< ١ كورنثوس 15 >

وَأُعَرِّفُكُمْ أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ بِٱلْإِنْجِيلِ ٱلَّذِي بَشَّرْتُكُمْ بِهِ، وَقَبِلْتُمُوهُ، وَتَقُومُونَ فِيهِ، ١ 1
प्रिय भाई बहनो, अब मैं तुम्हें उसी ईश्वरीय सुसमाचार की दोबारा याद दिलाना चाहता हूं, जिसका मैंने तुम्हारे बीच प्रचार किया है, जिसे तुमने ग्रहण किया, जिसमें तुम स्थिर हो
وَبِهِ أَيْضًا تَخْلُصُونَ، إِنْ كُنْتُمْ تَذْكُرُونَ أَيُّ كَلَامٍ بَشَّرْتُكُمْ بِهِ. إِلَّا إِذَا كُنْتُمْ قَدْ آمَنْتُمْ عَبَثًا! ٢ 2
और जिसके द्वारा तुम्हें उद्धार प्राप्‍त हुआ है—यदि तुम उस शिक्षा में, जिसका मैंने तुम्हारे बीच प्रचार किया है, स्थिर हो—नहीं तो व्यर्थ ही हुआ है तुम्हारा विश्वास करना.
فَإِنَّنِي سَلَّمْتُ إِلَيْكُمْ فِي ٱلْأَوَّلِ مَا قَبِلْتُهُ أَنَا أَيْضًا: أَنَّ ٱلْمَسِيحَ مَاتَ مِنْ أَجْلِ خَطَايَانَا حَسَبَ ٱلْكُتُبِ، ٣ 3
मैंने तुम तक वही सच्चाई भेजी, जो सबसे महत्वपूर्ण है तथा जिसे स्वयं मैंने प्राप्‍त किया: पवित्र शास्त्र के अनुसार हमारे पापों के लिए मसीह ने प्राणों का त्याग किया;
وَأَنَّهُ دُفِنَ، وَأَنَّهُ قَامَ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّالِثِ حَسَبَ ٱلْكُتُبِ، ٤ 4
वह भूमि में गाड़े गए; पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन वह मरे हुओं में से जीवित किए गए
وَأَنَّهُ ظَهَرَ لِصَفَا ثُمَّ لِلِٱثْنَيْ عَشَرَ. ٥ 5
और तब कैफ़स पर, इसके बाद बारह शिष्यों पर,
وَبَعْدَ ذَلِكَ ظَهَرَ دَفْعَةً وَاحِدَةً لِأَكْثَرَ مِنْ خَمْسِمِئَةِ أَخٍ، أَكْثَرُهُمْ بَاقٍ إِلَى ٱلْآنَ. وَلَكِنَّ بَعْضَهُمْ قَدْ رَقَدُوا. ٦ 6
इसके बाद पांच सौ से अधिक भाई बहनों पर, जिनमें से अधिकांश अभी जीवित हैं तथा कुछ लंबी नींद में सो गए हैं, प्रकट हुए.
وَبَعْدَ ذَلِكَ ظَهَرَ لِيَعْقُوبَ، ثُمَّ لِلرُّسُلِ أَجْمَعِينَ. ٧ 7
इसके बाद वह याकोब पर प्रकट हुए, इसके बाद सभी प्रेरितों पर
وَآخِرَ ٱلْكُلِّ - كَأَنَّهُ لِلسِّقْطِ - ظَهَرَ لِي أَنَا. ٨ 8
और सबसे अंत में मुझ पर भी—मैं, जिसका जन्म अविकसित अवस्था में हुआ—प्रकट हुए.
لِأَنِّي أَصْغَرُ ٱلرُّسُلِ، أَنَا ٱلَّذِي لَسْتُ أَهْلًا لِأَنْ أُدْعَى رَسُولًا، لِأَنِّي ٱضْطَهَدْتُ كَنِيسَةَ ٱللهِ. ٩ 9
मैं प्रेरितों में सबसे छोटा हूं—प्रेरित कहलाने योग्य भी नहीं—क्योंकि मैंने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था.
