< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 17 >

وَجَمَعَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّونَ جُيُوشَهُمْ لِلْحَرْبِ، فَٱجْتَمَعُوا فِي سُوكُوهَ ٱلَّتِي لِيَهُوذَا، وَنَزَلُوا بَيْنَ سُوكُوهَ وَعَزِيقَةَ فِي أَفَسِ دَمِّيمَ. ١ 1
अब पलिश्तियों ने युद्ध के लिये अपनी सेनाओं को इकट्ठा किया; और यहूदा देश के सोको में एक साथ होकर सोको और अजेका के बीच एपेसदम्मीम में डेरे डाले।
وَٱجْتَمَعَ شَاوُلُ وَرِجَالُ إِسْرَائِيلَ وَنَزَلُوا فِي وَادِي ٱلْبُطْمِ، وَٱصْطَفُّوا لِلْحَرْبِ لِلِقَاءِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ. ٢ 2
शाऊल और इस्राएली पुरुषों ने भी इकट्ठे होकर एला नामक तराई में डेरे डाले, और युद्ध के लिये पलिश्तियों के विरुद्ध पाँति बाँधी।
وَكَانَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّونَ وُقُوفًا عَلَى جَبَلٍ مِنْ هُنَا، وَإِسْرَائِيلُ وُقُوفًا عَلَى جَبَلٍ مِنْ هُنَاكَ، وَٱلْوَادِي بَيْنَهُمْ. ٣ 3
पलिश्ती तो एक ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे; और दोनों के बीच तराई थी।
فَخَرَجَ رَجُلٌ مُبَارِزٌ مِنْ جُيُوشِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ ٱسْمُهُ جُلْيَاتُ، مِنْ جَتَّ، طُولُهُ سِتُّ أَذْرُعٍ وَشِبْرٌ، ٤ 4
तब पलिश्तियों की छावनी में से गोलियत नामक एक वीर निकला, जो गत नगर का था, और उसकी लम्बाई छः हाथ एक बित्ता थी।
وَعَلَى رَأْسِهِ خُوذَةٌ مِنْ نُحَاسٍ، وَكَانَ لَابِسًا دِرْعًا حَرْشَفِيًّا، وَوَزْنَ ٱلْدِّرْعِ خَمْسَةُ آلَافِ شَاقِلِ نُحَاسٍ، ٥ 5
उसके सिर पर पीतल का टोप था; और वह एक पत्तर का झिलम पहने हुए था, जिसका तौल पाँच हजार शेकेल पीतल का था।
وَجُرْمُوقَا نُحَاسٍ عَلَى رِجْلَيْهِ، وَمِزْرَاقُ نُحَاسٍ بَيْنَ كَتِفَيْهِ، ٦ 6
उसकी टाँगों पर पीतल के कवच थे, और उसके कंधों के बीच बरछी बंधी थी।
وَقَنَاةُ رُمْحِهِ كَنَوْلِ ٱلنَّسَّاجِينَ، وَسِنَانُ رُمْحِهِ سِتُّ مِئَةِ شَاقِلِ حَدِيدٍ، وَحَامِلُ ٱلتُّرْسِ كَانَ يَمْشِي قُدَّامَهُ. ٧ 7
उसके भाले की छड़ जुलाहे के डोंगी के समान थी, और उस भाले का फल छः सौ शेकेल लोहे का था, और बड़ी ढाल लिए हुए एक जन उसके आगे-आगे चलता था
