< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 30 >

وَلَمَّا جَاءَ دَاوُدُ وَرِجَالُهُ إِلَى صِقْلَغَ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّالِثِ، كَانَ ٱلْعَمَالِقَةُ قَدْ غَزَوْا ٱلْجَنُوبَ وَصِقْلَغَ، وَضَرَبُوا صِقْلَغَ وَأَحْرَقُوهَا بِٱلنَّارِ، ١ 1
और ऐसा हुआ, कि जब दाऊद और उसके लोग तीसरे दिन सिक़लाज में पहुँचे तो देखा कि 'अमालीक़ियों ने दख्खिनी हिस्से और सिक़लाज पर चढ़ाई कर के सिक़लाज को मारा और आग से फूँक दिया।
وَسَبَوْا ٱلنِّسَاءَ ٱللَّوَاتِي فِيهَا. لَمْ يَقْتُلُوا أَحَدًا لَا صَغِيرًا وَلَا كَبِيرًا، بَلْ سَاقُوهُمْ وَمَضَوْا فِي طَرِيقِهِمْ. ٢ 2
और 'औरतों को और जितने छोटे बड़े वहाँ थे सब को क़ैद कर लिया है, उन्होंने किसी को क़त्ल नहीं किया बल्कि उनको लेकर चल दिए थे।
فَدَخَلَ دَاوُدُ وَرِجَالُهُ ٱلْمَدِينَةَ وَإِذَا هِيَ مُحْرَقَةٌ بِٱلنَّارِ، وَنِسَاؤُهُمْ وَبَنُوهُمْ وَبَنَاتُهُمْ قَدْ سُبُوا. ٣ 3
इसलिए जब दाऊद और उसके लोग शहर में पहुँचे तो देखा कि शहर आग से जला पड़ा है, और उनकी बीवियाँ और बेटे और बेटियाँ क़ैद हो गई हैं।
فَرَفَعَ دَاوُدُ وَٱلشَّعْبُ ٱلَّذِينَ مَعَهُ أَصْوَاتَهُمْ وَبَكَوْا حَتَّى لَمْ تَبْقَ لَهُمْ قُوَّةٌ لِلْبُكَاءِ. ٤ 4
तब दाऊद और उसके साथ के लोग ज़ोर ज़ोर से रोने लगे यहाँ तक कि उन में रोने की ताक़त न रही।
وَسُبِيَتِ ٱمْرَأَتَا دَاوُدَ: أَخِينُوعَمُ ٱلْيَزْرَعِيلِيَّةُ وَأَبِيجَايِلُ ٱمْرَأَةُ نَابَالَ ٱلْكَرْمَلِيِّ. ٥ 5
और दाऊद की दोनों बीवियाँ यज़र'एली अख़नूअम और कर्मिली नाबाल की बीवी अबीजेल क़ैद हो गई थीं।
فَتَضَايَقَ دَاوُدُ جِدًّا لِأَنَّ ٱلشَّعْبَ قَالُوا بِرَجْمِهِ، لِأَنَّ أَنْفُسَ جَمِيعِ ٱلشَّعْبِ كَانَتْ مُرَّةً كُلُّ وَاحِدٍ عَلَى بَنِيهِ وَبَنَاتِهِ. وَأَمَّا دَاوُدُ فَتَشَدَّدَ بِٱلرَّبِّ إِلَهِهِ. ٦ 6
और दाऊद बड़े शिकंजे में था क्यूँकि लोग उसे संगसार करने को कहते थे इसलिए कि लोगों के दिल अपने बेटों और बेटियों के लिए निहायत ग़मग़ीन थे लेकिन दाऊद ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा में अपने आप को मज़बूत किया।
ثُمَّ قَالَ دَاوُدُ لِأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ ٱبْنِ أَخِيمَالِكَ: «قَدِّمْ إِلَيَّ ٱلْأَفُودَ». فَقَدَّمَ أَبِيَاثَارُ ٱلْأَفُودَ إِلَى دَاوُدَ. ٧ 7
