< ١ بطرس 1 >

بُطْرُسُ، رَسُولُ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، إِلَى ٱلْمُتَغَرِّبِينَ مِنْ شَتَاتِ بُنْتُسَ وَغَلَاطِيَّةَ وَكَبَّدُوكِيَّةَ وَأَسِيَّا وَبِيثِينِيَّةَ، ٱلْمُخْتَارِينَ ١ 1
पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्तुस, गलातिया, कप्पदूकिया, आसिया, और बितूनिया में तितर-बितर होकर रहते हैं।
بِمُقْتَضَى عِلْمِ ٱللهِ ٱلْآبِ ٱلسَّابِقِ، فِي تَقْدِيسِ ٱلرُّوحِ لِلطَّاعَةِ، وَرَشِّ دَمِ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ: لِتُكْثَرْ لَكُمُ ٱلنِّعْمَةُ وَٱلسَّلَامُ. ٢ 2
और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, पवित्र आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्त अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।
مُبَارَكٌ ٱللهُ أَبُو رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي حَسَبَ رَحْمَتِهِ ٱلْكَثِيرَةِ وَلَدَنَا ثَانِيَةً لِرَجَاءٍ حَيٍّ، بِقِيَامَةِ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ، ٣ 3
हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने यीशु मसीह को मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया,
لِمِيرَاثٍ لَا يَفْنَى وَلَا يَتَدَنَّسُ وَلَا يَضْمَحِلُّ، مَحْفُوظٌ فِي ٱلسَّمَاوَاتِ لِأَجْلِكُمْ، ٤ 4
अर्थात् एक अविनाशी और निर्मल, और अजर विरासत के लिये जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है,
أَنْتُمُ ٱلَّذِينَ بِقُوَّةِ ٱللهِ مَحْرُوسُونَ، بِإِيمَانٍ، لِخَلَاصٍ مُسْتَعَدٍّ أَنْ يُعْلَنَ فِي ٱلزَّمَانِ ٱلْأَخِيرِ. ٥ 5
जिनकी रक्षा परमेश्वर की सामर्थ्य से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आनेवाले समय में प्रगट होनेवाली है, की जाती है।
ٱلَّذِي بِهِ تَبْتَهِجُونَ، مَعَ أَنَّكُمُ ٱلْآنَ - إِنْ كَانَ يَجِبُ - تُحْزَنُونَ يَسِيرًا بِتَجَارِبَ مُتَنَوِّعَةٍ، ٦ 6
इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण दुःख में हो,
لِكَيْ تَكُونَ تَزْكِيَةُ إِيمَانِكُمْ، وَهِيَ أَثْمَنُ مِنَ ٱلذَّهَبِ ٱلْفَانِي، مَعَ أَنَّهُ يُمْتَحَنُ بِٱلنَّارِ، تُوجَدُ لِلْمَدْحِ وَٱلْكَرَامَةِ وَٱلْمَجْدِ عِنْدَ ٱسْتِعْلَانِ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٧ 7
और यह इसलिए है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशवान सोने से भी कहीं अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, महिमा, और आदर का कारण ठहरे।
ٱلَّذِي وَإِنْ لَمْ تَرَوْهُ تُحِبُّونَهُ. ذَلِكَ وَإِنْ كُنْتُمْ لَا تَرَوْنَهُ ٱلْآنَ لَكِنْ تُؤْمِنُونَ بِهِ، فَتَبْتَهِجُونَ بِفَرَحٍ لَا يُنْطَقُ بِهِ وَمَجِيدٍ، ٨ 8
उससे तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास करके ऐसे आनन्दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है,
