< ٢ أخبار 23 >

وَفِي ٱلسَّنَةِ ٱلسَّابِعَةِ تَشَدَّدَ يَهُويَادَاعُ وَأَخَذَ مَعَهُ فِي ٱلْعَهْدِ رُؤَسَاءَ ٱلْمِئَاتِ: عَزَرْيَا بْنَ يَرُوحَامَ، وَإِسْمَاعِيلَ بْنَ يَهُوحَانَانَ، وَعَزَرْيَا بْنَ عُوبِيدَ، وَمَعَسِيَا بْنَ عَدَايَا، وَأَلِيشَافَاطَ بْنَ زِكْرِي، ١ 1
मगर सातवें साल में पुरोहित यहोयादा ने साहस किया और सेना के इन शतपतियों से वाचा बांधी की येरोहाम के पुत्र अज़रियाह, येहोहानन के पुत्र इशमाएल, ओबेद के पुत्र अज़रियाह, अदाइयाह के पुत्र मआसेइयाह और ज़ीकरी के पुत्र एलिषाफत से.
وَجَالُوا فِي يَهُوذَا وَجَمَعُوا ٱللَّاوِيِّينَ مِنْ جَمِيعِ مُدُنِ يَهُوذَا وَرُؤُوسَ آبَاءِ إِسْرَائِيلَ وَجَاءُوا إِلَى أُورُشَلِيمَ. ٢ 2
इन्होंने सारी यहूदिया में घूमकर यहूदिया के सारे नगरों से लेवियों को और इस्राएल के पितरों के गोत्रों के प्रधानों को इकट्ठा किया और वे सभी येरूशलेम आ गए.
وَقَطَعَ كُلُّ ٱلْمَجْمَعِ عَهْدًا فِي بَيْتِ ٱللهِ مَعَ ٱلْمَلِكِ. وَقَالَ لَهُمْ: «هُوَذَا ٱبْنُ ٱلْمَلِكِ يَمْلِكُ كَمَا تَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ عَنْ بَنِي دَاوُدَ. ٣ 3
तब परमेश्वर के भवन में इन सभी ने राजा के साथ वाचा बांधी. पुरोहित यहोयादा ने इन सबको संबोधित करते हुए कहा, “यह देख लीजिए कि शासन राजकुमार ही करेगा, क्योंकि यह दावीद के वंशजों के बारे में की गई याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार है.
هَذَا هُوَ ٱلْأَمْرُ ٱلَّذِي تَعْمَلُونَهُ. ٱلثُّلْثُ مِنْكُمُ ٱلَّذِينَ يَدْخُلُونَ فِي ٱلسَّبْتِ مِنَ ٱلْكَهَنَةِ وَٱللَّاوِيِّينَ يَكُونُونَ بَوَّابِينَ لِلْأَبْوَابِ، ٤ 4
आप लोगों को करना यह होगा: वे पुरोहित और लेवी, जो शब्बाथ पर यहां आया करते हैं, उनमें से एक तिहाई द्वारपाल का काम करेंगे,
وَٱلثُّلْثُ فِي بَيْتِ ٱلْمَلِكِ، وَٱلثُّلْثُ فِي بَابِ ٱلْأَسَاسِ، وَجَمِيعُ ٱلشَّعْبِ فِي دِيَارِ بَيْتِ ٱلرَّبِّ. ٥ 5
बाकी एक तिहाई राजा के घर पर होंगे और बाकी एक तिहाई नींव के द्वार पर रहेंगे. बाकी सभी याहवेह के भवन के आंगन में रहेंगे.
وَلَا يَدْخُلْ بَيْتَ ٱلرَّبِّ إِلَّا ٱلْكَهَنَةُ وَٱلَّذِينَ يَخْدِمُونَ مِنَ ٱللَّاوِيِّينَ، فَهُمْ يَدْخُلُونَ لِأَنَّهُمْ مُقَدَّسُونَ، وَكُلُّ ٱلشَّعْبِ يَحْرُسُونَ حِرَاسَةَ ٱلرَّبِّ. ٦ 6
यह ध्यान रखा जाए कि पुरोहितों और सेवा के लिए चुने गए लेवियों के अलावा कोई भी याहवेह के भवन में प्रवेश न करे. पुरोहित और लेवी भवन में इसलिये प्रवेश करेंगे, कि वे पवित्र हैं. हर एक व्यक्ति याहवेह की विधि का पालन करेगा.