فَوَقَفَ وَنَادَى صُفُوفَ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ لَهُمْ: «لِمَاذَا تَخْرُجُونَ لِتَصْطَفُّوا لِلْحَرْبِ؟ أَمَا أَنَا ٱلْفِلِسْطِينِيُّ، وَأَنْتُمْ عَبِيدٌ لِشَاوُلَ؟ ٱخْتَارُوا لِأَنْفُسِكُمْ رَجُلًا وَلْيَنْزِلْ إِلَيَّ. ٨ 8
वह खड़ा होकर इस्राएली पाँतियों को ललकार के बोला, “तुम ने यहाँ आकर लड़ाई के लिये क्यों पाँति बाँधी है? क्या मैं पलिश्ती नहीं हूँ, और तुम शाऊल के अधीन नहीं हो? अपने में से एक पुरुष चुनो, कि वह मेरे पास उतर आए।
فَإِنْ قَدَرَ أَنْ يُحَارِبَنِي وَيَقْتُلَنِي نَصِيرُ لَكُمْ عَبِيدًا، وَإِنْ قَدَرْتُ أَنَا عَلَيْهِ وَقَتَلْتُهُ تَصِيرُونَ أَنْتُمْ لَنَا عَبِيدًا وَتَخْدِمُونَنَا». ٩ 9
यदि वह मुझसे लड़कर मुझे मार सके, तब तो हम तुम्हारे अधीन हो जाएँगे; परन्तु यदि मैं उस पर प्रबल होकर मारूँ, तो तुम को हमारे अधीन होकर हमारी सेवा करनी पड़ेगी।”
وَقَالَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ: «أَنَا عَيَّرْتُ صُفُوفَ إِسْرَائِيلَ هَذَا ٱلْيَوْمَ. أَعْطُونِي رَجُلًا فَنَتَحَارَبَ مَعًا». ١٠ 10
१०फिर वह पलिश्ती बोला, “मैं आज के दिन इस्राएली पाँतियों को ललकारता हूँ, किसी पुरुष को मेरे पास भेजो, कि हम एक दूसरे से लड़ें।”
وَلَمَّا سَمِعَ شَاوُلُ وَجَمِيعُ إِسْرَائِيلَ كَلَامَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ هَذَا ٱرْتَاعُوا وَخَافُوا جِدًّا. ١١ 11
११उस पलिश्ती की इन बातों को सुनकर शाऊल और समस्त इस्राएलियों का मन कच्चा हो गया, और वे अत्यन्त डर गए।
وَدَاوُدُ هُوَ ٱبْنُ ذَلِكَ ٱلرَّجُلِ ٱلْأَفْرَاتِيِّ مِنْ بَيْتِ لَحْمِ يَهُوذَا ٱلَّذِي ٱسْمُهُ يَسَّى وَلَهُ ثَمَانِيَةُ بَنِينَ. وَكَانَ ٱلرَّجُلُ فِي أَيَّامِ شَاوُلَ قَدْ شَاخَ وَكَبُرَ بَيْنَ ٱلنَّاسِ. ١٢ 12
१२दाऊद यहूदा के बैतलहम के उस एप्राती पुरुष का पुत्र था, जिसका नाम यिशै था, और उसके आठ पुत्र थे और वह पुरुष शाऊल के दिनों में बूढ़ा और निर्बल हो गया था।
وَذَهَبَ بَنُو يَسَّى ٱلثَّلَاثَةُ ٱلْكِبَارُ وَتَبِعُوا شَاوُلَ إِلَى ٱلْحَرْبِ. وَأَسْمَاءُ بَنِيهِ ٱلثَّلَاثَةِ ٱلَّذِينَ ذَهَبُوا إِلَى ٱلْحَرْبِ: أَلِيآبُ ٱلْبِكْرُ، وَأَبِينَادَابُ ثَانِيهِ، وَشَمَّةُ ثَالِثُهُمَا. ١٣ 13
१३यिशै के तीन बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर लड़ने को गए थे; और उसके तीन पुत्रों के नाम जो लड़ने को गए थे, ये थे, अर्थात् ज्येष्ठ का नाम एलीआब, दूसरे का अबीनादाब, और तीसरे का शम्मा था।