وَلَكِنْ بِنِعْمَةِ ٱللهِ أَنَا مَا أَنَا، وَنِعْمَتُهُ ٱلْمُعْطَاةُ لِي لَمْ تَكُنْ بَاطِلَةً، بَلْ أَنَا تَعِبْتُ أَكْثَرَ مِنْهُمْ جَمِيعِهِمْ. وَلَكِنْ لَا أَنَا، بَلْ نِعْمَةُ ٱللهِ ٱلَّتِي مَعِي. ١٠ 10
किंतु आज मैं जो कुछ भी हूं परमेश्वर के अनुग्रह से हूं. मेरे प्रति उनका अनुग्रह व्यर्थ साबित नहीं हुआ. मैं बाकी सभी प्रेरितों की तुलना में अधिक परिश्रम करता गया, फिर भी मैं नहीं, परमेश्वर का अनुग्रह मुझमें कार्य कर रहा था.
فَسَوَاءٌ أَنَا أَمْ أُولَئِكَ، هَكَذَا نَكْرِزُ وَهَكَذَا آمَنْتُمْ. ١١ 11
प्रचार, चाहे मैं करूं या वे, संदेश वही है, जिसमें तुमने विश्वास किया है.
وَلَكِنْ إِنْ كَانَ ٱلْمَسِيحُ يُكْرَزُ بِهِ أَنَّهُ قَامَ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ، فَكَيْفَ يَقُولُ قَوْمٌ بَيْنَكُمْ: «إِنْ لَيْسَ قِيَامَةُ أَمْوَاتٍ»؟ ١٢ 12
अब यदि मरे हुओं में से जीवित किए गए मसीह हमारे प्रचार का विषय हैं तो क्या कारण है कि तुममें से कुछ की मान्यता यह है कि मरे हुओं का पुनरुत्थान जैसा कुछ नहीं होता?
فَإِنْ لَمْ تَكُنْ قِيَامَةُ أَمْوَاتٍ فَلَا يَكُونُ ٱلْمَسِيحُ قَدْ قَامَ! ١٣ 13
यदि मरे हुओं के पुनरुत्थान जैसा कुछ न होता तो मसीह भी जीवित नहीं किए गए होते.
وَإِنْ لَمْ يَكُنِ ٱلْمَسِيحُ قَدْ قَامَ، فَبَاطِلَةٌ كِرَازَتُنَا وَبَاطِلٌ أَيْضًا إِيمَانُكُمْ، ١٤ 14
यदि मसीह जीवित नहीं किए गए, तो व्यर्थ है हमारा प्रचार तथा व्यर्थ है तुम्हारा विश्वास भी.
وَنُوجَدُ نَحْنُ أَيْضًا شُهُودَ زُورٍ لِلهِ، لِأَنَّنَا شَهِدْنَا مِنْ جِهَةِ ٱللهِ أَنَّهُ أَقَامَ ٱلْمَسِيحَ وَهُوَ لَمْ يُقِمْهُ، إِنْ كَانَ ٱلْمَوْتَى لَا يَقُومُونَ. ١٥ 15
इससे भी बढ़कर यह कि हम परमेश्वर के झूठे गवाह प्रमाणित हो रहे हैं क्योंकि हमने उनके विषय में यह गवाही दी है कि उन्होंने मसीह को मरे हुओं में से जीवित किया; किंतु यदि मरे हुए वास्तव में जीवित नहीं किए जाते तो परमेश्वर ने मसीह को भी जीवित नहीं किया.
لِأَنَّهُ إِنْ كَانَ ٱلْمَوْتَى لَا يَقُومُونَ، فَلَا يَكُونُ ٱلْمَسِيحُ قَدْ قَامَ. ١٦ 16
क्योंकि यदि मरे हुए जीवित नहीं किए जाते तो मसीह भी जीवित नहीं किए गए.