और दाऊद ने अख़ीमलिक के बेटे अबीयातर काहिन से कहा, कि ज़रा अफ़ूद को यहाँ मेरे पास ले आ, इसलिए अबीयातर अफ़ूद को दाऊद के पास ले आया।
فَسَأَلَ دَاوُدُ مِنَ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: «إِذَا لَحِقْتُ هَؤُلَاءِ ٱلْغُزَاةَ فَهَلْ أُدْرِكُهُمْ؟» فَقَالَ لَهُ: «ٱلْحَقْهُمْ فَإِنَّكَ تُدْرِكُ وَتُنْقِذُ». ٨ 8
और दाऊद ने ख़ुदावन्द से पूछा कि “अगर मैं उस फ़ौज का पीछा करूँ तो क्या मैं उनको जा लूँगा?” उसने उससे कहा कि “पीछा कर क्यूँकि तू यक़ीनन उनको पालेगा और ज़रूर सब कुछ छुड़ा लाएगा।”
فَذَهَبَ دَاوُدُ هُوَ وَٱلسِّتُّ مِئَةِ ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِينَ مَعَهُ وَجَاءُوا إِلَى وَادِي ٱلْبَسُورِ، وَٱلْمُتَخَلِّفُونَ وَقَفُوا. ٩ 9
इसलिए दाऊद और वह छ: सौ आदमी जो उसके साथ थे चले और बसोर की नदी पर पहुँचे जहाँ वह लोग जो पीछे छोड़े गए ठहरे रहे।
وَأَمَّا دَاوُدُ فَلَحِقَ هُوَ وَأَرْبَعُ مِئَةِ رَجُلٍ، وَوَقَفَ مِئَتَا رَجُلٍ لِأَنَّهُمْ أَعْيَوْا عَنْ أَنْ يَعْبُرُوا وَادِيَ ٱلْبَسُورِ. ١٠ 10
लेकिन दाऊद और चार सौ आदमी पीछा किए चले गए क्यूँकि दो सौ जो ऐसे थक गए थे कि बसोर की नदी के पार न जा सके पीछे रह गए।
فَصَادَفُوا رَجُلًا مِصْرِيًّا فِي ٱلْحَقْلِ فَأَخَذُوهُ إِلَى دَاوُدَ، وَأَعْطَوْهُ خُبْزًا فَأَكَلَ وَسَقَوْهُ مَاءً، ١١ 11
और उनको मैदान में एक मिस्री मिल गया, उसे वह दाऊद के पास ले आए और उसे रोटी दी, इसलिए उसने खाई और उसे पीने को पानी दिया।
وَأَعْطَوْهُ قُرْصًا مِنَ ٱلتِّينِ وَعُنْقُودَيْنِ مِنَ ٱلزَّبِيبِ، فَأَكَلَ وَرَجَعَتْ رُوحُهُ إِلَيْهِ، لِأَنَّهُ لَمْ يَأْكُلْ خُبْزًا وَلَا شَرِبَ مَاءً فِي ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ وَثَلَاثِ لَيَالٍ. ١٢ 12
और उन्होंने अंजीर की टिकया का टुकड़ा और किशमिश के दो खोशे उसे दिए, जब वह खा चुका तो उसकी जान में जान आई क्यूँकि उस ने तीन दिन और तीन रात से न रोटी खाई थी न पानी पिया था।
فَقَالَ لَهُ دَاوُدُ: «لِمَنْ أَنْتَ؟ وَمِنْ أَيْنَ أَنْتَ؟» فَقَالَ: «أَنَا غُلَامٌ مِصْرِيٌّ عَبْدٌ لِرَجُلٍ عَمَالِيقِيٍّ، وَقَدْ تَرَكَنِي سَيِّدِي لِأَنِّي مَرِضْتُ مُنْذُ ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ. ١٣ 13