وَدَاوُدُ هُوَ ٱلصَّغِيرُ. وَٱلثَّلَاثَةُ ٱلْكِبَارُ ذَهَبُوا وَرَاءَ شَاوُلَ. ١٤ 14
१४सबसे छोटा दाऊद था; और तीनों बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर गए थे,
وَأَمَّا دَاوُدُ فَكَانَ يَذْهَبُ وَيَرْجِعُ مِنْ عِنْدِ شَاوُلَ لِيَرْعَى غَنَمَ أَبِيهِ فِي بَيْتِ لَحْمٍ. ١٥ 15
१५और दाऊद बैतलहम में अपने पिता की भेड़ बकरियाँ चराने को शाऊल के पास से आया-जाया करता था।
وَكَانَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ يَتَقَدَّمُ وَيَقِفُ صَبَاحًا وَمَسَاءً أَرْبَعِينَ يَوْمًا. ١٦ 16
१६वह पलिश्ती तो चालीस दिन तक सवेरे और साँझ को निकट जाकर खड़ा हुआ करता था।
فَقَالَ يَسَّى لِدَاوُدَ ٱبْنِهِ: «خُذْ لِإِخْوَتِكَ إِيفَةً مِنْ هَذَا ٱلْفَرِيكِ، وَهَذِهِ ٱلْعَشَرَ ٱلْخُبْزَاتِ وَٱرْكُضْ إِلَى ٱلْمَحَلَّةِ إِلَى إِخْوَتِكَ. ١٧ 17
१७यिशै ने अपने पुत्र दाऊद से कहा, “यह एपा भर भुना हुआ अनाज, और ये दस रोटियाँ लेकर छावनी में अपने भाइयों के पास दौड़ जा;
وَهَذِهِ ٱلْعَشَرَ ٱلْقِطْعَاتِ مِنَ ٱلْجُبْنِ قَدِّمْهَا لِرَئِيسِ ٱلْأَلْفِ، وَٱفْتَقِدْ سَلَامَةَ إِخْوَتِكَ وَخُذْ مِنْهُمْ عُرْبُونًا». ١٨ 18
१८और पनीर की ये दस टिकियाँ उनके सहस्त्रपति के लिये ले जा। और अपने भाइयों का कुशल देखकर उनकी कोई निशानी ले आना।
وَكَانَ شَاوُلُ وَهُمْ وَجَمِيعُ رِجَالِ إِسْرَائِيلَ فِي وَادِي ٱلْبُطْمِ يُحَارِبُونَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ. ١٩ 19
१९शाऊल, और तेरे भाई, और समस्त इस्राएली पुरुष एला नामक तराई में पलिश्तियों से लड़ रहे है।”
فَبَكَّرَ دَاوُدُ صَبَاحًا وَتَرَكَ ٱلْغَنَمَ مَعَ حَارِسٍ، وَحَمَّلَ وَذَهَبَ كَمَا أَمَرَهُ يَسَّى، وَأَتَى إِلَى ٱلْمِتْرَاسِ، وَٱلْجَيْشُ خَارِجٌ إِلَى ٱلِٱصْطِفَافِ وَهَتَفُوا لِلْحَرْبِ. ٢٠ 20
२०अतः दाऊद सवेरे उठ, भेड़ बकरियों को किसी रखवाले के हाथ में छोड़कर, यिशै की आज्ञा के अनुसार उन वस्तुओं को लेकर चला; और जब सेना रणभूमि को जा रही, और संग्राम के लिये ललकार रही थी, उसी समय वह गाड़ियों के पड़ाव पर पहुँचा।
وَٱصْطَفَّ إِسْرَائِيلُ وَٱلْفِلِسْطِينِيُّونَ صَفًّا مُقَابِلَ صَفٍّ. ٢١ 21
