< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 26 >

ثُمَّ جَاءَ ٱلزِّيفِيُّونَ إِلَى شَاوُلَ إِلَى جِبْعَةَ قَائِلِينَ: «أَلَيْسَ دَاوُدُ مُخْتَفِيًا فِي تَلِّ حَخِيلَةَ ٱلَّذِي مُقَابِلَ ٱلْقَفْرِ؟» ١ 1
फिर जीपी लोग गिबा में शाऊल के पास जाकर कहने लगे, “क्या दाऊद उस हकीला नामक पहाड़ी पर जो यशीमोन के सामने है छिपा नहीं रहता?”
فَقَامَ شَاوُلُ وَنَزَلَ إِلَى بَرِّيَّةِ زِيفٍ وَمَعَهُ ثَلَاثَةُ آلَافِ رَجُلٍ مُنْتَخَبِي إِسْرَائِيلَ لِكَيْ يُفَتِّشَ عَلَى دَاوُدَ فِي بَرِّيَّةِ زِيفٍ. ٢ 2
तब शाऊल उठकर इस्राएल के तीन हजार छाँटे हुए योद्धा संग लिए हुए गया कि दाऊद को जीप के जंगल में खोजे।
وَنَزَلَ شَاوُلُ فِي تَلِّ حَخِيلَةَ ٱلَّذِي مُقَابِلَ ٱلْقَفْرِ عَلَى ٱلطَّرِيقِ. وَكَانَ دَاوُدُ مُقِيمًا فِي ٱلْبَرِّيَّةِ. فَلَمَّا رَأَى أَنَّ شَاوُلَ قَدْ جَاءَ وَرَاءَهُ إِلَى ٱلْبَرِّيَّةِ ٣ 3
और शाऊल ने अपनी छावनी मार्ग के पास हकीला नामक पहाड़ी पर जो यशीमोन के सामने है डाली। परन्तु दाऊद जंगल में रहा; और उसने जान लिया, कि शाऊल मेरा पीछा करने को जंगल में आया है;
أَرْسَلَ دَاوُدُ جَوَاسِيسَ وَعَلِمَ بِٱلْيَقِينِ أَنَّ شَاوُلَ قَدْ جَاءَ. ٤ 4
तब दाऊद ने भेदियों को भेजकर निश्चय कर लिया कि शाऊल सचमुच आ गया है।
فَقَامَ دَاوُدُ وَجَاءَ إِلَى ٱلْمَكَانِ ٱلَّذِي نَزَلَ فِيهِ شَاوُلُ، وَنَظَرَ دَاوُدُ ٱلْمَكَانَ ٱلَّذِي ٱضْطَجَعَ فِيهِ شَاوُلُ وَأَبْنَيْرُ بْنُ نَيْرٍ رَئِيسُ جَيْشِهِ. وَكَانَ شَاوُلُ مُضْطَجِعًا عِنْدَ ٱلْمِتْرَاسِ وَٱلشَّعْبُ نُزُولٌ حَوَالَيْهِ. ٥ 5
तब दाऊद उठकर उस स्थान पर गया जहाँ शाऊल पड़ा था; और दाऊद ने उस स्थान को देखा जहाँ शाऊल अपने सेनापति नेर के पुत्र अब्नेर समेत पड़ा था, शाऊल तो गाड़ियों की आड़ में पड़ा था और उसके लोग उसके चारों ओर डेरे डाले हुए थे।
فَأَجَابَ دَاوُدُ وَكَلَّمَ أَخِيمَالِكَ ٱلْحِثِّيَّ وَأَبِيشَايَ ٱبْنَ صُرُوِيَّةَ أَخَا يُوآبَ قَائِلًا: «مَنْ يَنْزِلُ مَعِي إِلَى شَاوُلَ إِلَى ٱلْمَحَلَّةِ؟» فَقَالَ أَبِيشَايُ: «أَنَا أَنْزِلُ مَعَكَ». ٦ 6
तब दाऊद ने हित्ती अहीमेलेक और सरूयाह के पुत्र योआब के भाई अबीशै से कहा, “मेरे साथ उस छावनी में शाऊल के पास कौन चलेगा?” अबीशै ने कहा, “तेरे साथ मैं चलूँगा।”
فَجَاءَ دَاوُدُ وَأَبِيشَايُ إِلَى ٱلشَّعْبِ لَيْلًا وَإِذَا بِشَاوُلَ مُضْطَجعٌ نَائِمٌ عِنْدَ ٱلْمِتْرَاسِ، وَرُمْحُهُ مَرْكُوزٌ فِي ٱلْأَرْضِ عِنْدَ رَأْسِهِ، وَأَبْنَيْرُ وَٱلشَّعْبُ مُضْطَجِعُونَ حَوَالَيْهِ. ٧ 7