وَإِنْ لَمْ يَكُنِ ٱلْمَسِيحُ قَدْ قَامَ، فَبَاطِلٌ إِيمَانُكُمْ. أَنْتُمْ بَعْدُ فِي خَطَايَاكُمْ! ١٧ 17
और यदि मसीह जीवित नहीं किए गए तो तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है और तुम अब भी अपनी पाप की अवस्था में ही हो.
إِذًا ٱلَّذِينَ رَقَدُوا فِي ٱلْمَسِيحِ أَيْضًا هَلَكُوا! ١٨ 18
तब तो वे, जो मसीह में सो गए हैं, नाश हो चुके.
إِنْ كَانَ لَنَا فِي هَذِهِ ٱلْحَيَاةِ فَقَطْ رَجَاءٌ فِي ٱلْمَسِيحِ، فَإِنَّنَا أَشْقَى جَمِيعِ ٱلنَّاسِ. ١٩ 19
यदि हमने मात्र इस शारीरिक जीवन में ही मसीह में आशा रखी है तो हम अन्य सभी मनुष्यों में सबसे अधिक दयनीय हैं.
وَلَكِنِ ٱلْآنَ قَدْ قَامَ ٱلْمَسِيحُ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ وَصَارَ بَاكُورَةَ ٱلرَّاقِدِينَ. ٢٠ 20
किंतु सच यही है कि मसीह मरे हुओं में से जीवित किए गए हैं—उनके पहले फल, जो सो गए हैं.
فَإِنَّهُ إِذِ ٱلْمَوْتُ بِإِنْسَانٍ، بِإِنْسَانٍ أَيْضًا قِيَامَةُ ٱلْأَمْوَاتِ. ٢١ 21
जिस प्रकार एक मनुष्य के द्वारा मृत्यु का प्रवेश हुआ, उसी प्रकार एक मनुष्य के द्वारा मरे हुओं के पुनरुत्थान का प्रवेश भी हुआ.
لِأَنَّهُ كَمَا فِي آدَمَ يَمُوتُ ٱلْجَمِيعُ، هَكَذَا فِي ٱلْمَسِيحِ سَيُحْيَا ٱلْجَمِيعُ. ٢٢ 22
जिस प्रकार आदम में सब की मृत्यु होती है, उसी प्रकार मसीह में सब जीवित भी किए जाएंगे.
وَلَكِنَّ كُلَّ وَاحِدٍ فِي رُتْبَتِهِ: ٱلْمَسِيحُ بَاكُورَةٌ، ثُمَّ ٱلَّذِينَ لِلْمَسِيحِ فِي مَجِيئِهِ. ٢٣ 23
किंतु हर एक अपनी बारी से: पहले फल मसीह, इसके बाद वे सब, जो मसीह के आगमन तक उनमें स्थिर बने रहेंगे.
وَبَعْدَ ذَلِكَ ٱلنِّهَايَةُ، مَتَى سَلَّمَ ٱلْمُلْكَ لِلهِ ٱلْآبِ، مَتَى أَبْطَلَ كُلَّ رِيَاسَةٍ وَكُلَّ سُلْطَانٍ وَكُلَّ قُوَّةٍ. ٢٤ 24
तब, जब वह सारी प्रभुता, अधिकार और सामर्थ्य को नाश कर राज्य पिता परमेश्वर को सौंप देंगे, फिर युगांत हो जाएगा.
لِأَنَّهُ يَجِبُ أَنْ يَمْلِكَ حَتَّى «يَضَعَ جَمِيعَ ٱلْأَعْدَاءِ تَحْتَ قَدَمَيْهِ». ٢٥ 25
यह ज़रूरी है कि वह उस समय तक शासन करें जब तक वह अपने सभी शत्रुओं को अपने अधीन न कर दें.