२१तब इस्राएलियों और पलिश्तियों ने अपनी-अपनी सेना आमने-सामने करके पाँति बाँधी।
فَتَرَكَ دَاوُدُ ٱلْأَمْتِعَةَ ٱلَّتِي مَعَهُ بِيَدِ حَافِظِ ٱلْأَمْتِعَةِ، وَرَكَضَ إِلَى ٱلصَّفِّ وَأَتَى وَسَأَلَ عَنْ سَلَامَةِ إِخْوَتِهِ. ٢٢ 22
२२दाऊद अपनी सामग्री सामान के रखवाले के हाथ में छोड़कर रणभूमि को दौड़ा, और अपने भाइयों के पास जाकर उनका कुशल क्षेम पूछा।
وَفِيمَا هُوَ يُكَلِّمُهُمْ إِذَا بِرَجُلٍ مُبَارِزٍ ٱسْمُهُ جُلْيَاتُ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ مِنْ جَتَّ، صَاعِدٌ مِنْ صُفُوفِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ وَتَكَلَّمَ بِمِثْلِ هَذَا ٱلْكَلَامِ، فَسَمِعَ دَاوُدُ. ٢٣ 23
२३वह उनके साथ बातें कर ही रहा था, कि पलिश्तियों की पाँतियों में से वह वीर, अर्थात् गतवासी गोलियत नामक वह पलिश्ती योद्धा चढ़ आया, और पहले की सी बातें कहने लगा। और दाऊद ने उन्हें सुना।
وَجَمِيعُ رِجَالِ إِسْرَائِيلَ لَمَّا رَأَوْا ٱلرَّجُلَ هَرَبُوا مِنْهُ وَخَافُوا جِدًّا. ٢٤ 24
२४उस पुरुष को देखकर सब इस्राएली अत्यन्त भय खाकर उसके सामने से भागे।
فَقَالَ رِجَالُ إِسْرَائِيلَ: «أَرَأَيْتُمْ هَذَا ٱلرَّجُلَ ٱلصَّاعِدَ؟ لِيُعَيِّرَ إِسْرَائِيلَ هُوَ صَاعِدٍ! فَيَكُونُ أَنَّ ٱلرَّجُلَ ٱلَّذِي يَقْتُلُهُ يُغْنِيهِ ٱلْمَلِكُ غِنًى جَزِيلًا، وَيُعْطِيهِ ابِنْتَهُ، وَيَجْعَلُ بَيْتَ أَبِيهِ حُرًّا فِي إِسْرَائِيلَ». ٢٥ 25
२५फिर इस्राएली पुरुष कहने लगे, “क्या तुम ने उस पुरुष को देखा है जो चढ़ा आ रहा है? निश्चय वह इस्राएलियों को ललकारने को चढ़ा आता है; और जो कोई उसे मार डालेगा उसको राजा बहुत धन देगा, और अपनी बेटी का विवाह उससे कर देगा, और उसके पिता के घराने को इस्राएल में स्वतंत्र कर देगा।”
فَكَلَّمَ دَاوُدُ ٱلرِّجَالَ ٱلْوَاقِفِينَ مَعَهُ قَائِلًا: «مَاذَا يُفْعَلُ لِلرَّجُلِ ٱلَّذِي يَقْتُلُ ذَلِكَ ٱلْفِلِسْطِينِيَّ، وَيُزِيلُ ٱلْعَارَ عَنْ إِسْرَائِيلَ؟ لِأَنَّهُ مَنْ هُوَ هَذَا ٱلْفِلِسْطِينِيُّ ٱلْأَغْلَفُ حَتَّى يُعَيِّرَ صُفُوفَ ٱللهِ ٱلْحَيِّ؟» ٢٦ 26
२६तब दाऊद ने उन पुरुषों से जो उसके आस-पास खड़े थे पूछा, “जो उस पलिश्ती को मारकर इस्राएलियों की नामधराई दूर करेगा उसके लिये क्या किया जाएगा? वह खतनारहित पलिश्ती क्या है कि जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारे?”