نَائِلِينَ غَايَةَ إِيمَانِكُمْ خَلَاصَ ٱلنُّفُوسِ. ٩ 9
और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात् आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।
ٱلْخَلَاصَ ٱلَّذِي فَتَّشَ وَبَحَثَ عَنْهُ أَنْبِيَاءُ، ٱلَّذِينَ تَنَبَّأُوا عَنِ ٱلنِّعْمَةِ ٱلَّتِي لِأَجْلِكُمْ، ١٠ 10
१०इसी उद्धार के विषय में उन भविष्यद्वक्ताओं ने बहुत ढूँढ़-ढाँढ़ और जाँच-पड़ताल की, जिन्होंने उस अनुग्रह के विषय में जो तुम पर होने को था, भविष्यद्वाणी की थी।
بَاحِثِينَ أَيُّ وَقْتٍ أَوْ مَا ٱلْوَقْتُ ٱلَّذِي كَانَ يَدِلُّ عَلَيْهِ رُوحُ ٱلْمَسِيحِ ٱلَّذِي فِيهِمْ، إِذْ سَبَقَ فَشَهِدَ بِٱلْآلَامِ ٱلَّتِي لِلْمَسِيحِ، وَٱلْأَمْجَادِ ٱلَّتِي بَعْدَهَا. ١١ 11
११उन्होंने इस बात की खोज की कि मसीह का आत्मा जो उनमें था, और पहले ही से मसीह के दुःखों की और उनके बाद होनेवाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर संकेत करता था।
ٱلَّذِينَ أُعْلِنَ لَهُمْ أَنَّهُمْ لَيْسَ لِأَنْفُسِهِمْ، بَلْ لَنَا كَانُوا يَخْدِمُونَ بِهَذِهِ ٱلْأُمُورِ ٱلَّتِي أُخْبِرْتُمْ بِهَا أَنْتُمُ ٱلْآنَ، بِوَاسِطَةِ ٱلَّذِينَ بَشَّرُوكُمْ فِي ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ ٱلْمُرْسَلِ مِنَ ٱلسَّمَاءِ. ٱلَّتِي تَشْتَهِي ٱلْمَلَائِكَةُ أَنْ تَطَّلِعَ عَلَيْهَا. ١٢ 12
१२उन पर यह प्रगट किया गया कि वे अपनी नहीं वरन् तुम्हारी सेवा के लिये ये बातें कहा करते थे, जिनका समाचार अब तुम्हें उनके द्वारा मिला जिन्होंने पवित्र आत्मा के द्वारा जो स्वर्ग से भेजा गया, तुम्हें सुसमाचार सुनाया, और इन बातों को स्वर्गदूत भी ध्यान से देखने की लालसा रखते हैं।
لِذَلِكَ مَنْطِقُوا أَحْقَاءَ ذِهْنِكُمْ صَاحِينَ، فَأَلْقُوا رَجَاءَكُمْ بِٱلتَّمَامِ عَلَى ٱلنِّعْمَةِ ٱلَّتِي يُؤْتَى بِهَا إِلَيْكُمْ عِنْدَ ٱسْتِعْلَانِ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ. ١٣ 13
१३इस कारण अपनी-अपनी बुद्धि की कमर बाँधकर, और सचेत रहकर उस अनुग्रह की पूरी आशा रखो, जो यीशु मसीह के प्रगट होने के समय तुम्हें मिलनेवाला है।
كَأَوْلَادِ ٱلطَّاعَةِ، لَا تُشَاكِلُوا شَهَوَاتِكُمُ ٱلسَّابِقَةَ فِي جَهَالَتِكُمْ، ١٤ 14
१४और आज्ञाकारी बालकों के समान अपनी अज्ञानता के समय की पुरानी अभिलाषाओं के सदृश्य न बनो।
بَلْ نَظِيرَ ٱلْقُدُّوسِ ٱلَّذِي دَعَاكُمْ، كُونُوا أَنْتُمْ أَيْضًا قِدِّيسِينَ فِي كُلِّ سِيرَةٍ. ١٥ 15
१५पर जैसा तुम्हारा बुलानेवाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल-चलन में पवित्र बनो।
لِأَنَّهُ مَكْتُوبٌ: «كُونُوا قِدِّيسِينَ لِأَنِّي أَنَا قُدُّوسٌ». ١٦ 16
१६क्योंकि लिखा है, “पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।”