آخِرُ عَدُوٍّ يُبْطَلُ هُوَ ٱلْمَوْتُ. ٢٦ 26
जिस शत्रु को सबके अंत में नष्ट किया जाएगा, वह है मृत्यु
لِأَنَّهُ أَخْضَعَ كُلَّ شَيْءٍ تَحْتَ قَدَمَيْهِ. وَلَكِنْ حِينَمَا يَقُولُ: «إِنَّ كُلَّ شَيْءٍ قَدْ أُخْضِعَ» فَوَاضِحٌ أَنَّهُ غَيْرُ ٱلَّذِي أَخْضَعَ لَهُ ٱلْكُلَّ. ٢٧ 27
क्योंकि उन्होंने सब कुछ उनके अधीन कर दिया है. किंतु जब वह कहते हैं, “सब कुछ उनके अधीन कर दिया गया है,” यह साफ़ ही है कि परमेश्वर इसमें शामिल नहीं, जिन्होंने सब कुछ उनके अधीन कर दिया है.
وَمَتَى أُخْضِعَ لَهُ ٱلْكُلُّ، فَحِينَئِذٍ ٱلِٱبْنُ نَفْسُهُ أَيْضًا سَيَخْضَعُ لِلَّذِي أَخْضَعَ لَهُ ٱلْكُلَّ، كَيْ يَكُونَ ٱللهُ ٱلْكُلَّ فِي ٱلْكُلِّ. ٢٨ 28
जब सब कुछ मसीह के अधीन कर दिया गया है, तब स्वयं पुत्र भी परमेश्वर के अधीन हो जाएंगे, जिन्होंने सब कुछ पुत्र के अधीन कर दिया कि परमेश्वर ही स्वामी हों.
وَإِلَّا فَمَاذَا يَصْنَعُ ٱلَّذِينَ يَعْتَمِدُونَ مِنْ أَجْلِ ٱلْأَمْوَاتِ؟ إِنْ كَانَ ٱلْأَمْوَاتُ لَا يَقُومُونَ ٱلْبَتَّةَ، فَلِمَاذَا يَعْتَمِدُونَ مِنْ أَجْلِ ٱلْأَمْوَاتِ؟ ٢٩ 29
यदि पुनरुत्थान जैसा कुछ नहीं होता तो उनका क्या होगा, जो मरे हुओं के स्थान पर बपतिस्मित हो रहे हैं? यदि मृतक जीवित नहीं किए जाते तो लोग उनके लिए बपतिस्मित क्यों किए जा रहे हैं?
وَلِمَاذَا نُخَاطِرُ نَحْنُ كُلَّ سَاعَةٍ؟ ٣٠ 30
तो फिर हम क्यों हर घड़ी अपने जीवन को जोखिम में डाले फिर रहे हैं?
إِنِّي بِٱفْتِخَارِكُمُ ٱلَّذِي لِي فِي يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ رَبِّنَا، أَمُوتُ كُلَّ يَوْمٍ. ٣١ 31
मैं हर दिन मृत्यु का सामना करता हूं. यह मैं उस गौरव की शपथ खाकर कह रहा हूं, जो हमारे प्रभु येशु मसीह में मुझे तुम पर है.
إِنْ كُنْتُ كَإِنْسَانٍ قَدْ حَارَبْتُ وُحُوشًا فِي أَفَسُسَ، فَمَا ٱلْمَنْفَعَةُ لِي؟ إِنْ كَانَ ٱلْأَمْوَاتُ لَا يَقُومُونَ، «فَلْنَأْكُلْ وَنَشْرَبْ لِأَنَّنَا غَدًا نَمُوتُ!». ٣٢ 32
इफ़ेसॉस नगर में यदि मैं जंगली पशुओं से सिर्फ मनुष्य की रीति से लड़ता तो मुझे क्या लाभ होता? यदि मरे हुए जीवित नहीं किए जाते तो, जैसी कि उक्ति है: “आओ, हम खाएं-पिएं, क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”
لَا تَضِلُّوا: «فَإِنَّ ٱلْمُعَاشَرَاتِ ٱلرَّدِيَّةَ تُفْسِدُ ٱلْأَخْلَاقَ ٱلْجَيِّدَةَ». ٣٣ 33
धोखे में मत रहना: बुरी संगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है.