अतः दाऊद और अबीशै रातों-रात उन लोगों के पास गए, और क्या देखते हैं, कि शाऊल गाड़ियों की आड़ में पड़ा सो रहा है, और उसका भाला उसके सिरहाने भूमि में गड़ा है; और अब्नेर और योद्धा लोग उसके चारों ओर पड़े हुए हैं।
فَقَالَ أَبِيشَايُ لِدَاوُدَ: «قَدْ حَبَسَ ٱللهُ ٱلْيَوْمَ عَدُوَّكَ فِي يَدِكَ. فَدَعْنِيَ ٱلْآنَ أَضْرِبْهُ بِٱلرُّمْحِ إِلَى ٱلْأَرْضِ دَفْعَةً وَاحِدَةً وَلَا أُثَنِّي عَلَيْهِ». ٨ 8
तब अबीशै ने दाऊद से कहा, “परमेश्वर ने आज तेरे शत्रु को तेरे हाथ में कर दिया है; इसलिए अब मैं उसको एक बार ऐसा मारूँ कि भाला उसे बेधता हुआ भूमि में धँस जाए, और मुझ को उसे दूसरी बार मारना न पड़ेगा।”
فَقَالَ دَاوُدُ لِأَبِيشَايَ: «لَا تُهْلِكْهُ، فَمَنِ ٱلَّذِي يَمُدُّ يَدَهُ إِلَى مَسِيحِ ٱلرَّبِّ وَيَتَبَرَّأُ؟» ٩ 9
दाऊद ने अबीशै से कहा, “उसे नष्ट न कर; क्योंकि यहोवा के अभिषिक्त पर हाथ चलाकर कौन निर्दोष ठहर सकता है।”
وَقَالَ دَاوُدُ: «حَيٌّ هُوَ ٱلرَّبُّ، إِنَّ ٱلرَّبَّ سَوْفَ يَضْرِبُهُ، أَوْ يَأْتِي يَوْمُهُ فَيَمُوتُ، أَوْ يَنْزِلُ إِلَى ٱلْحَرْبِ وَيَهْلِكُ. ١٠ 10
१०फिर दाऊद ने कहा, “यहोवा के जीवन की शपथ यहोवा ही उसको मारेगा; या वह अपनी मृत्यु से मरेगा; या वह लड़ाई में जाकर मर जाएगा।
حَاشَا لِي مِنْ قِبَلِ ٱلرَّبِّ أَنْ أَمُدَّ يَدِي إِلَى مَسِيحِ ٱلرَّبِّ! وَٱلْآنَ فَخُذِ ٱلرُّمْحَ ٱلَّذِي عِنْدَ رَأْسِهِ وَكُوزَ ٱلْمَاءِ وَهَلُمَّ». ١١ 11
११यहोवा न करे कि मैं अपना हाथ यहोवा के अभिषिक्त पर उठाऊँ; अब उसके सिरहाने से भाला और पानी की सुराही उठा ले, और हम यहाँ से चले जाएँ।”
فَأَخَذَ دَاوُدُ ٱلرُّمْحَ وَكُوزَ ٱلْمَاءِ مِنْ عِنْدِ رَأْسِ شَاوُلَ وَذَهَبَا، وَلَمْ يَرَ وَلَا عَلِمَ وَلَا ٱنْتَبَهَ أَحَدٌ لِأَنَّهُمْ جَمِيعًا كَانُوا نِيَامًا، لِأَنَّ سُبَاتَ ٱلرَّبِّ وَقَعَ عَلَيْهِمْ. ١٢ 12
१२तब दाऊद ने भाले और पानी की सुराही को शाऊल के सिरहाने से उठा लिया; और वे चले गए। और किसी ने इसे न देखा, और न जाना, और न कोई जागा; क्योंकि वे सब इस कारण सोए हुए थे, कि यहोवा की ओर से उनमें भारी नींद समा गई थी।
وَعَبَرَ دَاوُدُ إِلَى ٱلْعَبْرِ وَوَقَفَ عَلَى رَأْسِ ٱلْجَبَلِ عَنْ بُعْدٍ، وَٱلْمَسَافَةُ بَيْنَهُمْ كَبِيرَةٌ. ١٣ 13
१३तब दाऊद दूसरी ओर जाकर दूर के पहाड़ की चोटी पर खड़ा हुआ, और दोनों के बीच बड़ा अन्तर था;
وَنَادَى دَاوُدُ ٱلشَّعْبَ وَأَبْنَيْرَ بْنَ نَيْرٍ قَائِلًا: «أَمَا تُجِيبُ يَا أَبْنَيْرُ؟» فَأَجَابَ أَبْنَيْرُ وَقَالَ: «مَنْ أَنْتَ ٱلَّذِي يُنَادِي ٱلْمَلِكَ؟» ١٤ 14
१४और दाऊद ने उन लोगों को, और नेर के पुत्र अब्नेर को पुकारके कहा, “हे अब्नेर क्या तू नहीं सुनता?” अब्नेर ने उत्तर देकर कहा, “तू कौन है जो राजा को पुकारता है?”
