَةُ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ مَعَ جَمِيعِكُمْ. آمِينَ. ١٤ 14
१४प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह और परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता तुम सब के साथ होती रहे।

< ٢ كورنثوس 13 >