اُصْحُوا لِلْبِرِّ وَلَا تُخْطِئُوا، لِأَنَّ قَوْمًا لَيْسَتْ لَهُمْ مَعْرِفَةٌ بِٱللهِ. أَقُولُ ذَلِكَ لِتَخْجِيلِكُمْ! ٣٤ 34
सावधान हो जाओ, पाप करना छोड़ दो. यह मैं तुम्हें लज्जित करने के लिए ही कह रहा हूं क्योंकि तुममें से कुछ तो परमेश्वर को जानते ही नहीं.
لَكِنْ يَقُولُ قَائِلٌ: «كَيْفَ يُقَامُ ٱلْأَمْوَاتُ؟ وَبِأَيِّ جِسْمٍ يَأْتُونَ؟». ٣٥ 35
संभवतः कोई यह पूछे: कैसे जीवित हो जाते हैं मुर्दे? कैसा होता है उनका शरीर?
يَاغَبِيُّ! ٱلَّذِي تَزْرَعُهُ لَا يُحْيَا إِنْ لَمْ يَمُتْ. ٣٦ 36
मूर्खता भरा प्रश्न! तुम जो कुछ बोते हो तब तक पोषित नहीं होता, जब तक वह पहले मर न जाए.
وَٱلَّذِي تَزْرَعُهُ، لَسْتَ تَزْرَعُ ٱلْجِسْمَ ٱلَّذِي سَوْفَ يَصِيرُ، بَلْ حَبَّةً مُجَرَّدَةً، رُبَّمَا مِنْ حِنْطَةٍ أَوْ أَحَدِ ٱلْبَوَاقِي. ٣٧ 37
तुम उस शरीर को, जो पोषित होने को है, नहीं रोपते—तुम तो सिर्फ बीज रोपते हो—चाहे गेहूं या कोई और
وَلَكِنَّ ٱللهَ يُعْطِيهَا جِسْمًا كَمَا أَرَادَ. وَلِكُلِّ وَاحِدٍ مِنَ ٱلْبُزُورِ جِسْمَهُ. ٣٨ 38
मगर परमेश्वर अपनी इच्छा के अनुसार उसे देह प्रदान करते हैं—हर एक बीज को उसकी अपनी विशेष देह.
لَيْسَ كُلُّ جَسَدٍ جَسَدًا وَاحِدًا، بَلْ لِلنَّاسِ جَسَدٌ وَاحِدٌ، وَلِلْبَهَائِمِ جَسَدٌ آخَرُ، وَلِلسَّمَكِ آخَرُ، وَلِلطَّيْرِ آخَرُ. ٣٩ 39
सभी प्राणियों की देह अलग होती है—मनुष्य की देह एक प्रकार की, पशु की देह एक प्रकार की, पक्षी की देह तथा मछली की देह एक प्रकार की.
وَأَجْسَامٌ سَمَاوِيَّةٌ، وَأَجْسَامٌ أَرْضِيَّةٌ. لَكِنَّ مَجْدَ ٱلسَّمَاوِيَّاتِ شَيْءٌ، وَمَجْدَ ٱلْأَرْضِيَّاتِ آخَرُ. ٤٠ 40
देह स्वर्गीय भी होती है और शारीरिक भी. स्वर्गीय देह का तेज अलग होता है और शारीरिक देह का अलग.
مَجْدُ ٱلشَّمْسِ شَيْءٌ، وَمَجْدُ ٱلْقَمَرِ آخَرُ، وَمَجْدُ ٱلنُّجُومِ آخَرُ. لِأَنَّ نَجْمًا يَمْتَازُ عَنْ نَجْمٍ فِي ٱلْمَجْدِ. ٤١ 41
सूर्य का तेज एक प्रकार का होता है, चंद्रमा का अन्य प्रकार का और तारों का अन्य प्रकार का और हर एक तारे का तेज अन्य तारे के तेज से अलग होता है.
