< ١ أخبار 16 >

وَأَدْخَلُوا تَابُوتَ ٱللهِ وَأَثْبَتُوهُ فِي وَسَطِ ٱلْخَيْمَةِ ٱلَّتِي نَصَبَهَا لَهُ دَاوُدُ، وَقَرَّبُوا مُحْرَقَاتٍ وَذَبَائِحَ سَلَامَةٍ أَمَامَ ٱللهِ. ١ 1
उन्होंने परमेश्वर के संदूक को लाकर उस तंबू के भीतर, जिसे दावीद ने उसके लिए विशेष रूप से बनवाया था, उसके निर्धारित स्थान पर स्थापित कर दिया. इसके बाद दावीद ने याहवेह को अग्निबलि और मेल बलि चढ़ाई.
وَلَمَّا ٱنْتَهَى دَاوُدُ مِنْ إِصْعَادِ ٱلْمُحْرَقَاتِ وَذَبَائِحِ ٱلسَّلَامَةِ بَارَكَ ٱلشَّعْبَ بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ. ٢ 2
जब दावीद अग्निबलि और मेल बलि चढ़ा चुके, उन्होंने प्रजा के लिए सेनाओं के याहवेह के नाम में आशीर्वाद दिए.
وَقَسَمَ عَلَى كُلِّ آلِ إِسْرَائِيلَ مِنَ ٱلرِّجَالِ وَٱلنِّسَاءِ، عَلَى كُلِّ إِنْسَانٍ، رَغِيفَ خُبْزٍ وَكَأْسَ خَمْرٍ وَقُرْصَ زَبِيبٍ. ٣ 3
उन्होंने इस्राएल के हर एक व्यक्ति को; स्त्री-पुरुष दोनों ही को, एक-एक रोटी, मांस का एक भाग और एक टिक्की किशमिश बंटवाई.
وَجَعَلَ أَمَامَ تَابُوتِ ٱلرَّبِّ مِنَ ٱللَّاوِيِّينَ خُدَّامًا، وَلِأَجْلِ ٱلتَّذْكِيرِ وَٱلشُّكْرِ وَتَسْبِيحِ ٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ: ٤ 4
दावीद ने विशेष लेवियों को याहवेह के संदूक के सामने सेवा के लिए ठहरा दिया कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की दोहाई दें, उनका आभार माने और उनकी स्तुति करते रहें.
آسَافَ ٱلرَّأْسَ وَزَكَرِيَّا ثَانِيَهُ، وَيَعِيئِيلَ وَشَمِيرَامُوثَ وَيَحِيئِيلَ وَمَتَّثْيَا وَأَلِيآبَ وَبَنَايَا وَعُوبِيدَ أَدُومَ وَيَعِيئِيلَ بِآلَاتٍ رَبَابٍ وَعِيدَانٍ. وَكَانَ آسَافُ يُصَوِّتُ بِٱلصُّنُوجِ. ٥ 5
इनमें आसफ प्रधान था इसके बाद दूसरे वर्ग में थे ज़करयाह, येइएल, शेमिरामोथ, येहिएल, मत्तिथिया, एलियाब, बेनाइयाह, ओबेद-एदोम और येइएल. इनका काम था तन्तु वाद्यों को बजाना. आसफ ऊंची आवाज में झांझ भी बजाता था.
وَبَنَايَا وَيَحْزِيئِيلُ ٱلْكَاهِنَانِ بِٱلْأَبْوَاقِ دَائِمًا أَمَامَ تَابُوتِ عَهْدِ ٱللهِ. ٦ 6
पुरोहित बेनाइयाह और याहाज़िएल की जवाबदारी थी परमेश्वर की वाचा के संदूक के सामने लगातार तुरही बजाते रहना.
