< ١ بطرس 5 >

أَطْلُبُ إِلَى ٱلشُّيُوخِ ٱلَّذِينَ بَيْنَكُمْ، أَنَا ٱلشَّيْخَ رَفِيقَهُمْ، وَٱلشَّاهِدَ لِآلَامِ ٱلْمَسِيحِ، وَشَرِيكَ ٱلْمَجْدِ ٱلْعَتِيدِ أَنْ يُعْلَنَ، ١ 1
तुम में जो बुज़ुर्ग हैं, मैं उनकी तरह बुज़ुर्ग और मसीह के दुखों का गवाह और ज़ाहिर होने वाले जलाल में शरीक होकर उनको ये नसीहत करता हूँ।
ٱرْعَوْا رَعِيَّةَ ٱللهِ ٱلَّتِي بَيْنَكُمْ نُظَّارًا، لَا عَنِ ٱضْطِرَارٍ بَلْ بِٱلِٱخْتِيَارِ، وَلَا لِرِبْحٍ قَبِيحٍ بَلْ بِنَشَاطٍ، ٢ 2
कि ख़ुदा के उस गल्ले की गल्लेबानी करो जो तुम में है; लाचारी से निगहबानी न करो, बल्कि ख़ुदा की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ ख़ुशी से और नाजायज़ नफ़े' के लिए नहीं बल्कि दिली शौक़ से।
وَلَا كَمَنْ يَسُودُ عَلَى ٱلْأَنْصِبَةِ، بَلْ صَائِرِينَ أَمْثِلَةً لِلرَّعِيَّةِ. ٣ 3
और जो लोग तुम्हारे सुपुर्द हैं उन पर हुकूमत न जताओ, बल्कि गल्ले के लिए नमूना बनो।
وَمَتَى ظَهَرَ رَئِيسُ ٱلرُّعَاةِ تَنَالُونَ إِكْلِيلَ ٱلْمَجْدِ ٱلَّذِي لَا يَبْلَى. ٤ 4
और जब सरदार गल्लेबान ज़ाहिर होगा, तो तुम को जलाल का ऐसा सहारा मिलेगा जो मुरझाने का नहीं।
كَذَلِكَ أَيُّهَا ٱلْأَحْدَاثُ، ٱخْضَعُوا لِلشُّيُوخِ، وَكُونُوا جَمِيعًا خَاضِعِينَ بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ، وَتَسَرْبَلُوا بِٱلتَّوَاضُعِ، لِأَنَّ: «ٱللهَ يُقَاوِمُ ٱلْمُسْتَكْبِرِينَ، وَأَمَّا ٱلْمُتَوَاضِعُونَ فَيُعْطِيهِمْ نِعْمَةً». ٥ 5
ऐ जवानो! तुम भी बुज़ुर्गों के ताबे' रहो, बल्कि सब के सब एक दूसरे की ख़िदमत के लिए फ़रोतनी से कमर बस्ता रहो, इसलिए कि “ख़ुदा मग़रुरों का मुक़ाबिला करता है, मगर फ़रोतनों को तौफ़ीक़ बख्शता है।”
فَتَوَاضَعُوا تَحْتَ يَدِ ٱللهِ ٱلْقَوِيَّةِ لِكَيْ يَرْفَعَكُمْ فِي حِينِهِ، ٦ 6
पस ख़ुदा के मज़बूत हाथ के नीचे फ़रोतनी से रहो, ताकि वो तुम्हें वक़्त पर सरबलन्द करे।
مُلْقِينَ كُلَّ هَمِّكُمْ عَلَيْهِ، لِأَنَّهُ هُوَ يَعْتَنِي بِكُمْ. ٧ 7
अपनी सारी फ़िक्र उसी पर डाल दो, क्यूँकि उसको तुम्हारी फ़िक्र है।
اُصْحُوا وَٱسْهَرُوا. لِأَنَّ إِبْلِيسَ خَصْمَكُمْ كَأَسَدٍ زَائِرٍ، يَجُولُ مُلْتَمِسًا مَنْ يَبْتَلِعُهُ هُوَ. ٨ 8
तुम होशियार और बेदार रहो; तुम्हारा मुख़ालिफ़ इब्लीस गरजने वाले शेर — ए — बबर की तरह ढूँडता फिरता है कि किसको फाड़ खाए।
فَقَاوِمُوهُ، رَاسِخِينَ فِي ٱلْإِيمَانِ، عَالِمِينَ أَنَّ نَفْسَ هَذِهِ ٱلْآلَامِ تُجْرَى عَلَى إِخْوَتِكُمُ ٱلَّذِينَ فِي ٱلْعَالَمِ. ٩ 9
तुम ईमान में मज़बूत होकर और ये जानकर उसका मुक़ाबिला करो कि तुम्हारे भाई जो दुनिया में हैं ऐसे ही दुःख उठा रहे हैं
وَإِلَهُ كُلِّ نِعْمَةٍ ٱلَّذِي دَعَانَا إِلَى مَجْدِهِ ٱلْأَبَدِيِّ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ، بَعْدَمَا تَأَلَّمْتُمْ يَسِيرًا، هُوَ يُكَمِّلُكُمْ، وَيُثَبِّتُكُمْ، وَيُقَوِّيكُمْ، وَيُمَكِّنُكُمْ. (aiōnios g166) ١٠ 10
अब ख़ुदा जो हर तरह के फ़ज़ल का चश्मा है, जिसने तुम को मसीह ईसा में अपने अबदी जलाल के लिए बुलाया, तुम्हारे थोड़ी मुद्दत तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें कामिल और क़ाईम और मज़बूत करेगा। (aiōnios g166)
لَهُ ٱلْمَجْدُ وَٱلسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ. (aiōn g165) ١١ 11
हमेशा से हमेशा तक उसी की सल्तनत रहे। आमीन। (aiōn g165)
بِيَدِ سِلْوَانُسَ ٱلْأَخِ ٱلْأَمِينِ-كَمَا أَظُنُّ- كَتَبْتُ إِلَيْكُمْ بِكَلِمَاتٍ قَلِيلَةٍ وَاعِظًا وَشَاهِدًا، أَنَّ هَذِهِ هِيَ نِعْمَةُ ٱللهِ ٱلْحَقِيقِيَّةُ ٱلَّتِي فِيهَا تَقُومُونَ. ١٢ 12
मैंने सिलवानुस के ज़रिए, जो मेरी दानिस्त में दियानतदार भाई है, मुख़्तसर तौर पर लिख कर तुम्हें नसीहत की और ये गवाही दी कि ख़ुदा का सच्चा फ़ज़ल यही है, इसी पर क़ाईम रहो।
تُسَلِّمُ عَلَيْكُمُ ٱلَّتِي فِي بَابِلَ ٱلْمُخْتَارَةُ مَعَكُمْ، وَمَرْقُسُ ٱبْنِي. ١٣ 13
जो बाबुल में तुम्हारी तरह बरगुज़ीदा है, वो और मेरा मरकुस तुम्हें सलाम कहते हैं।
سَلِّمُوا بَعْضُكُمْ عَلَى بَعْضٍ بِقُبْلَةِ ٱلْمَحَبَّةِ. سَلَامٌ لَكُمْ جَمِيعِكُمُ ٱلَّذِينَ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. آمِينَ. ١٤ 14
मुहब्बत से बोसा ले लेकर आपस में सलाम करो। तुम सबको जो मसीह में हो, इत्मीनान हासिल होता रहे।

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