هَكَذَا أَيْضًا قِيَامَةُ ٱلْأَمْوَاتِ: يُزْرَعُ فِي فَسَادٍ وَيُقَامُ فِي عَدَمِ فَسَادٍ. ٤٢ 42
मरे हुओं का जीवित होना भी ऐसा ही होता है. रोपित की जाती नाशमान देह, जीवित होती है अविनाशी देह.
يُزْرَعُ فِي هَوَانٍ وَيُقَامُ فِي مَجْدٍ. يُزْرَعُ فِي ضَعْفٍ وَيُقَامُ فِي قُوَّةٍ. ٤٣ 43
यह रोपित की जाती है अनादर के साथ, जीवित होती है तेज में; रोपित की जाती है निर्बल देह, जीवित होती है सामर्थ्य से भरी देह.
يُزْرَعُ جِسْمًا حَيَوَانِيًّا وَيُقَامُ جِسْمًا رُوحَانِيًّا. يُوجَدُ جِسْمٌ حَيَوَانِيٌّ وَيُوجَدُ جِسْمٌ رُوحَانِيٌّ. ٤٤ 44
रोपित की जाती है शारीरिक देह, जीवित होती है आत्मिक देह. यदि शारीरिक देह है तो आत्मिक देह भी है.
هَكَذَا مَكْتُوبٌ أَيْضًا: «صَارَ آدَمُ، ٱلْإِنْسَانُ ٱلْأَوَّلُ، نَفْسًا حَيَّةً»، وَآدَمُ ٱلْأَخِيرُ رُوحًا مُحْيِيًا. ٤٥ 45
जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख भी है: “पहला मानव आदम जीवित प्राणी हुआ किंतु अंतिम आदम जीवनदायी आत्मा हुआ.”
لَكِنْ لَيْسَ ٱلرُّوحَانِيُّ أَوَّلًا بَلِ ٱلْحَيَوَانِيُّ، وَبَعْدَ ذَلِكَ ٱلرُّوحَانِيُّ. ٤٦ 46
फिर भी पहला वह नहीं, जो आत्मिक है परंतु वह, जो शारीरिक है. उसके बाद ही आत्मिक का स्थान है.
ٱلْإِنْسَانُ ٱلْأَوَّلُ مِنَ ٱلْأَرْضِ تُرَابِيٌّ. ٱلْإِنْسَانُ ٱلثَّانِي ٱلرَّبُّ مِنَ ٱلسَّمَاءِ. ٤٧ 47
पहला मानव शारीरिक था—मिट्टी का बना हुआ—दूसरा मानव स्वर्गीय.
كَمَا هُوَ ٱلتُّرَابِيُّ هَكَذَا ٱلتُّرَابِيُّونَ أَيْضًا، وَكَمَا هُوَ ٱلسَّمَاوِيُّ هَكَذَا ٱلسَّمَاوِيُّونَ أَيْضًا. ٤٨ 48
शारीरिक वैसे ही हैं जैसा मिट्टी से बना मानव था तथा स्वर्गीय वैसे ही हैं जैसा वह, जो स्वर्गीय है.
وَكَمَا لَبِسْنَا صُورَةَ ٱلتُّرَابِيِّ، سَنَلْبَسُ أَيْضًا صُورَةَ ٱلسَّمَاوِيِّ. ٤٩ 49
ठीक जैसे हमें उस शारीरिक का रूप प्राप्‍त हुआ है, हमें उस स्वर्गीय का रूप भी प्राप्‍त होगा.
فَأَقُولُ هَذَا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ: إِنَّ لَحْمًا وَدَمًا لَا يَقْدِرَانِ أَنْ يَرِثَا مَلَكُوتَ ٱللهِ، وَلَا يَرِثُ ٱلْفَسَادُ عَدَمَ ٱلْفَسَادِ. ٥٠ 50
प्रिय भाई बहनो, शारीरिक लहू और मांस का मनुष्य परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता और न ही नाशमान अविनाशी में.