فَقَالَ دَاوُدُ لِأَبْنَيْرَ: «أَمَا أَنْتَ رَجُلٌ؟ وَمَنْ مِثْلُكَ فِي إِسْرَائِيلَ؟ فَلِمَاذَا لَمْ تَحْرُسْ سَيِّدَكَ ٱلْمَلِكَ؟ لِأَنَّهُ قَدْ جَاءَ وَاحِدٌ مِنَ ٱلشَّعْبِ لِكَيْ يُهْلِكَ ٱلْمَلِكَ سَيِّدَكَ. ١٥ 15
१५दाऊद ने अब्नेर से कहा, “क्या तू पुरुष नहीं है? इस्राएल में तेरे तुल्य कौन है? तूने अपने स्वामी राजा की चौकसी क्यों नहीं की? एक जन तो तेरे स्वामी राजा को नष्ट करने घुसा था।
لَيْسَ حَسَنًا هَذَا ٱلْأَمْرُ ٱلَّذِي عَمِلْتَ. حَيٌّ هُوَ ٱلرَّبُّ، إِنَّكُمْ أَبْنَاءُ ٱلْمَوْتِ أَنْتُمْ، لِأَنَّكُمْ لَمْ تُحَافِظُوا عَلَى سَيِّدِكُمْ، عَلَى مَسِيحِ ٱلرَّبِّ. فَٱنْظُرِ ٱلْآنَ أَيْنَ هُوَ رُمْحُ ٱلْمَلِكِ وَكُوزُ ٱلْمَاءِ ٱلَّذِي كَانَ عِنْدَ رَأْسِهِ». ١٦ 16
१६जो काम तूने किया है वह अच्छा नहीं। यहोवा के जीवन की शपथ तुम लोग मारे जाने के योग्य हो, क्योंकि तुम ने अपने स्वामी, यहोवा के अभिषिक्त की चौकसी नहीं की। और अब देख, राजा का भाला और पानी की सुराही जो उसके सिरहाने थी वे कहाँ हैं?”
وَعَرَفَ شَاوُلُ صَوْتَ دَاوُدَ فَقَالَ: «أَهَذَا هُوَ صَوْتُكَ يَا ٱبْنِي دَاوُدُ؟» فَقَالَ دَاوُدُ: «إِنَّهُ صَوْتِي يَاسَيِّدِي ٱلْمَلِكَ». ١٧ 17
१७तब शाऊल ने दाऊद का बोल पहचानकर कहा, “हे मेरे बेटे दाऊद, क्या यह तेरा बोल है?” दाऊद ने कहा, “हाँ, मेरे प्रभु राजा, मेरा ही बोल है।”
ثُمَّ قَالَ: «لِمَاذَا سَيِّدِي يَسْعَى وَرَاءَ عَبْدِهِ؟ لِأَنِّي مَاذَا عَمِلْتُ وَأَيُّ شَرٍّ بِيَدِي؟ ١٨ 18
१८फिर उसने कहा, “मेरा प्रभु अपने दास का पीछा क्यों करता है? मैंने क्या किया है? और मुझसे कौन सी बुराई हुई है?
