< ٢ أخبار 10 >
وَذَهَبَ رَحُبْعَامُ إِلَى شَكِيمَ، لِأَنَّهُ جَاءَ إِلَى شَكِيمَ كُلُّ إِسْرَائِيلَ لِيُمَلِّكُوهُ. | ١ 1 |
और रहुब 'आम सिकम को गया, इसलिए कि सब इस्राईली उसे बादशाह बनाने को सिकम में इकठ्ठठे हुए थे
وَلَمَّا سَمِعَ يَرُبْعَامُ بْنُ نَبَاطَ، وَهُوَ فيِ مِصْرَ حَيْثُ هَرَبَ مِنْ وَجْهِ سُلَيْمَانَ ٱلْمَلِكِ، رَجَعَ يَرُبْعَامُ مِنْ مِصْرَ. | ٢ 2 |
जब नबात के बेटे युरब'आम ने यह सुना क्यूँकि वह मिस्र में था जहाँ वह सुलेमान बादशाह के आगे से भाग गया था तो युरब'आम मिस्र से लौटा।
فَأَرْسَلُوا وَدَعَوْهُ، فَأَتَى يَرُبْعَامُ وَكُلُّ إِسْرَائِيلَ وَكَلَّمُوا رَحُبْعَامَ قَائِلِينَ: | ٣ 3 |
और लोगों ने उसे बुलवा भेजा। तब युरब'आम और सब इस्राईली आए और रहुब'आम से कहने लगे।
«إِنَّ أَبَاكَ قَسَّى نِيرَنَا، فَٱلْآنَ خَفِّفْ مِنْ عُبُودِيَّةِ أَبِيكَ ٱلْقَاسِيَةِ وَمِنْ نِيرِهِ ٱلثَّقِيلِ ٱلَّذِي جَعَلَهُ عَلَيْنَا فَنَخْدِمَكَ». | ٤ 4 |
कि तेरे बाप ने हमारा बोझ सख़्त कर रखा था। इसलिए अब तू अपने बाप की उस सख़्त ख़िदमत को और उस भारी बोझ को जो उस ने हम पर डाल रखा था; कुछ हल्का कर दे और हम तेरी ख़िदमत करेंगे।
فَقَالَ لَهُمُ: «ٱرْجِعُوا إِلَيَّ بَعْدَ ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ». فَذَهَبَ ٱلشَّعْبُ. | ٥ 5 |
और उसने उन से कहा, तीन दिन के बाद फिर मेरे पास आना “चुनाँचे वह लोग चले गए
فَٱسْتَشَارَ ٱلْمَلِكُ رَحُبْعَامُ ٱلشُّيُوخَ ٱلَّذِينَ كَانُوا يَقِفُونَ أَمَامَ سُلَيْمَانَ أَبِيهِ وَهُوَ حَيٌّ قَائِلًا: «كَيْفَ تُشِيرُونَ أَنْ أَرُدَّ جَوَابًا عَلَى هَذَا ٱلشَّعْبِ؟» | ٦ 6 |
तब रहुब'आम बादशाह ने उन बुज़ुर्गों से जो उसके बाप सुलेमान के सामने उसके जीते जी खड़े रहते थे, सलाह की और कहा तुम्हारी क्या सलाह है? मैं इन लोगो को क्या जवाब दूँ?