هُوَذَا سِرٌّ أَقُولُهُ لَكُمْ: لَا نَرْقُدُ كُلُّنَا، وَلَكِنَّنَا كُلَّنَا نَتَغَيَّرُ، ٥١ 51
सुनो! मैं तुम पर एक भेद प्रकट करता हूं: हम सभी सो नहीं जाएंगे परंतु हम सभी का रूप बदल
فِي لَحْظَةٍ فِي طَرْفَةِ عَيْنٍ، عِنْدَ ٱلْبُوقِ ٱلْأَخِيرِ. فَإِنَّهُ سَيُبَوَّقُ، فَيُقَامُ ٱلْأَمْوَاتُ عَدِيمِي فَسَادٍ، وَنَحْنُ نَتَغَيَّرُ. ٥٢ 52
जाएगा—क्षण-भर में, पलक झपकते ही, आखिरी तुरही के स्वर पर. ज्यों ही आखिरी तुरही का स्वर होगा, मरे हुए अविनाशी दशा में जीवित किए जाएंगे और हमारा रूप बदल जाएगा.
لِأَنَّ هَذَا ٱلْفَاسِدَ لَابُدَّ أَنْ يَلْبَسَ عَدَمَ فَسَادٍ، وَهَذَا ٱلْمَائِتَ يَلْبَسُ عَدَمَ مَوْتٍ. ٥٣ 53
यह ज़रूरी है कि नाशमान अविनाशी को धारण करे तथा मरणहार अमरता को.
وَمَتَى لَبِسَ هَذَا ٱلْفَاسِدُ عَدَمَ فَسَادٍ، وَلَبِسَ هَذَا ٱلْمَائِتُ عَدَمَ مَوْتٍ، فَحِينَئِذٍ تَصِيرُ ٱلْكَلِمَةُ ٱلْمَكْتُوبَةُ: «ٱبْتُلِعَ ٱلْمَوْتُ إِلَى غَلَبَةٍ». ٥٤ 54
किंतु जब यह नाशमान अविनाशी को तथा मरणहार अमरता को धारण कर लेगा तब पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हो जाएगा: “मृत्यु विजय का निवाला बन गई.”
«أَيْنَ شَوْكَتُكَ يَا مَوْتُ؟ أَيْنَ غَلَبَتُكِ يَا هَاوِيَةُ؟» (Hadēs g86) ٥٥ 55
मृत्यु! कहां है तेरी विजय? मृत्यु! कहां है तेरा ड़ंक? (Hadēs g86)
أَمَّا شَوْكَةُ ٱلْمَوْتِ فَهِيَ ٱلْخَطِيَّةُ، وَقُوَّةُ ٱلْخَطِيَّةِ هِيَ ٱلنَّامُوسُ. ٥٦ 56
मृत्यु का ड़ंक है पाप और पाप का बल है व्यवस्था.
وَلَكِنْ شُكْرًا لِلهِ ٱلَّذِي يُعْطِينَا ٱلْغَلَبَةَ بِرَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ. ٥٧ 57
किंतु हम धन्यवाद करते हैं परमेश्वर का, जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा विजय प्रदान करते हैं.
إِذًا يَا إِخْوَتِي ٱلْأَحِبَّاءَ، كُونُوا رَاسِخِينَ، غَيْرَ مُتَزَعْزِعِينَ، مُكْثِرِينَ فِي عَمَلِ ٱلرَّبِّ كُلَّ حِينٍ، عَالِمِينَ أَنَّ تَعَبَكُمْ لَيْسَ بَاطِلًا فِي ٱلرَّبِّ. ٥٨ 58
इसलिये मेरे प्रिय भाई बहनो, इस सच्चाई के प्रकाश में कि प्रभु में तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ नहीं है, तुम प्रभु के काम में उन्‍नत होते हुए हमेशा दृढ़ तथा स्थिर रहो.

< ١ كورنثوس 15 >