فَكَلَّمَهُ ٱلشَّعْبُ بِمِثْلِ هَذَا ٱلْكَلَامِ قَائِلِينَ: «كَذَا يُفْعَلُ لِلرَّجُلِ ٱلَّذِي يَقْتُلُهُ». ٢٧ 27
२७तब लोगों ने उससे वही बातें कहीं, अर्थात् यह, कि जो कोई उसे मारेगा उससे ऐसा-ऐसा किया जाएगा।
وَسَمِعَ أَخُوهُ ٱلْأَكْبَرُ أَلِيآبُ كَلَامَهُ مَعَ ٱلرِّجَالِ، فَحَمِيَ غَضَبُ أَلِيآبَ عَلَى دَاوُدَ وَقَالَ: «لِمَاذَا نَزَلْتَ؟ وَعَلَى مَنْ تَرَكْتَ تِلْكَ ٱلْغُنَيْمَاتِ ٱلْقَلِيلَةَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ؟ أَنَا عَلِمْتُ كِبْرِيَاءَكَ وَشَرَّ قَلْبِكَ، لِأَنَّكَ إِنَّمَا نَزَلْتَ لِكَيْ تَرَى ٱلْحَرْبَ». ٢٨ 28
२८जब दाऊद उन मनुष्यों से बातें कर रहा था, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सुन रहा था; और एलीआब दाऊद से बहुत क्रोधित होकर कहने लगा, “तू यहाँ क्यों आया है? और जंगल में उन थोड़ी सी भेड़ बकरियों को तू किसके पास छोड़ आया है? तेरा अभिमान और तेरे मन की बुराई मुझे मालूम है; तू तो लड़ाई देखने के लिये यहाँ आया है।”
فَقَالَ دَاوُدُ: «مَاذَا عَمِلْتُ ٱلْآنَ؟ أَمَا هُوَ كَلَامٌ؟». ٢٩ 29
२९दाऊद ने कहा, “अब मैंने क्या किया है? वह तो निरी बात थी।”
وَتَحَوَّلَ مِنْ عِنْدِهِ نَحْوَ آخَرَ، وَتَكَلَّمَ بِمِثْلِ هَذَا ٱلْكَلَامِ، فَرَدَّ لَهُ ٱلشَّعْبُ جَوَابًا كَٱلْجَوَابِ ٱلْأَوَّلِ. ٣٠ 30
३०तब उसने उसके पास से मुँह फेर के दूसरे के सम्मुख होकर वैसी ही बात कही; और लोगों ने उसे पहले के समान उत्तर दिया।
وَسُمِعَ ٱلْكَلَامُ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ دَاوُدُ وَأَخْبَرُوا بِهِ أَمَامَ شَاوُلَ، فَٱسْتَحْضَرَهُ. ٣١ 31
३१जब दाऊद की बातों की चर्चा हुई, तब शाऊल को भी सुनाई गई; और उसने उसे बुलवा भेजा।
فَقَالَ دَاوُدُ لِشَاوُلَ: «لَا يَسْقُطْ قَلْبُ أَحَدٍ بِسَبَبِهِ. عَبْدُكَ يَذْهَبُ وَيُحَارِبُ هَذَا ٱلْفِلِسْطِينِيَّ». ٣٢ 32
३२तब दाऊद ने शाऊल से कहा, “किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा।”
فَقَالَ شَاوُلُ لِدَاوُدَ: «لَا تَسْتَطِيعُ أَنْ تَذْهَبَ إِلَى هَذَا ٱلْفِلِسْطِينِيِّ لِتُحَارِبَهُ لِأَنَّكَ غُلَامٌ وَهُوَ رَجُلُ حَرْبٍ مُنْذُ صِبَاهُ». ٣٣ 33
३३शाऊल ने दाऊद से कहा, “तू जाकर उस पलिश्ती के विरुद्ध युद्ध नहीं कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।”
فَقَالَ دَاوُدُ لِشَاوُلَ: «كَانَ عَبْدُكَ يَرْعَى لِأَبِيهِ غَنَمًا، فَجَاءَ أَسَدٌ مَعَ دُبٍّ وَأَخَذَ شَاةً مِنَ ٱلْقَطِيعِ، ٣٤ 34
३४दाऊद ने शाऊल से कहा, “तेरा दास अपने पिता की भेड़-बकरियाँ चराता था; और जब कोई सिंह या भालू झुण्ड में से मेम्ना उठा ले जाता,
فَخَرَجْتُ وَرَاءَهُ وَقَتَلْتُهُ وَأَنْقَذْتُهَا مِنْ فِيهِ، وَلَمَّا قَامَ عَلَيَّ أَمْسَكْتُهُ مِنْ ذَقْنِهِ وَضَرَبْتُهُ فَقَتَلْتُهُ. ٣٥ 35
३५तब मैं उसका पीछा करके उसे मारता, और मेम्ने को उसके मुँह से छुड़ा लेता; और जब वह मुझ पर हमला करता, तब मैं उसके केश को पकड़कर उसे मार डालता।