فَكَلَّمُوهُ قَائِلِينَ: «إِنْ كُنْتَ صَالِحًا نَحْوَ هَذَا ٱلشَّعْبِ وَأَرْضَيْتَهُمْ وَكَلَّمْتَهُمْ كَلَامًا حَسَنًا، يَكُونُونَ لَكَ عَبِيدًا كُلَّ ٱلْأَيَّامِ». | ٧ 7 |
उन्होंने उससे कहा कि अगर तू इन लोगों पर मेहरबान हो और उनको राज़ी करें और इन से अच्छी अच्छी बातें कहे, तो वह हमेशा तेरी ख़िदमत करेंगे।
فَتَرَكَ مَشُورَةَ ٱلشُّيُوخِ ٱلَّتِي أَشَارُوا بِهَا عَلَيْهِ، وَٱسْتَشَارَ ٱلْأَحْدَاثَ ٱلَّذِينَ نَشَأُوا مَعَهُ وَوَقَفُوا أَمَامَهُ، | ٨ 8 |
लेकिन उस ने उन बुज़ुर्गों की सलाह को जो उन्होंने उसे दी थी छोड़कर कर उन जवानों से जिन्होंने उसके साथ परवरिश पाई थी और उसके आगे हाज़िर रहते थे सलाह की।
وَقَالَ لَهُمْ: «بِمَاذَا تُشِيرُونَ أَنْتُمْ فَنَرُدَّ جَوَابًا عَلَى هَذَا ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِينَ كَلَّمُونِي قَائِلِينَ: خَفِّفْ مِنَ ٱلنِّيرِ ٱلَّذِي جَعَلَهُ عَلَيْنَا أَبُوكَ؟» | ٩ 9 |
और उन से कहा तुम मुझे क्या सलाह देते हो कि हम इन लोगों को क्या जवाब दे जिन्होंने मुझ से यह दरखवास्त की है कि उस बोझ को जो तेरे बाप ने हम पर रखा कुछ हल्का कर?
فَكَلَّمَهُ ٱلْأَحْدَاثُ ٱلَّذِينَ نَشَأُوا مَعَهُ قَائِلِينَ: «هَكَذَا تَقُولُ لِلشَّعْبِ ٱلَّذِينَ كَلَّمُوكَ قَائِلِينَ: إِنَّ أَبَاكَ ثَقَّلَ نِيرَنَا وَأَمَّا أَنْتَ فَخَفِّفْ عَنَّا، هَكَذَا تَقُولُ لَهُمْ: إِنَّ خِنْصَرِي أَغْلَظُ مِنْ مَتْنَيْ أَبِي. | ١٠ 10 |
उन जवानों ने जिन्होंने उसके साथ परवरिश पाई थी उस से कहा, तू उन लोगों को जिन्होंने तुझ से कहा तेरे बाप ने हमारे बोझे को भारी किया लेकिन तू उसको हमारे लिए कुछ हल्का कर दे यूँ जवाब देना और उन से कहना कि मेरी छिंगुली मेरे बाप के कमर से भी मोटी है।
وَٱلْآنَ أَبِي حَمَّلَكُمْ نِيرًا ثَقِيلًا وَأَنَا أَزِيدُ عَلَى نِيرِكُمْ. أَبِي أَدَّبَكُمْ بِٱلسِّيَاطِ وَأَمَّا أَنَا فَبِٱلْعَقَارِبِ». | ١١ 11 |
और मेरे बाप ने तो भारी बोझ तुम पर रखा ही था लेकिन मैं उस बोझ को और भी भारी करूँगा। मेरे बाप ने तुम्हे कोड़ों से ठीक किया लेकिन मैं तुम को बिच्छुयों से ठीक करूँगा।”
فَجَاءَ يَرُبْعَامُ وَجَمِيعُ ٱلشَّعْبِ إِلَى رَحُبْعَامَ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّالِثِ كَمَا تَكَلَّمَ ٱلْمَلِكُ قَائِلًا: «ٱرْجِعُوا إِلَيَّ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّالِثِ». | ١٢ 12 |
और जैसा बादशाह ने हुक्म दिया था कि तीसरे दिन मेरे पास फिर आना तीसरे दिन युरब'आम और सब लोग रहब'आम के पास हाज़िर हुए।
فَأَجَابَهُمُ ٱلْمَلِكُ بِقَسَاوَةٍ، وَتَرَكَ ٱلْمَلِكُ رَحُبْعَامُ مَشُورَةَ ٱلشُّيُوخِ، | ١٣ 13 |