وَإِنْ كُنْتُمْ تَدْعُونَ أَبًا ٱلَّذِي يَحْكُمُ بِغَيْرِ مُحَابَاةٍ حَسَبَ عَمَلِ كُلِّ وَاحِدٍ، فَسِيرُوا زَمَانَ غُرْبَتِكُمْ بِخَوْفٍ، ١٧ 17
१७और जबकि तुम, ‘हे पिता’ कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ।
عَالِمِينَ أَنَّكُمُ ٱفْتُدِيتُمْ لَا بِأَشْيَاءَ تَفْنَى، بِفِضَّةٍ أَوْ ذَهَبٍ، مِنْ سِيرَتِكُمُ ٱلْبَاطِلَةِ ٱلَّتِي تَقَلَّدْتُمُوهَا مِنَ ٱلْآبَاءِ، ١٨ 18
१८क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो पूर्वजों से चला आता है उससे तुम्हारा छुटकारा चाँदी-सोने अर्थात् नाशवान वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ,
بَلْ بِدَمٍ كَرِيمٍ، كَمَا مِنْ حَمَلٍ بِلَا عَيْبٍ وَلَا دَنَسٍ، دَمِ ٱلْمَسِيحِ، ١٩ 19
१९पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ।
مَعْرُوفًا سَابِقًا قَبْلَ تَأْسِيسِ ٱلْعَالَمِ، وَلَكِنْ قَدْ أُظْهِرَ فِي ٱلْأَزْمِنَةِ ٱلْأَخِيرَةِ مِنْ أَجْلِكُمْ، ٢٠ 20
२०मसीह को जगत की सृष्टि से पहले चुना गया था, पर अब इस अन्तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ।
أَنْتُمُ ٱلَّذِينَ بِهِ تُؤْمِنُونَ بِٱللهِ ٱلَّذِي أَقَامَهُ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ وَأَعْطَاهُ مَجْدًا، حَتَّى إِنَّ إِيمَانَكُمْ وَرَجَاءَكُمْ هُمَا فِي ٱللهِ. ٢١ 21
२१जो उसके द्वारा उस परमेश्वर पर विश्वास करते हो, जिसने उसे मरे हुओं में से जिलाया, और महिमा दी कि तुम्हारा विश्वास और आशा परमेश्वर पर हो।
طَهِّرُوا نُفُوسَكُمْ فِي طَاعَةِ ٱلْحَقِّ بِٱلرُّوحِ لِلْمَحَبَّةِ ٱلْأَخَوِيَّةِ ٱلْعَدِيمَةِ ٱلرِّيَاءِ، فَأَحِبُّوا بَعْضُكُمْ بَعْضًا مِنْ قَلْبٍ طَاهِرٍ بِشِدَّةٍ. ٢٢ 22
२२अतः जबकि तुम ने भाईचारे के निष्कपट प्रेम के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन-मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।
مَوْلُودِينَ ثَانِيَةً، لَا مِنْ زَرْعٍ يَفْنَى، بَلْ مِمَّا لَا يَفْنَى، بِكَلِمَةِ ٱللهِ ٱلْحَيَّةِ ٱلْبَاقِيَةِ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn g165) ٢٣ 23
२३क्योंकि तुम ने नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीविते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। (aiōn g165)
لِأَنَّ: «كُلَّ جَسَدٍ كَعُشْبٍ، وَكُلَّ مَجْدِ إِنْسَانٍ كَزَهْرِ عُشْبٍ. ٱلْعُشْبُ يَبِسَ وَزَهْرُهُ سَقَطَ، ٢٤ 24
२४क्योंकि “हर एक प्राणी घास के समान है, और उसकी सारी शोभा घास के फूल के समान है: घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है।
وَأَمَّا كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ فَتَثْبُتُ إِلَى ٱلْأَبَدِ». وَهَذِهِ هِيَ ٱلْكَلِمَةُ ٱلَّتِي بُشِّرْتُمْ بِهَا. (aiōn g165) ٢٥ 25
२५परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn g165)

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