< اَلْمُلُوكِ ٱلْأَوَّلُ 16 >

وَكَانَ كَلَامُ ٱلرَّبِّ إِلَى يَاهُو بْنِ حَنَانِي عَلَى بَعْشَا قَائِلًا: ١ 1
और हनानी के बेटे याहू पर ख़ुदावन्द का यह कलाम बा'शा के ख़िलाफ़ नाज़िल हुआ,
«مِنْ أَجْلِ أَنِّي قَدْ رَفَعْتُكَ مِنَ ٱلتُّرَابِ وَجَعَلْتُكَ رَئِيسًا عَلَى شَعْبِي إِسْرَائِيلَ، فَسِرْتَ فِي طَرِيقِ يَرُبْعَامَ وَجَعَلْتَ شَعْبِي إِسْرَائِيلَ يُخْطِئُونَ وَيُغِيظُونَنِي بِخَطَايَاهُمْ ٢ 2
“इसलिए के मैंने तुझे ख़ाक पर से उठाया और अपनी क़ौम इस्राईल का पेशवा बनाया, और तू युरब'आम की रास्ते पर चला, और तू ने मेरी क़ौम इस्राईल से गुनाह करा के उनके गुनाहों से मुझे ग़ुस्सा दिलाया।
هَأَنَذَا أَنْزِعُ نَسْلَ بَعْشَا وَنَسْلَ بَيْتِهِ، وَأَجْعَلُ بَيْتَكَ كَبَيْتِ يَرُبْعَامَ بْنِ نَبَاطَ. ٣ 3
इसलिए देख, मैं बा'शा और उसके घराने की पूरी सफ़ाई कर दूँगा और तेरे घराने को नबात के बेटे युरब'आम के घराने की तरह बना दूँगा।
فَمَنْ مَاتَ لِبَعْشَا فِي ٱلْمَدِينَةِ تَأْكُلُهُ ٱلْكِلَابُ، وَمَنْ مَاتَ لَهُ فِي ٱلْحَقْلِ تَأْكُلُهُ طُيُورُ ٱلسَّمَاءِ». ٤ 4
बा'शा का जो कोई शहर में मरेगा उसे कुत्ते खाएँगे, और जो मैदान में मरेगा उसे हवा के परिन्दे चट कर जाएँगे।”
وَبَقِيَّةُ أُمُورِ بَعْشَا وَمَا عَمِلَ وَجَبَرُوتُهُ، أَمَا هِيَ مَكْتُوبَةٌ فِي سِفْرِ أَخْبَارِ ٱلْأَيَّامِ لِمُلُوكِ إِسْرَائِيلَ؟ ٥ 5
बा'शा का बाक़ी हाल और जो कुछ उसने किया और उसकी ताक़त, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखा नहीं है?
وَٱضْطَجَعَ بَعْشَا مَعَ آبَائِهِ وَدُفِنَ فِي تِرْصَةَ، وَمَلَكَ أَيْلَةُ ٱبْنُهُ عِوَضًا عَنْهُ. ٦ 6
और बा'शा अपने बाप दादा के साथ सो गया और तिरज़ा में दफ़न हुआ, और उसका बेटा ऐला उसकी जगह बादशाह हुआ।
وَأَيْضًا عَنْ يَدِ يَاهُو بْنِ حَنَانِي ٱلنَّبِيِّ كَانَ كَلَامُ ٱلرَّبِّ عَلَى بَعْشَا وَعَلَى بَيْتِهِ، وَعَلَى كُلِّ ٱلشَّرِّ ٱلَّذِي عَمِلَهُ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ بِإِغَاظَتِهِ إِيَّاهُ بِعَمَلِ يَدَيْهِ، وَكَوْنِهِ كَبَيْتِ يَرُبْعَامَ، وَلِأَجْلِ قَتْلِهِ إِيَّاهُ. ٧ 7
और हनानी के बेटे याहू के ज़रिए' ख़ुदावन्द का कलाम बा'शा और उसके घराने के ख़िलाफ़ उस सारी बदी की वजह से भी नाज़िल हुआ, जो उसने ख़ुदावन्द की नज़र में की और अपने हाथों के काम से उसे ग़ुस्सा दिलाया, और युरब'आम के घराने की तरह बना, और इस वजह से भी कि उसने उसे क़त्ल किया।