तब दाऊद ने पूछा “तू किस का आदमी है? और तू कहाँ का है?” उस ने कहा “मैं एक मिस्री जवान और एक 'अमालीक़ी का नौकर हूँ और मेरा आक़ा मुझ को छोड़ गया क्यूँकि तीन दिन हुए कि मैं बीमार पड़ गया था।
فَإِنَّنَا قَدْ غَزَوْنَا عَلَى جَنُوبِيِّ ٱلْكَرِيتِيِّينَ، وَعَلَى مَا لِيَهُوذَا وَعَلَى جَنُوبِيِّ كَالِبَ وَأَحْرَقْنَا صِقْلَغَ بِٱلنَّارِ». ١٤ 14
हमने करेतियों के दख्खिन में और यहूदाह के मुल्क में और कालिब के दख्खिन में लूट मार की और सिक़लाज को आग से फूँक दिया।”
فَقَالَ لَهُ دَاوُدُ: «هَلْ تَنْزِلُ بِي إِلَى هَؤُلَاءِ ٱلْغُزَاةِ؟» فَقَالَ: «ٱحْلِفْ لِي بِٱللهِ أَنَّكَ لَا تَقْتُلُنِي وَلَا تُسَلِّمُنِي لِيَدِ سَيِّدِي، فَأَنْزِلَ بِكَ إِلَى هَؤُلَاءِ ٱلْغُزَاةِ». ١٥ 15
दाऊद ने उस से कहा “क्या तू मुझे उस फ़ौज तक पहुँचा देगा?” उसने कहा “तू मुझ से ख़ुदा की क़सम खा कि न तू मुझे क़त्ल करेगा और न मुझे मेरे आक़ा के हवाले करेगा तो मैं तुझ को उस फ़ौज तक पहुँचा दूँगा।”
فَنَزَلَ بِهِ وَإِذَا بِهِمْ مُنْتَشِرُونَ عَلَى وَجْهِ كُلِّ ٱلْأَرْضِ، يَأْكُلُونَ وَيَشْرَبُونَ وَيَرْقُصُونَ بِسَبَبِ جَمِيعِ ٱلْغَنِيمَةِ ٱلْعَظِيمَةِ ٱلَّتِي أَخَذُوا مِنْ أَرْضِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ وَمِنْ أَرْضِ يَهُوذَا. ١٦ 16
जब उसने उसे वहाँ पहुँचा दिया तो देखा कि वह लोग उस सारी ज़मीन पर फैले हुए थे और उसे बहुत से माल की वजह से जो उन्होंने फ़िलिस्तियों के मुल्क और यहूदाह के मुल्क से लूटा था खाते पीते और ज़ियाफतें उड़ा रहे थे।
فَضَرَبَهُمْ دَاوُدُ مِنَ ٱلْعَتَمَةِ إِلَى مَسَاءِ غَدِهِمْ، وَلَمْ يَنْجُ مِنْهُمْ رَجُلٌ إِلَّا أَرْبَعَ مِئَةِ غُلَامٍ ٱلَّذِينَ رَكِبُوا جِمَالًا وَهَرَبُوا. ١٧ 17
इसलिए दाऊद रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की शाम तक उनको मारता रहा, और उन में से एक भी न बचा सिवा चार सौ जवानों के जो ऊँटों पर चढ़ कर भाग गए।
وَٱسْتَخْلَصَ دَاوُدُ كُلَّ مَا أَخَذَهُ عَمَالِيقُ، وَأَنْقَذَ دَاوُدُ ٱمْرَأَتَيْهِ. ١٨ 18
और दाऊद ने सब कुछ जो 'अमालीक़ी ले गए थे छुड़ा लिया और अपनी दोनों बीवियों को भी दाऊद ने छुड़ाया।
وَلَمْ يُفْقَدْ لَهُمْ شَيْءٌ لَا صَغِيرٌ وَلَا كَبِيرٌ، وَلَا بَنُونَ وَلَا بَنَاتٌ وَلَا غَنِيمَةٌ، وَلَا شَيْءٌ مِنْ جَمِيعِ مَا أَخَذُوا لَهُمْ، بَلْ رَدَّ دَاوُدُ ٱلْجَمِيعَ. ١٩ 19