तब बादशाह उनको सख़्त जवाब दिया और रहुब'आम बादशाह ने बुज़ुर्गों की सलाह को छोड़कर।
وَكَلَّمَهُمْ حَسَبَ مَشُورَةِ ٱلْأَحْدَاثِ قَائِلًا: «أَبِي ثَقَّلَ نِيرَكُمْ وَأَنَا أَزِيدُ عَلَيْهِ. أَبِي أَدَّبَكُمْ بِٱلسِّيَاطِ وَأَمَّا أَنَا فَبِالْعَقَارِبِ». | ١٤ 14 |
जवानों की सलाह के मुताबिक़ उनसे कहा कि मेरे बाप ने तुम्हारा बोझ भारी किया लेकिन मैं उसको और भी भारी करूँगा। मेरे बाप ने तुमको कोड़ों से ठीक किया लेकिन मैं तुम को बिच्छुओं से ठीक करूँगा।
وَلَمْ يَسْمَعِ ٱلْمَلِكُ لِلشَّعْبِ، لِأَنَّ ٱلسَّبَبَ كَانَ مِنْ قِبَلِ ٱللهِ، لِكَيْ يُقِيمَ ٱلرَّبُّ كَلَامَهُ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ عَنْ يَدِ أَخِيَّا ٱلشِّيلُونِيِّ إِلَى يَرُبْعَامَ بْنِ نَبَاطَ. | ١٥ 15 |
तब बादशाह ने लोगों की न मानी क्यूँकि यह ख़ुदा ही की तरफ़ से था ताकि ख़ुदावंद उस बात को जो उसने सैलानी अखि़याह की ज़रिए नबात के बेटे युरब'आम को फ़रमाई थी पूरा करे।
فَلَمَّا رَأَى كُلُّ إِسْرَائِيلَ أَنَّ ٱلْمَلِكَ لَمْ يَسْمَعْ لَهُمْ، جَاوَبَ ٱلشَّعْبُ ٱلْمَلِكَ قَائِلِينَ: «أَيُّ قِسْمٍ لَنَا فِي دَاوُدَ؟ وَلَا نَصِيبَ لَنَا فِي ٱبْنِ يَسَّى! كُلُّ وَاحِدٍ إِلَى خَيْمَتِهِ يَا إِسْرَائِيلُ. ٱلْآنَ ٱنْظُرْ إِلَى بَيْتِكَ يَادَاوُدُ». وَذَهَبَ كُلُّ إِسْرَائِيلَ إِلَى خِيَامِهِمْ. | ١٦ 16 |
जब सब इस्राईलियों ने यह देखा कि बादशाह ने उनकी न मानी तो लोगों ने बादशाह को जवाब दिया और यूँ कहा कि दाऊद के साथ हमारा क्या हिस्सा है? यस्सी के बेटे के साथ हमारी कुछ मीरास नहीं। ऐ इस्राईलियों! अपने अपने डेरे को चले जाओ। अब ऐ दाऊद अपने ही घराने को संभाल। इसलिए सब इस्राईली अपने ख़ेमों को चल दिए।
وَأَمَّا بَنُو إِسْرَائِيلَ ٱلسَّاكِنُونَ فِي مُدُنِ يَهُوذَا فَمَلَكَ عَلَيْهِمْ رَحُبْعَامُ. | ١٧ 17 |
लेकिन उन बनी इस्राईल पर जो यहूदाह के शहरों में रहते थे रहुब'आम हुकूमत करता रहा।
ثُمَّ أَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ رَحُبْعَامُ هَدُورَامَ ٱلَّذِي عَلَى ٱلتَّسْخِيرِ، فَرَجَمَهُ بَنُو إِسْرَائِيلَ بِٱلْحِجَارَةِ فَمَاتَ. فَبَادَرَ ٱلْمَلِكُ رَحُبْعَامُ وَصَعِدَ إِلَى ٱلْمَرْكَبَةِ لِيَهْرُبَ إِلَى أُورُشَلِيمَ، | ١٨ 18 |
तब रहुब'आम बादशाह ने हदुराम को जो बेगारियों का दरोग़ा था भेजा लेकिन बनी इस्राईल ने उसको पथराव किया और वह मर गया। तब रहुब'आम येरूशलेम को भाग जाने के लिए झट अपने रथ पर सवार हो गया।
فَعَصَى إِسْرَائِيلُ بَيْتَ دَاوُدَ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. | ١٩ 19 |
तब इस्राईली आज़ के दिन तक दाऊद के घराने से बा'ग़ी है।