حِينَئِذٍ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ أَوَّلًا جَعَلَ دَاوُدُ يَحْمَدُ ٱلرَّبَّ بِيَدِ آسَافَ وَإِخْوَتِهِ: ٧ 7
यह पहला मौका था, जब दावीद ने आसफ और उसके संबंधियों को चुना कि वे याहवेह के लिए धन्यवाद के गीत गाया करें:
«اِحْمَدُوا ٱلرَّبَّ. ٱدْعُوا بِٱسْمِهِ. أَخْبِرُوا فِي ٱلشُّعُوبِ بِأَعْمَالِهِ. ٨ 8
याहवेह के प्रति आभार व्यक्त करो, उनको पुकारो; सभी राष्ट्रों के सामने उनके द्वारा किए कार्यों की घोषणा करो.
غَنُّوا لَهُ. تَرَنَّمُوا لَهُ. تَحَادَثُوا بِكُلِّ عَجَائِبِهِ. ٩ 9
उनकी प्रशंसा में गाओ, उनका गुणगान करो; उनके सभी अद्भुत कार्यों का वर्णन करो.
ٱفْتَخِرُوا بِٱسْمِ قُدْسِهِ. تَفْرَحُ قُلُوبُ ٱلَّذِينَ يَلْتَمِسُونَ ٱلرَّبَّ. ١٠ 10
उनके पवित्र नाम पर गर्व करो; उनके हृदय, जो याहवेह के खोजी हैं, उल्‍लसित हों.
ٱطْلُبُوا ٱلرَّبَّ وَعِزَّهُ. ٱلْتَمِسُوا وَجْهَهُ دَائِمًا. ١١ 11
याहवेह और उनकी सामर्थ्य की खोज करो; उनकी उपस्थिति के सतत खोजी बने रहो.
ٱذْكُرُوا عَجَائِبَهُ ٱلَّتِي صَنَعَ. آيَاتِهِ وَأَحْكَامَ فَمِهِ. ١٢ 12
उनके द्वारा किए अद्भुत कार्य स्मरण रखो तथा उनके द्वारा हुईं अद्भुत बातें एवं निर्णय भी,
يَا ذُرِّيَّةَ إِسْرَائِيلَ عَبْدِهِ، وَبَنِي يَعْقُوبَ مُخْتَارِيهِ. ١٣ 13
उनके सेवक इस्राएल के वंश, उनके द्वारा चुने हुए याकोब की संतान.
هُوَ ٱلرَّبُّ إِلَهُنَا. فِي كُلِّ ٱلْأَرْضِ أَحْكَامُهُ. ١٤ 14
वह याहवेह हैं, हमारे परमेश्वर; समस्त पृथ्वी पर उनके द्वारा किया गया न्याय स्पष्ट है.
ٱذْكُرُوا إِلَى ٱلْأَبَدِ عَهْدَهُ، ٱلْكَلِمَةَ ٱلَّتِي أَوْصَى بِهَا إِلَى أَلْفِ جِيلٍ. ١٥ 15
उन्हें अपनी वाचा सदैव स्मरण रहती है, वह आदेश जो उन्होंने हजार पीढ़ियों को दिया,
ٱلَّذِي قَطَعَهُ مَعَ إِبْرَاهِيمَ. وَقَسَمَهُ لِإِسْحَاقَ. ١٦ 16
वह वाचा, जो उन्होंने अब्राहाम के साथ स्थापित की, प्रतिज्ञा की वह शपथ, जो उन्होंने यित्सहाक से खाई थी,
وَقَدْ أَقَامَهُ لِيَعْقُوبَ فَرِيضَةً، وَلِإِسْرَائِيلَ عَهْدًا أَبَدِيًّا. ١٧ 17
जिसकी पुष्टि उन्होंने याकोब से अधिनियम स्वरूप की, अर्थात् इस्राएल से स्थापित अमर यह वाचा:
قَائِلًا: لَكَ أُعْطِي أَرْضَ كَنْعَانَ حَبْلَ مِيرَاثِكُمْ. ١٨ 18
“कनान देश तुम्हें मैं प्रदान करूंगा. यह वह भूखण्ड है, जो तुम निज भाग में प्राप्‍त करोगे.”