وَٱلْآنَ فَلْيَسْمَعْ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ كَلَامَ عَبْدِهِ: فَإِنْ كَانَ ٱلرَّبُّ قَدْ أَهَاجَكَ ضِدِّي فَلْيَشْتَمَّ تَقْدِمَةً. وَإِنْ كَانَ بَنُو ٱلنَّاسِ فَلْيَكُونُوا مَلْعُونِينَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، لِأَنَّهُمْ قَدْ طَرَدُونِي ٱلْيَوْمَ مِنَ ٱلِٱنْضِمَامِ إِلَى نَصِيبِ ٱلرَّبِّ قَائِلِينَ: ٱذْهَبِ ٱعْبُدْ آلِهَةً أُخْرَى. ١٩ 19
१९अब मेरा प्रभु राजा, अपने दास की बातें सुन ले। यदि यहोवा ने तुझे मेरे विरुद्ध उकसाया हो, तब तो वह भेंट ग्रहण करे; परन्तु यदि आदमियों ने ऐसा किया हो, तो वे यहोवा की ओर से श्रापित हों, क्योंकि उन्होंने अब मुझे निकाल दिया कि मैं यहोवा के निज भाग में न रहूँ, और उन्होंने कहा है, ‘जा पराए देवताओं की उपासना कर।’
وَٱلْآنَ لَا يَسْقُطْ دَمِي إِلَى ٱلْأَرْضِ أَمَامَ وَجْهِ ٱلرَّبِّ، لِأَنَّ مَلِكَ إِسْرَائِيلَ قَدْ خَرَجَ لِيُفَتِّشَ عَلَى بُرْغُوثٍ وَاحِدٍ! كَمَا يُتْبَعُ ٱلْحَجَلُ فِي ٱلْجِبَالِ!». ٢٠ 20
२०इसलिए अब मेरा लहू यहोवा की आँखों की ओट में भूमि पर न बहने पाए; इस्राएल का राजा तो एक पिस्सू ढूँढ़ने आया है, जैसा कि कोई पहाड़ों पर तीतर का अहेर करे।”
فَقَالَ شَاوُلُ: «قَدْ أَخْطَأْتُ. اِرْجِعْ يَا ٱبْنِي دَاوُدَ لِأَنِّي لَا أُسِيءُ إِلَيْكَ بَعْدُ مِنْ أَجْلِ أَنَّ نَفْسِي كَانَتْ كَرِيمَةً فِي عَيْنَيْكَ ٱلْيَوْمَ. هُوَذَا قَدْ حَمِقْتُ وَضَلَلْتُ كَثِيرًا جِدًّا». ٢١ 21
२१शाऊल ने कहा, “मैंने पाप किया है, हे मेरे बेटे दाऊद लौट आ; मेरा प्राण आज के दिन तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरा, इस कारण मैं फिर तेरी कुछ हानि न करूँगा; सुन, मैंने मूर्खता की, और मुझसे बड़ी भूल हुई है।”
فَأَجَابَ دَاوُدُ وَقَالَ: «هُوَذَا رُمْحُ ٱلْمَلِكِ، فَلْيَعْبُرْ وَاحِدٌ مِنَ ٱلْغِلْمَانِ وَيَأْخُذْهُ. ٢٢ 22
२२दाऊद ने उत्तर देकर कहा, “हे राजा, भाले को देख, कोई जवान इधर आकर इसे ले जाए।
وَٱلرَّبُّ يَرُدُّ عَلَى كُلِّ وَاحِدٍ بِرَّهُ وَأَمَانَتَهُ، لِأَنَّهُ قَدْ دَفَعَكَ ٱلرَّبُّ ٱلْيَوْمَ لِيَدِي وَلَمْ أَشَأْ أَنْ أَمُدَّ يَدِي إِلَى مَسِيحِ ٱلرَّبِّ. ٢٣ 23
२३यहोवा एक-एक को अपने-अपने धार्मिकता और सच्चाई का फल देगा; देख, आज यहोवा ने तुझको मेरे हाथ में कर दिया था, परन्तु मैंने यहोवा के अभिषिक्त पर अपना हाथ उठाना उचित न समझा।
وَهُوَذَا كَمَا كَانَتْ نَفْسُكَ عَظِيمَةً ٱلْيَوْمَ فِي عَيْنَيَّ، كَذَلِكَ لِتَعْظُمْ نَفْسِي فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ فَيَنْقُذْنِي مِنْ كُلِّ ضِيقٍ». ٢٤ 24
२४इसलिए जैसे तेरे प्राण आज मेरी दृष्टि में प्रिय ठहरे, वैसे ही मेरे प्राण भी यहोवा की दृष्टि में प्रिय ठहरे, और वह मुझे समस्त विपत्तियों से छुड़ाए।”
فَقَالَ شَاوُلُ لِدَاوُدَ: «مُبَارَكٌ أَنْتَ يَا ٱبْنِي دَاوُدَ، فَإِنَّكَ تَفْعَلُ وَتَقْدِرُ». ثُمَّ ذَهَبَ دَاوُدُ فِي طَرِيقِهِ وَرَجَعَ شَاوُلُ إِلَى مَكَانِهِ. ٢٥ 25
२५शाऊल ने दाऊद से कहा, “हे मेरे बेटे दाऊद तू धन्य है! तू बड़े-बड़े काम करेगा और तेरे काम सफल होंगे।” तब दाऊद ने अपना मार्ग लिया, और शाऊल भी अपने स्थान को लौट गया।

< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 26 >