قَتَلَ عَبْدُكَ ٱلْأَسَدَ وَٱلدُّبَّ جَمِيعًا. وَهَذَا ٱلْفِلِسْطِينِيُّ ٱلْأَغْلَفُ يَكُونُ كَوَاحِدٍ مِنْهُمَا، لِأَنَّهُ قَدْ عَيَّرَ صُفُوفَ ٱللهِ ٱلْحَيِّ». ٣٦ 36
३६तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मारा है। और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।”
وَقَالَ دَاوُدُ: «ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي أَنْقَذَنِي مِنْ يَدِ ٱلْأَسَدِ وَمِنْ يَدِ ٱلدُّبِّ هُوَ يُنْقِذُنِي مِنْ يَدِ هَذَا ٱلْفِلِسْطِينِيِّ». فَقَالَ شَاوُلُ لِدَاوُدَ: «ٱذْهَبْ وَلْيَكُنِ ٱلرَّبُّ مَعَكَ». ٣٧ 37
३७फिर दाऊद ने कहा, “यहोवा जिसने मुझे सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा।” शाऊल ने दाऊद से कहा, “जा, यहोवा तेरे साथ रहे।”
وَأَلْبَسَ شَاوُلُ دَاوُدَ ثِيَابَهُ، وَجَعَلَ خُوذَةً مِنْ نُحَاسٍ عَلَى رَأْسِهِ، وَأَلْبَسَهُ دِرْعًا. ٣٨ 38
३८तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और झिलम उसको पहनाया।
فَتَقَلَّدَ دَاوُدُ بِسَيْفِهِ فَوْقَ ثِيَابِهِ وَعَزَمَ أَنْ يَمْشِيَ، لِأَنَّهُ لَمْ يَكُنْ قَدْ جَرَّبَ. فَقَالَ دَاوُدُ لِشَاوُلَ: «لَا أَقْدِرُ أَنْ أَمْشِيَ بِهَذِهِ، لِأَنِّي لَمْ أُجَرِّبْهَا». وَنَزَعَهَا دَاوُدُ عَنْهُ. ٣٩ 39
३९तब दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया; उसने तो उनको न परखा था। इसलिए दाऊद ने शाऊल से कहा, “इन्हें पहने हुए मुझसे चला नहीं जाता, क्योंकि मैंने इन्हें नहीं परखा है।” और दाऊद ने उन्हें उतार दिया।
وَأَخَذَ عَصَاهُ بِيَدِهِ، وَٱنْتَخَبَ لَهُ خَمْسَةَ حِجَارَةٍ مُلْسٍ مِنَ ٱلْوَادِي وَجَعَلَهَا فِي كِنْفِ ٱلرُّعَاةِ ٱلَّذِي لَهُ، أَيْ فِي ٱلْجِرَابِ، وَمِقْلَاعَهُ بِيَدِهِ وَتَقَدَّمَ نَحْوَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ. ٤٠ 40
४०तब उसने अपनी लाठी हाथ में ली और नदी में से पाँच चिकने पत्थर छाँटकर अपनी चरवाही की थैली, अर्थात् अपने झोले में रखे; और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्ती के निकट गया।
وَذَهَبَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ ذِاهِبًا وَٱقْتَرَبَ إِلَى دَاوُدَ وَٱلْرَّجُلُ حَامِلُ ٱلتُّرْسِ أَمَامَهُ. ٤١ 41
४१और पलिश्ती चलते-चलते दाऊद के निकट पहुँचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिए था वह उसके आगे-आगे चला।
وَلَمَّا نَظَرَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ وَرَأَى دَاوُدَ ٱسْتَحْقَرَهُ لِأَنَّهُ كَانَ غُلَامًا وَأَشْقَرَ جَمِيلَ ٱلْمَنْظَرِ. ٤٢ 42
४२जब पलिश्ती ने दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था।
فَقَالَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ لِدَاوُدَ: «أَلَعَلِّي أَنَا كَلْبٌ حَتَّى أَنَّكَ تَأْتِي إِلَيَّ بِعِصِيٍّ؟». وَلَعَنَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ دَاوُدَ بِآلِهَتِهِ. ٤٣ 43
४३तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ, कि तू लाठी लेकर मेरे पास आता है?” तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम लेकर दाऊद को कोसने लगा।
وَقَالَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ لِدَاوُدَ: «تَعَالَ إِلَيَّ فَأُعْطِيَ لَحْمَكَ لِطُيُورِ ٱلسَّمَاءِ وَوُحُوشِ ٱلْبَرِّيَّةِ». ٤٤ 44
४४फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, “मेरे पास आ, मैं तेरा माँस आकाश के पक्षियों और वन-पशुओं को दे दूँगा।”
فَقَالَ دَاوُدُ لِلْفِلِسْطِينِيِّ: «أَنْتَ تَأْتِي إِلَيَّ بِسَيْفٍ وَبِرُمْحٍ وَبِتُرْسٍ، وَأَنَا آتِي إِلَيْكَ بِٱسْمِ رَبِّ ٱلْجُنُودِ إِلَهِ صُفُوفِ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ عَيَّرْتَهُمْ. ٤٥ 45
४५दाऊद ने पलिश्ती से कहा, “तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूँ, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तूने ललकारा है।
هَذَا ٱلْيَوْمَ يَحْبِسُكَ ٱلرَّبُّ فِي يَدِي، فَأَقْتُلُكَ وَأَقْطَعُ رَأْسَكَ. وَأُعْطِي جُثَثَ جَيْشِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ هَذَا ٱلْيَوْمَ لِطُيُورِ ٱلسَّمَاءِ وَحَيَوَانَاتِ ٱلْأَرْضِ، فَتَعْلَمُ كُلُّ ٱلْأَرْضِ أَنَّهُ يُوجَدُ إِلَهٌ لِإِسْرَائِيلَ. ٤٦ 46
४६आज के दिन यहोवा तुझको मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझको मारूँगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूँगा; और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना के शव आकाश के पक्षियों को दे दूँगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है।
وَتَعْلَمُ هَذِهِ ٱلْجَمَاعَةُ كُلُّهَا أَنَّهُ لَيْسَ بِسَيْفٍ وَلَا بِرُمْحٍ يُخَلِّصُ ٱلرَّبُّ، لِأَنَّ ٱلْحَرْبَ لِلرَّبِّ وَهُوَ يَدْفَعُكُمْ لِيَدِنَا». ٤٧ 47
४७और यह समस्त मण्डली जान लेगी कि यहोवा तलवार या भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिए कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा।”
وَكَانَ لَمَّا قَامَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّ وَذَهَبَ وَتَقدَّمَ لِلِقَاءِ دَاودَ أَنَّ دَاوُدَ أَسْرَعَ وَرَكَضَ نَحْوَ ٱلصَّفِّ لِلِقَاءِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ. ٤٨ 48
४८जब पलिश्ती उठकर दाऊद का सामना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का सामना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा।
وَمَدَّ دَاوُدُ يَدَهُ إِلَى ٱلْكِنْفِ وَأَخَذَ مِنْهُ حَجَرًا وَرَمَاهُ بِٱلْمِقْلَاعِ، وَضَرَبَ ٱلْفِلِسْطِينِيَّ فِي جِبْهَتِهِ، فَٱرْتَزَّ ٱلْحَجَرُ فِي جِبْهَتِهِ، وَسَقَطَ عَلَى وَجْهِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ. ٤٩ 49
४९फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उसमें से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुँह के बल गिर पड़ा।
فَتَمَكَّنَ دَاوُدُ مِنَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ بِٱلْمِقْلَاعِ وَٱلْحَجَرِ، وَضَرَبَ ٱلْفِلِسْطِينِيَّ وَقَتَلَهُ. وَلَمْ يَكُنْ سَيْفٌ بِيَدِ دَاوُدَ. ٥٠ 50
५०अतः दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला; परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