حِينَ كُنْتُمْ عَدَدًا قَلِيلًا، قَلِيلِينَ جِدًّا وَغُرَبَاءَ فِيهَا. ١٩ 19
जब परमेश्वर की प्रजा की संख्या अल्प ही थी, वे बहुत ही कम थे, और वे उस देश में परदेशी थे,
وَذَهَبُوا مِنْ أُمَّةٍ إِلَى أُمَّةٍ وَمِنْ مَمْلَكَةٍ إِلَى شَعْبٍ آخَرَ. ٢٠ 20
जब वे एक देश से दूसरे देश में भटकते फिर रहे थे, वे एक राज्य में से होकर दूसरे में यात्रा कर रहे थे,
لَمْ يَدَعْ أَحَدًا يَظْلِمُهُمْ بَلْ وَبَّخَ مِنْ أَجْلِهِمْ مُلُوكًا. ٢١ 21
परमेश्वर ने किसी भी राष्ट्र को उन्हें दुःखित न करने दिया; उनकी ओर से स्वयं परमेश्वर उन राजाओं को डांटते रहे:
لَا تَمَسُّوا مُسَحَائِي وَلَا تُؤْذُوا أَنْبِيَائِي. ٢٢ 22
“मेरे अभिषिक्तों को स्पर्श तक न करना; मेरे भविष्यवक्ताओं को कोई हानि न पहुंचे.”
«غَنُّوا لِلرَّبِّ يَا كُلَّ ٱلْأَرْضِ. بَشِّرُوا مِنْ يَوْمٍ إِلَى يَوْمٍ بِخَلَاصِهِ. ٢٣ 23
सारी पृथ्वी याहवेह की स्तुति में गाए; हर रोज़ उनके द्वारा दी गई छुड़ौती की घोषणा की जाए.
حَدِّثُوا فِي ٱلْأُمَمِ بِمَجْدِهِ وَفِي كُلِّ ٱلشُّعُوبِ بِعَجَائِبِهِ. ٢٤ 24
देशों में उनके प्रताप की चर्चा की जाए, और उनके अद्भुत कामों की घोषणा हर जगह!
لِأَنَّ ٱلرَّبَّ عَظِيمٌ وَمُفْتَخَرٌ جِدًّا. وَهُوَ مَرْهُوبٌ فَوْقَ جَمِيعِ ٱلْآلِهَةِ. ٢٥ 25
क्योंकि महान हैं याहवेह और सर्वाधिक योग्य हैं स्तुति के; अनिवार्य है कि उनके ही प्रति सभी देवताओं से अधिक श्रद्धा रखी जाए.
لِأَنَّ كُلَّ آلِهَةِ ٱلْأُمَمِ أَصْنَامٌ، وَأَمَّا ٱلرَّبُّ فَقَدْ صَنَعَ ٱلسَّمَاوَاتِ. ٢٦ 26
क्योंकि अन्य जनताओं के समस्त देवता मात्र प्रतिमाएं ही हैं, किंतु स्वर्ग मंडल के बनानेवाले याहवेह हैं.
ٱلْجَلَالُ وَٱلْبَهَاءُ أَمَامَهُ. ٱلْعِزَّةُ وَٱلْبَهْجَةُ فِي مَكَانِهِ. ٢٧ 27
वैभव और ऐश्वर्य उनके चारों ओर हैं, सामर्थ्य और आनंद उनकी उपस्थिति में बसे हुए हैं.
هَبُوا ٱلرَّبَّ يَا عَشَائِرَ ٱلشُّعُوبِ، هَبُوا ٱلرَّبَّ مَجْدًا وَعِزَّةً. ٢٨ 28
राष्ट्रों के समस्त गोत्रो, याहवेह को पहचानो, याहवेह को पहचानकर उनके तेज और सामर्थ्य को देखो.