وَفِي ٱلسَّنَةِ ٱلسَّادِسَةِ وَٱلْعِشْرِينَ لِآسَا مَلِكِ يَهُوذَا، مَلَكَ أَيْلَةُ بْنُ بَعْشَا عَلَى إِسْرَائِيلَ فِي تِرْصَةَ سَنَتَيْنِ. ٨ 8
शाह — ए — यहूदाह आसा के छब्बीसवें साल से बा'शा का बेटा ऐला तिरज़ा में बनी इस्राईल पर हुकूमत करने लगा, और उसने दो साल हुकूमत की।
فَفَتَنَ عَلَيْهِ عَبْدُهُ زِمْرِي رَئِيسُ نِصْفِ ٱلْمَرْكَبَاتِ، وَهُوَ فِي تِرْصَةَ يَشْرَبُ وَيَسْكَرُ فِي بَيْتِ أَرْصَا ٱلَّذِي عَلَى ٱلْبَيْتِ فِي تِرْصَةَ. ٩ 9
और उसके ख़ादिम ज़िमरी ने, जो उसके आधे रथों का दारोग़ा था, उसके ख़िलाफ़ साज़िश की। उस वक़्त वह तिरज़ा में था, और अरज़ा के घर में जो तिरज़ा में उसके घर का दीवान था, शराब पी कर मतवाला होता जाता था।
فَدَخَلَ زِمْرِي وَضَرَبَهُ، فَقَتَلَهُ فِي ٱلسَّنَةِ ٱلسَّابِعَةِ وَٱلْعِشْرِينَ لِآسَا مَلِكِ يَهُوذَا، وَمَلَكَ عِوَضًا عَنْهُ. ١٠ 10
तब ज़िमरी ने आसा शाह — ए — यहूदाह के सत्ताइसवें साल अन्दर जाकर उस पर वार किया और उसे क़त्ल कर दिया, और उसकी जगह हुकूमत करने लगा।
وَعِنْدَ تَمَلُّكِهِ وَجُلُوسِهِ عَلَى كُرْسِيِّهِ ضَرَبَ كُلَّ بَيْتِ بَعْشَا. لَمْ يُبْقِ لَهُ بَائِلًا بِحَائِطٍ، مَعَ أَوْلِيَائِهِ وَأَصْحَابِهِ. ١١ 11
जब वह बादशाही करने लगा, तो तख़्त पर बैठते ही उसने बा'शा के सारे घराने को क़त्ल किया, और न तो उसके रिश्तेदारों का और न उसके दोस्तों का कोई लड़का बाक़ी छोड़ा।
فَأَفْنَى زِمْرِي كُلَّ بَيْتِ بَعْشَا حَسَبَ كَلَامِ ٱلرَّبِّ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ عَلَى بَعْشَا عَنْ يَدِ يَاهُو ٱلنَّبِيِّ، ١٢ 12
ऐसे ज़िमरी ने ख़ुदावन्द के उस कहे के मुताबिक़, जो उसने बा'शा के ख़िलाफ़ याहू नबी के ज़रिए' फ़रमाया था, बाशा के सारे घराने को मिटा दिया।
لِأَجْلِ كُلِّ خَطَايَا بَعْشَا، وَخَطَايَا أَيْلَةَ ٱبْنِهِ ٱلَّتِي أَخْطَأَا بِهَا، وَجَعَلَا إِسْرَائِيلَ يُخْطِئُ، لِإِغَاظَةِ ٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ بِأَبَاطِيلِهِمْ. ١٣ 13
बाशा के सब गुनाहों और उसके बेटे ऐला के गुनाहों की वजह से जो उन्होंने किए, और जिनसे उन्होंने इस्राईल से गुनाह कराया, ताकि ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा को अपने बातिल कामों से ग़ुस्सा दिलाएँ।
وَبَقِيَّةُ أُمُورِ أَيْلَةَ وَكُلُّ مَا فَعَلَ، أَمَاهِيَ مَكْتُوبَةٌ فِي سِفْرِ أَخْبَارِ ٱلْأَيَّامِ لِمُلُوكِ إِسْرَائِيلَ؟ ١٤ 14
ऐला का बाक़ी हाल और सब कुछ जो उसने किया, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में क़लमबन्द नहीं?