فَرَكَضَ دَاوُدُ وَوَقَفَ عَلَى ٱلْفِلِسْطِينِيِّ وَأَخَذَ سَيْفَهُ وَٱخْتَرَطَهُ مِنْ غِمْدِهِ وَقَتَلَهُ وَقَطَعَ بِهِ رَأْسَهُ. فَلَمَّا رَأَى ٱلْفِلِسْطِينِيُّونَ أَنَّ جَبَّارَهُمْ قَدْ مَاتَ هَرَبُوا. ٥١ 51
५१तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हो गया, और उसकी तलवार पकड़कर म्यान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए।
فَقَامَ رِجَالُ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا وَهَتَفُوا وَلَحِقُوا ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ حَتَّى مَجِيئِكَ إِلَى ٱلْوَادِي، وَحَتَّى أَبْوَابِ عَقْرُونَ. فَسَقَطَتْ قَتْلَى ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ فِي طَرِيقِ شَعَرَايِمَ إِلَى جَتَّ وَإِلَى عَقْرُونَ. ٥٢ 52
५२इस पर इस्राएली और यहूदी पुरुष ललकार उठे, और गत और एक्रोन से फाटकों तक पलिश्तियों का पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैंम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गए।
ثُمَّ رَجَعَ بَنُو إِسْرَائِيلَ مِنْ ٱلِٱحْتِمَاءِ وَرَاءَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ وَنَهَبُوا مَحَلَّتَهُمْ. ٥٣ 53
५३तब इस्राएली पलिश्तियों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरों को लूट लिया।
وَأَخَذَ دَاوُدُ رَأْسَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ وَأَتَى بِهِ إِلَى أُورُشَلِيمَ، وَوَضَعَ أَدَوَاتِهِ فِي خَيْمَتِهِ. ٥٤ 54
५४और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया; और उसके हथियार अपने डेरे में रख लिए।
وَلَمَّا رَأَى شَاوُلُ دَاوُدَ خَارِجًا لِلِقَاءِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ قَالَ لِأَبْنَيْرَ رَئِيسِ ٱلْجَيْشِ: «ٱبْنُ مَنْ هَذَا ٱلْغُلَامُ يَا أَبْنَيْرُ؟» فَقَالَ أَبْنَيْرُ: «وَحَيَاتِكَ أَيُّهَا ٱلْمَلِكُ لَسْتُ أَعْلَمُ». ٥٥ 55
५५जब शाऊल ने दाऊद को उस पलिश्ती का सामना करने के लिये जाते देखा, तब उसने अपने सेनापति अब्नेर से पूछा, “हे अब्नेर, वह जवान किसका पुत्र है?” अब्नेर ने कहा, “हे राजा, तेरे जीवन की शपथ, मैं नहीं जानता।”
فَقَالَ ٱلْمَلِكُ: «ٱسْأَلِ ٱبْنُ مَنْ هَذَا ٱلْغُلَامُ». ٥٦ 56
५६राजा ने कहा, “तू पूछ ले कि वह जवान किसका पुत्र है।”
وَلَمَّا رَجَعَ دَاوُدُ مِنْ قَتْلِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ أَخَذَهُ أَبْنَيْرُ وَأَحْضَرَهُ أَمَامَ شَاوُلَ وَرَأْسُ ٱلْفِلِسْطِينِيِّ بِيَدِهِ. ٥٧ 57
५७जब दाऊद पलिश्ती को मारकर लौटा, तब अब्नेर ने उसे पलिश्ती का सिर हाथ में लिए हुए शाऊल के सामने पहुँचाया।
فَقَالَ لَهُ شَاوُلُ: «ٱبْنُ مَنْ أَنْتَ يَا غُلَامُ؟» فَقَالَ دَاوُدُ: «ٱبْنُ عَبْدِكَ يَسَّى ٱلْبَيْتَلَحْمِيِّ». ٥٨ 58
५८शाऊल ने उससे पूछा, “हे जवान, तू किसका पुत्र है?” दाऊद ने कहा, “मैं तो तेरे दास बैतलहमवासी यिशै का पुत्र हूँ।”

< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 17 >