هَبُوا ٱلرَّبَّ مَجْدَ ٱسْمِهِ. ٱحْمِلُوا هَدَايَا وَتَعَالَوْا إِلَى أَمَامِهِ. ٱسْجُدُوا لِلرَّبِّ فِي زِينَةٍ مُقَدَّسَةٍ. ٢٩ 29
याहवेह की प्रतिष्ठा के लिए उनका गुणगान करो; उनकी उपस्थिति में भेंट लेकर जाओ. याहवेह की वंदना पवित्रता के ऐश्वर्य में की जाए.
ٱرْتَعِدُوا أَمَامَهُ يَا جَمِيعَ ٱلْأَرْضِ. تَثَبَّتَتِ ٱلْمَسْكُونَةُ أَيْضًا، لَا تَتَزَعْزَعُ. ٣٠ 30
उनकी उपस्थिति में सारी पृथ्वी में कंपकंपी दौड़ जाए! यह एक सत्य है कि संसार दृढ़ रूप में स्थिर हो गया है; यह हिल ही नहीं सकता.
لِتَفْرَحِ ٱلسَّمَاوَاتُ وَتَبْتَهِجِ ٱلْأَرْضُ وَيَقُولُوا فِي ٱلْأُمَمِ: ٱلرَّبُّ قَدْ مَلَكَ. ٣١ 31
स्वर्ग आनंदित हो और पृथ्वी मगन; देश-देश में वह प्रचार कर दिया जाए, “यह याहवेह का शासन है.”
لِيَعِجَّ ٱلْبَحْرُ وَمِلْؤُهُ، وَلْتَبْتَهِجِ ٱلْبَرِّيَّةُ وَكُلُّ مَا فِيهَا. ٣٢ 32
सागर और सभी कुछ, जो कुछ उसमें है, ऊंची आवाज करे; खेत और जो कुछ उसमें है सब कुछ आनंदित हो.
حِينَئِذٍ تَتَرَنَّمُ أَشْجَارُ ٱلْوَعْرِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِأَنَّهُ جَاءَ لِيَدِينَ ٱلْأَرْضَ. ٣٣ 33
तब बंजर भूमि के पेड़ों से याहवेह की स्तुति में जय जयकार के गीत फूट पड़ेंगे. क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने आ रहे हैं.
ٱحْمَدُوا ٱلرَّبَّ لِأَنَّهُ صَالِحٌ، لِأَنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ. ٣٤ 34
याहवेह का धन्यवाद करो-वे भले हैं; उनकी करुणा सदा की है.
وَقُولُوا: خَلِّصْنَا يَا إِلَهَ خَلَاصِنَا، وَٱجْمَعْنَا وَأَنْقِذْنَا مِنَ ٱلْأُمَمِ لِنَحْمَدَ ٱسْمَ قُدْسِكَ، وَنَتَفَاخَرَ بِتَسْبِيحَتِكَ. ٣٥ 35
तब यह दोहाई दी जाए, “हमारे उद्धार करनेवाले परमेश्वर, हमें छुड़ा लीजिए, हमें इकट्ठा कर देशों से हमें छुड़ा लीजिए. कि हम आपके पवित्र नाम का धन्यवाद करें और आपकी स्तुति ही हमारा गौरव हो.”
مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ مِنَ ٱلْأَزَلِ وَإِلَى ٱلْأَبَدِ». فَقَالَ كُلُّ ٱلشَّعْبِ: «آمِينَ» وَسَبَّحُوا ٱلرَّبَّ. ٣٦ 36
आदि से अनंत काल तक धन्य हैं. याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर! इस पर सारी प्रजा ने कहा, “आमेन” और “याहवेह की स्तुति हो!”