और उनकी कोई चीज़ गुम न हुई न छोटी न बड़ी न लड़के न लड़कियाँ न लूट का माल न और कोई चीज़ जो उन्होंने ली थी दाऊद सब का सब लौटा लाया।
وَأَخَذَ دَاوُدُ ٱلْغَنَمَ وَٱلْبَقَرَ. سَاقُوهَا أَمَامَ تِلْكَ ٱلْمَاشِيَةِ وَقَالُوا: «هَذِهِ غَنِيمَةُ دَاوُدَ». ٢٠ 20
और दाऊद ने सब भेड़ बकरियाँ और गाय और बैल ले लिए और वह उनको बाक़ी जानवर के आगे यह कहते हुए हाँक लाए कि यह दाऊद की लूट है।
وَجَاءَ دَاوُدُ إِلَى مِئَتَيِ ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِينَ أَعْيَوْا عَنِ ٱلذَّهَابِ وَرَاءَ دَاوُدَ، فَأَرْجَعُوهُمْ فِي وَادِي ٱلْبَسُورِ، فَخَرَجُوا لِلِقَاءِ دَاوُدَ وَلِقَاءِ ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِينَ مَعَهُ. فَتَقَدَّمَ دَاوُدُ إِلَى ٱلْقَوْمِ وَسَأَلَ عَنْ سَلَامَتِهِمْ. ٢١ 21
और दाऊद उन दो सौ जवानों के पास आया जो ऐसे थक गए थे कि दाऊद के पीछे पीछे न जा सके और जिनको उन्होंने बसोर की नदी पर ठहराया था, वह दाऊद और उसके साथ के लोगों से मिलने को निकले और जब दाऊद उन लोगों के नज़दीक पहुँचा तो उसने उनसे ख़ैर — ओ — 'आफ़ियत पूछी।
فَأَجَابَ كُلُّ رَجُلٍ شِرِّيرٍ وَلَئِيمٍ مِنَ ٱلرِّجَالِ ٱلَّذِينَ سَارُوا مَعَ دَاوُدَ وَقَالُوا: «لِأَجْلِ أَنَّهُمْ لَمْ يَذْهَبُوا مَعَنَا لَا نُعْطِيهِمْ مِنَ ٱلْغَنِيمَةِ ٱلَّتِي ٱسْتَخْلَصْنَاهَا، بَلْ لِكُلِّ رَجُلٍ ٱمْرَأَتَهُ وَبَنِيهِ، فَلْيَقْتَادُوهُمْ وَيَنْطَلِقُوا». ٢٢ 22
तब उन लोगों में से जो दाऊद के साथ गए थे सब बद ज़ात और ख़बीस लोगों ने कहा, चूँकि यह हमारे साथ न गए, इसलिए हम इनको उस माल में से जो हम ने छुड़ाया है कोई हिस्सा नहीं देंगे 'अलावा हर शख़्स की बीवी और बाल बच्चों के ताकि वह उनको लेकर चलें जाएँ।
فَقَالَ دَاوُدُ: «لَا تَفْعَلُوا هَكَذَا يَا إِخْوَتِي، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ قَدْ أَعْطَانَا وَحَفِظَنَا وَدَفَعَ لِيَدِنَا ٱلْغُزَاةَ ٱلَّذِينَ جَاءُوا عَلَيْنَا. ٢٣ 23
तब दाऊद ने कहा, “ऐ मेरे भाइयों तुम इस माल के साथ जो ख़ुदावन्द ने हमको दिया है ऐसा नहीं करने पाओगे क्यूँकि उसी ने हमको बचाया और उस फ़ौज को जिसने हम पर चढ़ाई की हमारे क़ब्ज़े में कर दिया।