فِي ٱلسَّنَةِ ٱلسَّابِعَةِ وَٱلْعِشْرِينَ لِآسَا مَلِكِ يَهُوذَا، مَلَكَ زِمْرِي سَبْعَةَ أَيَّامٍ فِي تِرْصَةَ. وَكَانَ ٱلشَّعْبُ نَازِلًا عَلَى جِبَّثُونَ ٱلَّتِي لِلْفِلِسْطِينِيِّينَ. ١٥ 15
शाह — ए — यहूदाह आसा के सत्ताइसवें साल में ज़िमरी ने तिरज़ा में सात दिन बादशाही की; उस वक़्त लोग जिब्बतून के मुक़ाबिल, जो फ़िलिस्तियों का था, ख़ेमाज़न थे।
فَسَمِعَ ٱلشَّعْبُ ٱلنَّازِلُونَ مَنْ يَقُولُ: «قَدْ فَتَنَ زِمْرِي وَقَتَلَ أَيْضًا ٱلْمَلِكَ». فَمَلَّكَ كُلُّ إِسْرَائِيلَ عُمْرِيَ رَئِيسَ ٱلْجَيْشِ عَلَى إِسْرَائِيلَ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ فِي ٱلْمَحَلَّةِ. ١٦ 16
और उन लोगों ने, जो ख़ैमाज़न थे, यह चर्चा सुना के ज़िमरी ने साज़िश की और बादशाह को मार भी डाला है, इसलिए सारे इस्राईल ने उमरी को, जो लश्कर का सरदार था, उस दिन लश्करगाह में इस्राईल का बादशाह बनाया।
وَصَعِدَ عُمْرِي وَكُلُّ إِسْرَائِيلَ مَعَهُ مِنْ جِبَّثُونَ وَحَاصَرُوا تِرْصَةَ. ١٧ 17
तब 'उमरी और उसके साथ सारा इस्राईल जिब्बतून से रवाना हुआ और उन्होंने तिरज़ा का घेरा कर लिया।
وَلَمَّا رَأَى زِمْرِي أَنَّ ٱلْمَدِينَةَ قَدْ أُخِذَتْ، دَخَلَ إِلَى قَصْرِ بَيْتِ ٱلْمَلِكِ وَأَحْرَقَ عَلَى نَفْسِهِ بَيْتَ ٱلْمَلِكِ بِٱلنَّارِ، فَمَاتَ ١٨ 18
और ऐसा हुआ कि जब ज़िमरी ने देखा कि शहर का घिराव हो गया, तो शाही महल के मज़बूत हिस्से में जाकर शाही महल में आग लगा दी और जल मरा।
مِنْ أَجْلِ خَطَايَاهُ ٱلَّتِي أَخْطَأَ بِهَا بِعَمَلِهِ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ، وَسَيْرِهِ فِي طَرِيقِ يَرُبْعَامَ، وَمِنْ أَجْلِ خَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي عَمِلَ بِجَعْلِهِ إِسْرَائِيلَ يُخْطِئُ. ١٩ 19
अपने उन गुनाहों की वजह से जो उसने किए, कि ख़ुदावन्द की नज़र में बदी की और युरब'आम के रास्ते और उसके गुनाह के चाल चलन इख़्तियार किए जो उसने किया, ताकि इस्राईल से गुनाह कराए।
وَبَقِيَّةُ أُمُورِ زِمْرِي وَفِتْنَتُهُ ٱلَّتِي فَتَنَهَا، أَمَا هِيَ مَكْتُوبَةٌ فِي سِفْرِ أَخْبَارِ ٱلْأَيَّامِ لِمُلُوكِ إِسْرَائِيلَ؟ ٢٠ 20
ज़िमरी का बाक़ी हाल और जो बग़ावत उसने की, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में क़लमबन्द नहीं?