وَتَرَكَ هُنَاكَ أَمَامَ تَابُوتِ عَهْدِ ٱلرَّبِّ آسَافَ وَإِخْوَتَهُ لِيَخْدِمُوا أَمَامَ ٱلتَّابُوتِ دَائِمًا خِدْمَةَ كُلِّ يَوْمٍ بِيَوْمِهَا، ٣٧ 37
तब दावीद ने हर दिन की आवश्यकता के अनुसार याहवेह के संदूक के सामने नियमित सेवा के लिए आसफ और उसके संबंधियों को जवाबदारी सौंप दी.
وَعُوبِيدَ أَدُومَ وَإِخْوَتَهُمْ ثمَانِيَةً وَسِتِّينَ، وَعُوبِيدَ أَدُومَ بْنَ يَدِيثُونَ وَحُوسَةَ بَوَّابِينَ. ٣٨ 38
इनके अलावा यही जवाबदारी ओबेद-एदोम और उसके अड़सठ रिश्तेदारों की भी थी. यदूथून का पुत्र ओबेद-एदोम भी होसाह के साथ वहां द्वारपाल था.
وَصَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَإِخْوَتَهُ ٱلْكَهَنَةَ أَمَامَ مَسْكَنِ ٱلرَّبِّ فِي ٱلْمُرْتَفَعَةِ ٱلَّتِي فِي جِبْعُونَ ٣٩ 39
दावीद ने गिबयोन के पवित्र स्थान पर पुरोहित सादोक और उसके संबंधी पुरोहितों को याहवेह के मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए ठहरा दिया,
لِيُصْعِدُوا مُحْرَقَاتٍ لِلرَّبِّ عَلَى مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ دَائِمًا صَبَاحًا وَمَسَاءً، وَحَسَبَ كُلِّ مَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي شَرِيعَةِ ٱلرَّبِّ ٱلَّتِي أَمَرَ بِهَا إِسْرَائِيلَ. ٤٠ 40
कि वे वहां होमबलि वेदी पर सुबह और शाम नियमित रूप से याहवेह को बलि चढ़ाएं, ठीक जैसा याहवेह की व्यवस्था में कहा गया है, जिसका आदेश इस्राएल को दिया गया है.
وَمَعَهُمْ هَيْمَانَ وَيَدُوثُونَ وَبَاقِيَ ٱلْمُنْتَخَبِينَ ٱلَّذِينَ ذُكِرَتْ أَسْمَاؤُهُمْ لِيَحْمَدُوا ٱلرَّبَّ، لِأَنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ. ٤١ 41
इनके साथ हेमान और यदूथून भी थे और शेष वे थे जो इसके लिए अलग किए गए थे, जिन्हें उनके नाम से चुना गया था कि वे याहवेह के प्रति उनके अपार प्रेम के लिए धन्यवाद करते रहें, “जो सदा के लिए है.”
وَمَعَهُمْ هَيْمَانُ وَيَدُوثُونُ بِأَبْوَاقٍ وَصُنُوجٍ لِلْمُصَوِّتِينَ، وَآلَاتِ غِنَاءٍلِلهِ، وَبَنُو يَدُوثُونَ بَوَّابُونَ. ٤٢ 42
हेमान और यदूथून का एक और काम भी था; तुरहियों, झांझों और अन्य वाद्य-यंत्रों पर उस समय बजाना, जब परमेश्वर के लिए गीत गाए जा रहे होते थे. यदूथून के पुत्र द्वारपाल थे.
ثُمَّ ٱنْطَلَقَ كُلُّ ٱلشَّعْبِ كُلُّ وَاحِدٍ إِلَى بَيْتِهِ، وَرَجَعَ دَاوُدُ لِيُبَارِكَ بَيْتَهُ. ٤٣ 43
तब सभी वहां से निकलकर अपने-अपने घर को लौट गए. दावीद भी अपने घर को चले गए, कि अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद दें.

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