وَيُحِيطُ ٱللَّاوِيُّونَ بِٱلْمَلِكِ مُسْتَدِيرِينَ، كُلُّ وَاحِدٍ سِلَاحُهُ بِيَدِهِ. وَٱلَّذِي يَدْخُلُ ٱلْبَيْتَ يُقْتَلُ. وَكُونُوا مَعَ ٱلْمَلِكِ فِي دُخُولِهِ وَفِي خُرُوجِهِ». ٧ 7
लेवी राजा को घेर लेंगे, हर एक के हाथ में उसके शस्त्र होंगे. यदि कोई भी भवन में आने की कोशिश करे, उसका वध कर दिया जाए. राजा के आने जाने में आप हमेशा राजा के साथ साथ रहेंगे.”
فَعَمِلَ ٱللَّاوِيُّونَ وَكُلُّ يَهُوذَا حَسَبَ كُلِّ مَا أَمَرَ بِهِ يَهُويَادَاعُ ٱلْكَاهِنُ. وَأَخَذُوا كُلُّ وَاحِدٍ رِجَالَهُ ٱلدَّاخِلِينَ فِي ٱلسَّبْتِ، مَعَ ٱلْخَارِجِينَ فِي ٱلسَّبْتِ، لِأَنَّ يَهُويَادَاعَ ٱلْكَاهِنَ لَمْ يَصْرِفِ ٱلْفِرَقَ. ٨ 8
उन्हें जैसा आदेश पुरोहित यहोयादा द्वारा दिया गया था, उन्होंने उसकी एक-एक बात पूरी की. पुरोहित यहोयादा ने छुट्टी पर जा रहे किसी भी दल को शब्बाथ सेवा से अवकाश लेने न दिया. इससे जो अवकाश पर जा रहे थे वे, और जो सेवा के लिए आ रहे थे वे सभी वहां इकट्ठा हो गए.
وَأَعْطَى يَهُويَادَاعُ ٱلْكَاهِنُ رُؤَسَاءَ ٱلْمِئَاتِ ٱلْحِرَابَ وَٱلْمَجَانَّ وَٱلْأَتْرَاسَ ٱلَّتِي لِلْمَلِكِ دَاوُدَ ٱلَّتِي فِي بَيْتِ ٱللهِ. ٩ 9
तब यहोयादा ने परमेश्वर के भवन में जमा राजा दावीद की छोटी और बड़ी ढालें और बर्छियां शतपतियों को दे दी.
وَأَوْقَفَ جَمِيعَ ٱلشَّعْبِ، وَكُلُّ وَاحِدٍ سِلَاحُهُ بِيَدِهِ مِنْ جَانِبِ ٱلْبَيْتِ ٱلْأَيْمَنِ إِلَى جَانِبِ ٱلْبَيْتِ ٱلْأَيْسَرِ حَوْلَ ٱلْمَذْبَحِ وَٱلْبَيْتِ، حَوْلَ ٱلْمَلِكِ مُسْتَدِيرِينَ. ١٠ 10
अपने-अपने हाथों में हथियार लिए इन सभी व्यक्तियों को यहोयादा ने राजा के आस-पास भवन में वेदी के पास और भवन के दायीं ओर से बायीं ओर तक ठहरा दिया.
ثُمَّ أَخْرَجُوا ٱبْنَ ٱلْمَلِكِ وَوَضَعُوا عَلَيْهِ ٱلتَّاجَ وَأَعْطَوْهُ ٱلشَّهَادَةَ، وَمَلَّكُوهُ. وَمَسَحَهُ يَهُويَادَاعُ وَبَنُوهُ وَقَالُوا: «لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ». ١١ 11
तब पुरोहित यहोयादा और उसके पुत्रों ने राजकुमार को लेकर बाहर आए, उसके सिर पर मुकुट रखा और उसे साक्षी पत्र दे दिया. उन्होंने उसे राजा घोषित कर उसका राजाभिषेक किया और सबने जयघोष करते हुए कहा, “महाराज जीवित रहें!”