حِينَئِذٍ ٱنْقَسَمَ شَعْبُ إِسْرَائِيلَ نِصْفَيْنِ، فَنِصْفُ ٱلشَّعْبِ كَانَ وَرَاءَ تِبْنِي بْنِ جِينَةَ لِتَمْلِيكِهِ، وَنِصْفُهُ وَرَاءَ عُمْرِي. ٢١ 21
उस वक़्त इस्राईली दो हिस्से हो गए, आधे आदमी जीनत के बेटे तिबनी के पैरोकार हो गए ताकि उसे बादशाह बनाएँ और आधे 'उमरी के पैरोकार थे।
وَقَوِيَ ٱلشَّعْبُ ٱلَّذِي وَرَاءَ عُمْرِي عَلَى ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِي وَرَاءَ تِبْنِي بْنِ جِينَةَ، فَمَاتَ تِبْنِي وَمَلَكَ عُمْرِي. ٢٢ 22
लेकिन जो 'उमरी के पैरोकार थे उन पर, जो जीनत के बेटे तिबनी के पैरोकार थे, ग़ालिब आए। इसलिए तिबनी मर गया और उमरी बादशाह हुआ।
فِي ٱلسَّنَةِ ٱلْوَاحِدَةِ وَٱلثَّلَاثِينَ لِآسَا مَلِكِ يَهُوذَا، مَلَكَ عُمْرِي عَلَى إِسْرَائِيلَ ٱثْنَتَيْ عَشْرَةَ سَنَةً. مَلَكَ فِي تِرْصَةَ سِتَّ سِنِينَ. ٢٣ 23
शाह — ए — यहूदाह आसा के इकतीसवें साल में उमरी इस्राईल पर हुकूमत करने लगा, उसने बारह साल हुकूमत की; तिरज़ा में छ: साल उसकी हुकूमत रही।
وَٱشْتَرَى جَبَلَ ٱلسَّامِرَةِ مِنْ شَامِرَ بِوَزْنَتَيْنِ مِنَ ٱلْفِضَّةِ، وَبَنَى عَلَى ٱلْجَبَلِ. وَدَعَا ٱسْمَ ٱلْمَدِينَةِ ٱلَّتِي بَنَاهَا بِٱسْمِ شَامِرَ صَاحِبِ ٱلْجَبَلِ «ٱلسَّامِرَةَ». ٢٤ 24
और उसने सामरिया का पहाड़ समर से दो क़िन्तार' चाँदी में ख़रीदा, और उस पहाड़ पर एक शहर बनाया और उस शहर का नाम, जो उसने बनाया था, पहाड़ के मालिक समर के नाम पर सामरिया रखा।
وَعَمِلَ عُمْرِي ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ، وَأَسَاءَ أَكْثَرَ مِنْ جَمِيعِ ٱلَّذِينَ قَبْلَهُ. ٢٥ 25
और उमरी ने ख़ुदावन्द की नज़र में बदी की, और उन सब से जो उससे पहले हुए बदतर काम किए।
وَسَارَ فِي جَمِيعِ طَرِيقِ يَرُبْعَامَ بْنِ نَبَاطَ، وَفِي خَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي جَعَلَ بِهَا إِسْرَائِيلَ يُخْطِئُ، لِإِغَاظَةِ ٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ بِأَبَاطِيلِهِمْ. ٢٦ 26
क्यूँकि उसने नबात के बेटे युरब'आम की सब रास्तों और उसके गुनाहों की चाल चलन इख़्तियार की, जिनसे उसने इस्राईल से गुनाह कराया ताकि वह ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा को अपने बातिल कामों से ग़ुस्सा दिलाएँ।
وَبَقِيَّةُ أُمُورِ عُمْرِي ٱلَّتِي عَمِلَ وَجَبَرُوتُهُ ٱلَّذِي أَبْدَى، أَمَا هِيَ مَكْتُوبَةٌ فِي سِفْرِ أَخْبَارِ ٱلْأَيَّامِ لِمُلُوكِ إِسْرَائِيلَ؟ ٢٧ 27
और उमरी के बाक़ी काम जो उसने किए और उसका ज़ोर जो उसने दिखाया, इसलिए क्या वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में क़लमबन्द नहीं?