وَمَنْ يَسْمَعُ لَكُمْ فِي هَذَا ٱلْأَمْرِ؟ لِأَنَّهُ كَنَصِيبِ ٱلنَّازِلِ إِلَى ٱلْحَرْبِ نَصِيبُ ٱلَّذِي يُقِيمُ عِنْدَ ٱلْأَمْتِعَةِ، فَإِنَّهُمْ يَقْتَسِمُونَ بِٱلسَّوِيَّةِ». ٢٤ 24
और इस काम में तुम्हारी मानेगा कौन? क्यूँकि जैसा उसका हिस्सा है जो लड़ाई में जाता है वैसा ही उसका हिस्सा होगा जो सामान के पास ठहरता है, दोनों बराबर हिस्सा पाएँगे।”
وَكَانَ مِنْ ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ فَصَاعِدًا أَنَّهُ جَعَلَهَا فَرِيضَةً وَقَضَاءً لِإِسْرَائِيلَ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. ٢٥ 25
और उस दिन से आगे को ऐसा ही रहा कि उसने इस्राईल के लिए यही क़ानून और आईन मुक़र्रर किया जो आज तक है।
وَلَمَّا جَاءَ دَاوُدُ إِلَى صِقْلَغَ أَرْسَلَ مِنَ ٱلْغَنِيمَةِ إِلَى شُيُوخِ يَهُوذَا، إِلَى أَصْحَابِهِ قَائِلًا: «هَذِهِ لَكُمْ بَرَكَةٌ مِنْ غَنِيمَةِ أَعْدَاءِ ٱلرَّبِّ». ٢٦ 26
और जब दाऊद सिक़लाज में आया तो उसने लूट के माल में से यहूदाह के बुज़ुर्गों के पास जो उसके दोस्त थे कुछ कुछ भेजा और कहा, कि देखो ख़ुदावन्द के दुश्मनों के माल में से यह तुम्हारे लिए हदिया है।
إِلَى ٱلَّذِينَ فِي بَيْتِ إِيلٍ وَٱلَّذِينَ فِي رَامُوتِ ٱلْجَنُوبِ وَٱلَّذِينَ فِي يَتِّيرَ، ٢٧ 27
यह उनके पास जो बैतएल में और उनके पास जो रामात — उल — जुनूब में और उनके पास जो यतीर में।
وَإِلَى ٱلَّذِينَ فِي عَرُوعِيرَ وَٱلَّذِينَ فِي سِفْمُوثَ وَٱلَّذِينَ فِي أَشْتِمُوعَ، ٢٨ 28
और उनके पास जो 'अरो'ईर में, और उनके पास जो सिफ़मोत में और उनके पास जो इस्तिमू'अ में।
وَإِلَى ٱلَّذِينَ فِي رَاخَالَ وَٱلَّذِينَ فِي مُدُنِ ٱلْيَرْحَمْئِيلِيِّينَ وَٱلَّذِينَ فِي مُدُنِ ٱلْقِينِيِّينَ، ٢٩ 29
और उनके पास जो रकिल में और उनके पास जो यरहमीलियों के शहरों में और उनके पास जो क़ीनियों के शहरों में।
وَإِلَى ٱلَّذِينَ فِي حُرْمَةَ وَٱلَّذِينَ فِي كُورِ عَاشَانَ وَٱلَّذِينَ فِي عَتَاكَ، ٣٠ 30
और उनके पास जो हुरमा में और उनके पास जो कोर'आसान में, और उनके पास जो 'अताक में।
وَإِلَى ٱلَّذِينَ فِي حَبْرُونَ، وَإِلَى جَمِيعِ ٱلْأَمَاكِنِ ٱلَّتِي تَرَدَّدَ فِيهَا دَاوُدُ وَرِجَالُهُ. ٣١ 31
और उनके पास जो हबरून में थे और उन सब जगहों में जहाँ जहाँ दाऊद और उसके लोग फ़िरा करते थे, भेजा।

< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 30 >