وَلَمَّا سَمِعَتْ عَثَلْيَا صَوْتَ ٱلشَّعْبِ يَرْكُضُونَ وَيَمْدَحُونَ ٱلْمَلِكَ، دَخَلَتْ إِلَى ٱلشَّعْبِ فِي بَيْتِ ٱلرَّبِّ. ١٢ 12
जब अथालियाह ने उस भीड़ का हल्ला और राजा की प्रशंसा में की जा रही जय जयकार सुनी, वह याहवेह के भवन में लोगों के बीच में आ गई.
وَنَظَرَتْ وَإِذَا ٱلْمَلِكُ وَاقِفٌ عَلَى مِنْبَرِهِ فِي ٱلْمَدْخَلِ، وَٱلرُّؤَسَاءُ وَٱلْأَبْوَاقُ عِنْدَ ٱلْمَلِكِ، وَكُلُّ شَعْبِ ٱلْأَرْضِ يَفْرَحُونَ وَيَنْفُخُونَ بِٱلْأَبْوَاقِ، وَٱلْمُغَنُّونَ بِآلَاتِ ٱلْغِنَاءِ، وَٱلْمُعَلِّمُونَ ٱلتَّسْبِيحَ. فَشَقَّتْ عَثَلْيَا ثِيَابَهَا وَقَالَتْ: «خِيَانَةٌ، خِيَانَةٌ!». ١٣ 13
उसने दृष्टि की और देखा कि राजा अपने ठहराए हुए खंभे के पास खड़ा हुआ था और शतपति और तुरही वादक राजा के पास खड़े हुए थे. सभी देशवासी आनन्दमग्न हो तुरही फूंक रहे थे, गायक लोग अपने वाद्य-यंत्रों के साथ स्तुति कर रहे थे. यह देख अथालियाह अपने वस्त्र फाड़ चिल्ला उठी, “राजद्रोह! राजद्रोह!”
فَأَخْرَجَ يَهُويَادَاعُ ٱلْكَاهِنُ رُؤَسَاءَ ٱلْمِئَاتِ ٱلْمُوَكَّلِينَ عَلَى ٱلْجَيْشِ وَقَالَ لَهُمْ: «أَخْرِجُوهَا إِلَى خَارِجِ ٱلصُّفُوفِ، وَٱلَّذِي يَتَّبِعُهَا يُقْتَلُ بِٱلسَّيْفِ». لِأَنَّ ٱلْكَاهِنَ قَالَ: «لَا تَقْتُلُوهَا فِي بَيْتِ ٱلرَّبِّ». ١٤ 14
पुरोहित यहोयादा ने शतपतियों को, जो सेना के अधिकारी थे, आदेश दिया: “उसे बाहर पंक्तियों के बीच में लाया जाए” और जो कोई उसके प्रति सच्चा व्यक्ति हो, उसको तलवार से मार डाला जाए. पुरोहित यह आदेश दे चुका था, “याहवेह के भवन में उसका वध न किया जाए.”
فَأَلْقَوْا عَلَيْهَا ٱلْأَيَادِيَ. وَلَمَّا أَتَتْ إِلَى مَدْخَلِ بَابِ ٱلْخَيْلِ إِلَى بَيْتِ ٱلْمَلِكِ قَتَلُوهَا هُنَاكَ. ١٥ 15
तब उन्होंने उसे पकड़ लिया. जब वह राजघराने के घोड़ा फाटक के पास पहुंची, उन्होंने उसका वध कर दिया.
فَقَطَعَ يَهُويَادَاعُ عَهْدًا بَيْنَهُ وَبَيْنَ كُلِّ ٱلشَّعْبِ وَبَيْنَ ٱلْمَلِكِ أَنْ يَكُونُوا شَعْبًا لِلرَّبِّ. ١٦ 16
यहोयादा ने खुद अपने, सारी प्रजा और राजा के साथ यह वाचा बांधी, कि वे अब याहवेह के होकर रहेंगे.
وَدَخَلَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ إِلَى بَيْتِ ٱلْبَعْلِ وَهَدَمُوهُ وَكَسَّرُوا مَذَابِحَهُ وَتَمَاثِيلَهُ، وَقَتَلُوا مَتَّانَ كَاهِنَ ٱلْبَعْلِ أَمَامَ ٱلْمَذْبَحِ. ١٧ 17
सारी जनता बाल के भवन को गई ओर उसे नाश कर डाला. उन्होंने वेदियों और मूर्तियों को चूर-चूर कर डाला. तब उन्होंने वेदियों के बीच ही बाल के पुरोहित मत्तान का वध कर डाला.
وَجَعَلَ يَهُويَادَاعُ مُنَاظِرِينَ عَلَى بَيْتِ ٱلرَّبِّ عَنْ يَدِ ٱلْكَهَنَةِ ٱللَّاوِيِّينَ ٱلَّذِينَ قَسَمَهُمْ دَاوُدُ عَلَى بَيْتِ ٱلرَّبِّ، لِأَجْلِ إِصْعَادِ مُحْرَقَاتِ ٱلرَّبِّ كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي شَرِيعَةِ مُوسَى، بِٱلْفَرَحِ وَٱلْغِنَاءِ حَسَبَ أَمْرِ دَاوُدَ. ١٨ 18
इसके अलावा यहोयादा ने याहवेह के भवन की देखरेख की जवाबदारी लेवी पुरोहितों को सौंप दी. इन्हें याहवेह के भवन में दावीद द्वारा चुना गया था, कि वे मोशेह की व्यवस्था की पुस्तक के अनुसार होमबलि चढ़ाया करें, यह सब दावीद द्वारा चलाई गई विधि के अनुसार खुशी से गाते हुए किया जाना था.
وَأَوْقَفَ ٱلْبَوَّابِينَ عَلَى أَبْوَابِ بَيْتِ ٱلرَّبِّ لِئَّلَا يَدْخُلَ نَجِسٌ فِي أَمْرٍ مَّا. ١٩ 19
उसने याहवेह के भवन के लिए द्वारपाल चुन दिए, कि किसी भी रूप में सांस्कारिक रूप से अशुद्ध कोई भी व्यक्ति भवन में आ न सके.
وَأَخَذَ رُؤَسَاءَ ٱلْمِئَاتِ وَٱلْعُظَمَاءَ وَٱلْمُتَسَلِّطِينَ عَلَى ٱلشَّعْبِ وَكُلَّ شَعْبِ ٱلْأَرْضِ، وَأَنْزَلَ ٱلْمَلِكَ مِنْ بَيْتِ ٱلرَّبِّ، وَدَخَلُوا مِنْ وَسَطِ ٱلْبَابِ ٱلْأَعْلَى إِلَى بَيْتِ ٱلْمَلِكِ، وَأَجْلَسُوا ٱلْمَلِكَ عَلَى كُرْسِيِّ ٱلْمَمْلَكَةِ. ٢٠ 20
तब यहोयादा ने शतपतियों, समाज के सम्मान्य व्यक्तियों, प्रजा के प्रशासकों और सारी प्रजा को इकट्ठा किया और याहवेह के भवन में से इन सभी के सामने राजा को बाहर लाया गया. उसे ऊपरी द्वार से लेकर वे राजघराने में आए. वहां उन्होंने राजा को राज सिंहासन पर बैठाया.
فَفَرِحَ كُلُّ شَعْبِ ٱلْأَرْضِ وَٱسْتَرَاحَتِ ٱلْمَدِينَةُ، وَقَتَلُوا عَثَلْيَا بِٱلسَّيْفِ. ٢١ 21
इस पर सारी प्रजा में खुशी छा गई और नगर में शांति भर गई, तलवार से अथालियाह की हत्या हुई थी यह इसका मुख्य कारण था.

< ٢ أخبار 23 >