وَٱضْطَجَعَ عُمْرِي مَعَ آبَائِهِ وَدُفِنَ فِي ٱلسَّامِرَةِ، وَمَلَكَ أَخْآبُ ٱبْنُهُ عِوَضًا عَنْهُ. ٢٨ 28
तब उमरी अपने बाप — दादा के साथ सो गया और सामरिया में दफ़्न हुआ, और उसका बेटा अख़ीअब उसकी जगह बादशाह हुआ।
وَأَخْآبُ بْنُ عُمْرِي مَلَكَ عَلَى إِسْرَائِيلَ فِي ٱلسَّنَةِ ٱلثَّامِنَةِ وَٱلثَّلَاثِينَ لِآسَا مَلِكِ يَهُوذَا، وَمَلَكَ أَخْآبُ بْنُ عُمْرِي عَلَى إِسْرَائِيلَ فِي ٱلسَّامِرَةِ ٱثْنَتَيْنِ وَعِشْرِينَ سَنَةً. ٢٩ 29
शाह — ए — यहूदाह आसा के अठतीसवें साल से उमरी का बेटा अख़ीअब इस्राईल पर हुकूमत करने लगा, और उमरी के बेटे अख़ीअब ने सामरिया में इस्राईल पर बाईस साल हुकूमत की।
وَعَمِلَ أَخْآبُ بْنُ عُمْرِي ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ أَكْثَرَ مِنْ جَمِيعِ ٱلَّذِينَ قَبْلَهُ. ٣٠ 30
और उमरी के बेटे अख़ीअब ने जितने उससे पहले हुए थे, उन सभों से ज़्यादा ख़ुदावन्द की नज़र में बदी की।
وَكَأَنَّهُ كَانَ أَمْرًا زَهِيدًا سُلُوكُهُ فِي خَطَايَا يَرُبْعَامَ بْنِ نَبَاطَ، حَتَّى ٱتَّخَذَ إِيزَابَلَ ٱبْنَةَ أَثْبَعَلَ مَلِكِ ٱلصِّيدُونِيِّينَ ٱمْرَأَةً، وَسَارَ وَعَبَدَ ٱلْبَعْلَ وَسَجَدَ لَهُ. ٣١ 31
और गोया नबात के बेटे युरब'आम के गुनाहों के चाल चलन इख़्तियार करना उसके लिए एक हल्की सी बात थी, इसलिए उसने सैदानियों के बादशाह इतबाल की बेटी ईज़बिल से ब्याह किया, और जाकर बाल की इबादत करने और उसे सिज्दा करने लगा।
وَأَقَامَ مَذْبَحًا لِلْبَعْلِ فِي بَيْتِ ٱلْبَعْلِ ٱلَّذِي بَنَاهُ فِي ٱلسَّامِرَةِ. ٣٢ 32
और बाल के मन्दिर में, जिसे उसने सामरिया में बनाया था, बाल के लिए एक मज़बह तैयार किया।
وَعَمِلَ أَخْآبُ سَوَارِيَ، وَزَادَ أَخْآبُ فِي ٱلْعَمَلِ لِإِغَاظَةِ ٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ أَكْثَرَ مِنْ جَمِيعِ مُلُوكِ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ كَانُوا قَبْلَهُ. ٣٣ 33
और अख़ीअब ने यसीरत बनाई, और अख़ीअब ने इस्राईल के सब बादशाहों से ज़्यादा, जो उससे पहले हुए थे, ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा को ग़ुस्सा दिलाने के काम किए।
فِي أَيَّامِهِ بَنَى حِيئِيلُ ٱلْبَيْتَئِيلِيُّ أَرِيحَا. بِأَبِيرَامَ بِكْرِهِ وَضَعَ أَسَاسَهَا، وَبِسَجُوبَ صَغِيرِهِ نَصَبَ أَبْوَابَهَا، حَسَبَ كَلَامِ ٱلرَّبِّ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ عَنْ يَدِ يَشُوعَ بْنِ نُونٍ. ٣٤ 34
उसके दिनों में बैतएली हीएल ने यरीहू को ता'मीर किया। जब उसने उसकी बुनियाद डाली तो उसका पहलौठा बेटा अबीराम मरा, और जब उसके फाटक लगाए तो उसका सबसे छोटा बेटा सजूब मर गया, यह ख़ुदावन्द के कलाम के मुताबिक़ हुआ जो उसने नून के बेटे यशूअ के ज़रिए' फ़रमाया था।

< اَلْمُلُوكِ ٱلْأَوَّلُ 16 >